Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 361174 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

                                               क्या मुझे कॉंग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए ?

                                 घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

घरवळि -तुम से त कुछ बि उम्मीद लगाण बेकार च।
मि -ह्यां क्या ह्वाइ ?
घरवळि -तुम से भलो तो वो हारीलाल ही ठीक छौ।
मि -कु हरिलाल ?
नौनु -पापा ! वो देहरादून में नही है एक अंकल जो जब भी कोई हारता है  अंकल उसकी तरफ चले जाते है।  जब पाकिस्तान युद्ध हार गया था तो अंकल पाकिस्तान जाने के तयार हो गए थे।
मि - पर ये बगत हरिलाल कु प्रसंग किलै आई ?
नौनु - कॉंग्रेस पार्टी 2014 का चुनाव जो हार गई है।
मि -तो ?
घरवळि -तो क्या ! तुम तैं कॉंग्रेस मा शामिल नि हूण चयेंद ?
मि -क्या कॉंग्रेस मा शामिल हूण चयेंद ?
घरवळि -हाँ , तुम अबि कॉंग्रेसौ ऑफिस जावो अर कॉंग्रेस मा भर्ती ह्वे जावो।
मि -हैं ! उल्टी अहल्या कहींकी ! अरे अजकाल त कॉंग्रेसी भाजपा मा जाणो भगणा छन अर तु बुलणि छे कि कॉंग्रेस मा भर्ती ह्वे जा !
घरवळि -नै नै ! 130 साल पुराणी कॉंग्रेस मा भर्ती हूणों टैम च।
मि -भागवान ! तृणमूल कॉंग्रेस , वाईएसआर कॉंग्रेस का लोग गुंदकी खाणो उम्मीद मा भाजपा मा शामिल हूणा छन अर तू आदेश दीणी छे कि मि तैं कॉंग्रेस ज्वाइन करण चयेंद।
घरवळि -हाँ फिर भी तुम तैं कॉंग्रेस ज्वाइन करण ही चयेंद।
मि -भौत  सा आम आदमी पार्टीका लोग , इख तलक कि भौत सा बामपंथी विचारधारा का लोग अब आरएसएस की विचारधारा तैं है भारत लैक समझिक भाजपा का द्वार पर खड़ा हुयां छन।  जख मिठु तख मक्खी अर किरम्वळ।
घरवळि -कॉंग्रेस तैं तुम्हारी जरूरत च।
मि -पर किलै च कॉंग्रेस तैं मेरी जरूरत ?
घरवळि -चूँकि कॉंग्रेस तैं विरोध करण कतै नि आंद तो तुम कॉंग्रेस मा भर्ती ह्वे जावो !
मि -क्या मतबल ? कॉंग्रेस तैं विरोध करण नि आंद ?
घरवळि -हाँ ! कॉंग्रेसी सरकार त चलै सकिद पर जब बि विरोध करण ह्वावो तो कॉंग्रेसी फिस्सड्डी साबित ह्वे जांदन।
मि -जन कि ?
घरवळि -जन कि सि परसि (27 /5 /2014 ) चुनाव हर्युं अजय माकनन  ई -बयान दे बल चूँकि स्मृति ईरानी ग्रेजुएट नी च त वा मानव संसाधन मंत्री लैक नी च।
मि -हाँ बहस लैक विषय त छ कि ना ?
घरवळि -ख़ाक च यु बयान बहस लैक ? जब विरोधी पार्टी सरकारी पार्टी पर भागार , अभियोग , लांछना लगावो तो सरकारी पार्टी तैं कैं मुद्रा मा आण चयेंद ?
मि -जब बि विरोधी पार्टी सरकारी पार्टी पर अभियोग लगावो तो सरकारी पार्टी तैं डिफेंसिव मोड याने रक्षात्मक मुद्रा मा आण चयेंद।
घरवळि -पर ब्याळि त विरोधी दल कॉंग्रेस का नेता अजय माकन का बयान से भाजपा आक्रमक मुद्रा मा छे अर कॉंग्रेस डिफेंसिव मोड मा छे।
मि -हाँ टीवी चैनलों मा बहस का दौरान इन लगणु छौ जन बुल्यां कॉंग्रेसन क्वी बड़ो भारी गुनाह कर दे हो अर भाजपा का प्रवक्ताओंन  कॉंग्रेस तैं अभियुक्त साबित करी दे।
घरवळि -द्याख नी तुमन ! भाजपाई कॉंग्रेसी प्रवक्ताओं से पुछणा छा कि सोनिया गांधी मा क्वा डिग्री छे , इंदिरा गांधी कथगा पढ़ीं लिखीं छे ? ग्यानी जैल सिंग कै कॉलेज गे छा ?
मि -अर विचारा कॉंग्रेसी जबाब बि नि दे सकणा छा।
घरवळि -अर हरेक कॉंग्रेसी अलग अलग रक्षात्मक भौण मा जबाब दींद दै रुणफती हूणु छौ।
मि -अजय माकन का बयान से कॉंग्रेस्यूं मा ही फूट पड़ीं दिखेणी छे अर भाजपा मा गजब की एकता !
घरवळि -जब बि आक्रमण करण ह्वावो तो क्या करण चयेंद ?
मि -जब बि चाहे राजनैतिक आक्रमण ही किलै नि ह्वाउ आक्रमण हमेशा शत्रु का  सबसे कमजोर पक्ष /नस पर करण चयेंद कि शत्रु तिलमिला उठे , शत्रु त्राहिमाम त्राहिमाम करण लग जावो ! आक्रमण से शत्रु का सैनिकों मा भगदड़ मचण चयेंद।
घरवळि -पर इख त कॉंग्रेसन बचकाना आक्रमण कार अर आक्रमणकारी ही त्राहिमाम -त्राहिमाम करणु छौ अर कॉंग्रेस मा भगदड़ मचीं छे , कॉंग्रेस मा ही घपरोळ  मचि गे अर अपणा ही तीर से कॉंग्रेस घायल ह्वे गे।
मि -भई ! कॉंग्रेस इथगा दिन सरकार मा राइ तो कॉंग्रेस्यूं तैं विरोध करण कतै नि आंद।
घरवळि -तबि त मि बुलणु छौं कि तुम कॉंग्रेस मा शामिल ह्वे जावो अर कॉंग्रेस तैं आक्रमण रणनीति सिखावो कि आक्रमण से शत्रु घैल हूण चयेंद ना कि आक्रमणकारी। 
मि - हाँ आक्रमणकारी तैं विरोधी की दुखती रग दबाण चयेंद ना कि अपणी दुखदी नस ही दबै द्यावो।
घरवळि -आक्रमण से विरोधीक   ड्यार आग लगण चयेंद ना कि अपण कैम्प मा ही अग्यो ह्वे जावो। इलै इ त मि बुलणु छौं कॉंग्रेस तैं विरोध करण सिखाणो बान तुम कॉंग्रेस मा शामिल ह्वे जावो।



Copyright@  Bhishma Kukreti  29/5/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]



Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                                     नरेंद्र मोदी सठिया गेन क्या ? परजामा मा चलि गेन क्या ?

