Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 361323 times)

Bhishma Kukreti

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                                      कुछ काम में से नि हूणन

                                       चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

अब जब कि राजनीति मा झूठ नंगी नाच नचणु ह्वावो तो में सरीखा मनिखम  सुचणs अलावा कुछ काम रै बि नि जांद। त मि सुचणु छौ कि मि क्या क्या काम नि कौर सकुद या मीन क्या क्या काम कबि बि नि करणन।
जन कि में से नि हूण कि मि कैं सड़क या जंगळ कु नाम अपण   नाम से धरवै द्यूं।
में से टोपी  बि नि पैर्याण  अर इलै मि आप पार्टी मा नि ग्यों जौंक पैलि  शर्त टुपल पैरणो छे।  पौड़ी संसदीय चुनाव लड़णो बान जनरल टीपीएस रावत से पैल आप पार्टिन   में से ही प्रार्थना कौर छे पण टुपला पैरणो डौरन मीन मना कौर दे।
खैर में से चुनाव बि नि लड्याण किलैकि पर्चा भरण से लेक संसद तक झूट बुलण में से नि ह्वे सकुद।
फिर सांसद बणणो बान भाषण बि दीण पड़दन अर में से भाषण नि दिए सक्यांद।
में से कै पुतला पर माल्यार्पण बि नि ह्वे सकण।    अब एक बात बतावो जै नेता तैं जिंदगी भर गाळि दीणा रावो अर फिर वैक मरणो बाद वैक मूर्ति पर माळा चंढान कखक न्याय च भै ?
में से ब्यौ काज मा बि कैक दगड़ फोटो नि खिंचयांद !
में से रात देर से सीण अर सुबेर दुफरा मा बिजण बि नि हूण।
में से नेताओं की (झूटी ) आत्मकथा बि नि पढ़यांद।
में से अपण आत्मकथा बि नि लिखे सक्यांद।  झूट मीन लिखण नी च अर सच लिखुल त अनावश्यक घपरोळ ह्वे जालो। अब एक उदाहरण द्यूंद कि जब मि लिखुल कि मी तैं राहुल गांधीक  भाषण दीणो तरीका पसंद नी च त फ़ोकट मा सोनिया बौन नराज ह्वे जाण अर बौ विदेशी ह्वावो या देसी मि कै बि बौ तैं नराज नि कौर सकुद। बौउं अर स्याऴयूं तैं नाराज मि   नि कौर सकुद।
में से दाढ़ी बणानो बाद फोकट का  आफ्टर शेविंग लोसन बि नि लग सक्याण।  पैल कैक अंगुळि काटो अर फिर डा कम करणो बान मुतण कखक न्याय च भै ?
ढेरों पैसा मिलणो बाद बि में से उत्तराखंड का भूतपूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवाड़ी , रमेश निशंक अर विजय बहुगुणा की प्रशंसा नि ह्वे सकण।
अब जन कि मीन  पहाड़म नि बसण किलैकि अब मि पहाड़ लैक रयुं बि नि छौ।  उन में से न्यू यार्क मा बि नि बस्याण किलैकि न्यू यार्क मा बसणो मेरी औकात नी च।
भौत सा काम छन जु में से नि हूणन जन कि गूगल से चुरयां फोटो फेस बुक मा अपण नाम से दीण में से नि हूण।
इनी फेस बुक मा  हाइ गाइज  ! गुड मॉर्निंग या गुड इवनिंग पोस्ट करण में से नि हूण।
जन कि हिंदी किताबुं समीक्षा बि में से नि हूण पर अपण गांवक भुला हेमंत कुकरेती की कविताओं की समीक्षा मीन कुकरेती वंशावली का वास्ता अवश्य करण पर कुकरेती वंशावली छपवाण मेरि बसै बात नी च।
में से कुत्ता , बिरळ , तोता आदि बि नि पळेणन।
में से भौत सा काम नि हूणन पर भोळ म्यार विचार बदल ग्याई तो मि नि बोल सकुद।  विचार बदलण  अर राजनीतिक पार्टी बदलण हमर संवैधानिक मौलिक अधिकार च। 
 




Copyright@ Bhishma Kukreti  8/3/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                                 प्रजातंत्र बचाणौ बान मीन बि पार्टी छोड़ याल !

