Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 360301 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


              शिक्षा मंत्री इस साल शिक्षा मंत्री पद मिलने के विरोध में दीपावली नही मनाएंगे

                              चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


राजनीति सचल च।  राजनीति मा  जु अचल च राजनीती नि व्हे सकद।
राजनीतिज्ञ चुप नि रै सकुद।  पण भूतपूर्व शिक्षा मंत्री अजकाल चुप छन तो उखमा बि सक्रिय राजनीति ही च। प्रदेस मा विधान सभा का रिजल्ट आणो बीसेक दिन बाद सरकार मा  ब्याळि मंत्रियुंन शपथ ले। यूं बीस दिनुं मा भूतपूर्व शिक्षा मंत्री की पार्टी ज्वा आज विरोधी पार्टी च वीं पार्टी तैं विरोध कु पाट खिलणै आवश्यकता ही नि पोड़।  पैल त आजै सरकारी दल मा कै तै मुख्यमंत्री बणये जालु जन समस्या समाधान मा ही सरकारी दल की जगहंसाई ह्वे।  मीडिया अर जनता ही  विरोधी पार्टी की भूमिका अदा करणा छा अर विरोधी पार्टी मूक दर्शक की भूमिका मा बैक सीट पर छे।  फिर  मंत्री मंडल गठन मा ज्वा देर ह्वे वांक समाचार न्यूयार्क टाइम्स मा बि छप कि "जु अमेरिकी निवेशक उत्तराखंड मा टूरिज्म अर शिक्षा मा निवेश करण चाणा छन वुंकुण उत्तराखंड  से बुरी खबर च ! इन मा भूतपूर्व शिक्षा पार्टी कुण सरकारी दल का मखौल उड़ाणै जरूरत ही नि पोड़।  विरोधी पार्टी वाळुम युं  दिनुं कुछ काम इ  नि छौ। चुप रौण बि एक रणनीति हूंद।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्रीम बि कुछ काम नि छौ।  भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी चुनाव हारी गे  छा। जनता या यार दोस्तुंन पश्त्यॊ , सांत्वना दीण छौ वु मातम कु क्रियाक्रम तीन दिन मा हि निपट गे । तिरैं -बरखी जन क्रियाक्रम  एकि दिन मा निपट जांदन  ऊनि चुनाव हारणो बाद सांत्वना क्रियाकर्म बि तीन दिन तलक ही चलद अर वैक बाद हार का कारण खुजे हूंद तो उखमा पांच साल लग जांदन।  असल मा अब हरण वाळ पार्टी हार का कारण खुज्यांद इ  नी च किलै कि अळग बिटेन तौळ तलक पार्टी मा दलबंदी , पाळीबंदी , धड़ेबाजी अर कार्यकर्ताओं की  अनदेखी अलावा दुसर कारण हूंदी नी च।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी बि तीन सौ वोट से हार गे छा।  भूतपूर्व मुख्यमंत्री डा घाघ खंकरियालन अपण ही शिक्षा मंत्री सिमसाण जी तैं हराणो बान एक निर्दलीय उमीदवार तैं पैसा से मदद कार अर वु निर्दलीय उमीदवार  सिमसाण जीक तीन हजार वोट खै गयाइ अर सिमसाण जी जितदा जितदा हारि गेन।  सिमसाण जी पार्टी फोरम मा कुछ नि बोल सकद छा किलैकि सिमसाण जीन  बि 'विज्ञान पुरुष' विधायक तै हराणो बान एक निर्दलीय उमीदवार की धन से सहायता कौर छे।  'विज्ञान पुरुष' हारी गे अर राजनीति मा एक नया चेहरा घ्याळ दा चुनाव जीती गेन. असल मा सिमसाण जीक 'विज्ञान पुरुष' से कुछ बि अदावट या विरोध नि छौ।  सिमसाण जी की  अदावट 'विज्ञान पुरुष ' का सरंक्षक  भुवनेश चन्द्र बंडुड़ी जी से छे।  भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी  जीन सिमसाण जी तैं जल विभाग मंत्री नि बणन दे छौ अर सिमसाण जी तैं उच्च शिक्षा मंत्री , माध्यमिक शिक्षा मंत्री , आधारिक शिक्षा मंत्री अर सांख्यकी मंत्री बणये गे। तबि सिमसाण जीन कसम खै छे कि भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी से बदला लीण।  'विज्ञान पुरुष ' की हार से सिमसाण जीन भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी  से दुसर दैं बदला लेइ ।
 
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी बि आज मंत्री मंडल शपथ ग्रहण समारोह मा गे छा अर शपथ ग्रहण का तुरंत बाद अपण ड्यार ऐ गे छा।
सिमसाण जी छात्र जीवन मा बिंडी त ना पण फिर बि आदर्शवादी छा अर डायरी लिखणो आदि ह्वे गे छा।  अब बि डायरी लिखदन पण अब डायरी डिप्लोमेटिकली भाषा मा लिखदन।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी ड्यार ऐन ।   ड्यारम क्वी नि छौ। परिवार  बुरा ग्रह शान्ति बान खड़िक वाळ बाबाम जयां छा।
सिमसाण जी अपण डायरी पढ़ण बिसे गेन अर वै पेज पर ऐ गेन जैदिन ऊंन शिक्षा मंत्री की शपथ ले छे।
             कातिक ,  कृष्ण पक्ष,  एकादस

 जनि राज भवन बिटेन खबर आइ कि मी तैं शिक्षा मंत्रालय मिलणु च त में फर बौळ चढ़ी गे। या बात सै च कि मुख्यमंत्री डा. 'घाघ' खंकरियाल जीन  मी तैं मलाइदार , रौबदार मंत्रालय कबि बि नि दीण छौ पण डा घाघ खंकरियाल मा इथगा हिम्मत बि नि छे कि मे सरीका तगड़ा  नेता तै शिक्षा मंत्रालय अर सांख्यकी जन जयां बित्यां मंत्रालय पकड़ै द्यावन।  मीन अपण सूत्रों से पता लगाइ तो पाइ कि मि तैं जल संसाधन अर नदी खनन निषेध मंत्रालय मिलण वाळ छौ पण  सांसद भुवनेश बंदुड़ी को एक ख़ास विधायक  तैं बि मंत्री बणाण जरुरी छौ अर भुवनेश बंदुड़ी जी अडि गेन कि ऊंक ख़ास विधायक तैं यदि शिक्षा मंत्रालय जन जयुं बित्युं तो ऊन मंत्री मंडल शपथ ग्रहण मा नि आण।  सांसद बंडूड़ी जी भूतपूर्व प्रधान मंत्री का गुट मा छा तो भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी जीकी ही चौल तो डा घाघ तैं मि तैं शिक्षा मंत्री बणाण पोड़। मीन बाबा भ्यूंळ की कसम खै कि सांसद भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी  से मीन अवश्य ही बदला लीण।
मंत्री  मंडल गठन का बाद, अपण ख़ास आदमियुं की शुभ कामना लीणो बाद  मि मंत्रालय ग्यों।  यद्यपि विरोध मा विरोध करण से मि आज बड़ो नेता छौं पण यु पैल बार च कि मि मंत्री बौण।  तो शिक्षा मंत्रालय कु चीफ सेक्रेटरी  अर म्यार प्राइवेट सेक्रेटरी से मंत्रालय को प्रशासन का मुख्य तत्व समजद समजद अर बीच बीच मा लोगुं सांत्वना एवं शुभकामना का फोन व्यवधान का कारण रात ग्यारा या बारा बजी गेन।
मि विधायक अर मंत्री निवास कॉलोनी मा औं तो जु जु मंत्री बौणेन अर जौं तैं सार्वजनिक संस्थानुं चेयरमैनशिप याने अघोषित राज्य मंत्री पद मील ऊंक ड्यार आजि बिटेन दिवाली को माहौल छौ। एक घर की   बिजली की लड़ी दुसर घर की बिजली लड़ी से प्रतियोगिता करणी छे। नया नया बण्या सार्वजनिक मंत्री बड़ख्वाळ  जीक ड्यार बि रोशनी की चकाचौंद छे जब कि परसि ही ऊंक बुबा जी को देहावसान ह्वे।
मि ड्यार औं तो म्यार विधायक बंगला अन्ध्यर मा डुब्यूं छौ। मि तैं नखुर  लग कि ड्यारम चुपट अंधकार किलै हुयुं च। इख तलक कि गेट पर रोजाना तरां जळण वाळ बलब बि नि जळणु छौ।  गेट से भितर तक बि रस्ता मा आज उज्यळ नि छौ।
 मि कनि कौरिक बि भितर ग्यों त परिवार वाळ सब मेरि ब्वेक कमरा मा जुम जुमकार मा बैठ्यां छा।  जब म्यार बुबा जी मोर छा तब इ मीन अपण परिवार तैं एकसाथ ब्वेक कमरा मा इन गमगीन देख छौ।  निथर ब्वेक कमरा मा क्वी एक साथ नि जांदन । म्यार सरकारी निवास मा केवल ये ही कमरा मा उज्यळ छौ वो बि जीरो वाटो बल्ब को।
मीन पूछ - यी क्या भै दिवाली बगत ड्यारम अन्ध्यर ?
म्यार नौनु - पापा आप एज्युकेशन मिनिस्ट्री से आज का आज आबि रिजाइन कर दो।
मि -अरे राजनीतिज्ञ बड़ी मुस्किल से मंत्री बणद  अर तू बुलणू छे रिजाइन करि द्यूं ? क्या बात ह्वे ?
नौनि - पापा मेरी प्रिंसिपल का फोन आया कि 'पिंकी ! आइ एम वेरी  वेरी सॉरी योर डैड गौट एज्युकेशन मिनिस्ट्री !"
नौनु - अर पापा मेरे  फ्रेंड, सोसल मीडिया के फ्रेंड अर विधायक कॉलोनी के सभी फ्रेंड कंडोलेंस मैसेज याने श्रद्धांजलि संदेस भेज रहे हैं ऐज इफ आइ लॉस्ट माइ बिलवेड ।
घरवळि - अरे जथगा बि विधायक निवास की जनानी छन सब इन बुलणा छा जन बुल्यां ससुर जी दुबर मोरि गेन  धौं।  कति टिपोड़ी जनानी त ताना दीणा छा कि क्या बात सिमसाण जी त धाकड़ नेता छा फिर इन बेकार का मंत्रालय किलै मील।  इख तलक कि दूध वाळ पुछणु छौ कि भोळ बिटेन दूध कम त नि भिजण ?
मि -क्या ?दूध वाळ पुछणु छौ कि दूध कम त नि भिजण ?
घरवळि -अर सब्जी वाळक फोन आयि कि रोजाना तरां चार सब्जी भिजण कि एकी सब्जी मा काम चल जालु ? राशन वाळक फोन आयि कि घी भिजण च कि ना या तेल से ही  काम  चलैल्या ?
मि -पर तुमन  इन बकबास किलै सूण ?
ब्वे - कै कैक जि गिच पकड़ला हम।  तेरी काकीक फोन आइ चिरड़ाणि छे कि अब द्यूर जी मास्टरुं समिण बुळख्या पाटि लेकि जाला  हैं ?
मि -द्याखो - शिक्षा मंत्रालय कु बजेट सरा बजेट को पांच प्रतिशत च अर फिर बगैर शिक्षा विकास से  उत्तराखंड   विकास थोड़ा कौर सकुद।
नौनु -पापा दिल बहलाने के और भी बहाने हैं ग़ालिब !
घरवळि -सूणो तुमर पछ्याणक  एक रिपोर्टर ऐ छौ कुछ कुछ पुछणु छौ कि हमन दिवाली कन मनौला ?
मि -तुमन क्या जबाब दे
ब्वे - मीन त बोलि दे ये साल हमर दिवळि मनाणो क्वी बिचार नी  च।
मि - पण त्वैकुण कैन ब्वाल कि तू पत्रकारुं दगड़ बात कौर ?
ब्वे -पण उ नाती त त्यार बुबाजीक ममाकोट कु च !
मि -सूणो राजनीतिज्ञ , पुलिस वाळ अर पत्रकार अपण बुबाक बि नि हूँदन।
मीन सब तैं समजाणै कोशिस कार कि शिक्षा मंत्रालयकु बड़ो  महत्व च पण क्वी बि मेरि बात सुणनो मूड मा नि छा।  सबि तकरीबन अधभुकि से गेन।

