Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 360748 times)

Bhishma Kukreti

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 Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya on Opposition of Amir Khan’s PK film


                             बिनदेखे मैं भी PK फिलम का विरोध करूंगा
                             बगैर दिख्यां मीन बि PK कु विरोध करण !

                              बगैर बातौ विरोधी ::: भीष्म कुकरेती


घरवळि -तुम से त वी ठीक छौ जु बगैर बातौ विरोध करदु छौ।
मि -हैं बगैर बातौ विरोधी ? कु छौ ?
नौनु - पापा ममी देहरादून वाले उन पागल अंकल की बात कर रहे हैं जो हर समय किसी फिल्म , आर्ट , किताबों या लेखों का विरोध करते रहते हैं।
मि -ओ अच्छा ! अच्छा ! जिसने एक दिन अपनी छै वर्ष विटिया की बनाई पेंटिंग का ही विरोध कर दिया कि इस पेंटिंग से मुसलमानो के धर्म पर ठेस पंहुचती है।
नौनु - अर हाँ जिन अंकल ने अपने दस साल के पुत्र  के डांस का भी विरोध किया था कि उसके डांस से क्रिश्चियनो के धर्म पर खचांग लगती है !
मि -हाँ पर  तेरी ब्वै तैं वै पागलक  याद आज अचाणचक किलै आई ?
घरवळि -किलै नि आण ? सरा मुहल्ला मा कतनौक इख विरोध हूणु च अर हमर इख कूँ बि नि हूणु च।
मि -ह्यां पर विरोध क्यांक करण , कैक करण , किलै करण अर कख करण ?
घरवळि -बस विरोध करो।
मि -ह्यां मनमोहन सिंग जी तो सांसद ह्वेक बि वानप्रस्थी ह्वे गेन अर नरेंद्र मोदी जी तैं द्वी चार साल बि नि ह्वेन ।  तो फिर विरोध क्यांक करण ?
घरवळि -विरोध करणो कुण वजै नि ढूंढे जांद।  बगैर  बातौ बि बतंगड़ बणये जांद कि ना ?
मि - हाँ कॉंग्रेस अर सेक्युलर पार्टयूं बगैर बातौ बतंगड़ राज्य सभा मा द्याख त च।  तो ?
घरवळि -तो क्या हौर विरोध बि त द्याख च कि ना ?
मि -किलै ना महान विप्लवकारी क्रांतिकारी ममता बनर्जी कु विरोध बि हम दिखणा  छंवां।  शारदा चिट फंड का चीटरों तैं बचाणो ममता बनर्जी का ढोंगी विरोध बि हम दिखणा इ छंवां।
घरवळि -वी त मि बुलणु छौं कि तुम बि विरोध कारो , प्रतिरोध कारो , तोड़ फोड़ कारो , अग्यो कारो। 
मि -अरे पर तोड़ फोड़ या अग्यौ वास्ता क्वी विषय बि त हूण चयेंद।
घरवळि -तुम बि ना ! दकियानूसी , पराम्परिक , स्पेंट फ़ोर्स जन  वुद्धिजीवी छंवां।  विरोध का वास्ता अपॉरचुनिटी , अवसर खुजाये जांदन अर अवसर त तुमर समिण खड़ो च।  अवसर से फैदा उठाओ अर अपण अहमियत बथावो , अपण तागत दिखावो अर अपण छवि चमकावो !
मि -ह्यां पर दंगा फिसाद करणो कु अवसर अयुं च ? विरोध क्यांक करण ?
घरवळि - अरे अवसर समिण इ च।
मि -क्या ?
घरवळि -हाँ ! PK फिलम समिण च।  यीं फिलमो विरोध कारो।
मि -PK फिलम कु विरोध ?
घरवळि -हाँ ब्वालो कि PK फिलम से हिन्दू धरम पर खचांग लग गे। PK फिलम से हिन्दू भावना आहत ह्वे गे। PK फिलम से हिन्दुस्तान की अवमानना ह्वे गे।
मि - PK फिलम से हिन्दुस्तान की अवमानना ह्वे गे ?
घरवळि -हाँ पैल त PK फिलम का पोस्टर जलावो।
मि -PK फिलम का पोस्टर जलावो?
घरवळि -फिर कोशिस कारो कि सिनेमा हाल की कुर्सी जळ जावन।
मि -सिनेमा हाल की कुर्सी जळ जावन?
घरवळि -हाँ अर फिर टीवी कैमरा का समिण आवो अर पागल जन जोर जोर से चिल्लावो कि हिन्दू धर्म खत्म करणो साजिस हूणि च।
मि -अरे हिन्दू धरम तब खत्म नि ह्वे जब राजा बुद्धिस्ट ह्वेन , मुसलमान बादशाह ह्वेन या अंग्रेजुं राज ह्वे तो एक फिल्म क्या हिन्दू धर्म नष्ट कारली।
घरवळि -नै नै ! तुम तैं PK फिलमक विरोध करण इ पोड़ल।
मि -पर विरोध क्यांक करण ?
घरवळि -PK फिलम कु विरोध कारो।
मि -पर जब मीन फिलम इ नि देखि तो मि विरोध कनकै कौर सकुद ?
घरवळि -विरोध करण मा ले क्या जांद ? जब क्वी शंकराचार्य  या अन्य हिन्दू धर्म का ठेकेदार बगैर फिलम दिख्यां PK फिलम का विरोध कर सकदन तो तुम सामन्य वुद्धिजीवी PK फिलम का विरोध नि कर सकदां क्या ?
मि -यूंन सचमुच माँ नरेंद्र मोदीक लुटिया डुबाण।  यूँ हिन्दू धर्म का ठेकेदारों का कर्म देखिक मि तैं नरेंद्र मोदी पर दया आणि च कि जब समर्थक ही इन ह्वावन तो दुश्मनों  की क्या जरूरत ?