                                       चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

घरवळिन तून (ताना ) देक बोलि - तुमर दगड़ रैक मीन एक दिन बि गर्व का दिन नि देखिन
मि - गर्व का दिन ?
घरवळि- हाँ , तुम से त कुछ बि नि हूंद अर लोग छन कि कुछ ना कुछ करणा छन।
मि -लोग कुछ ना कुछ करणा छन ? क्या मतबल ?
घरवळि-सब प्रजातन्त्र बचाणौ बान कुछ ना कुछ करणा छन अर एक तुम छंवां कि ड्यारम बैठ्यां छंवां !
मि -ठीक च आज मि दारु ड्यारम नि प्योलु  कखि कै सस्तु सि बार मा जयांदु। फिर भोळ नि बोलि कि होटल से बेहतर त ड्यारम ठीक च , होटलम खर्चा जादा हूंद।
घरवळि-ओहो , ये मनिखौ दगड़ त कुछ बि बुलण गुनाह च , मि प्रजातंत्र बचाणौ बात करणु छौ ना कि  ....
मि -अब मोदी , राहुल , मुलायम , जयललिता , ममता , मायावती का हूंद प्रजातंत्र पर क्यांक खतरा च >
घरवळि-यां फिर बि प्रजातंत्र तैं बचाण जरुरी च।
मि -पर अब त केजरीवालन बि प्रजातंत्र बचाणौ ठेका लियाल फिर ?
घरवळि-तुम समझणा नि छंवां कि प्रजातंत्र पर कथगा बडु खतरा मंडराणु च।  तुम बि प्रजातंत्र बचाणौ बान कुछ ना कुछ कारो !
मि -वोट त मि दींदु ही छौं , अब हौर क्या करण ?
घरवळि-तुम भारत मा प्रजातांत्रिक ढांचा बचाणौ बान कॉंग्रेस पार्टी छोड़ द्यावो  अर पत्रकार सम्मलेन कारो।
मि -क्वी पूछल कि मीन बुडेन्द दैं कॉंग्रेस  पार्टी किलै छ्वाड़ तो मि क्या जबाब द्योलु ?
घरवळि-अरे बेशरमी से , बेहयाई से ,  शेमलेसली बोलि देन कि कॉंग्रेस मा युवा कार्यकर्ताओं ही ना वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की क्वी पूछ नि होंदि।
मि -इखमा नई बात क्या च सरा भारतवास्यूं तैं पता च कि कॉंग्रेस मा कार्यकर्ताओं की ना गांधी परिवार की ही चलदी !
घरवळि-ओहो , बुलण मा तुमर क्या जांद।  बस इन बुलण कि कॉंग्रेस मा प्रजातंत्र ही नि बच्युं च। द्याख नी तुमन जगदम्बिकापाल अर भगीरथ जन कन बेशरमी से कौंग्रेस मा प्रजातंत्र खतम हूण से आहत छा ?
मि -पण मि त कौंग्रेस पार्टीक सदस्य ही नि छौं त फिर कौंग्रेस पार्टी कनकै छुड़ण ?
घरवळि-ओहो ! तो तुम भाजापा ही छोड़ी द्यावो पर छ्वाड़ो। अर पत्रकार सम्मेलन करो।
मि -इक बि त लोग पूछल कि ना कि मि  भारतीय जनता पार्टी किलै छुड़नु छौं ?
घरवळि-त इज्जतहीन , लज्जाहीन ह्वेक बोल देन कि आरएसएस का लठलों से स्क्यूलरिज्म लहूलुहान हूणु च त सेक्यूलिरिज्म बचाणौ खातिर तुम भाजापा छुड़णा छंवां।  द्याख नी तुमन बच्ची सिंग रावत जी तैं इथगा साल बाद याद आयि कि आरएसएस से सेक्यूलिरिज्म तैं खतरा च।
मि -पर  …
घरवळि-पर क्या नीतीश कुमारक नौटंकी से कुछ तो सीखो अर बहाना बणै देन कि अब भारत की एकी समस्या च अर वा च सेक्युलर स्ट्रक्चर।  बस तुम कमीना आदिम  जन कसम खै देन कि अल्पसंख्यकों का हितसाधन का वास्ता तुम भाजापा छुड़णा छंवां।
मि -पर मि भाजापा पार्टी सदस्य बि नि छौं।
घरवळि- इन कारो तुम लालू प्रसाद की पार्टी छोड़ी द्यावो अर पत्रकार सम्मलेन कारो।
मि -फिर प्रश्न त यी च कि मि पार्टी किलै छुड़णु छौं ?
घरवळि-भौत सरल च दांत दिखैक , दुतरफा हीन मनिख जन बोल दीण कि अब  की राजदा मा लालू यादव कु परिवार वाद चलणु च।
मि -राजदा छुड़ण से बढ़िया त नितीश कुमार कु जनता दल छुड़ण ठीक रालु कि नितीश कुमार प्रशासन मा कमजोर च।
घरवळि-हाँ त ठीक च तुम नितीश कुमार केई पार्टी छोड़ी दयावो अर पत्रकार सम्मेलन मा बिलंच ह्वेक नीतीश कुमार की इन झड़ती ल्यावो कि लालू यादव बि शरमै जावु कि इन बदचलन्या  शब्द ऊं मा किलै नि छन
मि -पर मि जेडीयू कु सदस्य नि छौं।
घरवळि-मीन कथगा दें ब्वाल बि च कि आठ दस पार्ट्यूं सदस्य बौण जावो।  अब द्याखो ना कथगा परेशानी हूणी च।
मि -त आम आदमी  पार्टी छोड़ द्यूं ?
घरवळि-जैं पार्टीक सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी बि बौण सकदन या ओबामा बि बौण सकदन वीं पार्टीक सदस्यता छुड़न  न्यूज नि बौण सकद।  प्रजातंत्र बचाणौ अर्थ हूंद न्यूज बणन।
मि -तो उत्तराखंड क्रान्ति दल छोड़ि द्यूं ?
घरवळि-पत्रकारुंन तुम तैं थींच  दीण कि अबि तलक तुम उक्रांद मा किलै छया। तुम इन कारो अपण पार्टी ही छोड़ द्यावो।
मि -अपण पार्टी ?
घरवळि-जावो अपण बणयीं पार्टी ही छोड़ द्यावो अर ब्वालो कि इख मेरि क्वी नि सुणद।
मि -अर फिर अपण पार्टी छोड़िक कैं पार्टी ज्वाइन करण ?
घरवळि-ब्याळि हम द्वी जनान्युंन एक नई पार्टी बणै याल तुम हमर पार्टी ज्वाइन कारो।



Copyright@ Bhishma Kukreti  10/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                                     सीटुं बान शीत युद्ध
 