कातिक ,  कृष्ण पक्ष,  द्वादस   ,
मि घाम आणम  बिजु।    बीड़ी पीणै आदत नि गे त ट्वाइलेट जाणा बान मीन  खूब बीड़ी पेन। . अर मि अखबारूं प्रतीक्षा करण बिसे ग्यों। अखबार लेक मि ट्वाइलेट मा घुस। 
प्रदेस मा  सबसे जादा बिकण वाळ अखबार कु फ्रंट पेजम मंत्री मंडल गठन कु समाचार का साथ समांतर म्यार बारा मा बड़ो समाचार छौ
महत्व हीन पद मिलने के कारण शिक्षा मंत्री का परिवार इस साल दिवाली नही बड़जात (शोक ) मनायेगा
जब कि सर्वाजनिक मंत्री के पिता मृत्यु का शोक नही मनाएंगे अपितु धूमधाम से दिवाली त्यौहार मनाएंगे।
------------
------------समाज के सभी वर्गों से मिल रहे उलाहना भरे टिप्प्णियों से  शिक्षा मंत्री परिवार उदास है । .
हो सकता है कि आज शिक्षा मंत्री सिमसाण जी त्यागपत्र भी दे दें।
समाचार पौडिक  मेरि झाड़ा -पिसाब हर्ची गे छे ।  मि सुचणु छौ कि अब मुख्यमंत्री अर प्रदेस अध्यक्ष का फोन आण इ वाळ ह्वाल !

Copyright@ Bhishma Kukreti  22/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
           विरोधी दल को काम च कठिण सवाल पुछण तो सरकार को काम च जबाब नि दीण

                             चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

  घ्याळ दा याने शिक्षा मंत्री क  दुसर दिन च। घ्याळ दा सुबेरि उठ जांद तो आज बि सुबेरी उठ।  घ्याळ दान ड्राइवर याने ख्यातवाल जीकुण ब्याळि रात बोलि याल छौ कि भोळ मि पैदल ही कार्यालय पौंछ जौल तो आणै जरुरत नी  च। घ्याळ दा क सुचण छौ कि सुबेर सुबेर चलिक जाला तो  खुट चलणा राला निथर खुटुंन  जाम ह्वे जाण ।
क्षेत्र से पार्टी का वरिष्ठ नेता बि अयां छन वुं तैं दिन मा मिलण।
घ्याळ दा  पर ऑफिस पौंछिन अबि तलक स्टाफ आदि क्वी नि ऐ छा।
चतुर्थ श्रेणी कु एक कार्मिकन शिक्षा मंत्री तैं कैबिन तक पौंछए।
घ्याळ दा अपण कुर्सी मा बैठिक ब्याळि शिक्षा विभाग का चीफ सेक्रेटरी करम सिंह रावत जी अर शिक्षा मंत्री को प्राइवेट सेक्रेटरी माणावाल जी अर घ्याळ डाक मध्य बातचीत  याद करण मिसे गेन।
घ्याळ दा -करम सिंग  जी ! यि  मंत्री अर सरकारी तंत्र कु असली काम क्या च ?
करम सिंग - जी ! मुख्य रूप से द्वी खंड छन।  एक च राजनैतिक खंड अर दुसर च प्रशाशनिक याने गवर्नेंस
घ्याळ दा - राजनैतिक खंड क्या च ?
करम सिंग -विरोधी पार्टी को काम च शिक्षा मंत्री से सर्वथा कठिन  अर बेकार सवाल करण अर सरकार को काम च सवालुं जबाब नि दीण।
घ्याळ दा -पण विधान सभा मा सवालुं जबाब त दीणि पोड़ल कि ना ?
करम सिंग -हां पर अधिकतर सवाल जबाब दयावो या नि द्यावो को बरोबर ही होंद।
घ्याळ दा - इन कनकैक ह्वे सकुद ?
माणावाल - आप सर तैं एक सवाल पुछिक त दिखावा ?
घ्याळ दा - अति दक्षिण गढ़वाल मा आइटीआइ स्कूल कब खुलली
करम सिंग - आप तैं सत्य जबाब चैंद कि राजनैतिक जबाब ?
घ्याळ दा - सही सत्य।
करम सिंग -अब उख आइटीआइ स्कूल खुलि नि सकद।
घ्याळ दा -पण ये उत्तर से तो सरकार की बेज्ज्ती ह्वे जालि ?
करम सिंग - इलै इ त मीन ब्वाल कि सरकार को काम च जबाब नि दीण।
घ्याळ दा - रावत जी जब सवाल पूछे गए हो तो जबाब बि दीणि च।
करम सिंग -इकम राजनैतिक जबाब ही काम आंद अर राजनैतिक जबाब अधिकतर जबाब नि दीणो बराबर ही होंदन।
घ्याळ दा - सत्य अर राजनैतिक जबाबुं अंतर कनकै ह्वै सकदन ?
करम सिंग -माणावाल जी जरा विधान सभा मा ये विषय पर पुछ्यां सवाल जबाबु बारा मा अपण लैपटॉप मा द्याखदि कि क्या सवाल छया  अर क्या जबाब दिए गे
माणावाल (अपण लैपटॉप दिखद ) -सर ! 2009 मा शिक्षा मंत्रीन जबाब दे छौ कि चूंकि आइटीआइ भवन से पर्यावरण विशेष रूप से जंगली जानवरों व कांटेदार झाड़ियों के जीवन पर  प्रभाव पड़ रहा है इसलिए इसलिए वैज्ञानिक टोली अन्वेषण कर रही है कि भवन से पर्यावरण पर कितना प्रभाव पड़ेगा।  2010 मा वै ही प्रश्न को जबाब मा भूतपूर्व शिक्षा मंत्री न विधान सभा मा बोलि छौ कि जंगली जानवरों चलने के वैकल्पिक रास्तों के बारे में अध्ययन चल रहा है।  सन 2011 मा शिक्षा मंत्री क उत्तर छौ कि जंगली झाड़ियों के लिए अन्य कौन सा स्थान आरक्षित किया जाय पर खोज हो रही है। 2012 मा विधान सभा मा बुले गे कि भूगर्व वैज्ञानिक , जंतु शास्त्री व वनस्पति शास्त्री इस बात पर विचार कर रहे हैं कि जंगली जानवर अर जंगली झाडियों के न होने से इस क्षेत्र के पर्यावरण को कितना नुकसान होगा।
घ्याळ दा - पण जब आइटीआइ भवन बणण वाळ छौ तो इथगा सारा अध्ययन नि ह्वे छौ ?
करम सिंग -मंत्री जी ! वै इ अध्ययन की रिपोर्टुं से त भूतपूर्व मंत्रीन जबाब दे छौ।
घ्याळ दा - मतबल ?
करम सिंग -इन च मंत्री जी ! एक आम  कूड़ लगांद दैं बि दसियों आशंका तो हूंदी छन कि ना ?
घ्याळ दा - हां
करम सिंग -फिर हम ऊं आशंकाओं का विश्लेषण करदा अर जु बेकार की या कम महत्वपूर्ण आशंका हूँदन उंकी उपेक्षा कौर दींदा कि ना ?
घ्याळ दा -हां
करम सिंग -पण यदि वीं जगा मा कूड़ नि बणानै  तो हम छुटि से छुटि आशंका तै बि बड़ी आशंका बतैक उखम कूड़ नि बणादा।
घ्याळ दा -सही बात च।
करम सिंग -बस यही बात च।  भूतपूर्व मंत्री जीन छुटि -मुटि बेकार की आशंकाओं तै बड़ी आशंका बतैक सिद्ध कार कि उखम आइटीआइ स्कुल खुलणम परेशानी च।
घ्याळ दा -यदि मि तैं विधान सभा मा जबाब दीण पोड़ तो म्यार जबाब क्या ह्वाल ?
करम सिंग -यदि जबाब नि दीण तो आपको जबाब होलु कि वै स्थान की झाड़ियों के कटने से निकटवर्ती गाँवों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़  सकता है।
घ्याळ दा - क्या उयाद जबाब च यु ?
माणावाल - सर ! भवन निर्माण से पैल जु आकलन हवे छौ उखमा एक आशंका या बि च ।
घ्याळ दा -यदि स्कूल कु काम दुबर शुरू करण ह्वावो तो म्यार क्या जबाब होलु ?
करम सिंग -अब पता नी  च कि काम बंद किलै ह्वे धौं ? अब तो नया शिरा से काम ही कराण ठीक रालो।
घ्याळ दा - मि विधान सभा मा जबाब की बात करणु  छौं।
माणावल -तो आपक राजनैतिक जबाब होलु कि अति शीघ्र क्षेत्र में आइटीआइ स्कूल खुल जायेगी।
घ्याळ दा -पण यदि सवाल ह्वाल कि स्कूल कब खुलेगा तो जबाब क्या होलु ?
माणावाल -चूँकि अब आप सत्य बुलण चाणा छन तो अब यु जबाब प्रशाशनिक हिसाब से ही दिए जालु
घ्याळ -याने कि राजनैतिक जबाब झुठा  अर प्रशासनिक जबाब सत्य ?
करम सिंग - एस मिनिस्टर  ! नो सर
घ्याळ - क्या ?
करम सिंग - एस मिनिस्टर मतलब मि आप तै सम्बोधित करणु छौं
घ्याळ दा - अर नो माने
करम सिंग - नो माने च कि  सरकार कबि बि झूठ नि बुल्दी अर प्रशासन तै झूठ बुलणो संवैधानिक आदेस  कतै नी  च।
घ्याळ दा अपण सोच मा इथगा तल्लीन छा कि उंन सूणी नी कि माणावाल जी दरवाजा भचोळिक बुलणा छन , " सर ! में आइ कम इन।  आइ ऐम  माणावाल"
कैबिन का दरवाजा भचोळणो  आवाज से   घ्याळ दा की तंद्रा टुटि।  घ्याळ दान ब्वाल , "क्वा च।  भितर आवो। "
माणावाल जी भितर ऐन।  माणावाल जीक दगड़ पांच  चपड़ासी दस दस फ़ाइल लेक भितर आणा छा।