1/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!



Bhishma Kukreti

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Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya



                      स्वीट पेट्रोल लेलो ! मीठा पेट्रोल लेलो ! ब्लैक में भी मिलेगा
                 
                       चबोड़्या , चखन्यौर्या, घपरोळया ::: भीष्म कुकरेती
जब तलक तुम पेट्रोल बजार नि जैल्या तुम जाणि नि सकदा बल पेट्रोल प्रोड्यूसिंग देसुं की कथगा बुरी  हालात च।  मि ब्याळि  अपण दगड्या वास्ता बर्थ डे गिफ्ट खरीदणो पेट्रोल बजार जयुँ छौ।
एक कुवैती शेख गाणा गैक ग्राहकुं तैं भट्याणु छौ, " पेट्रोल खरीद लो , पेट्रोल खरीद लो , स्वीट स्वीट पेट्रोल ले लो। "
मीन पूछ - क्या भाव चलणु च पेट्रोल ?
शेखौ जबाब छौ - उन त मि 53 डॉलर प्रति बैरल बिचणु छौं पर चूँकि आप बर्थ डे गिफ्टक वास्ता पेट्रोल खरीदणा छंवां तो आपकुण 51 डॉलर ह्वे जाल।
मि पेट्रोल चखण इ वाळ छौ कि एक मनिख मि तैं खेंचिक अपण टेंटम  लीग्ये अर बुलण बिस्याई , " स्यु चोर च।  म्यार पेट्रोल ज्यादा मिठु च। ल्या लीबियन पेट्रोल चाखो ".। वैन मि तैं टीनो कप मा लीबियानी पेट्रोल चखणो दे।
मीन पूछ ," पेट्रोल बड़ो सवादी च।  क्या भाव च ?"
" उन त पचास डॉॅलर प्रति बैरल च पर चूँकि अबि बि हम "फ्री फ्रॉम गद्दाफी " इयर मनाणा छंवां तो डिस्काउंट काटिक ह्वाइ 49 डॉलर। " वैक उत्तर छौ
मि बजार भाव पता लगाणौ अग्वाड़ी बढ़ ग्यों। भीड़ वळि गळी मा नाइजीरियन , सऊदी अरब , कातर आदि का व्यापारी जोर जोर से चिल्लाणा छया , हमर पेट्रोल खरीदो , हमर पेट्रोल खरीदो , तैक पेट्रोल मा रस्सियन गंध च।
 टॉम ब्यॉय हैट मा एक मनिख मि तैं खैंचिक अपण दुकानिम लीगे अर बुलण बिस्यायि ," 2015 कु ताजा पेट्रोल खरीदो। बिलकुल अबि बेन्जुएला बिटेन अयुं च। "
मीन पूछ ," सन 2014 पेट्रौला वास्ता कन राइ ?"
बेन्ज़ुएला वाळौ जबाब छौ ," हाँ ए साल मौसम ठीकि छौ।  पेट्रोल निकाळण मा पैल जन झंझट नि राइ। "
मीन बोल ," क्या भाव चलणु च पेट्रोलॉ भाव ?"