                               घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

घरवळि -मै लगद नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री गद्दी मा बैठदा इ परजामा मा चलि गेन।
मि -भला बचन बोल।  प्रधानमंत्रीक कुर्सी मा बैठदा इ नरेंद्र मोदी की हाम -ख्याति हिमाला पाड़ पल्तिर चीन अर सात समोदर पार अमेरिका तक पौंछि गे।
घरवळि -नै नै मै लगद नरेंद्र मोदी जीक दिमागी हालात जरा ढीली -ढाली चलणि च।
मि -ह्यां नरेंद्र भाइन क्या ठोक बजैक अपण मंत्रिमंडल गठन कार , शिव सेना त दूर बिचारा लालकृष्ण आडवाणी अर डा मुरली मनोहर जोशी तक बि चूं नि करि सकिन।
घरवळि - हाँ मी बि जाणदु कि अटल बिहारी वाजपई जीक टैम पर टीडीपी का चन्द्र बाबू नायडू हैदराबाद मा हुंकार भरदा छा तो वाजपई जीका संदेशवाहक केंद्रीय मंत्री आंध्रा का वास्ता बुर्या भौरिक बजट ली जांद छौ अर आज चन्द्र बाबू नायडू एकेक मंत्रिपद का वास्ता नरेंद्र मोदीक ड्वार पर खड़ो रौंद।  अहा कबि चन्द्र बाबू नायडू दिन मा केंद्रीय बजट तीन  बेर खांदु छौ अर अब दिन मा तीन बेर केंद्रीय सहायता का वास्ता प्रार्थना करदु।  चन्द्र बाबू नायडू वाजपई जी से हुक्का भरवांदु छौ अब चन्द्र बाबू नायडू नरेंद्र मोदीक हुक्का भरदो।
मि -देखि लि  सि नरेंद्र मोदी की करामाती ताकत । 
घरवळि - पर अब लगणु च कि नरेंद्र मोदी की दिमागी हालात सठियांण वळि हुईं च।
मि -अरे इन किलै बुलणि छे तू ?
घरवळि - क्वी बि चीफमिनिस्टर  प्राइम मिनिस्टर अपण मंत्र्युं तैं इन हिदायत तबि दींदु जब वु /वा परजामा मा गयुं हो।
मि -नरेंद्र मोदीन अपण मिनिस्ट्र्युं तैं क्या हिदैत दे कि त्वे लगणु च कि नरेंद्र मोदी परजामा मा हिदायत दीणु च ?
घरवळि -मोदी जीन अपण मंत्र्युं तैं हिदैत दे कि अपण रिस्तेदारूं तैं अपण पर्सनल सेक्रेटरी नि बणैन अर अपण रिस्तेदारुं तैं अपण मंत्रालय का ठेका नि देन।  मि तैं नरेंद्र मोदीक हिदायत पर बड़ी जोर की हौंस आणि च।
मि -इखमा हंसणै बात क्या च ? मोदीजीन सही सलाह दे निथर भाजपा  मंत्र्युं तैं बि पूर्व रेलमंत्री पवन बंसलौ तरां भाणजौ कुकर्मो से कुर्सी गंवाण  पोड़ल अर अपण पार्टी की बेज्जती अलग से ह्वेली।
घरवळि -हाँ पर यु जमानो सतयुग कु नी च कि लोग मंत्री जनसेवा का वास्ता बौणन आज तो कलियुग च अर मंत्री इलै इ बणे जांद कि घौर  -गुठ्यार रुपयों से भौरे जाव।
मि -नै नै  ……
घरवळि - नै नै क्या ? मंत्री अपण द्वी नंबरौ पैसा की हिफाजत  वास्ता ही अपण ख़ास पीठि उँदाक रड्यां रिस्तेदार तैं अपण पीए याने पर्सनल सेक्रेटरी बणान्दन  अर रिस्तेदारुं  नाम से अपण मंत्रालय का ठेका लीन्दन। घूस का पैसा , काळो पैसा की हिफाजत का वास्ता मंत्री अपण मंत्रालय मा भाई -भतीजाबाद की सड्याण लांदन।
मि -नै नै ! भाजपा भाई भतीजाबाद से दूर च।
घरवळि -अच्छा ?
मि -हाँ !
घरवळि -तो इन बतावदी कि टिहरीक सांसद क्वा च ?
मि -भूतपूर्व सांसद की बहू।
घरवळि -राजस्थान क मुख्यमंत्री का पुत्र क्या च ?
मि -भाजपा सांसद।
घरवळि -छत्तीसगढ़क मुख्यमंत्री नौनु क्या च ?
मि -भाजपा का सांसद।
घरवळि -प्रमोद महाजन की पुत्री भाजपा सांसद , कल्याण सिंह कु नौनु सांसद , भूतपूर्व सांसद धर्मन्द्र की पत्नी हेमामालिनी सांसद , भूतपूर्व मुख्यमंत्री धुमाल कु पुत्र सांसद , झारखंड मा यशवंत सिन्हा कु पुत्र सांसद, नदुरबार की सांसद भूतपूर्व मंत्री की पुत्री ।  दसियों उदाहरण छन जखमा सिद्ध हूंद कि भाजपा मा भाई -भतीजाबाद उथगा इ च जथगा कॉंग्रेस मा च  अर  …।
मि -अर क्या ?
घरवळि -भाजपा का सहयोगी दल  जन कि शिव सेना , अकालीदल , टीडीपी , अपना दल, लोक जन शक्ति आदि तो निखालिश पारिवारिक पार्टी ही छन।
मि -त्यार बुलणो मतबल क्या च ?
घरवळि -म्यार बुलणो मतबल या च कि जख पार्टी मा ही भाई भतीजावाद, परिवारवाद  तै तहरीज याने महत्व दिए जावो ऊख मुखिया द्वारा मंत्र्युं तैं भाई भतीजावाद का विरुद्ध दियीं हिदैत , सलाह , इन्सट्रक्सन सब बेकार जांदन। अर नरेंद्र मोदी की सरकार मा बि भाई भतीजावाद की गंध , बॉस , सड्याणन फलण च फुलण च। 
मि -पर हम तैं आशा करण चयेंद कि मोदी मंत्रिमंडल मा भाईभतीजावाद पर लगाम लगल।
घरवळि -चाँद त हम सबि बि यी छंवां कि नरेंद्र मोदी ईं निपोटिज्म , भाई भतीजावाद , रिस्तेदारीवाद की गंदगी तैं साफ़ कारो।
मि -लेट अस हॉप फॉर दि बेस्ट।  भला की आस मा रौण ही बेहतर च।



Copyright@  Bhishma Kukreti  30/5/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

--

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                             भौं भौं राजनीतिज्ञों अगला सौ दिनौ अलग अलग प्राथमिकता

                             घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

अचकाल सब्युं पर मोदीफिलेसिया (मोदी से प्यार ) सॉरी गे , इख तलक कि रोज सुबेर सेक्युलरिज्म नक्वळ (नास्ता )  खाण वाळ नेता अजकाल डेवलपमेंट का ब्रेकफास्ट करणा छन। इनि जब 27/5/2014s कुण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीन अपण मंत्र्युं कुण अगला सौ दिनूं प्राथमिकता बणानो ब्वाल त सरा भारत मा हरेक राजनीतिज्ञ अगला सौ दिनौ कुण अपणी  प्राथमिकता बणाण मा व्यस्त ह्वे गेन।
मीन स्वाच कि यदि मि विभिन्न नेताओं से मुखाभेंट करलु अर पुछलु कि -नेता जी आपक अगला सौ दिनौ कुण प्राथमिकता क्या च तो उत्तर इन ह्वाल -
बाबा रामदेव - में पर लग्यां कोर्ट केस खतम करण मेरी प्राथमिकता च अर अगला साठ मैना तलक  तक यही प्राथमिकता राली।
डा मुरली मनोहर जोशी - बुड्यान्द दैं क्या प्राथमिकता ह्वे सकद ? एक महत्वपूर्ण मंत्रालय पाण और क्या ?
डा रमेश निशंक -कै बि तरांसे बीसी खंडूड़ी अर कोशियारी तैं मंत्री बणन से रुकण ही मेरी प्राथमिकता छे अर ताउम्र राली।
सतपाल महाराज - बस कुछ विधयाको तैं कॉंग्रेस से दल बदलाण  अर हौर क्या ?
हरीश रावत - हरेक भाजपा विधायकों तैं ससंदीय सचिव बणाण मेरी प्राथमिकता च।
महारष्ट्र कु कॉंग्रेसी - महराष्ट्र मा हमन आण वाळ विधान सभा चुनाव त जितण नी च त मेरी प्राथमिकता च कि इन बहाना खुजे जाव कि खुद हाइ कमांड मेकुण चुनाव नि लड़णो कमांड दे द्यावो।
महारष्ट्र कु भाजपा नेता - मि तैं पता च कि अबै दैं भाजपा -शिव सेनान विधानसभा चुनाव जितण त  अगला सौ दिनौ कुण मेरि प्राथमिकता च कि भाजपा मा अपण  विरोध्युं सफाया करे जावु।
सुशील कुमार शिंदे - अगला सौ दिन मा मि वुं महारष्ट्र का वुं कॉंग्रेस्यूं तैं एक्सपोज करुल , नंगा  करुल जौन पार्टीघात करिक मे तैं हरायी ।
अरविन्द केजरीवाल - अगला सौ दिन मा मि  सौ -द्वी सौ U -Turn लीणो प्लान बणानु छौं।
मुलायम सिंह यादव - अगला सौ दिन तक मि अर लाल कृष्ण आडवाणी जी कै मानसिक चिकित्सालय की खोज मा रौला जख जैक हम द्वी प्रधान मंत्री बणनो भूत उतारणो इलाज करौला।
हरयाणा कु मंत्री - अगला चुनाव तो हमन जितण नी च तो अगला सौ दिन मा मीम एकी प्राथमिकता च कि मि वूं फाइलुं तैं जळाणु रौल जैमा पकड्याणो डौर हो।
कमल नाथ - मेरी त एकि प्राथमिकता च कि मि कनकैक बि मि लोकसभा मा लीडर ऑफ अपोजिसन बौण जौं।
विजया राजे सिंधिया - कै बि तरां से अपण युवराज तैं केंद्रीय मंत्री बणवै द्यूं।
यशवंत सिन्हा, कल्याण सिंह ,धुमाल , रमण  सिंह, रामविलास पासवान - हम सबकी अगला सौ दिन मा एकी प्राथमिकता राली कि हमर शहजादा केंद्रीय मंत्री बौण जावन !
जसवंत सिंह -अगला दिनों सौ मा मेरी एकी प्राथमिकता च कि " घर का बुद्धू लौंडे के साथ घर को लौट आया" कहावत तैं चरिथार्त करूँ ।
लालू प्रसाद यादव - कै बि तरांसे नीतेश कुमार का जड़नाश !
नीतेश कुमार - अपण कपाळ फोड़न और क्या ?
ममता बनर्जी - मै प्राथमिकता से नही हूँ बल्कि प्राथमिकता मेरे से है ।
करुणा निधि - कै बि तरांसे मेरी बेटी जेल जाण से रै जाव।
 कॉंग्रेसी नेता - राहुल गांधी पर टिक्वा/टेक  लगाण कि जांसे वो नेता लैक व्यवहार करण लग  जावन।
सोनिया गांधी - अपण नौनाक भविष्य की चिंता मा नींद नि आदि तो नींद आणो बान कैं दवाई की खोज मेरी प्राथमिकता च।
आजम खान - म्यार भैंसु देखभाल का वास्ता टिप टॉप -चुस्त पुलिस इंस्पेक्टर की खोज अर वैक अप्वाइंटमेंट करण मेरी प्राथमिकता च
डिम्पल यादव - ससुर जीक समिण विरोध्युं तैं गाळी दीण सिखण मेरी प्राथमिकता च।
मायवती (पर्ची मा पौढ़िक ) - उत्तर प्रदेश माँ हर रेप पर मि प्रेस कॉन्फ्रेंस करुल कि उत्तर प्रदेश मा राष्ट्र पति शासन लगावो।
अखिलेश यादव - अगला सौ दिन मा बलात्कार केसुं कु विश्व रिकार्ड तुडन मेरी प्राथमिकता च।


Copyright@  Bhishma Kukreti  31/5/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                     हैलो ग्राहक ! अब त अच्छा दिन ऐ गेन तो  कुछ तो खरीदो !