                                     चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


चुनावुं बगत कथगा ही किसमुं युद्ध हूंदन।
जन कि कॉंग्रेस मा चुनाव रैल्युं मा नेताओं मध्य शीत युद्ध हूंद कि राहुल बाबाक छ्वाड़ -वार की सीट पर कु जि बैठल।  इनि भाजापा मा पैल अटल या अडवाणी क अगल -बगल की सीटुं  बान भाजापाइ लड़दा छा अब अडवाणी की सीट से कखी दूर सीट पाणौ बान भाजापाई जुगत भिड़ान्दन अर अब नरेंद्र मोदी की सीट का ठीक पैथर  कमांडरों अगल बगल की सीटुं बान बि भाजापाइ हाथापाई , छीना झपटी करदन। द्वी पार्ट्यूं मा नेता बड़ा नेता (राहुल , नरेंद्र मोदी ) से परिचय का बान शीत युद्ध करदन।
क्षेत्रीय पार्टी मा अपण नेता जीक अगल बगल मा बैठणो बान झगड़ा नि हूंद किलैकि इख मुख्य नेता जी अपण नेताओं तैं पछ्याणदा छन।
आम आदमी पार्टी मा अबि केजरीवाल का आस पास बैठणो बान नेताओं मा झगड़ा इलै नि हूंद कि अबि केजरीवाल खुद फिक्स करदो कि कै तैं कखम बिठाण । 
फिर सीटुं  बंटवारो बान त अंत तक नेताओं मा झगड़ा हूणु रौंद।
ये चुनाव मा पता नी किलै कॉंग्रेस का कार्यालय सूना पड्या छन।  निथर इन समय पर दिल्ली का सडकुं मा कॉंग्रेस टिकट का मंगत्या ही फिरणा रौंद छा।  इन सूण बल अचकाल कॉंग्रेसी नेता राजधान्युं से दूर भागणा छन कि कखि ऊंक नाम लोकसभा प्रत्यासी का रूप मा घोसित नि ह्वे जा।  पैल कॉंग्रेसी आपस मा इलै लड़दा छा कि म्यार या म्यार नौनो नाम लिस्ट मा किलै नि ऐ अर ये चुनाव मा कॉंग्रेसी इलै लड़ना छन कि म्यार नाम लिस्ट मा कैन धार।  अब की बार कॉंग्रेसी नेताओं पर चुनावी व्रत कु रोग लग्युं च।  सब पार्टी मा अपण ख़ास प्रतियोगी तैं टिकट दिलाणो जुगत भिड़ाणा छन जांसे प्रतियोगी चुनाव लड़ो अर हारण त लाजमी च।  अजकाल कॉंग्रेसी चुनाव लड़ण से ही बितकणा छन।  बात बि सै च कि हार जब समणि ह्वावो तो कैन कुद्दी मारण ?
उन दिल्ली की सीटुं बान भाजपा का नेताओं हाल बि बुरा ही छन।  उख बि भाजापाइ नेता चुनाव लड़न से दूर भागणा छन।  ठीकी च  आप पार्टी की 'आप' (गढ़वाली शब्द ) कु सहन कौर सकुद?  वैदिन क्वी गाजियावाद बटे बैनर बणै दिल्ली भाजपा ऑफिसम आयी अर वै तैं भाजपा का ख़ास नेताओंन पीटि दे , थंचकै द्याई।  बैनर मा लिख्युं छौ -हमारी मांग पूरी करो और राजनाथ सिंग जी को गाजियाबाद से खड़ा करो ! अब इन मा बैनर वाळन  मार खाण इ  छे।  जब सबि बुलणा छन कि गाजियाबाद सीट पर आप पार्टीक कब्जा ह्वे गे तो उख राजनाथ सिंग तै चुनाव लडाणो क्या तुक ? राजनाथ सिंग क्वी इंदिरा गांधी थुका च कि कखी बिटेन बि जीति जावु।  राजनाथ सिंग तैं बि सुरक्षित सीट चयेंद कि ना ? अर भाजपा मा सीटु बान शीत युद्ध चलणु च पर यु युद्ध सुरक्षित सीट पाणौ युद्ध च।
जब तलक पर्चा भरणो आखरी दिन नि आल तब तलक कखि मि तैं सीट नि मिल जावो , मि तैं सीट मिल जावो या मी तैं सेफ सीट मिल जावो का बान शीत युद्ध चलणो ही रालो।   
सीटुं शीत युद्ध  मा समाचार माध्यमुं टीआरपी बढ़ण लाजमी च। 

Copyright@ Bhishma Kukreti  11/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                                 क्या अछेकि   गढ़वाळ खतरा मा च ?
                                   क्या अछेकि गढ़वाम प्रजातंत्र खतरा मा च ?

                                     चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 सि परसि मि ड्यार जयूँ छौ त जख जौं तख डर कु माहौल छौ।  हरेक डर्युं छौ या हरेक एक हैंक तैं डराणु छौ।
हमर क्षेत्र की  विधायिकान सरे आम ऊंची धार मांगन धाद दे दे बल यदि यीं दैं भाजपा का प्रत्यासी तैं वोट नि देल्या त गढ़वाल खतरा मा ऐ जाल।
सरा क्षेत्र का लोग भाजपाऊं छुट मुट नेताओं तैं पुछणा छन कि ठीक च भाजपा तैं वोट नि द्योला त गढ़वाल पर खतरा ऐ जाल ! पर  बतावो तो सै कि कै गढ़वाल पर खतरा आल ? टिहरी , उत्तरकाशी , चमोली , रुद्रप्रयाग , पौड़ी या लैंसडाउन  गढ़वाल मादे कै गढ़वाल पर खतरा आलु ? भाजपा का क्षेत्रीय नेता दिल्ली फोन लगाणा छन पर उख बिटेन जबाब आंद कि हम  नागपुर से पुछिक बताइ द्योला कि कै गढ़वाल पर बिपदा आली। अर यांसे सब भगवान से प्रार्थना करणा छा कि हैंक गढ़वाल मा जथगा बि खतरा आवु त आवु पर हे नरसिंग ! हे नागराजा ! हे ग्विल्ल हमर क्षेत्र कु गढ़वाल से खतरा टाळी दे।  सब चाणा छन कि दुसर गढ़वाल पर ही आपदा आवु। 
फिर हमर क्षेत्र की कॉंग्रेसी नेत्याणन बि  ढोल बजैक हल्ला मचै दे कि यदि गढ़वाल मा कॉंग्रेस नि जीतलि तो अल्पसंख्यक खतरा मा ऐ जाल अर अल्पसंख्यकु बड़ो नुकसान ह्वे जालु।  अब   सब परेशान छन कि गढ़वाल मा अल्पसंख्यक कै तैं माने जावु ? उर्दू , नेपाली , पंजाबी -गुरमुखी भाषाओं तैं त उत्तराखंड मा  संवैधानिक दर्जा मिल्युं च अर गढ़वाली भाषा ही तैं संवैधानिक दर्जा नी मिल्युं च तो ये हिसाब से हरेक गढ़वाली अफु तैं अल्प संख्यक मानणु च तो हरेक तैं डौर लगीं च कि यदि कॉंग्रेस नि जीतलि तो सब गढ़वाल्यूं तैं बड़ी यातना झेलण पोडल अर हरेकन निर्णय ले आल कि  क्वी बि जीतो या हारो हम तैं शीघ्र ही पलायन करण मा ही फायदा च। 
इना उत्तराखंड क्रान्ति दल अर उत्तराखंड परिवर्तन जन पार्टी बि पिम्परी बजैक कखि कखि अफवाह फैलाणा छन कि यदि स्थानीय दलूं प्रत्यासयुं की जमानत जफ्त ह्वे जाल तो  श्रीलंका का साथ गलत विदेस नीति का वजह से गढ़वाल पर खतरा बढ़ जाल।  पैल त लोगुं समज मा नी आयि कि क्षेत्रीय पार्ट्यूं की  श्रीलंका का साथ गलत विदेस नीति से क्या मतलब च ? बाद मा पता चौल कि उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्ट्यूंन तामिलनाडु की डीएमके अर एडीएमके पार्ट्यूं क चुनावी घोषणा पत्र की पूरी  नकल करिक अपण घोषणापत्र छाप दे अर लोगुं मा विदेस नीति क डौर फैले दे। 
अचकाल गढ़वाल मा बि आप पार्टी   पौंछि गे अर आम आदमी पार्टीन लोगुं तैं डराणै कोशिस कार कि यदि कॉंग्रेस या भाजपा की सरकार बणलि त भ्रस्टाचार हौर बढ़ जाल।  पर क्वी बि गढ़वाली आम आदमी पार्टीक भकलाण मा नि आयीं किलैकि सब्युं तैं पता च कि जैं पार्टी मा जनरल टीपीएस रावत सरीखा नेता होला वीं पार्टी पर क्या भरोषा करण ? पर फिर बि डौर त फैली ही गे कि चुनाव बाद हौर बि भ्रस्टाचार बढ़ जालु !
फिर पता नि कै पार्टीक रैबार आयि धौं कि यदि वा पार्टी नि जीतलि त प्रजातंत्र खतरा मा ऐ जाल पर यांसे क्वी नि डौर किलैकि प्रजातंत्र पर खतरा से कैक जाती पर खतरा त हूंद नी च तो लोग प्रजातंत्र पर खतरा से नि घबरैन। 