Copyright@ Bhishma Kukreti  23/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                    जब  शिक्षा मंत्री घ्याळ दान पैलो निर्णय ले

                            चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 माणावाल जीक पैथर पांच चतुर्थ  श्रेणी का कर्मचारी दस दस फ़ाइल लेक खड़ा छा।
माणावाल - मंत्री जी  ! यी कुछ फ़ाइल छन भौत महत्वपूर्ण छन अर यूंक निपटारा अर्जेंट बेसिस पर हूण जरूरी च।
घ्याळ दा - ठीक च।  इक तौळ धौर द्यावा।
माणावाल -अर मंत्री जी सैत च चार हजार फ़ाइल यूं से बि बिंडी अर्जेंट मोस्ट अर्जेंट फ़ाइल अबि तौळ फ़ाइल रूम मा छन ऊं तैं बि मंगै दिउँ ?
घ्याळ दा - हैं ! आप पैल अर्जेंट फ़ाइल लैन अर मोस्ट अर्जेंट फ़ाइल पैथर धौरिक ऐ गेवां ?
माणावाल -जी यी फ़ाइल अर्जेंट बि छन अर महत्वपूर्ण बि छन।
घ्याळ दा -अर जु फ़ाइल मोस्ट अर्जेंट छन वो क्या छन ?
माणावाल -वो मोस्ट अर्जेंट छन पण वो महत्वपूर्ण नि छन।
घ्याळ दा -यदि वु फ़ाइल महत्वपूर्ण नि छन तो मोस्ट अर्जेंट कनकैक ह्वै गेन ?
माणावाल -असल मा वू  फाइल दस साल से निर्णय की प्रतीक्षा करणी छन।  जब तक शिक्षा मंत्री जी वूं फाइलुँ पर दस्तखत नि कारल या निर्णय नि द्याला त वो फ़ाइल बंद नि ह्वे सकदन अर प्रशासनिक तौर से हम तैं  एक साल मा निर्णय लीण आवश्यक च।
घ्याळ दा -त फिर दस साल तलक कनकै वु फ़ाइल अनिर्णीत छन।
माणावाल -नै नै ! हमर क्लर्क हर साल इन फाइलुं माँ  दिन बार, समय  अर दिनांक सहित नोट लेखी दीन्दन कि 'आवश्यक कार्यवाही के लिए  विभागों से उत्तर की प्रतीक्षा है " ।
घ्याळ दा -एकाद उदाहरण बतावदी जु फ़ाइल अर्जेंट च पण कम महत्वपूर्ण च
माणावाल -जन कि फ़ाइल संख्या ABCD 2030 , 27 दिसंबर ,सन 2001 कम महत्वपूर्ण ह्वेक बि अर्जेंट च।
घ्याळ दा -आप तैं फ़ाइल संख्या याद च ?
माणावाल - ब्याळि ही अभ्यार्थी याने अप्प्लिकेन्ट की उन्तीसवाँ स्मरण पत्र याने रिमाइंडर आयि।
घ्याळ दा -क्या विषय च वीं फाइल मा।
माणावाल -जी या फ़ाइल मल्ला ढांगू, पौड़ी गढ़वाल जनपद मा मित्रग्राम स्कूल की च।
घ्याळ दा -क्या व्ह्वे छौ मित्रग्राम स्कूलम ?
माणावाल -जी छात्र विहीन हूण से शिक्षा मंत्रालयन मित्रग्राम  विद्यालय  बंद करि दे छौ।
घ्याळ दा -फिर ?
माणावाल -फिर सन 2001 मा आशीस जखमोला पुत्र श्री चंद्रमोहन जखमोलाक प्रार्थना पत्र आयी कि चूंकि मेरी बेटी अब पांच साल की ह्वे ग्याई तो स्कूल खोले जाव.
घ्याळ दा - सही च स्कूल खुलण चयाणु छौ।
माणावाल -जी प्रशासनिक अर दुसर छानबीन मा एक साल की देरी ह्वे गे।  सन 2002 मा शिक्षा विभागन  ग्राम प्रधान , ग्रामसभा बन्नी कुण पत्र भ्याज कि तुरंत बतावो कि स्थिति क्या च।
घ्याळ दा -फिर ?
माणावाल -फिर क्या।  ग्राम प्रधान बन्नी ग्राम सभा कु उत्तर आयि कि श्री आशीष जखमोला की पुत्री अपने मामाकोट गडमोला , बिछला ढांगू में अध्ययनरत है।
घ्याळ दा -फिर ?
माणावाल -विभागन श्री  जखमोला कुण पत्र भ्याज कि चूँकि आपकी पुत्री मित्रग्राम में नही रहती है तो स्कूल नही खोला जाएगा।
घ्याळ दा -फिर ?
माणावाल -फिर श्री आशीष जखमोलाक पत्रोत्तर आयि कि जब मित्रग्राम मे स्कूल खुल जायेगी तो वह  अपनी लड़की को ग़डमोला से स्थानंतरित कर लेंगे।
घ्याळ दा -आशीस जीक सही उत्तर छौ.
माणावाल -हां पण इथगा मा ग्राम प्रधान ग़डमोला ग्राम सभा अर ग़डमोला स्कूलक  अध्यापक श्री चन्दन सिंह बिष्ट जी क पत्र आइ कि यदि मित्रग्राम स्कूल खुलेगी और श्री आशीष जखमोला की पुत्री मित्रग्राम स्कूल में स्थानांतरित हुयी तो गडमोला स्कूल बंद करना पडेगा।
घ्याळ दा -तो ग़डमोला स्कूल बंद करण मा क्या परेशानी छे ?
माणावाल -एक त क्वी बि स्कूल बंद करण या खुलणम द्वीएक साल लग जांदन फिर चंदन सिंह बिष्ट की अपण परेशानी छे
घ्याळ दा -क्या ?
माणावाल -चन्दन सिंह बिष्ट जी अध्यापक यूनियन का  सदस्य छया क्या सक्रिय सदस्य छन।
घ्याळ दा -तो ?
माणावाल -फिर ऊंमा कांडी , लैंसडाउन , पौड़ी का सरकारी हॉस्पिटल का लिखित सर्टिफिकेट छन कि श्री चंदन सिंह बिष्ट शारीरिक रूप से इन बीमार छन कि श्री बिष्ट का तबादला ग़डमोला स्कूल से भैर नि कर्याँण चयेंद।
घ्याळ दा -पर या समस्या तो चंदन सिंह जीक छे  ना कि आशीष जीक।
माणावाल -बस ये ही प्रशासनिक उलझन से गडमोला स्कूल बंद नि करे सक्यांद छे अर मित्रग्राम  स्कूल नि खुल।
घ्याळ दा -अब त आशीष जीक नौनी पांच पास ह्वे गे होलि तो समस्या बि ख़तम ह्वे गे होलि ।
माणावाल -मंत्री जी !वही त मुसीबत च ।
घ्याळ दा -क्या ?
माणावाल -सन 2004 मा श्री आशीष जखमोला का पत्र अयि कि ऊंक नौनु पांच साल कु ह्वे गे तो मित्रग्राम स्कूल खुले जाव
घ्याळ दा -हाँ अब त मित्रग्राम मा स्कूल खुले जाण चयाणु छौ।
माणावाल -मंत्री जी पर समस्या तो वही छे कि आशीष जीन अपण नौनु ग़डमोला भ्याज अर बिष्ट जीक स्वास्थ्य कु हरेक पहलु पर चिंतन का बाद मित्रग्राम स्कूल नि खुल सकुद छौ।
घ्याळ दा -अब आशीष जीक उन्तीसवाँ स्मरण पत्र क्यांक च ?
माणावाल -जी अब उंकी दुसरी नौनी पांच साल की ह्वे गे अर चंदन सिंह जीक उमर अट्ठावन साल की ह्वे गे तो मानवीय आधार पर ग़डमोला स्कूल बंद नि ह्वे सकद।
घ्याळ दा -याने कि मित्रग्राम स्कूल अबि बि नि खुले सक्यांद ?
माणावाल -जी यु त आप तैं निर्णय लीण !
घ्याळ दा - म्यार हिसाब से मि नयो नयो मंत्री छौं तो अब्याक अबि निर्णय लीण ठीक नि रालो। हैं ?
माणावाल -एस मिनिस्टर ! दैट इज अबस्युटली हंड्रेड पर्सेंट राइट डिसिजन  !
इथगा मा करम सिंह रावत जी ऐन।
करम सिंह रावत -गुड मॉर्निंग मिनिस्टर ! मंत्री जी ! आधा घंटा मा आप अर मी तैं कैबिनेट मीटिंग अटेंड करण तो जरा वांकी तयारी करे जावो . माणावाल टेक आल दीज फाइल्स अवे।
माणावाल - एस बॉस !

Copyright@ Bhishma Kukreti  24/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


                  जब  शिक्षा मंत्रीन बारा मिनट मा अठाणबे शिक्षा योजना बंद करिन

                           चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )



                  ब्याळि घ्याळ दान कैबिनेट मीटिंग मा हिस्सा ले।  ब्याळि एजेंडा मा कुछ ख़ास नि छौ।  शिक्षा विभागक चीफ सेक्रेटरी करम सिंग जीन पैलि बोल याल छौ कि चुनाव जितणो  तलक सरकारी राजनीतिज्ञ दल जश्न मनाण मा अधिक व्यस्त रौंदी या  पुरण सरकार की नीति से बणी योजनाओ तैं संवैधानिक तरीका से रुकण मा बहुत ही व्यस्त रौंद।  ब्याळि मुख्य ऐजेंडा छौ पिछली सरकार द्वारा बणयुं भ्रस्टाचार विरोधी नियम मा जु खामी छन वूं तैं कनकैक दूर करे जावो।  सबी जाणदन कि खामियों को दूर करणो अर्थ च कि कड़क नियमुं तैं डाइल्यूट करण। फिर मुख्यमंत्री दगड़ घ्याळ दाक क्षेत्र मा स्याळ दा, कुरस्यळ काका अर गूणि बाडा का बारा मा चर्चा ह्वे। मुख्यमंत्री अर घ्याळ दा बि  चांदा छा  कि घ्याळ दा चैन से रावो तो स्याळ दा तैं टोन्स नदी प्राधिकरण को मानद सदस्य , कुरस्यळ काका तैं मुनस्यारी पर्यटन विकास कु सदस्य अर   गूणी बाडा तैं तुंगनाथ पर्यावरण रक्षा समीति क सदस्य मनोनीत करे गे कि जां से यि तिनि या तो दूर दराज जगाऊँ मा पड्यां रावन या देहरादून का विभागीय गेस्ट हाउसुं मा सियां रावन ।
आज बि घ्याळ दा  पैदल ही कार्यालय पौंछ।
आज बि माणावाळ जी सौएक फ़ाइल लेक ऐन।
फाइल जमीन मा महत्व का हिसाब से रखे गए छा।
घ्याळ दान जनि एक फ़ाइल उठाइ कि करम सिंह रावत जी ऐन। वूंन गुड मॉर्निंग कार।
रावत जी - मिनिस्टर जी ! महत्वपूर्ण  काम  पैल हूण चयेंद।
घ्याळ दा - फ़ाइल निबटाण   ……
रावत -मिस्टर माणांवाल शो द ऑनरेबल मिनिस्टर हिज डेली बिजिनेस डायरी।
माणावाल जीन अपण दगड़ लई डायरी मंत्री जीक समिण मा धार।
घ्याळ दान द्याख कि आज ही ना अग्वाड़ी का एक साल का सैकड़ों अप्वाइंटमेंट छा।
घ्याळ दान खौंळेक पूछ - आश्चर्य ! कनकै यु सम्भव च ? तुम तैं क्या मी तैं बि नि पता छौ कि मि चुनाव जितलु अर फिर शिक्षा मंत्री बणलु फिर यि अप्वाइंटमेंट ?
 माणावाल - मंत्री जी ! हम इथगा त जाणदा छा कि क्वी ना क्वी त  शिक्षा मंत्री  बौणल ही ।
रावत - महामहिम राष्ट्रपति जी अर महामहिम राज्यपाल जी की संवैधानिक जुमेवारी च कि चाहे राजनीतिज्ञ ह्वावन या नि ह्वावन सरकारी काम निरंतर हूण चएंदन।
घ्याळ दा - बगैर राजनीतिज्ञों का काम करण कठिन होलु हैं ?
रावत - हाँ जी मंत्री जी ! नही मंत्री जी।
घ्याळ दा - क्या ?
माणावाल - हाँ जी मंत्री जी केवल संबोधन च अर नहीं  मंत्री जी उत्तर च।
घ्याळ दा कुछ कनफ्यूजे सि गेन अर डायरी दिखण बिसे गेन।
डायरी मा आज कम से कम दस काम छा।  ये हफ्ता आठ कैबिनेट स्तर मींटिंगों मा शामिल हूण छौ। तीन महाविद्यालयों मा भाषण छा।  उगांडा से उत्तराखंड मा कक्षा आठ की शिक्षा स्तर दिखणो आयुं डेलीगेशन  का साथ रात्रि भोज. आधारिक विद्यालयों मा कम्प्यूटर शिक्षा अभियान की दसवीं दैं नई शुरुवात पर मंत्रीय आशीर्वचन।  विभिन्न शिक्षक यूनियनु दगड़ मीटिंग , उपकुलपतियों अर शिक्षा बोर्ड निदेशकों दगड़ मीटिंग आदि आदि।  गढ़वाल सभा देहरादून की जयंती का अवसर पर टेक्नीकल शिक्षा महत्व पर भाषण , रुड़की माँ किसान मेला मा कृषि मा बैलगाड़ी का महत्व पर भासण आदि आदि।
घ्याळ दाक मुखं शब्द आयि -ये मेरी ब्वे इथगा काम !
घ्याळ दान देखि कि डायरी पेन्सिल से लिखीं छे।
घ्याळ दा - ब्याळि  पार्टी अध्यक्ष जीन अर मुख्यमंत्री जीन मि तैं चार पार्टी कमीटी कु सदस्य बि मनोनीत कार अर मीन वूं मीटिंगु मा बि शिरकत करण
रावत - जी मंत्री जी ! पर राज्य हित बड़ो कि पार्टी हित बड़ो ?
घ्याळ दा ये प्रश्न को उत्तर दे ही नि सकुद छौ। जु बी उत्तर होलु वु उत्तर  परेशानी मा डाळण वाळ होलु।
घ्याळ दा की समज मा थोड़ा थोड़ा आण बिसे गे  कि ब्यूरोक्रेसी को मकड़जाळ  क्या हूंद
इथगा मा चार चतुर्थ श्रेणी का कार्मिक सौ  फ़ाइल लेकि भितर ऐन दगड़म एक सेक्सन ऑफिसर बि छौ।
रावत - सर इ फ़ाइल अत्यंत महत्वपूर्ण अर मोस्ट अर्जेंट फ़ाइल छन।  पंदरा मिनट मा यूंक निपटारा आवश्यक छन।
घ्याळ दा - क्या च यूं फैलूं मा ?
माणावाल - सर पिछ्ला द्वी सालुं मा पिछली सरकारन जू बि योजना स्वीकार करीन वूं योजनाउं का  निरस्तीकरण।
घ्याळ दा -क्या ?
माणावाल -जी मंत्री जी ! चूँकि यि  सब  योजना राजनीति प्रेरित छा इलै मुख्यमंत्रीन यूं सब योजनाउं तैं निरस्त करणो आदेस दे आल। ब्याळि कैबिनेट मीटिंग मा यु आदेस स्वीकृत ह्वे।
घ्याळ दा -रावत जी ! पण ब्याळि त कैबिनेट मीटिंग मा ये विषय पर क्वी चर्चा नि ह्वे छौ।
रावत - जी मंत्री जी ! अंत मा मंत्र्युंन मुख्य्मंत्री तैं अधिकार दे छौ कि जनहित मा जु बि मुख्यमंत्री कारल  वो कैबिनेट तैं स्वीकृत च। ल्या कैबिनेट सेक्रेटरी को बि ऐ गे।
कैबिनेट सेक्रेटरी (फोन पर ) -गुड मॉर्निंग मिस्टर मिनिस्टर ! पिछली सरकार की पिछ्ला द्वी साल मा शुरू करीं योजना आज ही निरस्तर हूण जरुरी च।  सॉरी टु ट्रबल यु सर ! आइ हैव टु इन्फोर्म ईच ऐंड एवरी मिनिस्टर। 
घ्याळ दा - पर मीन बगैर अध्ययन का कनकै फैसला लिखण यूं योजनाओं तैं निरस्तर करे जावो।
रावत - जी ! आपका आधीन नॉलेजेबल, अनुभवी अधिकारियुन सब अध्ययन करी आल।
घ्याळ दा - इथगा कम समय मा ?
रावत -एस मिनिस्टर !
घ्याळ डा -मीन क्या करण ?
माणावाल - हरेक फ़ाइल का  पृष्ठ मा हासिया  पर आपन केवल अपण इनिशियल करण बस।  मथिन हमन पैलि लेखी याल कि इस योजना को जनहित और पर्यावरण हित में तुरंत निरस्तर  किया जाय। सेक्सन ऑफिसर जन्दरियाल जी इनिशियल करण मा आपकी सहायता कारल।
रावत जी अर माणावाल जी कैबिन से भैर गेन।
वर्तमान शिक्षा मंत्री घ्याळ दान पिछली सरकार की अठाणबे शिक्षा योजनाओं तैं बारह मिनट बाइस सेकंड मा निरस्त करि देन । यु शिक्षा मंत्री घ्याळ दाको बतौर शिक्षा मंत्री पैलो क्रांतिकारी कार्य छौ ।
निनाणवीं फाइल छे स्युंसी -बैजरों  मा आइटीआइ स्कूल की।   यद्यपि स्युंसी -बैजरों घ्याळ दाक क्षेत्र से दूर राठ जीना छौ किन्तु एक  दगड्याक बुलण पर एक बार भौत साल पैल घ्याळ दान धुमाकोट मा आइटीआइ स्कुल खुलणो आंदोलन मा हिस्सा ले छौ।
सौवीं फ़ाइल घ्याळ दाक क्षेत्र मा विज्ञान कॉलेज योजना की फ़ाइल छे जैं योजना से भूतपूर्व विधयाक 'विज्ञान पुरुष ' नाम से प्रसिद्ध ह्वे छा।
घ्याळ दान माणावाल जी तैं बुलाइ।


***भोळ बाँचो -क्या घ्याळ दा स्युंसी -बैजरों अर अपण क्षेत्र की शिक्षा योजना निरस्त कारल ? अर नि कारल तो रावत जी अर माणावाल जीकी क्या प्रतिक्रिया होलि ?


Copyright@ Bhishma Kukreti  25/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                           ब्लेम द प्रेस  याने प्रेस पर भगार लगाओ
                               चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