                          घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

विक्रेता -हैलो ! श्रीमती ग्राहक !
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) - देखो ! अंक्वैक ब्वालो।  मि मिसेज कंज्यूमर बुलणु छौं।
विक्रेता -सॉरी मैडम ! अब अच्छा दिन ऐ गेन त मीन समज हिंदी का बि अच्छा दिन ऐ गे होला।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -अच्छा दिनुं मतबल यी थुका च कि अंग्रेजीs  दिन बुरा ऐ जाल।
विक्रेता -सॉरी हाँ ! त मिसेज कंज्यूमर ! क्या आपम खाली समय च ? मीन एक मिनट बात करण छे।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -समौ ही समौ च। अचकाल छंटनी वजै से खाली छौं।
विक्रेता -पर म्यार कंज्यूमर डाटा बतांदु कि आप सरकारी विभाग मे छया तो छंटनी को क्या काम ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -हाँ पर मि कंट्रैक्ट टीचर छौ तो सरकारन मंदी -रिसेसन मा छुट्टी कर दे।
विक्रेता -वेरी सॉरी हाँ !
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -थैंक यू ! चलो क्या काम च ?
विक्रेता -मि पुछणु छौं कि अब त सोळा मई 2014 से अच्छा दिन ऐ गेन तो तुम कब से खरीदी दुबर शुरू करिल्या ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -कुछ पता नी च। पर इन बतादी त्यार हिसाबन क्या खरीदे जाव ?
विक्रेता -तुम नई कार कब खरीदणा छंवां ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -नै नै ! सबी कार टीवी मा त भला लगदन पर असलियत कुछ हौर ही हूंद।  हम अबि अपण पुरण कार से ही काम चलै ल्योला। जब तक या पुरणि कार काम दीणी च नै कार नि खरीदण।
विक्रेता -तुमर हिसाब से कब तलक नई कार खरीदेल्या ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -भई वित्तमंत्री अरुण जेटली क हिसाब से देस की बिगड़ी आर्थिक दसा सुधरद सुधरद तो द्वीएक साल त लग जाल।
विक्रेता -पर जब तक तुम सरीखा डबल इनकम ग्रुप ग्राहक दुबर खरीदी शुरू नि करिल्या देस  आर्थिक दसा  नि सुधर सकिद ।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -अरे ! ब्याज इथगा बढ़ गे कि कार की कीमत से ज्यादा ब्याज ह्वे जांद।  जब तलक ब्याज दर अर मंहगाई कम नि होंदि हम नई कार क्या कारौ सीट नि बदल सकदां।
विक्रेता -जब तक आर्थिक स्थिति नि सुधरदी तब तक रिजर्ब बैंकन ब्याज कम नि करण।   जब तक बिजनेस मैनुं  तैं भरोसा नि ह्वाओ  कि तुम ग्राहक खरीदी करणो या खर्च करणो बिलकुल तयार छंवां तब तक उद्योगपतियोंन  निवेश नि करण।  आर्थिक  सुधार का  वास्ता तुमर खर्च करण आवश्यक च।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -अर ब्याज कम नि हो , मंहगाई कम नि होलि तो हम खरीदी शुरू नि कौर सकदां।
विक्रेता -चलो  फ़्लैट ही ले ल्याओ ! यांसे ही आर्थिक मंदी दूर ह्वेली।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -अरे ! तुम नया घर खरीदणो बात करणा छंवां।  पांच  साल से घौर पेंट नि कार !
विक्रेता -पर  …?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -क्या पर ?हम  चार साल से खिड़क्यूँ पर्दा नि बदल सकणा छंवां अर तुम ....
विक्रेता -या तो बड़ी गंभीर स्थिति च जब तक तुम कार , नया घौर नि खरीदल्या आर्थिक स्थिति ठीक नि ह्वे सकद। 
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -अवश्य ही नरेंद्र मोदी ये बजट मा टैक्स कम करण वाळ च।
विक्रेता -टैक्स रियायत का पैसा से तुम  खरीदी करिल्या ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -कुछ ना।  अबि फ्लैटक द्वी सालौक हाउस टैक्स दीण बाकी च।  टैक्स रियायत  पैसा से बकाया हाउस टैक्स भरला हम।
विक्रेता -अरे तुम खिड़क्यूँ नया पर्दा नि खरीदल्या , कार , घौर नि खरीदल्या तो अरुण जेटली कनकै आर्थिक मंदी खतम कारल ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -हमन आर्थिक दसा सुधारणो वास्ता नरेंद्र मोदी तैं जिताइ अर हम तैं नरेंद्र मोदी पर पूरो भर्वस  च ।अबि त मेरी चिंता च कि अपण नौनु तैं केँ बढ़िया कॉलेज मा भरती करौवां अर वांक वास्ता हम अपण रिस्तेदारुं से लोन लीणो विचार करणा छंवां।
विक्रेता -अच्छा कुछ हौर नई चीज वस्तर खरीदणो क्वी विचार ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -इच्छा तो छैं च कि पुरण टीवी बेचिक क्वी सस्तो एलसीडी टीवी खरीदाँ किलैकि सि फूटबाल वर्ल्ड कप आण वाळ च।  भलो थुका लगद कि एलसीडी मा अपण बच्चा फूटबाल मैच दिखणो पड़ोस्युं घौर जावन।
विक्रेता -पर एलसीडी टीवी की खरीदी तो कोरिया , चीन , जपान की आर्थिक स्थिति सुधारल . मी भारत की आर्थिक स्थिति की बात करणु छौं।
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -हाँ पर हम अबि कुछ बि चीज -वस्तर खरीदणो मूड मा नि छंवां।
विक्रेता -देखो मिसेज कंज्यूमर ! आपका यु कुछ बि नि खरीदणो मूड देस का वास्ता बड़ा खतरनाक च।  जब तक तुम कुछ नि खरीदल्या तो आर्थिक समस्या दूर नि ह्वे सकद।  मै लगणु तुम भारतवासी ही  हमारी बरबाद आर्थिक दसा का जुमेवार छंवां।  यदि तुम सरीखा देशभक्त भारत वासी खर्चा नि करिल्या तो कनकैक आर्थिक दसा सुधरली ?
ग्राहक्याण  ( मिसेज ग्राहक) -चिंता नि कारो ! नरेंद्र मोदी जी अफिक सब ठीक ठाक कर द्याला !



Copyright@  Bhishma Kukreti  1/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                         भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री से कॉंग्रेस की हार पर बातचीत