Copyright@ Bhishma Kukreti  12/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

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                                          मि तैं बि सेफ सीट चयाणि च

                                   चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


                   अजकाल 2014 का आम चुनाव मा सेफ सीट की बिंडी छ्वीं लगणा छन।  कॉंग्रेसी नेता राज्य सभा तै ही सेफ मानणा छन तबि त कॉंग्रेस का लोकप्रिय नेता (सोनिया जीक आँख्युं मा ) पी सी चिदम्बरम राज्य सभा की सुरक्षित सीट मांगणा छन।  कपिल सिब्बल बि जाणदा छन विरोधी वकील तैं तर्क मा छकाण अलग बात च या संसद मा भैर बटे समर्थन दीण वाळ पार्टी तैं पनाण -बौगाण  अर विरोधी दल तैं तर्क -कुतर्क से थंचकाण अलग बात हूंद अर चादनी चौक दिल्ली की सीट से दुबर जितण याने जनता तैं दुबर ठगण बड़ो कठण काम च।  इलै कपिल सिब्बल क्वी सेफ सीट खुज्याणा छन।  इनि क्रिकेट से जादा क्रिकेट कमेंटरी का धुरंधर अर टीवी शो मा अट्टाहस करण वाळ नवजोत सिंग सिद्धू बि सेफ सीट की मांग करणा छन पर सीट बि कख मिलणी च दिल्ली मा। जैं दिल्लीन  पृथ्वीराज चौहाण तैं माफ़ नि कार , जैं दिल्लीन मुग़ल बादशाह बहादुर शाह तैं रंगून जोग कार , जैं दिल्लीन शीला दीक्षित तैं केरल कु पाणी पीणो मजबूर कार वा दिल्ली राजनीती मा लोगुं आकांक्षा की साफ़ अवहेलना करण वाळ सिद्धू तैं क्या अंगीकार कारली यो तो नरेंद्र मोदी की हवा ही बताली।  हवा तो भुवन चन्द्र खंडूरी की उत्तराखंड मा बि चलणी छे अर हवा चलाण वाळ ही हार गे।  इलै नरेंद्र मोदी की हवा ना सुनामी , हरिकेन हूणो बाद बि बड़ा बड़ा नेता लखनऊ , वाराणसी सीट नि छुड़ण चाणा छन। लोग इन बुलणा छन बल ममता सेफ च , जय ललिता सेफ च , मायावती सेफ च , पटनायक सेफ च, पंवार पुत्री सुलेखा सेफ च ।  पर चुनाव मा क्या से क्या ह्वे जांद यु पुछणाइ तो हैदराबाद जैक चन्द्र बाबू नायडू तैं पूछो , लालू प्रसाद यादव तैं पटना जैक पूछो जु इथगा बड़ा किंग मेकर छ्या अर आज सेफ नि छन।
                     सेफ त बिचारो रॉबर्ट बाड्रा बि नी च।
           दिखे जाव तो  सेफ सीट की खोज मा   हम सब ही दौड़ना  छंवां।  अमेरिका जु अफु तैं तकनीक मा सब्युं बाप समजदु वू बि सेफ नि चितान्द।  चपड़ासी बि सेफ विभाग चांदु जख सिर्फ ऊपरी कमाई ही ह्वावो।  कलर्क इन सेफ सीट की खोज मा रौंद जख सीणो , घाम तापणो मौक़ा बि खूब ह्वावो अर रिसवत खाणो क्वी रोक टोक नि ह्वावो।  अधिकारी घूस की रकम लुकाणो इन सेफ की खोज मा छन जैं सेफ पर विजिलेंस विभाग की नजर नि पोड़।
               अजकाल सेफ त पृथ्वी बि नी च। बिचारी पृथ्वी !
            हम ये लोक की कम चिंता करदवां पण स्वर्ग लोक मा सुव्यवस्थित सीट बुक कराणों बान भौत सा कुकर्म करदां अर ब्यालौं  , बुगठ्यौं , कुखड़ो की अमानवीय बळी चढौन्दा ।
             सुव्यवस्थित सीट की चिंता कै तैं बि चैन से नि सीण दींदी।
       आपक क्या हाल छन ? आप तैं सेफ सीट मीलि गे कि ना ?
         