 आज सुबेर सुबेर कुछ  अखबारूं मा खबर छे
मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री घ्याळ दा के मध्य पर्यावरण को लेकर मतभेद गहराए !
मुख्यमंत्री उत्तराखंड में पर्यावरण की बिगड़दी स्थिति से खासे चिंतित हैं और कुछ योजनाओं को निरस्तर करना चाह रहे थे।  किन्तु शिक्षा मंत्री का मानना है कि विकास आवश्यक है।  इसी विषय पर कल मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के बीच मतभेद खुलकर सामने आये.
ब्याळि जब घ्याळ दाक समिण 100 फाइलुँ मादे ऊंक इलाका क साइंस कॉलेज अर स्युंसी बैजरों मा आइटीआइ स्कुल योजना निरस्तर करणो फ़ाइल बि ऐन अर घ्याळ दान यूं योजनाओं तैं निरस्तर नि कार। इख पर घ्याळ दाकी रावत जी अर माणावाल जीक दगड़ बड़ी बहस ह्वे।
अंत मा रावत जीन ब्वाल - मंत्री जी इन किलै नि करदा आप मुख्यमंत्री या कैबिनेट सेक्रेटरी से पूछी ल्यावदी कि क्या करे जावु ।
इथगा मा माणावाल जीक मोबाइल पर फोन आयि , माणावाल जी - मंत्री जी मानननीय मुख्यमंत्री आपसे बात करण चाणा छन।
मुख्यमंत्री -घ्याळ दा जी ज़रा दस मिनटो कुण तुम म्यार ऑफिस ऐ जावो।  चीफ सेक्रेटरी तैं बि दगड़ लै येन।
 घ्याळ दा अर रावत जी फटाफट मुख्यमंत्री तैं मिलणो चलि गेन।  एक चपड़ासी बि कमरा मा छौ।
चपड़ासी जी पान खाणो भैर ऐन।  चपड़ासी जी हैंक चपड़ासी जीमा बुलणा छा कि मुख्यमंत्री हमर शिक्षा मंत्री पर नराज ह्वे गेन। अर उना इ पत्रकार लोग बि समाचार लीणो चिलंग -गरुड़ जन रिटणा  रौंदन . कुछ पत्रकारुंन चपडस्यूं संवाद से लिंक ले अर  स्टोरी की खोज अर स्टोरी क्रिएट करण मा वयस्त ह्वे गेन।
मुख्यमंत्री दगड़ घ्याळ दाकी मीटिंग दस  मिनट मा ख़तम ह्वे गे।  बातचीत राज्य मा सरकारी विभागुं मा कॉन्ट्रेक्ट लेबर की छे।  चूंकि यु विषय बड़ो संवेदनशील छौ तो मुख्यमंत्रीन शिक्षा मंत्री तैं व्यक्तिगत तौर पर बुलाइ। आण वाळ समय मा कुछ अध्यापकुं तैं कॉन्ट्रैक्ट से परमानेन्ट करण तो पार्टी का हित समिण रखिक  लिस्ट बणाणो  आदेस मुख्यमंत्रीन शिक्षा मंत्री तैं दे।
रावत जी की अनुपस्थिति मा घ्याळ दान मुख्यमंत्री से अपण क्षेत्र मा साइंस कॉलेज की बात कार।  मुख्यमंत्रीन घ्याळ दा तैं समझाइ कि विरोधी दल की योजना कबि बि  पूरी नि करण चयेंद पण घ्याळ दा अड्या छा कि साइंस कॉलेज कु काम बंद नि हूण चयेंद।
जब घ्याळ दा संतुष्ट नि ह्वे तो मुख्यमंत्रीन रावत जी तैं बुलाइ।
मुख्यमंत्री - रावत जी ! दक्षिण गढ़वाल मा साइन्स कॉलेज खुलण मा संवैधानिक अर विधि की क्या क्या समस्या छन ?
रावत जीन अपण बैग से एक फ़ाइल निकाळ अर देखिक ब्वाल - एस चीफ मिनिस्टर ! सन 1886 कु युनाइटेड प्रोविन्स लैंड अक्वीजिसन लॉ 353 खंड 3 याने कुमाऊं कमिसनरी कु उपखंड 432 का हिसाब से या जमीन सरकारी नी  च. सन 1952 का उत्तरप्रदेश लैंड एक्यूजिसन नियम 567 , उपखंड 211 का हिसाब या लैंड थोकदार ब्र्ह्मा सिंह जी की च अर अब सरकारी कॉलेज खुलणो वास्ता ब्र्हमा  सिंग जीका अड़तीस पड़पोताओं की स्वीकृति आवश्यक च. फिर सन 1923  का फोरेस्ट रिहैबिलेशन  नियम 647 उपखंड  हिमालय जोन 12 A का हिसाब से इन जमीन मा सरकारी भवन नि बौण सकद।
घ्याळ दा -पण रावत जी! जब मी ये विषय पर आपसे छ्वीं लगाणु छौ त आपन मि तैं इ  नियम नि बतैन ?
रावत - एस मंत्री जी !  आपन में से डाइरेक्ट्ली नि पूछ कि संवैधानिक अर विधि समस्या क्या च।
अब रावत जी अर घ्याळ दा मुख्यमंत्री कार्यालय से भैर ऐन त घ्याळ दाक मुख लाल चचकार हुयुं छौ।
इथगा मा एक पत्रकारन पूछी दे - घ्याळ दा ! सुना है कि आपके और मुख्यमंत्री के मध्य पर्यावरण विषय पर मतभेद हैं।
घ्याळ दा -नहीं ऐसी कोई बात नही है ।  पर अवश्य ही उत्तराखंड के हितार्थ  सन 1886 व सन 1923 में बने नियम बदलने चाहिए।
रावत जीन घ्याळ दा तै कार भितर बिठाइ कि पत्रकार जादा सवाल नि पूछ साक।
बस इथगा बात पर खबर छप कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री पर्यावरण के मामले में आमने सामने।
घाम आण से पैल मुख्यमंत्रीक प्रेस सचिव कु फोन आयि ," मंत्री जी आपसे अनुरोध च कि अगनै बिटेन पत्रकारुं दगड़ सावधानी से बात करिन। "
घ्याळ दा - पर मीन तो बात ही नि कार।
प्रेस सचिव - हाँ हम तै पता लग गे कि क्या बात ह्वे छे।  आपकी तरफ से हम एक प्रेस नोट जारी करणा  छां कि प्रेस को अपनी जुमेवारी ठीक से निभानी चाहिए।

Copyright@ Bhishma Kukreti  26/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                   जब उत्तराखंड उत्पादन समर्थन  का कारण दिल्ली सरकार खतरा मा पोड़ !

                            चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

                      जब घ्याळ दा कुछ नि छा तो  गढ़वाली अर प्रवास्यूं तरां  घ्याळ दा बि पहाड़ी गाउँ मा घटदी खेती से उद्वेलित रौंद छा। आम गढ़वाली या प्रवासी तरां घ्याळ दा  तैं बि चिंता छे कि यद्यपि पहाड़ी अनाज -दाल की भारी मांग च किन्तु पहाडूं मा रोज खेत बांज पड़ना ही छन।  अब जब घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बौण गेन त आम पहाड़ी नेतौ तरां प्रशासन, दिन मा दस मीटिंगुंमा  शिरकत करण अर भाषण दीण मा व्यस्त ह्वे गेन। एक दिन वूंम बच्चों वास्ता मिड डे मील की   फ़ाइल आयि अर तब पता लग कि मिड डे मील मा स्थानीय खाद्य पदार्थ कु जिकर ही  नि छौ . घ्याळ दान सोचि कि यदि मिड डे मील तैं स्थानीय कृषि उत्पादन से जुड़े जावो तो कुछ ना सै तो  स्कूल का आस -पास का गांउं  मा द्वी चार मौ  तो ग्युं -सट्टी अर दाळ उगाण शुरू कौर द्याल। 

                       वै दिन ही शिक्षा विभाग मा  व्यवस्था अर सरकारी किताबुं प्रकाशन संबंधित फ़ाइल ऐन।  घ्याळ दा खौंळे गेन कि शिक्षा मंत्रालय का सबि प्रकाशन मेरठ बिटेन हूंद।  जब कि उधम सिंग नगर , हरिद्वार अर देहरादून का इंडस्ट्रियल जोन मा मॉडर्न प्रेस छन जो अंतररास्ट्रीय प्रकाशन कम्पन्युं किताब छ्पदन। घ्याळ दा तैं बि इखमा उत्तराखंड उद्यम विकास की  किरण नजर आयि।
     
             चूँकि आजकल  करम सिंह रावत जी छुटि पर  छा तो घ्याळ दा पर ब्रिटिश रूल , अमेंडेड रूल, अलण रूल -फलण रूल कु  बोझ नि छौ।
 घ्याळ दान माणावाल जी तैं बुलाइ कि सबि संबंधित विभागुं कुण आदेस भेजो कि तुरंत मिड डे मील का वास्ता  केवल स्कूल की पट्टी में उत्पादित अनाज -दाळ ही उपयोग होना चाहिए।  घ्याळ दान दुसर आदेस भिजणो आदेस दे कि उत्तराखंड में शिक्षा विभाग का प्रकाशन का कार्य उत्तराखंड मा कार्यरत प्रेसों को ही  दिया जाय।  दूसरे प्रदेशों में प्रकाशन कार्य केवल विशेष तकनीकी फायदे की स्तिथि मे ही दिया जाय।
                  माणावाल जीन घ्याळ दा तैं कथगा इ  समझाइ कि मिड डे मील यद्यपि शिक्षा विभाग का अंतर्गत आंद पण इकमा केंद्रीय सरकार , राज्य सरकार कु  पब्लिक डिस्ट्रीब्यूसन विभाग आदि अन्य विभाग बि शामिल छन तो इकतरफा आदेस उचित नी च।  इनी शिक्षा विभाग का प्रकाशन मा केवल शिक्षा विभाग ही सम्मलित नी च बलकण मा स्टेट परचेज डिपार्टमेंट , वित्त विभाग व ऑडिट जन विभाग शामिल छन।  पण आज घ्याळ दा पर पहाड़ कृषि विकास अर उत्तराखंड उद्यम विकास कु डौंड्या नरसिंग चड्युं  छौ तो घ्याळ दान माणावाल जीक नि सूण।
 माणावाल जी एक घंटा का अंदर द्वी सर्कुलर लै गेन।  घ्याळ दा तैं आश्चर्य ह्वे कि मिड डे  मील मा अनाज -दाळ -मसाला खरीदी मा बारा अलग अलग विभाग अर तेतालीस उप विभाग सम्मलित छा।  इनि शिक्षा प्रकाशन मा त्याइस विभाग अर तिहत्तर उप विभाग शामिल छा।  याने कि एक किताब छपण मा तिहत्तर उप विभागुं तैं कै ना कै रूप मा क्रियाशील हूण पोड़द।
   घ्याळ दान सर्कुलर मा दस्तखत करिन अर माणावाल जी तैं आदेस दे कि सर्कुलर आज ही सब जगह पौंच जाण चयेंद।
  माणावाल -  एस मिनिस्टर ! बट  मिनिस्टर !
घ्याळ दा - क्या ?
माणावाल -एस मिनिस्टर याने आप तै सम्बोधन
घ्याळ -अर बट  ?
माणावाल - सर ! नीतिगत विषय पर शिक्षा मुख्य सचिव की सहमति लीण  आवश्यक च ।
घ्याळ दा -रावत जीन नितरसि प्रशासन का मुख्य कार्य का बारा मा क्या बोल छौ ?
माणावाल - कि प्रशाशनिक अधिकार्युं काम राजनैतिक नीतियुं पर  कार्यवाही करण च ना कि नीति बणाण।
घ्याळ - तो यूं द्वी सर्कुलरुं तैं सबि विभागुंम भिजणा इंतजाम कारो।   अर तीन बजे एक प्रेस कोंफेरेंस का इंतजाम बि कारो।
माणावाल -हाँ मंत्री जी ! किन्तु मंत्री जी ?
घ्याळ -प्रेस कोंफेरेंस का इंतजाम
माणावाल जी -एस मिनिस्टर।
तीन बजे प्रेस कल्ब देहरादून मा शिक्षा मंत्री की प्रेस कोंफेरेंस ह्वे। शिक्षा मंत्रीन पहाड़ी खेती सुधार -विकास का वास्ता मिड डे मील मा  क्षेत्रीय -अनाज दाळ -मसालों की आवश्यकता अर अपण निर्देश अर प्रदेस मा प्रकाशन उद्योग तैं बढ़ावा दीणो बान शिक्षा विभाग का प्रकाशन उत्तराखंड मा हूण चयेंद पर व्याख्यान ही नि दे अपण आदेस की भी बात कार। घ्याळ दाक हिसाब से प्रेस कॉन्फ्रेंस सफल छे।  पत्रकारुं हिसाब से कोंफेरेंस  बेकार टैम पर छे।  रात हूंद त दारु -सारु बि चल जांद।
खैर चूंकि हिंदी टीवी चैनेलों मा तीन बजी से सात बजी तक कुछ ख़ास विषय नि होंदन त द्वी चैनेलूंन ब्रेकिंग न्यूज मा बोलि दे कि उत्तराखंड में उद्योग विकास अर कृषि विकास हेतु शिक्षा विभाग की पहल! अर देखा देखि पांच छै चैनलूंन बि इनि  न्यूज तैं ब्रेकिंग न्यूज बणै दे।
अर सात बजी आंद आंद उत्तरप्रदेश -उत्तराखंड संबंधित चैनेलुँ मा या न्यूज मुख्य न्यूज बणी गे।
 आठ बजी सबि क्षेत्रीय अर रास्ट्रीय समाचार चैनेलों मा ब्रेकिंग न्यूज आयि कि उत्तर प्रदेस की दो मुख्य पार्टियों कुसपा अर कैकुसपा द्वारा केंद्रीय सरकार को समर्थन न देने का ऐलान और शायद कल कुसपा के कठोर सिंह और कैकुसपा  की भानुमति महामहिम रास्ट्रपति से मिल सकते हैं। 
नौ बजे घ्याळ दा घौर पौंछिन।  आज अपण निर्णय से घ्याळ दा अति खुस छौ ।  दगड़मा घ्याळ दा और बि खुश छा कि टीवी चैनेलों मा उत्तराखंड का समाचार ऐ।
साढ़े नौ बजि , घ्याळ दान पैलो गफा डाळि इ छौ कि मुख्यमंत्री क ऑफिस बिटेन मुख्यमंत्रीक फोन आयि , " घ्याळ जी ! यी क्या च ? तुमर कारण दिल्ली मा हमर पार्टीक सरकार खतरा मा ऐ गे।  तुम तुरंत म्यार कार्यालय पंहुचो। "



** कल पढ़ें कि घ्याळ दा के निर्णय से दिल्ली सरकार क्यों खतरे में पड़ी ?

Copyright@ Bhishma Kukreti  27/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                  साम्प्रदायक ताकतों को दूर रखने के लिए कठोर सिंग और भानुमती केंद्रीय सरकार को समर्थन देते रहेंगे !