                          घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


कॉंग्रेस 2014s  लोकसभा चुनाव हारी त गे पर अबि तलक पता नि चौल कि इथगा बुरी तरां से कॉंग्रेस चुनाव किलै हार । यदि मेरी बातचीत कै भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री से हो तो वा बातचीत इन होली।
मि -ब्याळै मंत्री जी ! या रौंका धौंकि किलै ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे मंत्री निवास जि छुड़ण पड़णु च तो लोकनिर्माण मंत्री से कनेक्सन जुगाड़ भिडाणु छौं कि सरकारी आवास की सुविधा रावो।
मि -पर दिल्ली मा त आपक आलिशान बंगला छन फिर चिंता क्यांकि ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -म्यार दिमाग खराब हुयुं च जो मि ब्याळै मंत्री ह्वेक अपण बंगला मा रौं।
मि -हाँ ! या बात त सै च।
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -हाथी मर भी जाए तो लाख का होता ही है , मंत्री ना सही हूँ।
मि -कुछ पता बि चौल कि कॉंग्रेसै इन कुगति किलै ह्वे ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -भै ! सुणन मा आणु च कि राहुल जी  आसपास का लोग खोज मा लग्यां छन।  जैदिन कॉंग्रेस का अधिकृत बयान ऐ जाल मि बि धड़ले से बोली द्योलू कि कॉंग्रेस की हार का क्या कारण छन।
मि -फिर बि आप का ख़याल से क्या क्या ख़ास कारण रै होला ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -मेरी त पक्की राय च कि कॉंग्रेस संगठनन काम नि कार याने कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओंन काम हि नि कार।
मि -कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं से क्या अपेक्षा छे ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे राहुल गांधी जीन बताई त च कि कॉंग्रेस राज मा क्या क्या ह्वाइ।
मि -पर इख्मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता बीच मा कख आई गेन ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे यूँ अळगसि , लम्पट कार्यकर्ताओंन लोगुं बीच जैक बताइ इ नी च कि कॉंग्रेस सरकार इथगा बड़ा बड़ा काम करणी च। 
मि -पर आप मंत्री लोग बि त जनता तैं बथै सकदा छा कि तुम जनहित मा क्या क्या करणा छा।
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे हमन तो विज्ञापन करी त छा कि सरकार क्या क्या करणी च।
मि -हाँ पर जनता तैं पता इ नि लग कि सरकार बि कुछ करणी च।
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -वी त मि बुलणु छौं कि कॉंग्रेस का महामंत्री अर कार्यकर्ता सब बेकार ह्वे गेन यूंन सरकारी विज्ञापन देखिक , पौढ़िक जनता तैं बात पंहुचाई इ नी च।  अब्स्युलेटली कम्युनिकेसन गैप राइ।
मि -आपन अपण महामंत्र्युं तैं समझाई तो ह्वाल कि सरकार क्या क्या काम करणी च।
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -साले सब हरामखोर है । यी महामंत्री राहुल जीक आस पास मंडराणा रौंद छा पर कबि बि हम मंत्र्युं पास पुछणो नि ऐन कि सरकार क्या क्या करणी च।
मि -हाँ या बात च।
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -हाँ !यदि कॉंग्रेस का संगठन का लोग हम मंत्र्युं पास आंदा , हम मंत्र्युं तैं पुछदा कि सरकार क्या करणी च अर फिर हमर काम तैं जनता तक पंहुचांदा तो कॉंग्रेस का इथगा बुरा हाल नि होंद। 
मि -पर आप बि त कॉंग्रेस कार्यकर्ताओंमा जैक  बथांदा रै होला कि सरकार क्या क्या काम करणी च ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -फिर वी बात ! भई हम मंत्री छया तो संगठन का लोगुं अर कार्यकर्ताऊं  कर्तव्य छौ कि मंत्र्युं पास आवन।  मंत्र्युं काम थोड़ा हूंद कि कार्यकर्ताऊं पास जावन।
मि -तो कार्यकर्ता आपक पास आंद ही नि छया ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -आंद किलै नि छया पर सब अफुकुण ठेकादारी लीणो आंद छा।  पिछ्ला पांच सालुं मा मीम जनहित का काम का वास्ता एक बि कार्यकर्ता नि आयि जु बि आयि ठेकेदारी लीणो वास्ता आयि।
मि -पर आप तैं पता ही नि चौल कि लोगुं मा कॉंग्रेस का विरुद्ध इथगा अधिक आक्रोश च?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -वी त मि बुलणु छौं कि कॉंग्रेसी कार्यकर्ता इथगा निठ्ठला , निकज्ज ह्वे गेन हम मंत्र्युं तैं पता ही नि चौल कि लोग हमसे नराज छन। अरे यी कॉंग्रेसी कार्यकर्ता जनता का बीच जावन तो यूँ तैं पता चल जांद कि जनता क्या सुचणी च पर यी त बस अपण ब्यापार बढ़ाण मा लग्यां रैन।  सरासर कम्युनिकेसन गैप ह्वे गए छौ।
मि -जन कि ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -जन कि क्या ? स्यु हमन  बड़ी मुस्किल से चुनाव से ठीक पैलि फ़ूड अधिकार बिल पास कराइ पर हमारा कार्यकर्ता इथगा बेकार , लुंज , अळगसी   ह्वे गेन कि यूंन जनता तैं बताइ इ नी च कि राइट टु फ़ूड बिल क्या च ? फोकट का खाण वाळ ह्वे गेन जि यी कॉंग्रेसी कार्यकर्ता अर कार्यकर्ता काम नि करदन अर फिर फजीत हम नेसनल लेवल का नेताओं की हूंद।
मि -एक बात बथावदी कि राइट टु फूड बिल क्या च ? 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -यार मीन फ़ूड मिनिस्टर तैं रैबार बि दे छौ कि फ़ूड बिल कु संक्षिप्त (ब्रीफ ) रूप रेखा भेजी द्यावो पर सरकार मा बि त काण्ड लग्यां छा , आज तक भूतपूर्व खाद्य मंत्रीन फ़ूड बिलक जिस्ट (संक्षिप्त ) नि भेजि। टोटल कम्युनिकेसन गैप।  अब क्या बोलुं कि  गैप से हम बड़ा नेताओं तै बि हरण पोड़।
मि -अब अग्वाड़ी क्या प्लान च ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -बस राजयसभा की सीट मिल जावो तो मजा से पांच साल कट जाल।



Copyright@  Bhishma Kukreti  2/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                रामपुर तिराहा  कांड का अपराधी उत्तर प्रदेश मा  बलात्कार क्या बंद कराल !

                                                  -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


अचकाल सुबेर बिटेन श्याम तलक टीवी अर सोसल मीडिया मा उत्तर प्रदेश मा बलात्कार की घटनाऊं समाचार का अलावा कुछ नि दिखेणु च।
मीडिया का धुरंदर पत्रकारुं तैं अफ़सोस हूणु च कि प्रजातंत्री सम्राट याने यादव कुनबा बलात्कार तैं छुट -मुट घटना मनणा छन। पर हरेक उत्तराखंडी जाणदु च कि यादव कुनबा मनिख का रूप मा दुशासन का ही रूप च।  मीडिया तैं याद बि नी च बल यु वी यादव कुनबा च जु शांतिपूर्ण विरोध बि सहन करि नि सकुद अर विरोध्युं पर बेवजह गोळी चलांदु अर ऊंकी इज्जत आबरू तैं मट्टी मा मिलांदु।  यादव कुनबा कुण विरोध असह्य च अर मा -बैण्युं इज्जत तो यूँकुण  कुछ छैं इ नी च , प्रायोजित रेप कारण मा बि यु कुनबा नि शर्मांद।
सामूहिक बलात्कार एक मानसिक बीमारी की छाया मात्र च अर इन जघन्य अपराध रुकणो बान सामजिक  सोच बदल्याण चयांद कि मर्दानगी बलात्कार से प्रदर्शित नि हूंद अपितु मर्दानगी  अलग ही प्रदर्शन हूण चयेंद।  किँतु  जै कुनबा का कुंवर राम गोपाल यादव ब्वालु कि टीवी माध्यम सामूहिक बलात्कार कु जम्मेवार च तो वै प्रदेश मा सोसल रिफॉर्म की उम्मीद रखण इनि च जन बिराळी औंरु /औंर दिखण।.
सामूहिक या व्यक्तिगत बलात्कार की घटना रुकण मा पोलिस रिफॉर्म याने पुलिस प्रशासन मा सुधार एक विशेष आवश्यकता च पर जै उलटा प्रदेश मा पुलिस कु यादवीकरण हुयुं हो वै प्रदेश मा पुलिस से सामजिक अपराध रुकण सर्वथा नामुमकिन च।  जै प्रदेश मा कोतवाली  का कर्ता -धर्ता यादव दरोगा धरे इ  इलै गे हो जु गुंडा यादवुं हिफाजत कारो वै यादव दरोगा से सामाजिक सरोकार की उम्मीद ह्वै इ नि सकिद। जख पुलिस कु उपयोग सरकारी दल का नेता केवल अपण राजनीतिक स्वार्थ का वास्ता करदा ह्वावन उख पुलिस रिफॉर्म का बारा मा सुचे हि नि सक्यांद।
जब तलक मर्द जात स्त्रियुं अधिकार अर सम्मान का बारा मा सचेत नि ह्वाल तब तलक औरतुं पर सामूहिक बलात्कार हूंद राला अर ऊंकी लाश बीच चौराहा पर आम का डाळु मा बदायूं का तरां टंगे जाल।  उत्तर प्रदेश मा मर्द लोग स्त्रियुं सम्मान कौरन तो किलै कौरन जब यादव कुनबा कु सयाणा ब्वाल कि 'लड़कों से छोटी मोटी गलती (सामूहिक बलात्कार ) हो ही जाती है ". जब यादव कुनबा को सयाणा बुल्दु कि सामूहिक बलात्कार एक लड़कों की छोटी -मोटी गलती च तो गुंडों तै , अनाचारियों तैं एक संदेश ही मिल्दो कि स्त्री तो ताड़न की , नारी तो बेज्जती  की अधिकारणी च।
जब कै प्रदेश कु मुखिया सामूहिक बलात्कार का वास्ता मीडिया तैं जुम्मेवार माणद अर मीडिया तैं सीख दींदु हो कि दुसर प्रदेसुं मा उत्तर प्रदेश से अधिक बलात्कार हून्दन तो समझ मा आंद कि वै प्रदेश कु मुखिया से बलात्कार की घटनाऊं मा कमी की उम्मीद करण बेकार ही च।
आज असल मा बलात्कार रुकणो बान समाज , पुलिस , प्रसासन अर राजनीतिज्ञों तैं एक साथ काम करणै जरूरत च किन्तु उत्तर प्रदेश मा जब समाज ही पुरो बंट्यू हो तो क्या हम भला दिनु आस करी सकदां क्या ?


Copyright@  Bhishma Kukreti  5/6/2014 

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
         कखि प्र.मं.  नरेंद्र मोदी जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस दिखणौ आल त ?