Copyright@ Bhishma Kukreti  13/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                                            साले की हजामत कर  डाल

                                    चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )                               

चुनाव मौसम मतबल हजामत बनाने का मौसम।  क्वी ना क्वी कैक ना कैक हजामत बणाणु रौंद। चुनावुं बगत पर हजामत की महत्ता बढ़ी जांद।
टिकट प्रार्थी अपण प्रतिद्वंदी की खुलेआम  हजामत बणाणु रौंद अर टिकटार्थी जु टिकेट दिलाण मा सहायक हूंद वैक दाड़ी पर हाथ फिराणु रौंद दगड़म मालिस बि करणु रौंद।
2014 का आम चुनाव मा नरेंद्र मोदी हजामत बणाण अर चम्पी करण मा उस्ताद साबित हूणु च। 
नरेंद्र मोदीन   कॉंग्रेस का सरदार बल्लभ  जन बेकार पुराणो उस्तरा तैं ढ़ैपर कूण्या बिटेन खुज्याइ  , वै खुंड उस्तरा  तैं कॉंग्रेस कु ही पळेन्थर मा पळयाइ अर ऊंकी उस्तरा से कॉंग्रेस की हजामत करी दे।  अब कॉंग्रेसी नाइ राहुल बुलणु च बल स्यु नाइ हमर उस्तरा चोरिक ली गे।  पण अब राहुल गांधिक बुलण से बि  क्या हूण  जब चतुर नाइ नरेंद्र मोदी त खुले आम उस्तरा चलैक चली गे।
राहुल तै हौर कॉंग्रेसी नायियुंन उकसाई कि दुस्मनक हजामत बणाणै त  जोर से किरैक  उस्तरा चला।  बिचारो राहुल गांधी  गोडसे नामौ  पुरण बिष मिल्युं  साबुण से अपण खुंडु उस्तरा से भाजपा की हजामत बणाण बैठ पर यु निर्भागी दगाबाज साबुण बि दगा दे गे अर फिर बि यीं दैं राहुल भाजापा की हजामत बणाण से रै गे।
नरेंद्र मोदीन धारदार , पैनो कॉंग्रेसी उस्तरा अमूल से  खुलेआम , बीच बजार मा  मुलायम सिंग कु मुंडन कर  दे अर कॉंग्रेसी दिखद ही रै गेन।  कॉंग्रेस्यूंन सिकैत बि कार कि अमूल तो हमारो उस्तरा छौ पण तब तक उत्तर परदेश ही ना गुजरात का लोग बि सच मानी गेन कि अमूल वास्तव मा भाजापा कु निर्मित उस्तरा च।
बिचारी ममता बनर्जी बि लोभ मा, अण्णा हजारे की भकलौण मा ऐक दिल्ली मा हजामत की दुकान खुलणो आइ पर दिल्ली की जनता न साफ़ बोली दे कि हमन त आप पार्टी से ही हजामत कराण। ममता बिचारी लोगुं तैं बगैर उस्तरा दिखयां अपण सि मुख लेकि वापस बंगाल चली गे।
चुनाव मा हजामत बणाण सरल च किलैकि आश्वासन का साबुण अर भाषण का उस्तरा से ही जनता कु मुंडन संस्कार करण पोड़द अर चम्पी करण पोड़द  ।   हरेक नेता जनता की हजामत करणो तयार च।  बिचारी जनता अपण  हजामत करांद करांद किराणी च कि हर बार नेता बुलद कि ये बगत मि भली भाँती हजामत बणौल अर हर बार नेता लोग जनता तैं लहूलुहान करदन अर नया नया आश्वासन का आफ्टर शेविंग लोशन लपोड़िक चली जान्दन अर जनता बिचारी अपण लहूलुहान चेहरा तैं देखिक ही हैरान हूंद कि कबि त क्वी भली तरह से हजामत कारल ?

चुनाव का बगत हरेक राजनीतिक दल जनता का मुंडन करणो भयानक से भयानक खुंडु उस्तरा लेक तयार रौंद ।
हाँ ये चुनाव मा एक नई पार्टी बि ऐ ग्याई याने आम आदमी पार्टी।  आम आदमी पार्टी कब कैपर कै ढंग से उस्तरा चलै द्यावो कै तैं नी पता।  पर यु सत्य च कि क्वी कैपर बि  उस्तरा चलावो  आम लोगुन ही मुंड्याण !





Copyright@ Bhishma Kukreti  14/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                    लोग क्यांक बान डरणा छन ?
   
                 चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )       