वैन ब्वाल ," कैमा नि बुलणो कसम खैल्या तो मि 45 डॉलर मा एक बैरल पेट्रोल दे देलु। "
"पर यी त ओपेक प्राइस से आठ रुपया कम भाव च ?" मीन पूछ
बेन्ज़ुएला व्यापारिन ब्वाल ," म्यार चुसणा से ओपेक ! यि सब बेन्ज़ुएला से खार खांदन।  अरे हम तैं हर बेन्ज़ुएलाइ  नौनी तैं ब्यूटी क्वीन बणाणो बान पैसा नि चयेंदन ? हाँ त कथगा बैरल बांधि द्यूं ?"
मि अग्नै बढ़ ग्यों कि एक ब्यापारी मि तैं खैंचिक अपण ऑफिस लीग अर पेट्रोला फोटो दिखान्द बुलण बिस्याई ," देखो मैक्सिकन  बिगरैल पेट्रोल। बेन्ज़ुएला से द्वी डॉलर कम अर ट्रांस्पोर्टसन फ्री "
मीन ब्वाल ," दिख्यांण मा त बिगरैल च पर क्या गारंटी कि असली पेट्रोल बि इथगा इ सुंदर होलु ?"
मेक्सिको वाळन जबाब दे ," ये थॉमस तू बोल। "
थॉमसन उत्तर दे ," हाँ मि एक बैंक कु अधिकारी छौं।  एक पेट्रोल सुंदर ही हूंद। म्यार बैंकक  ये पर भौत उधार च तो हमी एक तेल बिचदाँ। आप स्विस बैंकक अनऑथोराइज्ड अकाउंट से बि पेट्रोल खरीद सकदा "
इथगा मा सूट -बूट मा एक ग्वारो मि तैं ठेलिक अपण दुकानिम लीगे ," तौं लैटिन अमेरिक्यूँ भकलौण मा नि आण।  सि फोटो मा दिखांद कुछ हौर छन अर डिलिवरी कुछ हौर की करदन। "
"आप ?" मीन पूछ
"मि यूरोपियन यूनियन कु अधिकारी छौं।  तुमकुण  40 डॉलर प्रति बैरल। "
"35 रुप्या मा दीणाइ त एक बैरल भर दे। "
" 39 डॉलर। "
"35 डॉलर। "
"ठीक च 36 डॉलर मा लीजा। "
मीन ब्वाल ," हाँ 36 डॉलर से तौळ त पेट्रोल क्या जालु "
एक आवाज आई ," अजी 36 डॉलर से तौळ बि मिल जालु " अर वु म्यार कंधा मा हाथ डाळिक अपण झुपड़ा मा लीग।
वैन ब्वाल ," मि 32 डॉलर प्रति बैरल दीणो तयार छौं।  अर डॉलर दीणै बि जरूरत नी च। पेट्रोल का बदला खाणो समान भेजी देन बस। "
मीन पूछ , " आप कखक पेट्रोल व्यापारी छंवां ?"
वैक उत्तर छौ ," मि ईरानी व्यापारी छौं। "



2 /1 /15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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                                                सन 2014 की बेस्ट बुक