                  घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


               अजकाल सबि जगा नरेंद्र मोदी की ही चर्चा च। अबि द्वी -तीन दिन पैल नरेंद्र मोदिन केंद्रीय मंत्रालयुं सेक्रेटिर्युं मीटिंग मा ब्वाल बल सब्युं तैं अपण कार्यालय मा सफै ध्यान रखण पोड़ल अर ऑफिस मा कखि बि फाइलुं  चट्टा नि दिखण चयेंद।  अहमदाबाद मा नरेंद्र मोदिका नजदीकी बुल्दन बल नरेंद्र मोदी तैं गंदगी अर फाइलुं से इनि  चिढ़ च जन ममता दीदी तैं कम्युनिस्टुं  से चिढ च। 
   दिल्ली मा नरेंद्र मोदिका कुछ करिब्यूंन मि तै सूचना देकि नरेंद्र मोदी  कखि बि , कै बि शहर मा बगैर बतायां केंद्रीय कार्यालय दिखणो जाण वाळ छन। अर नरेंद्र मोदीक सरकारी दफ्तर दिखणो मुख्य उद्येस्य रालु कि दफ्तर मा सफै च कि ना अर सब फ़ाइल निबटाइं छन कि ना। 
बस जैदिन बिटेन नरेंद्र मोदीक करीबीन सूचना दे कि प्रधान मंत्री केंद्रीय सरकार का कै बि कार्यालय की बगैर सूचना दियां चेकिंग कर सकदन तो मेरी भूक -तीस -निंद हर्ची गे। मि डर्युं छौं कि कखि नरेंद्र मोदी हमारा प्यारा पोस्ट ऑफिस दिखणो ऐ गया तो क्या ह्वाल ?
            हरेक भारतीय सरकारी दफ्तर अर सरकारी कर्मचारी -कारिंदा से चिरड्यान्द च फिर चाहे उ दफ्तर रासन कार्ड बणाणो हो , ब्लॉक हो , पीएफ -पेन्सन ऑफिस हो , बिजली -पाणी दफ्तर हो आम भारतीय यूं दफ्तरुं मा आण नि चाँद अर भगवान याने सेक्युलर खुदा से ख्वाइस करद कि कबि बि कै सरकारी कर्मचारी से क्वी काम नि पड़ो।
सरकारी दफ्तरों व सरकारी कर्मचार्युं मा एकि सिरफ़ एकी सरकारी दफ्तर च जै से आम भारतीय घृणा नि करद अर एकी सरकारी कर्मचारी च जैसे हरिया काका जन मजदूर अर मुकेश अम्बानी सरीखा धन्ना सेठ बि वै सरकारी कर्मचारी से प्रेम करद अर वु सरकारी कर्मचारी छन पोस्ट ऑफिस का पोस्टमैन अर पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी।  आप इनकम टैक्स कमिश्नर तैं  कोढ़ी हूणों श्राप दीणा रैल्या  किन्तु पोस्टमैन अर पोस्ट मास्टर , पोस्ट ऑफिस का रजिस्ट्री बाबू या टिकेट -स्टैम्प बाबू तैं कबि बि तुमन गाळी नि दे होलि।  रोज तुम रिस्तेदारुं  आण से अर मेमानुं खिदमत से तुम परेसान ह्वे जैल्या किन्तु तुम ईश्वर याने सेक्युलर खुदा से इबादत करदां कि पोस्टमैन रोज तुमर ड्यार आवु।  आज चाहे सूचना प्रसारण का कथगा ही माध्यम ऐ गेन , टेलीग्राम बंद ह्वे गेन पर डाकिया  बाबू से हमर प्रेम खतम नि ह्वे।
 इनि मुंबई मा जोगेश्वरी मा पोस्ट ऑफिस च , जख पोस्ट मास्टर बाबू जी छन , रजिस्ट्री बाबू जी छन , सेविंग अकाउंट बाबू जी छन , अर अब त बिजली -टेलीफोन बिल का बाबू जी छन अर सबसे बड़ा छन हमर पोस्टमैन साब।  मि अपण घौर का बाद पोस्ट ऑफिस से प्रेम करुद।  रिस्तेदारुं से अधिक मि पोस्टमैन साब तैं इज्जत दींदु।
मि तैं डौर लगणी च कि कखि अपण प्रधान मंत्री जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस चेक करणो ऐ तो क्या ह्वाल ?डॉरान म्यार प्राण सुकि जांद।
           सबसे पैल त पता इ नि चलद कि पोस्ट ऑफिस कखम च।  सरकारी फ़ाइल का हिसाब से एक दीवार पर दिशा मार्गदर्शक तीर का साथ पोस्ट ऑफिस का बोर्ड लग्युं च किंतु असलियत मा वीं दीवार पर ट्युसन क्लासेज , समाप्त हुयी जवानी पुनः प्राप्त करें , साडी -रसगुल्ला सेल आदि का बोर्ड इथगा ज्यादा छन कि पोस्ट ऑफिसौ साइन बोर्ड दिखेंद इ नी च।  हाँ रोड साइड पर द्वी हरा अर लाल लेटर बॉक्स देखिक अंदाज लगाण पोड़ल कि सैत च ह्वे सकुद च इखपुण कखि पोस्ट ऑफिस ह्वावु।  लेटर बॉक्स का पास पोस्ट ऑफिस हूणै गारंटी नी च किलैकि मुंबई मा रेलवे स्टेसन या बस स्टौपूं पास लाल लेटर बॉक्स मिल जांदन। हाँ जखम पोस्ट ऑफिस ह्वाऊ उखम लेटर बॉक्स की गारंटी हूंद।  जोगेश्वरी मा नटवर नगर रोड पर लेटर बॉक्स से पता नि चलुद कि इखम पोस्ट ऑफिस च पर लेटर बॉक्सुँ पास एक टेबल पर रजिस्ट्री , मन्योडर आदि कु काम करण वाळ से अवश्य पता चल जांद कि इखम अवश्य ही पोस्ट ऑफिस च।  जोगेश्वरी मा बि लाल हौर लेटर बॉक्सुँ पास की एक टेबल मा रजिस्ट्री , मन्योडर फौर्मुं से पता चल जांद कि जरूर इखपुण कखि पोस्ट ऑफिस च। टेबल पर पोस्ट ऑफिस कंसल्टेंट की दुकान हूंद।
      मि तैं डौर च कि जब नरेंद्र मोदी जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस विजिट पर आला तो मोदी जी तैं रोड  का किनारा टेबल लगैक बैठ्युं पोस्ट ऑफिस सलाहकार से ही पता लगल कि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस कखम च।  खैर मोदी जि एक ग़ुरबट जन रस्ता से बिल्डिंग भितर पोस्ट ऑफिस का समणि जाला तो मोदीजिन अपण सेक्रेटरी से सीधा बुलण कि अंग्रेजुं जमानो मा सि लग्युं पुराणो धुराणो साइन बोर्ड बदला तो सेक्रेट्रिन बुलण कि चूँकि सरकार खामखाँ का खर्चा बचाणो बच्चनबद्ध च तो बोर्ड नि बदले सक्यांद।  यांपर मोदीजी सेक्रेटरी से ब्वालल कि बोर्ड नि बदल सक्यांद  तो  साइन बोर्ड दुबर पेंट तो कारो।  इखपर सेक्रेटरी कु जबाब होलु कि चूंकि पोस्ट ऑफिस एक रिहायसी बिल्डिंग मा च तो साइन बोर्ड का वास्ता आधा फ़ीट चौड़ु अर द्वी फ़ीट बोर्ड ही लग सकुद अर बोर्ड पर पेंटिंग करे जाल तो बोर्ड मा चार भाषाऊं अंग्रेजी , मराठी , हिंदी अर उर्दू मा इबारत लिखण पोड़ल अर बोर्ड कु साइज इन च कि चार त क्या एक भाषा मा बि अड्रेस पेंट नि ह्वे सकुद।  बिचारा नरेंद्र मोदी निरसे जाला कि प्रधान मंत्री ह्वेक बि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस तैं नया बोर्ड नि दे सकदन।
निरस्यां नरेंद्र मोदी जनि पोस्ट ऑफिसक ड्वार पर जाला तो ऊंक समझ मा नि आल कि वु पोस्ट ऑफिस मा अयां छन कि कै गोडाउन मा अयां छन अर पोस्ट मैनूं तैं छोड़िक यु पता लगाण कठण ह्वे जाल कि ग्राहक कु छन अर पोस्ट ऑफिस का कारिंदा कु छन।  कारिंदौ कुण टेबल छन , कुर्सी छन किन्तु सुबेर इथगा अधिक डाक आदि कि हरेक टेबल अर कुर्सी मा डाक ही डाक धर्युं रौंद अर डाकिया व डाक विभाग का बाबू व चतुर्थ श्रेणी का कारिंदा डाक छंटण मा व्यस्त रौंदन।  इन मा अधिकतर ग्राहक बीच मा गलती से घुस जांदन अर जन कि सब जाणदन कि हिन्दुस्तान मा पोस्ट ऑफिस का ही सरकारी कारिंदा इन छन जो जनता तैं झिड़कद नि छन तो ग्राहकुं तैं हौर ग्राहक ही बतांदन कि जना  खिड़की छन ऊना रजिस्ट्री , मन्योडर , सेविंग, स्टैम्प बिक्री , बिल भरान आदि कु काम हूंद। भारत मा पोस्ट ऑफिस ही एक इन कार्यालय हूंदन जख आप तैं सरकारी कर्मचारी ना त सींद मीलल ना ही निठल्ला मीलल अर मोदीजी अवश्य ही पोस्ट ऑफिस का कारिंदों व्यस्तता से पुळयाल अर भविष्य मा उत्तराखंड हॉर्टिकल्चर विभाग का निट्ठल्ला कर्मचार्युं तैं भाषण दयाला कि काम करण सिखण हो तो जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस का कर्मचार्युं से सीखो।
मोदी जी जब पोस्ट ऑफिस की मेज कुर्सी द्याखल तो कुर्सी -मेजुं रंग देखिक दंग रै जाला कि लकड़ी को रंग इन अजीब किलै ह्वे गे।  पोस्ट ऑफिस की रिपोर्ट बतांद कि कबि एक इंच मोटी परत की अर एक बाई एक पाया वाळ मेज ये पोस्ट ऑफिस मा  भिजे गे छे किन्तु रुपयों की सेविंग का साथ पोस्ट ऑफिस की मेजों पर धूल -गर्द आदि की भी सेविंग बड़ी तत्परता से हूंद तो अब हरेक मेज की  परत की मोटाई तकरीबन चार इंच ह्वे गे अब धूळ -गर्द अर मेज की लकड़ी मा फर्क करण मुस्किल च।  नरेंद्र भाई अपण सेक्रेटरी तैं मेज कुर्सी से धूळ -गर्द की सफाई का आदेश द्याला तो सेक्रेटरी ब्वालल कि या धूल -गर्द पचास साल पुराणी च तो इन ओल्ड  ऐसेट , प्राचीन सम्पति , पुरातन परिसम्पति की सफाईका  निर्णय केवल  आर्कियोलॉजिकल सर्वे निदेशक हे दे सकद तो बिचारा नरेंद्र मोदीजीक सरकारी कार्यालयों मा सफाई प्रेम का परखचा उडी जाला।
नरेंद्र मोदी फिर ग्राहक सेवा स्थल का पास का वातवरण द्याखल तो बेहोस हूणै स्थिति मा जाण वाळ ह्वे जाल।  मोदीजी तैं समझ मा इ नि आल कि यु स्थल गूंद , लाख , फटयाँ स्टाम्पुं गटर च कि ग्राहक सेवा स्थल च।  वो सेक्रेटरी तैं ग्राहक सेवा स्थल की सफाई का आदेश द्याला तो सेक्रेटरी ब्वालल कि चूँकि इन तरह की सफाई का वास्ता पर्यावरण विभाग से अग्रिम आज्ञा जरूरी च अर पर्यावरण का मामला मा पीएमओ अनावश्यक दखलंदाजी नि करद।  सेक्रटरी नरेंद्र मोदी जी तैं सरदार सरोवर डाम की याद दिलाला कि भूतपूर्व प्रधान मंत्री की इच्छा हूण पर बि प्रधान मन्त्रीन सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाणो वास्ता पर्यावरण विभाग मा दखलंदाजी नि कार।  चूँकि भारत मा प्रधान मंत्री बि पर्यावरण विभाग से पंगा नि ले सकुद तो बिचारा सफाई प्रेमी नरेंद्र मोदीजी अपण सि मुख लेक पोस्ट ऑफिस से भैर ऐ जाला।  इथगा मा भूतपूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह कु फोन  आलो ," नरेंद्र भाई ! मीन सूण कि आप जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस की विजिट पर छंवां ?"
नरेंद्र भाइक उत्तर होलु ," हाँ मनमोहन जी !"
मनमोहन सिंह जी ब्वालल ," नौ साल पैल मीन बि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस विजिट करि छौ।  क्या आप ये पोस्ट ऑफिस की सफाई करवै सकदा ?"
नरेंद्र मोदीक जबाब होलु ," मैं लगद कि जब तलक ब्रिटिश राज का सन 1858 मा बणयां नियम नि बदल्याल तब तलक भारत का क्वी बि प्रधानमंत्री पोस्ट ऑफिस जन छुट केंद्रीय सरकारी कार्यालय की सफाई नि करवै सकद। "
मनमोहन जीन टौन्ट कसला  ," याँकुण त तुम्हारी सरकार तैं कथगा इ संवैधानिक अनुच्छेद बदलण पोड़ल। "
"हाँ " नरेंद्र भाइक जबाब होलु
मनमोहन जी बताल ," अर यांकुण तुम तैं लोकसभा अर राजयसभा मा बिल पास करण पोड़ल। "
"हाँ "
" आप लोकसभा मा तो बिल पास करै देला पर राजयसभा मा क्या करिल्या ?" मनमोहन जीन पूछ
"कुछ समझ मा नि आणु च। " नरेंद्र भाइक जबाब छौ।
"ठीक च तुम लोकसभा मा कॉंग्रेस तैं लीडर ऑफ अपोजिसन बणाओ त कुछ हद तलक राजयसभा मा हम बिल पास करौला।  एक द्वी दिन मा जबाब दे देन। " इन बोलिक मनमोहन जीन फोन काटी दे
 