   पैल हमम भौतिक उपकरण , भौतिक सुविधा कम छे त डौर बि कम छा।  अब भौतिक सुख सुविधा  बिंडी ह्वे गेन ; शहरीकरण बढ़ गे ;  संस्कृति रोज बदल्याणि च तो नया नया डौर बि आणा छन।  मीन कुछ खोज करिन अर पता लगाइ कि कु क्यांक बान अर किलै डरणा छन।
मनमोहन सिंग डरणा छन कि कखि  कॉंग्रेस 2014 का लोकसभा चुनाव जीति ग्यायि तो ऊँक नाम इतिहास मा रालो ही ना जन नरसिम्हा राव कु  नाम क्वी बि कॉंग्रेसी नि लींद।  अर भाजापा चुनाव जीति जालि तो मनमोहन सिंग कु नाम  इतिहास मा अवश्य अमर रालो पर भाजापा का इतिहासकार मनमोहन सिंग तैं किदालु साबित करि द्याला।
राहुल गांधी इलै नि डरणा छन कि कॉंग्रेसन लोकसभा चुनाव नि जितण किलैकि ये बगत चुनाव त हरण इ च , राहुल गांधी इलै डरणा छन कि ऊं तैं नई लोकसभा मा विरोधी दल कु नेता बणन पोड़ल अर जै तैं नेतागिरी करण इ नि आंद वू विरोध क्या ख़ाक कारल ?
भाजापा का भौत सा बुड्या नेता इलै डरणा छन कि कखि नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बौण गे तो अच्छी खासी उमरम वानप्रस्त जीवन बिताण पोड़ल।
सुसमा स्वराज सरीखा नेता बि डर्यां छन कि कखि नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बौण गे तो अग्वाड़ी का दस साल तक तो सुसमा स्वराज जन नेताओं कु प्रधान मंत्री बणनो क्वी चांस नी रालो अर दस साल बाद ऊंकी पूछ हूण से रै !
अरविन्द केजरीवाल डर्युं च कि कखि वु  प्रधान मंत्री बौण गे तो क्या राष्ट्रपति का विरुद्ध अनसन करे जालु या अपण विरुद्ध अफिक  अनसन मा बैठण पोड़ल !
कॉंग्रेस का द्वी डौर छन।  यदि आप पार्टी तैं अपरोक्ष सपोर्ट नि करदि तो भाजापा चुनाव जीति जाली अर यदि आप पार्टी कुछ सीट लांदी बि च तो आम आदमी पार्टी से जादा नुक्सान तो कॉंग्रेस कु ही हूण।  भूतकाल मा अपरोक्ष रूप से मुलायम , मायावती , लालू तैं सपोर्ट करण से नुकसान तो कॉंग्रेस कु ही होइ।
भाजपा डरीं च कि यदि उड़ीसा मा नवीन पटनायक  तैं गाळि नि दींदी तो ओडीसा मा भाजापा तै पुछण वाळ कैन नि रौण अर बीजेडी तैं गाळि दींदी तो आण समय मा नवीन पटनायक से सपोर्ट कनै लीण ? इनी भाजपा तमिल नाडु , बंगाल मा बि डरीं च।
लाल टुपल्या कम्युनिस्ट बि डर्यां छन तिसर मोर्चा की सरकार नि बौणल तो दुसरो पीठ मा फ़ोकट मा सत्तु छोळणो मौक़ा फिर कब मीलल ?
डर्यां त सट्टा बजार का सटोरिया बि छन कि नरेंद्र मोदी नि जीतल तो ऊंक अरबों रुपया नुकसान की भरपाई कखन ह्वाल ? आईपीएल से तो यु नुकसान भरपाई हूण से राइ !
हां उद्योगपति कतै नि डर्यां छन किलेकि सरकार कैक बि बणलि तो  हरेक सरकार बुबा बोलिक उद्योगपतियुं  स्वार्थ पूर्ती कारली !
इन मा नरेंद्र मोदी से जादा अमित शाह डर्युं च कि कखि चुनाव मा भाजपा का कुछ नेता ऊनि भाई-घात , धोखा कौर द्याल जन भाजपा नेताओंन  वी सी खंडूरी तैं हराणो बान विश्वासघात करी छौ तो ?
आप क्यांसे अर क्यांक बान डर्यां छंवां ?



Copyright@ Bhishma Kukreti  15/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                खुंखार , अनुभवी चुनाव प्रबंधक चयाणा छन !

               चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 आगामी २०१४ का लोकसभा चुनाव मा हरेक राजनीतिक दल का प्रत्यास्यूं वास्ता खुंकार , निर्दयी , विभिन्न विभागुं वास्ता चुनावी प्रबंधक चयाणा छन।
साधारण योग्यता - पुरण जमाना का वोट छापु , बैलेट बॉक्स लुटेरा , वोटरूं तैं डराण वाळ , वोटरूं तैं बैलेट बॉक्स तक नि पौंछण दीण वाळ अनुभवी प्रवीण।  हत्या , लूट -पाट , बलात्कार , आदि कु अतिरिक्त डिप्लोमा आवश्यक च।  यांक अलावा प्रत्येक प्रत्यासी का वास्ता पीत -पत्रकारिता , प्रत्येक माध्यमुं सम्पाद्कुं दगड़ सांठ - गाँठ करण मा दक्ष , झूठी खबर तैं सच खबर बणाणो उस्तादुं  की भी आवश्यकता च।
आवश्यक अनुभव व योगयता -जेल , पुलिस का डंडा खाणो अनुभव , पुलिस हिरासत बिटेन भगणो , चुनाव आयोग तैं गुंठा दिखैक उम्मेदवार तैं साफ़ बचाणो अनुभव।  चुनाव आयुक्त का ठीक ऑफिस तौळ शराब अर नोट बंटवाणो अनुभव।  कम से कम द्वी सालो अनुभव। अनुभव  की अनुपस्थिति मा केजरीवाल विश्वविद्यालय कु सर्टिफिकेट से  काम चल जालु।
पेड़ न्यूज का व्यवस्थापक बि चयाणा छन किन्तु यांक वास्ता आवेदनकर्ता तैं चुनावी प्रत्यासी कु रिस्तेदार हूण जरूरी च।
कुछ ख़ास जगहों बान दुसर प्रत्यास्यूं चुनाव प्रचार नि हूण दीणो वास्ता ख़ास विश्वविद्यालय जन भाई ठाकुर विश्यविद्यालय , राजा भया दबंग यूनिवर्सिटी , सूरज भान टक्करबाज टेक्नीकल इंस्टीट्यूट , पप्पू यादव डराण सिखाण वाळ  संस्थान आदि का पोस्ट ग्रेजुएट बि चयाणा छन .
  विरोधी दल का प्रत्यासी की शिकायत रोज चुनाव आयोग मा अर पुलिस मा FIR लिखाणो वास्ता अनुभवी फौजदारी का वकील स्थानीय स्तर पर अप्वाइंट करे जाल।
     जाती भेद जन कि ख -ब कु मतभेद -मनभेद पैदा करण वाळ पुरण विश्व्विद्यालय का अनुभवी प्रबन्धकुं खास जरुरत च अर यूं अनुभवी किरदारों तैं अग्वाड़ी का चुनावुं मा प्रत्यासी बणाणो योजना हरेक पार्टी मा च।
 पार्ट्यूं अफवाह फैलाणो बान विशेष प्रकोष्ट का वास्ता प्राचीन व अत्याधुनिक तकनीक का धुरंदरों का वास्ता हरेक पार्टी मा विशेष व्यवस्था च। यांक वास्ता पुरण तरां से अफवाह फैलाण वाळुम द्वी चुनावुं अनुभव आवश्यक।  आधुनिक माध्यम जन कि अफवाह या जनता तैं गुमराह करणो वास्ता ऑडियो -वीडिओ सीडी वितरण कु एक चुनाव कु अनुभव आवश्यक।  इंटरनेट माध्यम से अंट संट अफवाह फैलाण वाळु वास्ता चुनावी अनुभव ना बल्कि टेक्नीकल सुप्रीमेसी की आवश्यकता च।  हजारों की संख्या मा सोसल मीडिया से अफवाह फैलाण वाळ  ख़ास गिरोहूं तैं प्राथमिकता दिए जालि।
कुछ ख़ास संसदीय क्षेत्रुं बान हथियारबंद दस्तों की बि जरूरत च। कुछ स्थानुं मा जरुरत वास्तविक च त कुछ जगा हथियारो आवश्यकता प्रतीतात्मक आवश्यकता च
आवेदन करणो स्थल -स्थानीय चुनावी माफिया कार्यालय (जु भौत सि जगा आज प्रत्यास्यूं चुनावी कार्यालय मा तब्दील ह्वे गेन )
आवेदन करणो तरीका - अपण गुनाहगिरी का प्रमाण पत्र लेक सीधा चुनावी माफिया मा पौंछि जावो।
पेमेंट -
सब्युं तैं हार्ड कैश मा पेमेंट होलु। चेक से पेमेंट वर्ज्य च।
इंसेंटिव्स - अच्छा काम करण वाळु तैं भविष्य मा  पार्टी मा विशेष पद मिलणै  पूरी गारेंटी।  गैस एजेंसी , पेट्रोल पंप, सरकारी ठेकेदारी आदि जन इंसेंटिव तो अवश्य ही मीलल।
बेईमानी करण वाळु बान माफिया न्यायालय मा निर्णय होलु जांकि जानकारी निर्णय का बाद बि नि दिए जाली।
आवेदन कर्ता  चुनावी माफियाओं से शीघ्र मिलें !