                                  चबोड़्या , चखन्यौर्या , घपरोळया ::: भीष्म कुकरेती

      भारत मा अब लाखों किताब प्रकाशित हूंदन , त सन 2014 मा बि ह्वेन अर ज्यादातर  लिख्वार इ केवल अपण किताबुं पाठक हूंद। अधिकतर  किताब फोकट मा बांटे जांदन , कुछ किताब बिकद बि छन , कुछ किताब सरकारी पुस्तकालय खरीदद बि छन यदि सरकारी दफ्तरों मा तुमर पव्वा हो तो।
  सन 2014 मा एक अति महत्वपूर्ण किताब छप।  जब मि कम्पन्युं मा काम करदो छौ त कम्पनी खरीददी छै; पढ़दु तब बि नि छौ अर अब मि कैमांगन उधार बि नि मंगदु।  उन या कामक , अति महत्वपूर्ण अर प्रसिद्ध किताब सब्युं समज मा नि आदि।  वैदिन एक दगड्या मील अर वैक हथ मा या किताब छे।  यु दगड्या थ्रिल कथा साहित्य , थ्रिल फिल्म अर थ्रिल कला कु महान समालोचक च।
थ्रिल कथा समालोचकन  बवाल -अहा यीं किताब से बढ़िया किताब सन 2014  मा छप इ नी च।  मी अबि बि रोज यीं किताब तैं बचणु रौंद।
मि -अच्छा ? कैक लिखीं च ?
कथा समालोचक -संपादक छन वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली अर संरक्षक छन भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी !
मि -हैं ? किताबौ नाम क्या च ?
थ्रिल कथा समालोचक -बजट ऑफ इंडिया 14 -15 , थ्रिलेस्ट ऑफ दि थ्रिल्स बुक !
मि -हैं ? बजट मा अर थ्रिल ?
थ्रिल समालोचक -यीं किताब मा मनी च , पावर च , युद्ध च , जीवन संघर्ष च , बच्चों मृत्यु च , बलात्कार च , जनान्युं स्वील हूंद मृत्यु च , किसानुं  मृत्यु च , टैक्स च , टैक्स चोरी च , टैक्स चोरी पकड़णो बात च।  अर सबसे बड़ी बात च बल यीं किताब मा मनुष्य कु भाग्य बदलणो प्रतिज्ञा च याने भगवान तैं बड़ी चुनौती दीणै बात च।
मि -हैं ? मतबल इख्मा सभी रस अर भाव छन जु आम सड़क छाप रोमांचक किताबुं मा हूंद।
थ्रिल  समालोचक - हाँ हाँ ! सर्वरस वळि किताब च बजट ऑफ इंडिया 2014 !
मि -क्या इखमा श्रृंगार याने संयोग सम्भोग या विप्रलम्भ  सम्भोग बि च ?
थ्रिल समालोचक -बिलकुल यीं किताब मा प्राइम मिनिस्टरों आर्म्स ऐंड एम्युनेसन से प्रेम गाथा च ज्वा बड़ी रसीली च।  इन लगद प्राइम मिनिस्टर हथियारूं दगड़ सिंयां रौंदन !बहुत सा सीन तो भौति हॉट छन।