Copyright@  Bhishma Kukreti  7/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं। 

Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                      टाइम पास राजनीति


                 घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

 इंदिरा गांधी मृत्यु बाद भारतीय राजनीतिक केंद्र विंदु विरोधी पार्टी रैन।  नरसिम्हा राव सरकार से लेकि मनमोहन सरकार तलक हरेक सरकार अल्पमत की सरकार राइ अर प्रधान मंत्री हमेशा डर्युं रौंद छौ कि कखि क्वी सहयोगी अपण खाम -खंबा नि खींच ल्यावो अर सरकार उंद  भेळ जोग नि ह्वे जाउ।  इनमा नरसिम्हा सरकार से लेकि मनमोहन सरकार तलक विरोधी दल हमेशा ताकतवर राइ अर विरोधी दल का खेल सरकारी नीतियुं अर सरकारी कामकाज पर प्रभाव डाळणि रौंद छे।  फिर सहयोगी दल बि विरोधी दल की भूमिका निभांदा छा जन ममता बनर्जी या टीएमसी  सदस्य रेलमंत्री अवश्य छया किंतु रेलमंत्री ममता बनर्जी का व्यवहार से इन लगद छौ कि वा ही यूपीए गठबंधन सरकार की सबसे बड़ी विरोधी च मुलायम सिंग अर मायावती त अबि तक नि बथै सकणा छन कि वु यूपीए तैं सहयोग किलै दीणा छया।
खैर राजीव गांधी सरकार का बाद यु पैल बार च कि कैं पार्टी तैं लोकसभा मा पूर्ण बहुमत मील।  अर इनमा पता इ नि चलणु च कि विरोधी पार्टी क्या क्या करणा छन अर कारल तो क्या कारल ?
असल मा अचकाल हरेक विरोधी पार्टी टाइम पॉलिटिक्स खिलणि च ।
अब द्याखो ना आम आदमी पार्टी मा अचकाल कुछ काम नी च तो न्यूज मा रौणो बान एक नेता की हैंक नेता कुण लिखीं गोपनीय चिट्ठी तैं दीणा छन अर बताणा छन कि मीन कन अपण खासम ख़ास सहयोगी तैं नंगी कार।  आम आदमी पार्टी  अपण नंगई खुले आम दिखाणि च तो समझ ल्यावो कि टाइम पास पॉलिटिक्स का पासा फिंक्याणा छन।  अंतर्कलह तैं मीडिया समिण लाण टाइम पास करणो एक तरीका च।
जनता दल (शायद अधिक सेक्युलर ) कर्नाटक बि टाइम पास करणी च।  कर्नाटक मा यूंक नेता पत्रकार सम्मलेन करणा छन अर बखणा छन कि यद्यपि हम तैं लोकसभा मा एकी सीट मील किन्तु हमर वोट शेयर बढ़ च।  जनता दल (शायद अधिक सेक्युलर ) का यु बखान टाइम पास करण मा क्षेत्रीय दल बि कम नि हूंदन कु एक उदाहरण च।
तेलंगाना की टीआरएस  पार्टी तैं सोचणो टाइम इ नि मिलणु च कि लोकसभा मा एनडीए का विरोध करे जाव कि सहयोग करे जाव।
सीमांध्रा का वाईएसआर कॉंग्रेस कु किरण रेड़ी अचेत हुयुं च अर अचित्यां मा बरडाणु च कि मि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तैं मिलणो टैम मंगणु छौं पर नरेंद्र मोदी मिलणो टाइम नि दीणा छन।  चूँकि वाईएसआर कॉंग्रेस कु टैम खराब चलणु च त भौत सा नेता अपण टाइम बर्बाद नि करण चाणा छन अर टीडीपी याने चंद्रा बाबू का ड्वार पर नौबत बजाणा छन अर चंद्रा बाबू नायडू का बड़ा मंगणा (प्रशंसा गीत गाण ) छन। टाइम टाइम की बात च।
बिहार मा तो अजीब स्थिति च टाइम पास करणो बान लालू यादवन जनता दल (शायद असली एकमात्र सेक्युलर ) सरकार तैं समर्थन दियुं च अर टाइम की जग्वाळ मा छन कि कब नीतीश कुमार को नामोनिशान मिटाये जाव। उन लालू यादवन टाइम पास करणो बान अपण पार्टीका लोगुं तैं बि बुलाई याने 'चुनाव माँ हार पर  आत्म चिंतन' की सेक्युलर बैठक बुलाई अर आत्म चिंतन का बाद पाई कि यदि नीतीश कुमार की पार्टी चुनाव मा भाग नि लेंदी तो सब सेक्युलर वोट यादव फेमिली पार्टी तैं मिलण वाळ छया।
जनता दल (शायद असली एकमात्र सेक्युलर ) कु शरद यादव की समझ मा नि आणु च कि यदि नीतीश कुमार ऊं तैं राजयसभा मा नि भ्याजल तो वो बेकार मा भट्ट कनकै भूजल याने कनकै टाइम पास कारल ?
नीतीश कुमार टाइम पास नि करणा छन वो बिहार  मुख्यमंत्री जतिन राम मांझी  कंधा मा बैठिक राज चलाणा छन।  माझी बि सुचणा छन कि बिन मांगे मुख्यमंत्री पद मिल ग्याई तो जथगा टाइम मिल्युं च वांको आनंद लिए जावु।
उत्तर प्रदेश मा बहिन  मायावती टाइम करणों बान दलितुं पर बलात्कार की घटना स्थलुं टाइमली टूर करणो सुचणी च अर बहिन मायावती का लोगुं बुलण च बल जब बि बहिन मायवती जी तैं टाइम पास करणो क्वी काम नि मीलल तो वा बदायूं जन जगा पर टाइम पास करणो बान धरना पर अवश्य बैठलि।
समाजवादी पार्टी का सबि कार्यकर्ता "  गर्ल रेप हंटिंग " का खेल से टाइम पास करण चाणा छन अर अखिलेश यादव टाइम पास करणो ध्येय से अधिकार्युं मॉस ट्रांसफर याने एकमुश्त तबादला का खेल मा व्यस्त ह्वे गेन।
कॉंग्रेस मा परेशानी या च कि पिछ्ला दस सालों से सबि नेता सरकारी खर्च पर टाइम पास करदा छा अर अब यूँ नेताओं तैं बगैर सरकारी खर्चा का टाइम पास करण पोड़ल तो कैक बि समझ मा नि आणु च कि टाइम पास कनकै करे जाव।  पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद तो अपण कुत्ता बिल्लियों फ़ौज का दगड़ टाइम पास करी ल्याल पर ऊंकी चिंता या च कि अब कुत्ता -बिल्लियों फ़ौज का वास्ता सरकारी निवास नि मिलण।
बहुत सा कॉंग्रेसी एमएलए टाइमली बात करण चाणा छा कि राहुल गांधी नेता ना जोकर अधिक दिखेंद किन्तु समय  नजाकत देखिक कॉंग्रेसन यूँ विधायकों तैं पार्टी से भैर करी दे।
कॉंग्रेस का नेता जन कि शशि थरूरन टाइम पास करणो बान बयान दे दे कि नरेंद्र मोदीकी शैली प्रगतिवादी च तो टाइम पास करणो बान मणि शंकर अय्यरन थरूर तैं उज्जड़ बोलि दे अर यूँ दुयुंक बयानबाजी से कॉंग्रेसी नेता टाइम पास करणा छन। सबसे बड़ो टाइम पासु सुब्रमणियम स्वामिन बोलि दे कि थरूरन स्वार्थबस नरेंद्र मोदीक बड़ै कार तो पत्रकारुं बि टाइम पास ह्वे गे।
उन कॉंग्रेस बि फुल्ल टाइम पास करणो बान केंद्रीय अर राज्य स्तर का गांधी परिवार का चमचा अधिकारीयों की जगा नया नया कद्दावर चमचा बिठाणो तयारी मा च। गांधी परिवार का चमचाऊं मा फेर बदल तैं कॉंग्रेस 'संगठन मा फेरबदल' का नाम दींदी।