                                         चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

(ब्याळि आपन  पौढ़ बल शिक्षा मंत्रीन मिड डे मील का वास्ता स्कूल की अपनी पट्टी से ही स्थानीय अनाज खरीदणो अर राज्य प्रकाशन को काम मेरठ की जगा राज्य मा ही करणो आदेस सबि संबंधित विभागुं कुण भेज।  अर तीन बजे प्रेस कोंफेरेंस बि करि।  घ्याळ दान अपण न्यूज टीवी चैनेलुं मा देख त भौत हि पुळेन (खुश ह्वेन ). पण काम की व्यस्तता   का कारण ऊं तैं पता ही नि चौल कि उत्तर प्रदेश का कुसपा नेता कठोर सिंह अर कैकुसपा  की नेत्याणि भानुमति न केंद्रीय सरकार से  समर्थन वापस लीणै धमकी दे दे।  रात घ्याळ दा ड्यार पौंछ  त मुख्यमंत्रीक फोन आयि कि अब्याक अबि म्यार ऑफिस आवो। ")
 मुख्यमंत्री कार्यालय मा माणावाल जी अर आश्चर्य कि करम सिंग रावत जी पैलि बिटेन छा। मुख्यमंत्री व्यस्त छा।   चीफ मिनिस्टर कु डिकोरम सेक्रेटरी घ्याळ दा तैं एक कैबन मा लीग।
उख पार्टी क उत्तराखंड राज्य कु केंद्रीय प्रभारी चौधरी बलबिन्दर सिंग पैल इ बिटेन बैठ्यां छा।  दगड़ मा पार्टीक राज्य महामत्री पन्ना लाल टमटा बि छा। चौधरी बलविंदर सिंह हरयाणा का मुख्य्मंत्री तैं  कारन तो पार्टीन बलविंदर सिंग तै उत्तराखंड अर मणिपुर का प्रभारी बणै।  चूँकि मणिपुर दूर च त बलविंदर सिंग जादातर देहरादून मा ही पड्यां रौंदन।
चौधरी बलविंदर सिंग - घ्याळ दा ! तुम पार्टी का वास्ता एक गौळ का फोड़ा छंवां!
पन्ना लाल टमटा -याने पार्टी का वास्ता एक मुसीबत !
घ्याळ दान गुस्सा रोकिक  ब्वाल - क्या मतबल ?
चौंधरी बलविंदर सिंगन सुबेरक द्वी सर्कुलर की कापी दिखैक जोर से ब्वाल - इ क्या च ?
घ्याळ दा - मिस्टर सिंह ! फर्स्ट ऑफ आल आइ  डिमांड रिस्पेक्ट फ्रॉम आल बिकॉज  आइ पे रिस्पेक्ट टु अदर्स टू।
चौंधरी बलविंदर सिंगन बौळेक ब्वाल - ये  क्या   बक रिया इंग्रेजी में ?
पन्ना लाल टमटा - चौधरी जी मै समझाता हूँ शिक्षा मंत्री जी को.
चौंधरी बलविंदर - काहेका शिक्षा मंत्री ! इन्ने तो केंद्रीय सरकार ही गिराने का काम कर रिया है।
घ्याळ दा -व्हट ! मीन त उत्तराखंड कृषि विकास अर उत्तराखंड राज्य उत्पादन उत्थान का बान सर्वोचित निर्णय ले।
पन्ना लाल टमटा - पण घ्याळ दा ! आपका निर्णय से केंद्रीय सरकार गिरण वाळ च।
चौधरी बलविंदर सिंग -घ्याळ दा ! तुमे यो नीतिगत फैसला लेन्ने कौन बोल्ले है ?
घ्याळ दा -इखमा क्या च ? राज्य हित मा ही मेरो निर्णय च।
चौधरी बलबिन्दर - पर थारे उत्तराखंड राज्य हित के निर्णय से  केंद्रीय सरकार गिरने वाली है उसका क्या ?
घ्याळ दा - सर ! इन आदेशों का केंद्रीय सरकार से क्या तालुकात ?
चौधरी बलबिन्दर सिंग - ये पन्ना लाल तू इ समजा इस मंत्री को !
पन्ना लाल टमटा -घ्याळ दा ! मिड डे मील का वास्ता जो अनाज अर दाळ की सप्लाइंग ऐजेंसी च ना ?
घ्याळ दा -हाँ ! डेप्राइव्ड पीपल वेलफेयर सोसाइटी बिजनौर।
पन्ना लाल - अर उत्तराखंड प्रकाशन का काम कख हूंद
घ्याळ दा - वीं कम्पनीक नाम च दीनहीन दुनिया प्रकाशन , मेरठ।
बलबिन्दर -जाणे है डेप्राइव्ड पीपल वेलफेयर सोसाइटी, बिजनौर का मालिक कौन है ?
घ्याळ दा - नहीं
पन्ना लाल - बहिन भानुमती जी की बहिन दयावती डेप्राइव्ड पीपल वेलफेयर सोसाइटी, बिजनौर की मालिकिन च
घ्याळ दा - ये मेरी बवे !
पन्ना लाल -अर दीनहीन दुनिया प्रकाशन , मेरठ का मालिक कठोर सिंग जीकी समदण श्रीमती कौशल्या च।
घ्याळ -औ अब आइ मेरि समज मा।  तो बहिन भानुमती और कठोर सिंह चाहते हैं कि उनके व्यापार में कोई छेड़ -छाड़ ना हो।
बलबिन्दर -हाँ ! उनके पेट में लात मारोगे तो वो सरकार गिराएंगे ही !
घ्याळ दा -पण उत्तराखंड का हित भी  त  महत्वपूर्ण च।
बलबिन्दर - पार्टी बचेगी तो ही उत्तराखंड का हित होगा कि नही ?
घ्याळ दा - अब क्या करण ?
बलबिन्दर -इस आदेस को अबि का अबि खारिज करना है।
घ्याळ दा -पन्नालाल जी  ! ह्रदय से ब्वालो !   क्या यु सै च कि उत्तराखंड का हित की बलि चढ़ाये जाव ?
पन्ना लाल - अब दिल्ली मा पार्टी क सरकार बचाण त उत्तराखंड हित तैं कचरा पेटी मा डाळण ही पोड़ल।
घ्याळ दा - ठीक च।  मिस्टर बलवबिन्दर जी ! आइ शयल टेक बैक दोज ऑर्डर्स बैक।
बलबिन्दर -मै दिल्ली फोन करता हूँ।
बलबिन्दर सिंह (फोन पर ) -महामंत्री जी ! बहिन भानुमती और कठोर सिंग जी के  पास  फिलर्स भेज दो कि उनके बिजिनेस पे कोई फर्क ना पड़  रिया है। हाँ हाँ आदेस वापस ले लिए हैं। कनि भर बी फिकर ना करो।  थैंक्स कोनो बात।  यो तो म्हारो काम है।
बलबिन्दर - अब उन दोनों आदेशों को वापस लो।  भाई ओ दोनों सचिवों को भेजो
करम सिंह रावत अर माणावाल भितर आंदन।
बलबिन्दर -घ्याळ दा मै जा रिया हूँ।  दोनों आदेस अबि वापस लो
बलबिन्दर सिंग भैर जांद अर राज्य चीफ सेक्रेटरी भितर आंद ,
चीफ सक्रेटरी -मिस्टर रावत ! व्हट इज हैपेनिंग ? यू डोन्ट नो वी आर बाउंड बाइ रूल्स ऐंड रेगुलेशन्स
रावत -सॉरी सर !आइ वाज ऑन लीव।
चीफ सेक्रेटरी - व्हट अबाउट यू ?
माणावाल -सर ! मिस्टर मिनिस्टर इंसिस्टेड टु डु सो।
चीफ सेक्रेटरी - इंसिस्टेड ! नॉनसेंस।  अब द्वी आदेस की कॉपी हरेक विभाग से वापस मंगवावो। मि मुख्यमंत्री जी से बोलि दींदु कि सुबेर  दस बजी तक सब आदेस वापस ह्वे जाल।
(चीफ सेक्रेटरी भैर जांद )
करम सिंह रावत -माणावाल जी ! सी दैट द वर्क इज कंप्लीटेड बाइ टेन।
माणावाल - सर एक गलती ह्वे गयाइ
रावत -क्या ?
माणावाल - वु क्या च।  दिन भर विभागीय कम्प्यूटर अर प्रिंटर सब होल्ड ह्वे गे छा
घ्याळ दा - तो ?
माणावाल - तो अबि तलक आदेस की एक कापी बि दुसर विभागों मा नि गे साक।
घ्याळ - हे भगवान ! तीन बचै दे !
माणावाल - सौरी सर ! गलती ह्वे गे।
घ्याळ दा - नै नै ! हम सब मनुष्य छंवां त हरेक से गलती होंदी च।
रावत -एस मिनिस्टर !
माणावाल -जी मंत्री जी

उना मुख्यमंत्री टीवी मा  न्यूज दिखणा छा - ब्रेकिंग न्यूज - अभी अभी सूत्रों से पता चला है कि श्री कठोर सिंह और बहिन भानुमति ने सांप्रदायक ताकतों को बहार  रखने हेतु केंद्रीय सरकार को बाहर से समर्थन देते रहने का फैसला लिया है



Copyright@ Bhishma Kukreti  28/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                            सरकार चलाणो बान  क्यांक तयारी अर क्यांक प्रशिक्षण ?