मि -अच्छा ? अर विप्रलम्भ सम्भोग ?
थ्रिल समालोचक -यी सीन त जगा जगा छन।  जन कि किसानो आत्महत्या से उंकी पत्नी , उप पत्नी कु दुःख , जमीन अधिग्रहण से भूमि मालिक कु ऐड़ाट - भुभ्याट , बलात्कार से जनान्युं समाज मा दुखी जीवन आदि आदि।  श्रृंगार अर करुण रस कु अभिनव संगम हुयुं च 2014 कु बजट मा।
मि -अर रौद्र रस कखम च ?
थ्रिल  समालोचक - UPA का कार्यों समीक्षा करद करद रौद्र रस पैदा करे गे।  किताब पढ़िक UPA की आर्थिक नीतियों पर इथगा गुस्सा आंद कि ज्यु बुल्यांद कि डा मनमोहन सिंह जीकी पीएचडी डिग्री छीन दिए जाव।
मि -अच्छा ! अर बीर रस  क्या क्या उदाहरण छन ?
थ्रिल समालोचक -असल मा सरा किताब इ बीर रस से भोरिं  च। बलात्कार तैं रुकणो तरीका ,   शिक्षा तैं बेहतर बणाणो तरीका , मदरसों वास्ता 100 करोड़ बजट आदि आध्याओं मा उतसाह भाव अफिक बीर रस पैदा करदन।
मि -भौत बढ़िया ! भयानक रस बि च यीं किताब मा ?
थ्रिल समालोचक -अरे ! हर अध्याय मा पैल लोगुं तैं डराए गे अर तब बथाये गे कि यु सन 1858 से चलणु टैक्स , UPA सरकार कु लगायुं टैक्स अर नया टैक्स जनहित मा किलै आवश्यक च।
मि -वेरी गुड याने पैल भयानक रस अर फिर शांत रस से हौर बि भय पैदा करण।
थ्रिल  समालोचक - हाँ भयानक रस , शांत रस अर फिर भविष्य की चिंता कु बढ़िया संगम दिखण हो तो बजट ऑफ इंडिया 2014 बांचो।
मि -यीं किताब मा वीभत्स रस कु तो नाम निसाण नि होलु हैं ?
थ्रिल  समालोचक - किलै ना ?
मि -हैं ? बजट मा अर वीभत्स रस ?
थ्रिल समालोचक - अरे बलात्कार प्रकरण अर स्वछता अभियान प्रकरण मा वीभत्स रस अफिक ऐ ग्यायि भै ।
मि -भलो ! भलो ! क्या यीं बेस्ट बुक ऑफ 2014 माँ हास्य अर व्यंग्य बि च ?
थ्रिल  समालोचक - बिलकुल यीं किताब मा हंसी च , चबोड़ च , चखन्यौ च , मजाक छन।
मि -क्या ?
थ्रिल  समालोचक - ब्रिटिश अर कॉंग्रेसी योजनाओं का नाम बदलिक जब बजट मा आशा करयांद कि यूँ योजनाओं से भारत कु भविष्य बदल जाल तो यूँ हास्यास्पद योजनाओं का रूप रेखा देखिक स्वयमेव ही हास्य अर व्यंग्य पैदा ह्वे जांद।