लाल कृष्ण आडवाणी , डा मुरली मनोहर जोशी आदि बुड्या नेता परेशान छन कि नरेंद्र मोदी ऊंक टाइम पास करणो बान क्वी राजकीय खिल्वणि किलै नि पकडाणु च।
बीजेपी का गैर मंत्री सांसद परेशान छन कि नरेंद्र मोदी ऊँ तैं टाइम पास करणो बान पुस्तकालय मा किताब पढ़णो सलाह दीणो छन। सबि गैर मंत्री भाजपाई सांसदुं  मानण च कि किताब को ही जि शौक हूंद तो राजनीति माँ आंदा ?


Copyright@  Bhishma Kukreti  8/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं। 

Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
                       हरीश रावत से भाजपा नेता किलै निरस्याणा छन ?

               घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

भाजपा नेता -भै ये मुख्यमंत्री हरीश रावत का चालचलन हम तैं ठीक ठाक नि लगणा छन।
मि ------ कनो क्या अफवाह फैलीं  च कि हरीश रावत बि डा रमेश निशंक जन अपण जवानो  जवान नारयण दत्त तिवारी का रस्ता पर हिटणा छन ?
भाजपा नेता -ना भै ना ?
मि ------तो क्या समाज मा छवि बण गे कि हरीश रावत जी बि हड़क सिंग जीक तरां बेटी -ब्वार्युं दगड़ छेड़खानी करदन।
भाजपा नेता -वी त रूण च कि हरीश रावत पर जनान्युं प्रेमी जन अभियोग नि लगणु च। मि त बुलणु छौं कि हरीश रावत जी कॉंग्रेसी कल्चर पर नि चलणा छन।
मि ------हैं ! क्या हरीश रावतन राहुल गांधी तैं लीडर ना जोकर ब्वाल ?
भाजपा नेता -नै नै हरीश रावतन इन क्वी बयान नि दे कि राहुल गांधी जयूँ बित्युं लीडर च , किदलु च।  पर हरीश रावत कॉंग्रेस हिसाब से काम नि करणा छन।
मि ------क्या हरीश रावत जीन  उत्तराखंड से उर्दू भाषा हटाई आल कि जु तुम बुलणा छंवां कि हरीश रावत कॉंग्रेस का हिसाब से काम नि करणा छन।
भाजपा नेता -नै भै हरीश रावतन बि उत्तराखंड मा उर्दू गिरती दशा पर अत्यंत चिंता जताई।  पर फिर बि हरीश रावत गैर कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री तरां व्यवहार करणा छन।
मि ------गढ़वाली -कुमाउनी भाषा पर कथगा खर्च करे जाव यो पुछणो उत्तराखंड  का मुखिया  हरीश रावत जी दिल्ली राहुल निवास नि जांदन ?
भाजपा नेता (गमगीन ह्वेक )-नै नै !  ये मामला मा हरीश रावत पक्का कॉंग्रेसी छन अर हरेक हफ्ता हनुमान मंदिर की जगा राहुल निवास मा आरती उतारणाs जांद छन।
मि ------द लगा सुंगरुँ दगड़ मांगळ ! भै जब हरीश रावत हर हफ्ता राहुल गांधी चरण स्पर्श का वास्ता दिल्ली भागणा रौंदन तो आप कनै बोल सकदन कि हरीश रावत गैर कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री जन व्यवहार करणा छन।
भाजपा नेता (गंभीर ह्वेक ) -ठीक च कि हरीश रावत सोनिया वंदना हेतु हर हफ्ता दिल्ली जांदन किन्तु उ जू बि उत्तराखंड मा करणा छन वो कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री का हिसाब से नि करणा छन। 
मि ------क्या हरीश रावत भूतपूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणाक तरां निठ्ठला बैठ्याँ दिख्यांदन ?
भाजपा नेता  (एकदम से गुस्सा मा भड़किक )- वांकि त रूण च कि हरीश रावत निठ्ठला बैठ्याँ नि दिखेंदन।
मि ------तो क्या हरीश रावत  निर्णय कि मंत्रीमंडल बैठक अल्मोड़ा मा हो क्वी बुरु काम च , गैरमुनासिब काज च ?
भाजपा नेता (चिरड़ेक )- वांकि त रूण च कि हम भाजपा वाळ हरीश रावत  निर्णय की आलोचना नि कौर सकणा छंवां।  हम बस औपचारिक रूप से ही बरानामौ विरोध जताणा छंवां।
मि ------क्या गैरसैण मा विधान सभा सत्र बुलाण क्वी गैर वाजिब कार्य च ?
भाजपा नेता (भुनी मुंगरी दाणि जन उछिन्डेक)   -भीषम जी ! लगता है तुम कॉंग्रेस  हाथों बिके हुए लेखक हो।  यही तो रूण च कि हम गैरसैण मा विधानसभा सत्र बुलाणो विरोध नि कौर सकदवां।
मि ------ जरा विरोध करिक दिखावा त सै जैं जनतान  तुम तैं लोकसभा चुनाव जिताइ वै जनता जुते द्याली।
भाजपा नेता (ह्यळीक भौण मा रुंद सि )  -वही तो मै कह रहा हूँ कि हरीश रावत जी गैर कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री  तरह व्यवहार कर रहे हैं।
मि ------क्या हरीश रावत केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य निरक्षणौ बान केदारनाथ नि गेन ?
भाजपा नेता (तिड़केक )  -ओहो रूण यांकि त च कि हरीश रावत बबरट्या  कामगति मुखिया जन काम करणा छन।
मि ------क्या हरीश रावत विकास अर जनकल्याण का काम नि करणा छन ?
भाजपा नेता (अत्यंत गुस्सा मा ) -गुड़गोबर यी त हूणु  च कि हरीश रावत विकास अर जनकल्याण पर ध्यान दीणा छन अर अपण कुर्सी बचाण पर ध्यान नि दीणा छन।
मि ------क्या हरीश रावत अनिर्णय की स्थिति मा छन ?
भाजपा नेता (बिकराळ ह्वेक )  -काण्ड यी त लगी गेन कि हरीश रावत की छवि एक निर्णय लीण वाळ मुख्यमंत्री की बणनि च।
मि ------कनकै
भाजपा नेता (निराशा मा ) -हरीश रावत का जनसम्पर्क हम भाजपा वाळु तरां च।
मि ------जन कि ?
भाजपा नेता (आंख्युं मा अंसदारी ) -जन कि र गणमान्य लोगुं तैं अर मीडिया तैं रोज सुबेर इंटरनेट से पता चल जांद कि आज मुख्यमंत्री कु क्या प्रोग्राम च अर ब्याळि मुख्यमंत्रीन क्या क्या कार।
मि ------नेता  यु त उत्तराखंड की दृष्टि से भलो काम च कि लोगुं तैं पता लगणु च कि उत्तराखंड मा कुछ कामकाज हूणु च अर हमर मुख्यमंत्री कामगति मुख्यमंत्री च।
भाजपा नेता (किड़कताळी मारद )   -अरे जनता का बीच  मेसेज -सूचना पंहुचो कि मुख्यमंत्री कामगति च अर निर्णायक च पर तो नरेंद्र मोदी जी को एकाधिकार छौ।
मि ------पर आप तैं क्या परेशानी च कि हरीश रावत काम करणा छन अर ऊंक जनसम्पर्क करणो ढंग बि प्रशंसनीय च
भाजपा नेता (जन बुल्यां क्वी सगा संबंधी मोरी गे हो ) -यदि मुख्यमंत्री बढ़िया ढंग से काम करण लग जाल तो हम भाजपा वाळुन क्यांक विरोध करण ?
मि ------तो आप रचनात्मक विरोधी की भूमिका निभावो। याने कंस्ट्रक्टिव अपोजिसन की भूमिका !
भाजपा नेता -बाइ द वे ! यी कंस्ट्रक्टिव अपोजिसन हूंद क्या च ?