Copyright@ Bhishma Kukreti  16/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

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                     किलै सतपाल महाराज चुनाव नि लड़न चाणा छन ?

                           चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

सुणन मा आयि याने  कजीरवाळ कु पेड मीडिया से पता चौल कि अपण रेल पुरुष सतपाल महाराज चुनाव नि लड़न चाणा छन । अर बिका हुआ मीडिया से ही जाण कि युवा इलाहाबादी राजकुंवर साकेत बहुगुणा बि टिहरी से चुनाव नि लड़न चाणा छन।
उन त   भ्रष्ट मीडिया रोज बताणु च कि कॉंग्रेस मा क्वी बि चुनाव मा खड़ो ही नि हूण चाणु च अर वा बि कॉंग्रेसक   टिकेट वापस करणी च।
याने  कि 2014 आम चुनाव मा कॉंग्रेस मा टिकटार्थियों से जादा टिकेट वापस करण वाळ जादा छन।
जैं पार्टी का नेता बगैर कुछ कर्याँ रेल पुरुष कु गळपट्टा-कुकुरपट्टा लगैक घुमणु रावो वै तैं चुनाव से त डौर लगण ही च कि ना ?
अब बात बि सै च जब जनता फ़ूड सेक्युरिटी बिल की भकलौण, बहकावा मा नि आलि तो इम्पोर्टेड साकेत बहुगुणा कै मुखन टिहरी का मतदाता कु समिण जालु ?
अब जब इकॉनोमिक रिफॉर्म की डंडली ही सज जावो (देहांत होना) तो अपण वित्तमंत्री पी चिदम्बरम कै हिसाबन  बेशरमी से दांत निपोड़िक वोट मांगल ?
जब मनरेगा कु अर्थ ही भ्रस्टाचार ह्वे जालु तो जगदम्बिका पालन अपण पाळि बदलण ही च कि ना ?
जैं पार्टी कु गृह मंत्री खुलेआम बोली द्यावो कि हम मीडिया कु भुर्ता बणै द्योला तो इन मा भारत कु मीडिया मंत्री याने सूचना -प्रसार मंत्री पर पुट चुनावो  बगत पर खाइ -बाण की बीमारी लगण  च कि ना ?
जैं पार्टी का लोग चारा का चोर  लालू यादव से पल्लाबंद कारल तो वीं पार्टी का सचिन पायलेट तैं चुनावो टैम पर करास लगण च कि ना ?
जैं पार्टी मा उत्तर प्रदेश का कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं से बुले जावो कि मुलायम सिंग अर बहन मायावती हम तैं केंद्र मा सपोर्ट करणा छन तो यूं का पाप लोगुं समणि नि लाण तो इन मां उत्तर प्रदेस मा कॉंग्रेसन खज्याणि च अर खुजेक बि असली संघर्षशील कॉंग्रेसी मिलण कठण होलु कि ना ? जैं पार्टिन संघर्ष तैं तिलांजलि दे दे हो उख बुरु बगत पर चुनावी उम्मेदवारुं अकाळ पड़ण लाजमी च कि ना ?
जैं  पार्टी का शहजादा 2014 मा देस तैं सन 2024 कु  खाका दीणो जगा   सन 2002 की याद दिलावो त अवश्य ही या पार्टी दिमागी अर विचारुं  मामला मा दिवालिया ही ह्वे गे तो कु कॉंग्रेसी नेता चाला  कि वु चुनावी आग मा भड़ये जावन  ?
जैं पार्टी कु अर्थ ही नेहरू -गांधी पार्टी ह्वे जावो अर कॉंग्रेसी  कार्यकर्ताओं की पूछ केवल चुनावी समय मा ह्वावो तो वीं पार्टी मा बुर बगत पर नेता भगौड़ा होला ही कि ना ?
उन ये मामला मा भाजपा बि कॉंग्रेस की कार्बन कॉपी छ कि ना ?