3 /1 /15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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                       जब किस्मत ह्वावु खराब तो पुलिस बि नि पकड़दी !
 
                                  भीष्म कुकरेती

सूत्रधार - एक गली मा  बीरू  अर  धीरू एकदम से मिल गेन.
धीरू -हैं ये बीरू ! तू अर इन हालात मा ?
बीरू - अरे क्या बोलुं रै धीरू ! मंदी की मार इन पोड़ कि शेयर बजार  मा सब कुछ डूब गे ।  एक दाणी बि खाणक नी च।
धीरू - च च !
बीरू - धीरू ! जरा हजारेक रुपया उधार दे दे।  अच्छा पांच सौ इ दे दे।  चल सौ रुप्या मा इ काम चलै ल्योल।
धीरू - अरे त्वे पता च बल मि त शादी शुदा छौं।  मि चार आना बि नि दे सकुद।  हाँ पर मि एक तरकीब बतै सकुद।
बीरू - बोल क्या क्या ?
धीरू - जब मि कंगाल ह्वे गे छौ त सरकार मेरी देखभाळ  करदी छे। यदि तू जेल चली जैलि त सरकार चार टैमक खाणक , द्वी टैम चाय , ढिकाण -बिस्तर सब दीन्दी।
बीरू - मतबल बस मी तैं कै जुरम मा जेल जाण पोड़ल।  ठीक च मि कै बि तरां से ल अफु तैं पकड़वैक  जेल जांदु।
धीरू - मेरी शुभकामना ! (चल जांद )
बीरू - बस अब इन करण कि कै बि तरां से मि तैं इन काम करण कि पुलिस मि तैं जेल डाळि द्या।  द ले स्यु क्वी आणु च मि वै तैं लुटणो ड्रामा करुद।
(एक आदिम आंद अर बीरू वै तैं पकड़िक बुलद - जू बि माल च मि तैं सौंप निथर मीन खून कर दीण। )
शेरू - अबे बीरू ! ठीक च मीन त्यार उधार चुकाण त यांक मतबल यु त नी च कि तू जबरदस्ती कौर।  ले अपण द्वी हजार रुप्या। (खीसौंदन द्वी हजार रुप्या गाडद )
पैथर बिटेन एक हवलदार आंद अर वु शेरू तैं पकड़िक वैक हतुं से द्वी हजार लींद अर अपण खीसौंद डाळि दींदु।
हवलदार  - देख बै चल।  मीन त्वैकुण बोलि छौ ना कि यीं गळी मा लूट-पाट नि करी।  पर तू नि सुधरी।  (हवलदार शेरू तैं पकड़िक लीजांद )
बीरू - चलो पैलि कोशिस बेकार गे।  मि दुसर गळि मा जांदू।  (वु हिटणु रौंद कि बीरू तैं एक जवान छोरी दिखेंद )
बीरू - वाह अब मि यीं छोरी तैं छेड़दु त हो हल्ला मचल अर पुलिस मि तैं लॉक अप मा बंद कर देली।
बीरू - ये डार्लिंग!  गिव मी अ किश ! गिव मी अ किश !
छोरी - क्या ?
बीरू - गिव मी अ हग ऐंड अ किश !
छोरी -ले किस कर ले। (छोरी बीरू तैं किस करणो बीरू से चिपक जांद )
पैथर बिटेन एक हैंक हवळदार आंद अर वु छौरी तैं पैथर बिटेन पकड़िक बीरू से अलग करद।
हवलदार - देख रीटा मीन बोल छौ कि ना अब यीं गळी मा तेरी वैस्यावृति नि चल सकद।  जब तक मि ये रुट पर छौं तब तक तेरी वैस्यावृति धंधा बंद।
हवलदार वैस्या तैं पकड़िक ली जांद।
बीरू - ओफो ! मि दुसर गळिम जांदु। ( दुसर गळि तरफ जांद )
बीरू - अरे वाह ! सि फायर ब्रिगेड कु अलार्म च ।  मि अलार्म बजान्दु  तो पुलिस पकड़िक लॉक अप मा बंद कर ही देली। (जोर जोर से अलार्म बजद )
अचानक कुछ समय बाद चार फायर ब्रिगेड की गाड़ी आंदन अर गली भीतर जांदन।
एक आदिम आंद।
आदिम - तो फायर ब्रिगेड कु अलार्म तुमन बजाइ ?
बीरू - हाँ मीनि बजाइ।  तुम मी तैं पुलिस मा दे द्यावो।
आदिम - अरे मि तुमर अहसान जिंदगी मा नि बिसरलु।  म्यार ड्यार आग लगीं छे अर तुमर अलार्म बजाण से फायर ब्रिगेड ऐ गे।  ल्या इनाम माँ दस हजार रुपया। (आदिम रुपया पकड़ैक चल जांद )
बीरू (रुप्या गणद -गणद )- अरे वाह दस हजार रुप्या ! पांच हजार रुप्या से त घर बार चल जाल अर पांच हजार रुप्या मि शेयर बजार मा लगै दींदु।  जेल जाणो प्लान कैंसल , नो जेल , नो पुलिस कस्टडी !
पैथर बिटेन हवलदार आंदु - मीन पैलि बोल याल छौ कि अब यीं गळि मा नकली नोटुं धंधा नि चौलल।  तू फिर से नकली नोटुं धंधा करण लग गे हैं ? (हवलदार बीरू से दस हजार रुपया लूठिक अपण कीसा जोग करद।  बीरू तैं पीटिक भगै दींदु। )
हवलदार -साले अब इस गली में आएगा तो तेरी खाल खींच दूंगा हाँ।
अकेला हवलदार (कीसा उंदक रुप्या भैर गाडद। ) - अरे वाह नकली हवलदार बणिक त ज्यादा कमाइ च।  आज से जेबकतरा कु धंधा बंद अर नकली पुलिस कु धंधा शुरू !
                               

4/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,
                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

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 Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya

                                      मि गढ़वाळ मा कख कख नि जयुं छौं  !