Copyright@  Bhishma Kukreti  9/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं। 

Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



                              हैलो ! मेरी आशा हर्ची गे !

            घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती     

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

मि - हैलो पुलिस स्टेसन ?
दुसर तरफान आवाज - हाँ पुलिस स्टेसन।
मि - सर ! कम्पलेंट लिखाण छे ?
दुसर तरफान आवाज -क्यांक ?
मि -खोया -पाया
दुसर तरफान आवाज - क्या हर्च ?
मि - मेरी आशा ही हर्ची गे।
दुसर तरफान आवाज - आशा आपकी नौनी च , वाइफ च या ब्वे च,  बैणि च ?
मि -जी यांमादे क्वी बि नी च।
दुसर तरफान आवाज - हैं तो आशा तुमर दगड़ लिविंग ऐज कम्पेनियन का रूप मा रौंदि छे ?
मि -ना भै।
दुसर तरफान आवाज - देखो पुलिस वाळs दगड़ चिरड़ेक बात नि करण हां।  तख ऐक डंडा घुमौल त चिरड्याण बिसर जैल हाँ !
मि -नै साब जी मि तुम पर नि चिरड्याणु छौं।  मि त रुणफति ह्वेक प्रार्थना करणु छौं कि मेरि आशा हर्ची गे।  मै लगणु च कि मेरि आशा शायद मोरि बि गे   धौं !
दुसर तरफान आवाज - अरे पर वा आशा तेरी क्या लगदी ?
मि -जी मीन आशा तैं कबि नि पूछ कि वा मेरी क्या लगदी।
दुसर तरफान आवाज - तो वींकी उमर क्या च ?
मि -उमर ?
दुसर तरफान आवाज - हाँ आयु , एज ?
मि -ह्वेली में से तीनेक साल छुटि।  जब बिटेन मीन होश संबाळ मीन वीं तैं अपण इ दगड़ द्याख।
दुसर तरफान आवाज - तो या आशा तेरी आया च याने मेड सर्वेंट च ?
मि - नै जी वा मेरी मेड सर्वेंट कनकै ह्वे सकद ?
दुसर तरफान आवाज - अरे त क्वा च वा आशा अर कख रौंदी छे ?
मि -जी वा मेरी होप छे अर म्यरा मन मा याने चित्त मा रौंदि छे।
दुसर तरफान आवाज - साले पुलिस वाले के साथ मजाक करता है।
मि -सच्ची साब ! मेरी मन की आशा हर्ची गे।
दुसर तरफान आवाज - तो सरकारी अस्पताल मा फोन कौर।  मन  की आशा खुज्याणो काम पुलिस नि करदी। अस्पतालों मनोचिकित्सक कु ये नंबर पर फोन कर। फोन बंद कौर।
मि -हैलो मनोचिकत्सक ?
दुसर तरफान आवाज - नो।
मि -पर पुलिस इन्क्वारीन तो यो ही नंबर दे छौ
दुसर तरफान आवाज - फोन नंबर सही च किन्तु मि तैं मनोचिकत्सक नि बोलो। आई डिस्लाइक दिस वर्ड।
मि -तो ?
दुसर तरफान आवाज - कौल मी साइकिट्रिक
मि -अच्छा ! साइकिट्रिकसाब मेरी आशा गुम ह्वे गे
साइकिट्रिक -यू मीन युवर होप ?
मि -जी यस आइ लॉस्ट माइ   होप
साइकिट्रिक -तुमन अपण आशा तैं आखिरी दैं कब देख छौ ?
मि -ब्याळि (9 /6 /2014 ) राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जीक संसद मा भाषण तक मेरी आशा मेरि दगड़ छे।
साइकिट्रिक -तुम इथगा स्युवरिटी से कनकै बोल सकदा कि राष्ट्रपतिक भाषण तक आशा तुमर दगड़ छे।
मि -भाषण मा राष्ट्रपतिन आशा दिखाई कि सचमुच मा अच्छा दिन आण वाळ छन तो उत्साह मा मि जोर जोर से नाचण बिसे ग्यों कि इंडिया की जगा भारत का भला दिन आण वाळ छन।
साइकिट्रिक -तुम तैं कब लग कि आशा तुमर दगड़ नी च ?
मि - राष्ट्रपति भाषण तक तो उत्साह का मारा मि इना ऊना कुद्दी मारणु छौ किन्तु जनि मीन कॉंग्रेसी नेता कमलनाथ की  टिप्पणी टीवी मा द्याख त मि तैं लग कि म्यार मन मा आशा रै इ नि गे।
साइकिट्रिक -कमलनाथक क्या बुलण छौ।
मि -बल राष्ट्रपतिक भाषण शब्दजाल मात्र च।  अर सीताराम यचुरीन जब बोलि कि राष्ट्रपति का भाषण मात्र स्याणी -गाणी -इच्छा -इरादा च अर असलियत नी च तो म्यरो उत्साह निरुत्साह मा बदल्याण मा लग गे।
साइकिट्रिक - तुम तैं कब लग कि तुमर आस पास -न्याड़ -ध्वार आशा छैं इ नी च ?
मि -जब श्याम दैं टीवी मा कॉंग्रेसी नेताक टिप्पणी देख कि राष्ट्रपतिक भाषणु बात कबि बि पूरी नि ह्वे सकद अर इनि भौत सा टीवी कमेंटेटरोंन बि बोल कि यि भाषण केवल सब्जबाग च तो तैबरी बिटेन मेरी आशा पता नि कख हर्चि गे धौं ?
साइकिट्रिक -असल मा तुमर आशा कखि नि हर्ची अपितु तुममी च बस तुमतैं दिखेणी नी च।
मि -हैं ?
साइकिट्रिक -हाँ।
मि -तो मि तैं आशा कब दिख्याण शुरू ह्वेल ?
साइकिट्रिक -बस तुम टीवी दिखण बंद करी द्यावो।
मि -किलै ?
साइकिट्रिक -देखो ! सरकारी दल का नेताओं काम च अपण प्रशंसा करण , विरोधी दलों काम च कैं बि तरां से आलोचना करण अर आजका पत्रकारों काम ह्वेगे सेन्सेसन पैदा करण अर इनमा विचारा दर्शक कन्फ्यूज ह्वे जांद कि असलियत क्या च। सरकारी दल , विरोधी दल अर   सेंसेसनल जॉर्नलिज्म द्वारा पैदा हुईं कन्फ्यूजन की स्थिति मा दर्शक  समझद  कि   वैकि आशा हर्ची गे।  बस अपण दिमाग लगैल त आशा कबि बि नि हरचलि ।




Copyright@  Bhishma Kukreti  10/6/2014 
   
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं। 

Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ] 

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22