                                        चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बौण त गेन  पण घ्याळ दाक समज मा अबि तलक नि आयि कि मंत्री करदा क्या छन।  अर  राजनीतिज्ञ मंत्री बंणनो राजनीति मा किलै आंद ?
घ्याळ दा तैं तरतीब से काम करण इ कठण हुयुं च।
सबसे बड़ी समस्या च हफ्ता या दस दिन मा दिल्ली भागण।  यद्यपि घ्याळ दान बि मंत्री पद कु सुपिन  नि देख छौ जन राखी बिरलान कबि नि सोची छौ कि वा इथगा कम उमर मा दिल्ली परदेश की मंत्री बौणलि। पैल पैल उंन  मंत्री पद तैं  महत्व  नि दे किन्तु अब ऊं तैं मंत्री पद से प्रेम , लगाव हूण बिसे गे।  अर अब वु नि चांदन कि वु मंत्री पदहीन  रावन। अब घ्याळ दा तैं हर समय डौर लगणि रौंद कि मंत्री पद नि छिन जावो।  अर उत्तराखंड मा मंत्री बण्युं रौण तो दिल्ली मा सत्ता का गलियारों मा कै ना कै तैं सलाम ठोकणो आण ही पोड़द।
फिर इथगा काम च कि घ्याळ दा की समज मा ही नि आंद कि कब यु काम पूरो ह्वाल।
 रोज दैनंदिनी भरीं रौंद अर रोज एक चौथाइ बि काम पूर नि हूंद।
रोज चार जगा भाषण ह्वेइ जांदन।  एक भाषण तयार करण मा अंडर सेक्रेटरी या अपर डिवीजन कलर्क तै तीन चार घंटा त लगदी होला , फिर सुधार  कारो अर तब जैक भाषण दीण लैक हूंद।  कबि कबि त इन हूंद कि सुबेर रुड़की महाविद्यालय मा मांश अर अंडा भक्षण कु महत्व  पर घ्याळ दा एक घंटा भाषण द्यावों त द्वी घंटा बाद  शिवानंद आश्रम मा शिवानन्द जयंती की मीटिंग मा मांश व अंडा विक्री बंद करणै सरकारी नीति का बारा मा बतांदन। 
             रोज फाइलुँ चट्टा लगणु च पर घ्याळ दामा टैम इ नी च कि फाइलुं निपटारा सुव्यवस्थित , सुचारु रूप से ह्वे साको। कति फ़ाइल त इन छन जु बणी जांदन पण मंत्री  दस्तखत का वास्ता इनी तरसणा रौंदन जन मध्यकाल मा नबाब लोग कैं कज्याण से ब्यौ त कर लींद छा पण फिर कबि बि जिंदगी भर बेगम साहिबा तैं नबाब साहेब की सूरत दिखणो मौक़ा हि नि मिल्दो छौ।  बेगम साहिबा सुचदि छे कि यां से बढ़िया तो वा ऊं मजदूरों मासे कै एक  मजदूर  को दगड़ ही भागि जांदी जो वीं तैं डोलि मा उठैक बजार घुमांदन। इनी फ़ाइल बि सुचदि होलि कि हम खाली ही ठीक छा ।   अम्बानी ग्रुप कम्पनी का मैनेजिंग डाइरेक्टर क्या इन कौर सकद कि वैक ऑफिसम हजारों फ़ाइल सालों तक अनिर्णीत रावन ? पर घ्याळ दा बि क्या कारु बिचारु शिक्षा मंत्रालय छोड़िक कैबिनेट मीटिंग , कैबिनेट सब कमीटी की दसियों मीटिंग, पार्टी मुतालिक कथगा ही कमेटी मीटिंग मा जाण ही ना कुछ जगा तो अपण भागीदारी बि निभाण पोड़द। 
                    विधान सभा चलणि ह्वावो तो  मुसीबत।  इना ऑफिस मा एक फ़ाइल उठाओ ना कि घंटी बज जांद कि वोटिंग का वास्ता  विधान सभा भितर आवो कि कखि सरकार नि गिर जावो।  कबि सरकार गिरणो डौर नि बि ह्वावो तो विरोधी पार्टी कु घ्याळ -हल्ला तैं निरस्तर करणो बान घ्याळ  लगाणो विधान सभा अटकण पोड़द।  कबि सूण च कि रिक भगाणो बान तुम घ्याळ लगावो अर तुमर घ्याळ का जबाब मा रिक ही घ्याळ लगाण बिसे जावो।   जी हां विधान सभा मा विरोधी पार्टी कु घ्याळ कम करणो बान सरकारी दल बि घ्याळ लगांद।  कबि विरोधी पार्टी गम्भीर प्रश्न (बकौल सरकारी दल राजनीती से प्रेरित ) विधान सभा मा उठावो अर सरकारी दल नि चाँद कि  विषय पर प्रश्न उठ तो सरकारी दल विधान सभा की बैठक मुल्तवी करणो बान खुद ही घ्याळ लगाण बिसे जांदन अर विधान सभा अध्यक्ष तैं वै दिन विधान सभा मुल्तवी याने एडजोर्न करण पोड़द।
              फिर जब बिटेन हाई कमांड को जंवाई जॉर्ज बड्रा जीन प्रेम नगर मा कुछ चाय बगीचा क्या खरीदेन कि विरोधी पार्टी विधान सभा मा ये विषय पर प्रश्न उठावो ना कि मंत्री तो छोड़ो , मुख्यमंत्री तैं बि घ्याळ लगाण पोड़द। फिर सरा दिन हरेक मंत्री कु काम हूंद कि पत्रकारों या टीवी चैनेलों तैं जॉर्ज बड्रा की तरफ से सफाई द्यावो।  एक दिन घ्याळ दान एक रास्ट्रीय चैनेल मा जॉर्ज बाड्रा की तरफ से सटीक सफाई दे तो हाई कमांड से आदेस आइ कि अब घ्याळ दा तैं हमेशा ही इनि सफाइ दीण पोड़ल। अब जब बि जॉर्ज बाड्रा का बारा मा रास्ट्रीय चैनेलों मा सफाई दीण हो तो घ्याळ दा तैं देहरादून ही रौण पोड़द।  कति दै तो यीं सफाइ दीणो बान शिक्षा मंत्री तैं अपण महत्वपूर्ण यात्रा कैंसिल करण पोड़द।  एक दिन शिक्षा मंत्री तैं श्रीनगर विश्वविद्यालय मा दीक्षांत समारोह मा जाण छौ किन्तु जॉर्ज बाड्रा प्रकरण इथगा जोरों पर छौ कि तीन दिन तलक शिक्षा मंत्री तैं देहरादूनमा  ही रौण पोड़।
  घ्याळ दा जब बि अपण कार्य कु विश्लेषण करद तो पांद कि वु  अपण काम सटीक ढंग से तो क्या काम हि नि करणा छन तो प्रेसर से ऊंक कुल्लि खाण बिसे जांदन।
घ्याळ दा सुचद कि हरेक जॉब का वास्ता अभ्यार्थी की शिक्षा व प्रशिक्षण का बारा मा पूछे जांद पण मंत्री क्वी बि बौण सकुद।  मंत्री बणणो बान शिक्षा , प्रशिक्षण , अनुभव की आवश्यकता छैं इ नी  च।   जब कि हम चार जनों  परिवार मा मुखिया वै तैं इ माणदा जैमा लियाकत ह्वावो अर जु अनुभवी ह्वावो । पाइलेट बणणो बान मनिख  हवाई जाज चलाणो  प्रशिक्षण लींद , मास्टर बणणो बान बीएड करे जांद। इख तलक कि साइकल चलाणो बान साइकल सिखद।   यदयपि  राजनीतिज्ञ सरकार चलाणो बान अपण पोलिटिकल केरियर बणान्द किन्तु सरकार कन चलाण का  प्रशिक्षण कबि नि लींद। 
 
घ्याळ दा द्वी कैबिनेट सब कमेटी मीटिंग से ऑफिस ऐन कि कुछ काम करे जावो।
जनि सीट मा बैठिन कि माणावाल जीन बोलि कि आपकी कंस्टिट्वेन्सी से कै जगमोहन कंडारी कु चार दैं फोन आयि.
घ्याळ दा -कांड लगि गेन।
माणावाल -क्या ह्वे मंत्री जी
घ्याळ दा -मि त मंत्री बणणो बाद बिसरि ग्यों कि मेरी अपण विधान सभा क्षेत्र का प्रति क्वी जुमेवारी बि च।
माणावाल -येस  मिनिस्टर।  बट नो मिनिस्टर !

**  भोळ पौढ़ा कि जगमोहन कंडारीन फोन किलै कार ?
Copyright@ Bhishma Kukreti  29/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
        भ्रस्टाचार को अब सात समुद्र पार भागना ही पडेगा  !
 
              चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

  ब्याळि घ्याळ दान अपण कामौ विश्लेषण कार त पायि बल वु शिक्षा विभाग का क्वी बि काम नि करणा छन।
अब घ्याळ दा कारो तो क्या कारो ?
वैदिनै कि ही बात ले ल्यावो ।  विदिन घ्याळ दान एक सामजिक संस्था की रिपोर्ट पौढ़ तो मंत्री ह्वेक बि वूं तैं बि रूण ऐ ग्यायि कि ग्रामीण उत्तराखंड  मा शिक्षा कु बुरा हाल छन।  जब कि मंत्री तैं कैं  बि, कनि बि दुर्दशा  से दुखी नि हूण चयेंद पण घ्याळ दाक जिकुड़ी मा डाम लग कि पहाड़ी  गाँवुं स्कूलुँ  मा अब अस्सी प्रतिशत विद्यार्थी शिल्पकार जमात का ही पढ़दन  अर छोरी -छोरा त राइ दूर अधिकाँश मास्टरों तैं नि पता कि वूंक जिला राजधानी क्वा च।
  घ्याळ दाक मानण छौ कि यदि अशोक महान का बाद भारत मा मौलिक खोज रुक अर हरेक क्षेत्र मा 2000 साल तक प्रगति रुकीं राइ तो वांक एकी कारण छौ कि शिल्पकारुं जातीय हिसाब से अवहेलना ही ना शिल्पकारुं द्वारा अन्वेषण करणो सब स्रोत्र बंद ह्वे गे छा। सब तै पता च कि महान आयुर्वेदाचार्य  चरक अर सुश्रुवान जो बि ल्याख वांक पैथर शिल्पकारुं अन्वेषण अर शिल्पकारुं व्यवहारिक ज्ञान कु हाथ छौ। शिल्पकार वै जमाना मा रचनाधर्मी छा।  अर आज बि  जब तलक आम जनता की शिल्पकारिता मा अन्वेषण अर रचनाधर्मिता नि होलि तो भारत जन देस प्रगति कौर इ  नि सकद ।
  शिक्षा मंत्रीन आधारिक विद्यालय का निदेशक अर टीम तैं अपण कॉन्फेरेंस रूम मा बुलाइ कि ग्रामीण इलाका मा शिक्षा स्तर कनकै बढ़ाये जै सक्यांद।
घ्याळ दा तैं आधा घंटा मीटिंग का बाद आश्चर्य ह्वे कि हरेक टीम सदस्य का पास ग्रामीण शिक्षा स्तर बढ़ाणो सरलतम उपाय छा।  पण उपायों तैं क्रियावनित करणो बान जो राजनैतिक आत्मशक्ति , सहायता चयाणि छे वांक समुचित उत्तर नि छौ।
घ्याळ दान भावुक ह्वेक सब्युं तैं आवाहन कार  कि भई नौकरी की बात तो जाणि द्यावो हमर अपण मनुष्यगत कर्तव्य बि च कि शिक्षा स्तर मा विकास ह्वावो।  अब जब सबि उत्साहित ह्वेक विचारूं तैं क्रियावनित करणो विचार विमर्श करण ही वाळ छा कि माणावाल जी ऐन अर ब्वाल  "क्षमा मंत्री जी ! एक इमेरजेंसी ऐ गे।  आप तैं अर शिक्षा मुख्य सचिव रावत जी तैं चीफ मिनिस्टर जीक ऑफिस पौंछण।  "