Copyright@ Bhishma Kukreti  17/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 


Bhishma Kukreti

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                            सन 2114 मा चुनावी खबरूं जायका कु जायजा

                           चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती       
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

खबरूं पर जैन शाहू एकाधिकार एजेंसी (जु पैल टाइम्स ऑफ इंडिया छौ ) की एकाधिकार संवाददाता न खबर दे कि लोक सभा चुनाव मा नेहरू गांधी मंडल  (पुरण रायबरेली ) बिटेन कॉंग्रेस बिटेन डौली बाड्रा अर भाजपा बिटेन पेट्रीसिया बाड्रा का बीच घमासान चुनावी युद्ध छिड़ी गे।  आशंका ही ना पूरी उम्मीद च कि डौली बाड्रा अर पेट्रीसिया बाड्रा  चुनाव मा अपण पड़ ददा रॉबर्ट बाड्रा की हरयाणा , राजस्थान , उत्तराखंड की जमीन जायजाद कु झगड़ा तैं चुनावी मुद्दा बणाण वाळ छन।  एक ख़ास खबरचीनन  खबर खोजी कि यूं दुयुंन एक जमीन कु बिचौलिया बिशाल पाल सिंग की मध्यस्तता मा निर्णय ले कि यी द्वी बैणी  अपण पड़दादी प्रिंयका गांधी तैं ये बार चुनावी मुद्दा नि बणाला।  पाठ्कुं तैं याद दिलै द्यूं कि पिछ्ला चुनाव मा यूं दुयुंन  अपण पड़ दादी प्रियंका गांधी तैं चुनावी मुद्दा बणै छौ त पिछ्ला चुनाव यूं दुयुंकी चचेरी बहिन अगाथा बाड्रा मुलायम सिंग पार्टी (ज्वा पैल समाजवादी पार्टी छे ) से चुनाव जीती गए छे।  अबै दैं यी द्वी बैणि नि चांदन  कि यूंकि चचेरी बैणि फैयदा उठाऊ।  जख तलक नेहरू -गांधी मंडल की छै विधान सभा क्षेत्र कु सवाल च पिछ्ला विधान सभा चुनाव मा डॉली बाड्रा का तीन नौनी  , पेट्रीसिया बाड्रा का एक बेटा  अर एकबेटी अर अगाथा बाड्रा कु बेटा विधायक छन।
न्यूजूं  पर दुसर नम्बरो एकाधिकारी अम्बानी एजेंसी न एक सर्वे करायी त पायी कि पूरबी उत्तर प्रदेश पर मुलायम सिंग पार्टी , दक्षिण उत्तर प्रदेश पर शिवपाल यादव पार्टी , मध्य उत्तर प्रदेश पर राम गोपाल पार्टी कु दबदबा च।  ख्याल रहे कि यी सब पैल सन 2014 मा समजवादी पार्टी का नाम से चुनाव लड़दा छा अर सन 2020 मा तिनि भायूँन पार्टी कु बंटवारा कार जांसे उत्तर प्रदेश पर यादव राज हे रावो ।   पश्चमी उत्तर परदेश पर चौधरी चरण सिंग पार्टी ही राज कारल।
खबरूं तीसरी बड़ी एकाधिकार कम्पनी अगरवाल फाउन्डेसनन गढ़वाल का बारा मा खबर दे कि टिहरी मा महाराजा बंश अर हेमवती नंदन वंश की परम्परागत लड़ाई ही चौलल , पौड़ी मा खंडूरी वंश अर रावत वंश की लड़ाई बीच रस्ता मा ऐ गे तो हरिद्वार मा रमेश पोखरियालका झड़नाती अर  हरीश रावत का पड़नाती चुनावी मैदान मा छन।  पोखरियाल खानदान या रावत खानदान मादे लोक सभा चुनाव वी जीत सकुद जैक दगड़ भूतपूर्व लंढौरा नरेश खानदान  ह्वाऊ।  पाठकुं तैं याद दिलै द्यूं कि लंढौरा रियासत 1857 का करीब एक्जिस्टेंस मा ऐ छे अर 1947 से लेकि 2114 तलक ये विधान सभा क्षेत्र पर लंढोरा नरेश का कुनबा ही चुनाव जितद।
खानदानी सर्वेक्षण एजेंसी का अनुसार सन 2114 मा भारत मा 514 लोक सभा सीटुं मा सन 2014 का लोक सभा सदस्यों का पड़नाती , पड़नातण या झड़नाती -नातण ही चुनाव लड़ना छन।   बंचनेरुं तैं बताये दिए जाव कि सन 2019 मा सबी पार्ट्यूं का मध्य एक गुप्त समझौता ह्वे छौ कि आज से चुनाव टिकेट केवल संसद सदस्य या विधायकों का बेटा या बेटी -जवाईं तै ही दिए जाव अर आज 2114 मा सबी विधायक अर लोक सभा सदस्य 2019 का नेताओं का खानदान का ही छन।
ये बगत चुनावी मुद्दा जनता का वास्ता सुख सुविधा नी  च ये बगत त हरेक उम्मीदवार अपण खानदान कि इतिहास बताणु च।  हरेक पार्टी उम्मीदवारन अपण मेनोफेस्टो मा केवल अर केवल अपण खानदानी इतिहास छाप अर पार्टी मेनिफेस्टो मा बि उम्मेदवारुं इतिहास दिए गे।
एक सर्वेक्षण कु हिसाब से ये बगत वोटर्सन  बि चमकते खानदानी उम्मीदवारो तैं वोट दीणो  सोची याल इलै ये चुनाव मा राजनैतिक पार्टी महत्वपूर्ण नी च अपितु खानदानी उम्मेदवार महत्वपूर्ण च। इख तलक कि कम्युनिस्ट उम्मीदवार बि अपण खड़ददा ,   पड़ददा कु कम्युनिस्ट आंदोलन मा योगदान का भाषण सुणाणा छन।  इनी कजीरवाल खानदान पार्टी का उम्मेदवार अरविन्द केजरीवाल की जीवनी पुस्तक 2114 का चुनाव मा घर घर बांटणा छन। 
इस चुनाव को  खानदान की नाक बचाने वाला चुनाव कहना अधिक तर्कसंगत है। 



Copyright@ Bhishma Kukreti  18/3/2014

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 


 

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