                                          गौंत्या : भीष्म कुकरेती

 मीन भौत जात्रा करीं छन , सरा भारतौ भ्रमण कर्यूं च अर अपण ससुराल ढौंढ एक दैं दिखणै इच्छा त छैंइ च। अंग्रेजी मा आधुनिक गढ़वाली साहित्य अर लोक साहित्य पर हजारों लेख , उत्तराखंडौ इतिहास पर अंग्रेजी मा पांच सौ से अधिक  लेख अर गढ़वळि मा द्वी हजार से अधिक  चबोड़्या लेख पढ़ण से लाखों  पाठकुं तैं गलतफहमी रौंदि  कि म्यार सरा उत्तराखंड घुम्युं च।  अर मी तैं अपण पाठ्कुं समझ पर घमंड च।
             पर असलियत अर छवि मा अंतर च।  म्यार दगड्या हेमा उनियाल , पूरण पंत पथिक , मदन डुकलाण, बी मोहन  नेगी, संदीप  रावत आदिन मेसे ज्यादा उत्तराखंड घुम्युं च पर पाठक समजदन कि यूंन ले क्या गढ़वाळ देखि ह्वाल जु भीष्मन देखि ह्वाल।  संदीप रावतन घूमिक गढ़वाली भाषा इतिहास ल्याख , डा हेमा उनियालन उत्तराखंड जाण अर मीन यूंक किताब पढ़िक अपण पाठक लोगुं तैं उत्तराखंडौ बारा मा बथाइ।
               खैर उन त बुले जांद बल अपण घरवळि से अपण प्रेमिकाओं बारा मा नि बताण चयेंद अर अपण पाठकों से भेद नि बताण चयेंद कि मीन कनकै ल्याख पर आज मूड च कि मि आप तैं बतौँ  कि मीन उत्तराखंड मा क्या क्या नि द्याख।
           सबसे पैल मि दुबर बथै द्यूं कि म्यार स्यूंसी -बैजरों नी दिख्युं ,  ढौंडियाल्स्युं मा अपण ससुराल ढौंड बि नी दिख्युं च अर मेरी घरवळिन बि ढौंढ नी दिख्युं च।  अर मि  बड़ो  घमंड से सब तैं बथांद बि छौं  कि म्यार  अपण ससुराल नी दिख्युं ।
            हम तैं छुट इ बिटेन बताये गए छौ कि दिल्ली अर मुंबई मा नौकरी सरलता से मिलदी तो  हमेशा मि पश्चिम मुखी रौं अर मीन कुमाऊं का क्वी हिस्सा नि द्याख तो समझी ल्यावो कि मीन नैनीताल का दर्शन नि कर्याँ छन।  अर नैनीताल वळु तैं मलाल बि नी च कि भीष्म कुकरेतीन अबि तक नैनीताल नि द्याख।  उनि जिम कॉर्बेट पार्क का शेर अर चखुलों तैं मि तैं दिखणै अभिलाषा छैं इ नी च त किलै मि जिम कॉर्बेट पार्क जौं भै !
 अब आपन पुछण कि जब मि जिम कॉर्बेट पार्क नि ग्यों तो राजा जी नेसनल पार्क किलै ग्यों ?  भै मि राजा जी नेसनल पार्क दिखणो नि ग्यों।  उ त ऋषिकेश या स्वर्गाश्रम से अपण गां जाण हो या कोटद्वार से हरिद्वार आण हो तो बीच मा राजा जी नेसनल पार्क का बोर्ड लग्याँ ह्वावन तो इखमा मेरी क्या गलती ? हैं ? अब यदि हरिद्वार से ऋषिकेश का बीच मा रायवाला या श्यामपुर ऐ जांदन त आँख थुड़ा बुजे जांदन।  दिखणि पोड़दन।
   चूँकि मि तैं नौकरी जरूरत छे तो मि युवावस्था मा श्रीनगर ग्यों , निथर सन 1815 से हम सलाण्यूंन श्रीनगर से नाता तोड़ि दे छौ।
           टिहरी मा , उत्तरकाशी मा , गोपेश्वर मा नौकरी मिलदी नि छे त मि केदारनाथ , गंगोत्री -जमनोत्री बि नि ग्यों।