 घ्याळ दा तैं गम्भीर मीटिंग छोड़िक मुख्यमंत्री कार्यालय जाण पोड।
 सबि मंत्री अर पार्टी अध्यक्ष मुख्यमंत्रीक कैबिन मा जमा छा।
प्रदेस पार्टी अध्यक्षन ब्वाल - अबि अबि हमर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष याने हमर राजकुमार जीन प्रेस कॉन्फेरेंस मा ब्वाल कि हमर पार्टी भारत से भ्रस्टाचार हटैक भ्रस्टाचार को सात समोदर पार करा देगी  ।
एक मुख्यमंत्री को ख़ास मंत्री - त मुख्यमंत्री जी आप आज दिल्ली जाणा छन ?
मुख्यमंत्री - हाँ जाणि पोड़ल कि ना जब पार्टीन  नीतिगत  फैसला ले आल तो एक दैं राजकुमार जीक आस पास ऊं तैं बताणो जाण ही पोड़ल कि हमर राज्य सरकार  इं नीति तै अमल पर लाणो बान काम कारलि ।
घ्याळ दा से चुप नि रये गे।  घ्याळ दान पूछ - पण सर इखमा नीतिगत फैसला क्या च ? सन बावन मा   ही भ्रस्टाचार खतम  करणो नीति बणी गे छे ।
प्रदेस पार्टी अध्यक्ष - घ्याळ दा ! आप राजनीति नया छन तो आप नि समझदां कि मेसेज क्या हूंद।  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष याने राजकुमार जीन एक नयो शब्द चुन कि हमर पार्टी भारत से भ्रस्टाचार हटैक भ्रस्टाचार को सात समोदर पार करा देगी  । हम राजनीतिज्ञ सिम्बोलिक याने प्रतीकात्मक भाषा मा बात करदां अर हरेक राजनीतिज्ञ तैं सिम्बोलिक शब्द पछ्याणन आण चएंदन .
मुख्यमंत्री -यांक अर्थ च कि अब कुछ करण पोड़ल।
प्रदेस पार्टी अध्यक्ष - मि अर मुख्यमंत्री  दिल्ली मा मोर्चा संबाळणो जाणा छंवां तो आप सब तैं इक मोर्चा संबाळण।
मुख्यमंत्री -हरेक विभाग से सबि  छुट  मुट अखबारों मा विज्ञापन जाण चयेंद कि हमारी सरकार हमर पार्टी उपाध्यक्ष के सपनो को साकार करेगी और   भ्रस्टाचार को सात समुद्र पार करेगी। अर द्वी तीन दिन मा टीवी मा बि विज्ञापन ऐ जाल कि हमारी सरकार भ्रस्टाचार को सात समुद्र पार करने जा  रही है।
प्रदेस पार्टी अध्यक्ष -सबी मंत्रालयों तैं ये किस्मों विज्ञापन दीण जरूरी च। जु सम्पादक -प्रकाशक हमरी पार्टी का समर्थक छन वुं तैं फुल पेज विज्ञापन मिलण चएंदन अर बाक्युँ तैं आधा पेज विज्ञापन।
मुख्यमंत्री - ख़ास शहरों याने जिला राजधान्युं मा हेरक मंत्रालय द्वारा एकेक होर्डिंग बि लगण चयेंद कि हमारे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भ्रस्टाचार को सात समुद्र पार कर रही है।
घ्याळ दा - महोदय ! भ्रस्टाचार हटाणो वास्ता क्वी ख़ास नई नीति ?
प्रदेस पार्टी अध्यक्ष  - घ्याळ दा !  भ्रस्टाचार मिटाणो कुण भ्रस्टाचार निरोधक क़ानून , लोकपाल , आईपीसी का सैकड़ों क़ानून छन कि ना ?
मुख्यमंत्री - मी अर प्रदेस  पार्टी अध्यक्ष यीं मीटिंग का बाद एक प्रेस कॉन्फरेंस करणा छंवां।  उखमा मा संयुक्त बयान मा बुले जालो कि उत्तराखंड में अब भ्रस्टाचार बर्दास्त नही होगा।
प्रदेस पार्टी अध्यक्ष - कै तैं कुछ पुछणाइ ?
उद्योग मंत्री - अध्यक्ष जी ! शिक्षा मंत्री हमर बात नि सुणदन अर अपण मनमानी करदन।
मुख्यमंत्री -क्या बात च ?
उद्योग मंत्री - मुख्यमंत्री जी ! शिक्षा विभाग मा सुदामा ऐंड सुदामा कम्पनीन पांच हजार कुर्स्युं सप्लाइ   कौर छे अर शिक्षा विभागन सब कुर्स्युं तैं रिजेक्ट करि देन .
घ्याळ दा - सर कुर्सी शीसम की लकड़ी से बणी हूण चयाणी छे किन्तु हरेक कुर्सी कीड़ा खयां आम की लकड़ी की छन।
मुख्यमंत्री - घ्याळ दा ! पता च सुदामा ऐंड सुदामा कम्पनी कैक च ?
घ्याळ दा -ना ।
मुख्यमंत्री - वा कम्पनी राज्य प्रभारी बलबिन्दर जीक जंवाई क कक्या ससुर जीक च ।  तो आज ही कुर्सी सप्लाइ पास कारो अर भोळ पेमेंट दिलवै द्यावो। (धै लगैक ) शिक्षा विभाग का रावत जी तैं बुलावो।
रावत  - एस चीफ मिनिस्टर ?
मुख्यमंत्री - भई रावत जी ! वो सुदामा ऐंड सुदामा कम्पनी कु चेयर सप्लाई बिल पास करवाओ अर भोळ पेमेंट करवाओ।
रावत - एस चीफ मिनिस्टर।  सुदामा ऐंड सुदामा कम्पनी तैं भोळ पेमेंट मिल जाल ।
मुख्यमंत्री - बस आज की कैबिनेट मीटिंग ख़तम। भोळ बिटेन " राज्य सरकार भ्रस्टाचार को सात समुद्र पार खदेड़ देगी"  का विज्ञापन शुरू ह्वे जाण चयेंदन
 
घ्याळ दा पिछ्ला दिनु काम काज की एकेक घटना  याद करण मा तल्लीन छया कि माणावाल जीक आवाज आइ - सर जगमोहन कंडारी जीक फोन च।
घ्याळ दा -ठीक च।  कनेक्ट कारो।

Copyright@ Bhishma Kukreti  30/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                     हमारा विधयाक खो गया है , पता बताने वाले को भारी इनाम मिलेगा

                                  चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 जगमोहन कंडारी एक इज्जतदार अर कर्मठ कार्यकर्ता च। जगमोहन कंडारी की बड़ी महत्वाकांक्षा नि छन तो ग्राम प्रधान पद से ही संतुष्ट रौंदन। घ्याळ दा तैं जिताणम जगमोहन कंडारी को बड़ो हाथ च।
घ्याळ दा -हेलो ! जगमोहन  भाइ मि घ्याळु बुलणु छौं।
जगमोहन - मेरी ब्वे अचकाल द्यो -दिवता खुज्याण सरल ह्वे गेन पण नेता खुज्याण कठण ह्वे गे।
घ्याळ दा - नै भै जगमोहन !  इन बात नी  च
जगमोहन -क्या बात करणु छे घ्याळ दा।  मीन कथगा फोन लगैन मीन पण त्यार  ऑफिस का लोग हर समय या तो बुल्दन बल मंत्री जी टूर पर छन या मीटिंग मा व्यस्त छन
घ्याळ दा -अरे त म्यार मोबाइल पर ?
जगमोहन -मि द्वी दैं देहरादून बि औं
घ्याळ दा -त मील किलै नि छे ?
जगमोहन -द्वी दिन मीन त्यार इक लंच कार
घ्याळ दा -क्या पण कैन नि बताइ कि ……
जगमोहन -बोडी बुलणि छे बल तू अब ड्यारम बि अदिखळ ,  अपछ्याणक , अणबच्यौ ह्वे गए बल 
घ्याळ दा -तुम लोगुन अर खासकर तीन मि कखि जोग नि राख।
जगमोहन -ये क्या कार हमन ?
घ्याळ दा -मि टिकेट मिलणो बाद बि चुनाव नि लड़ण चाणु छौ।  तीन अर चार पांच लोगुन ब्वाल विधायक बणन मा क्या नुकसान च !
जगमोहन -हां तो हमर क्षेत्र कु ईमानदार अर विचारक मनिख छे तो ....
घ्याळ दा -अरे पर इख त मंत्री पद मील अर मि अपणो से ही दूर ह्वे ग्यों।  ड्यारम बीस दिन ह्वे गेन ब्वे से बात नि ह्वे सौक.
जगमोहन -हाँ वो त शाका बोडि बुलणी बि छे बल जब क्वी मंत्री बणी जावो तो वो मनिख नि रै जांद वो पता नि कैक गुलाम ह्वे जांद धौं !
घ्याळ दा -अच्छा बोल जनता  क्या सुचणि  च ?
जगमोहन -क्यांक बारा मा ?
घ्याळ दा -म्यार बारा मा
जगमोहन - भली छवि त अबि तलक खराब नि ह्वे पण कुछ दिनु बाद लोगुन त्वे तै  भूल जाण
घ्याळ दा -नै मि गिंदी म्याळा मा ब्वेक दगड़ जरुर गां ऑल।
जगमोहन -चलो दिखला ! अर सूण ब्याळि , गां मा त्यार कै विरोधिन चार पांच पोस्टर लगैन
घ्याळ दा -पोस्टर ?
जगमोहन -हाँ बड़ा बड़ा पोस्टर
घ्याळ दा - क्या च पोस्टरुं मा ?
जगमोहन -तेरी बड़ी फोटो च अर तौळ लिख्युं च हमारा विधायक देहरादून में खो गया है।  पता बताने वाले को भारी इनाम दिया जाएगा।
घ्याळ दा -कैन लगैन इन पोस्टर ?
जगमोहन -सुण विरोधी पार्टी क त यी काम नी ह्वे सकुद किलैकि 'विज्ञान पुरुष ' अबि  बि  हार  से बेहोश च
घ्याळ दा -तो मतबल यि हमर ही पार्टी का कै खुरापातीक काम च।
जगमोहन -हां
घ्याळ दा -अच्छा सूण तू एक पोस्टर लेक भोळ देहरादून आ फिर इखि सोचे जाल कि क्या करण।  मि त्यार रौणो इंतजाम शिक्षा गेस्ट हाउस मा कौर लींद
जगमोहन -ठीक च मि भोळ देहरादून पौंछदु . अब मि फोन कटदु।
 घ्याळ -ठीक च।
घ्याळ दा - जरा डिकोरम ऑफिसर बिचखोळा जी तैं भ्याजो जरा !
चपड़ासी - जी भिजद छौं

***भोळ पढ़ो -क्या जगमोहन कंडारी को एज्युकेशन गेस्ट हॉउस में जगह मिल पायेगी ? यदि नही तो क्यों नही ?

Copyright@ Bhishma Kukreti  31/12/2013

[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]         


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22