                   टिहरी दिखणो बिगरौ त छौ पर दिखणौ मौक़ा नि मील।  इलै मीन डूबती टिहरी  पीड़ा पर एक बि लेख नि ल्याख। उन बि मि छुट छुट बांधों समर्थक छौं त में से टिहरी डुबण पर उथगा दुःख नि ह्वे जथगा दुःख यांपर ह्वे कि म्यार रिस्तेदारुं जौंक एक झुपड़ा बि नि छौ , उख किराए मा रौंद छा उंन  चर चर दैं पुनर्निवास का पैसा खैन अर अबि बि देहरादून का घंटाघर मा हड़ताल करदन कि पुनर्वास मा धांधली चल।
             मि पौड़ी जयूँ छौ अर दूर से मीन निसुड़ी गां बि द्याख पर खिर्सू वाळु क पिपोड़ द्याखो त सै कि खिर्सू वाळु तैं दुःख बि नी च कि मीन खिर्सू नि द्याख।  युवावस्था मा मीन सतपुळी का माछा  खयाँ छया किंतु अब सतपुली का माछों मा या उड़द की दाळ मा वु सवाद नि रै गे जु सवाद सन 1972 मा छौ।  सैत च सिगरेट पीण से जीबौ सवाद बदल गए होलु।  अब उन त स्वर्गाश्रम का चोटीवाला होटलम बि वु सवादी भोजन कख मिल्दु ? अर व्यासिम बि अब उन अलु का गुटका अर परांठा कख मिल्दन !
            मीन नरेंद्र नगर बि नी दिख्युं च त प्रताप नगर बि नी दिख्युं च। अर म्यार टिहरी वाळ दोस्तुं तैं आश्चर्य बि नि हूंद कि मीन नरेंद्र नगर अर प्रताप नगर नि द्याख। टिहरी का रिस्तेदारुं बुलण च बल जै मनिखौन अपण तहसील लैंसडाउन नि देखि हो वैन नरेंद्र नगर या प्रतापनगर क्या दिखण थौ।
 बात बि सै च।  हमर इलाका मा हमर जवानी का टैम पर लैंसडाउन जाणो मौक़ा तीन तरह से मिल्दो छौ।  यदि दसक इमतान दीणो जहरीखाल जाण , यदि फ़ौज मा भर्ती हूण या  पेन्सन लाण।  मीन दसक इमतान देहरादून माँ दे अर हमर बूड़ खूड अंग्रेजुं गुलामी से चिढ़दा छा तो पेन्सन लीणो सवाल इ पैदा नी ह्वे अर गांवक सबि बल्दुंन बोलि याल छौ बल जैसे ज्यु नि उठयांदु वु क्या फ़ौज मा भर्ती ह्वालु।  अब तिसर बातौ बान बि लैंसडाउन जाए जांद छौ।  यदि तुम तैं मुकदमा बाजीक व्यसन हो या दूसरों वाड सरकाण मा मजा आंद हो तो काळो डांडा याने लैंसडाउन जाण पड़द छौ।  उन जब मि अपण पट्टी की पटवारी चौकी गटक्वट - घणसाळी  नि ग्यों तो म्यार  लैंसडाउन माँ क्या काम हूण थौ जु मि लैन्सडौनौ जड्डू खौं ! 
 हाँ बद्रीनाथ मि जयूँ छौं अर तब पता चौल कि शंकराचारजी महान इ ना जिगरबाज बि छा।
   उन एक सीक्रेट हैंक बि च।  हमर गांमा पल्तिर एक पाणि इन च बल जु सबसे ठण्डु , स्यळण , बरमस्या पाणि च अर   म्यार वु पाणि   बि नी दिख्यु च। खैर जब दिखणो की इ बात ऐ गे तो मीन वु पुंगड़ बि नि दिख्यां छन जौं पुंगड़ों मा हमर बूड ददा जी क बुबाजी जौ बूंदा छा।

5/1/15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Bhishma Kukreti

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                              कॉंग्रेस की खज्यात अयीं च , वीं तैं क्या बीमारी लगीं ह्वेलि ?

                                 चबोड़्या : भीष्म कुकरेती

 मि कोशिश करदो कि कै बि तरे से राजनीतिक लोगुं पर कम से कम लेखुं।  कारण च कि आजौ लेख हैंक साल मजा नि दींदु।  अर बीसेक साल बाद तो समज मा बि नि आंद कि लेख किलै लिखे गे होलु।  म्यार 1985 का कथगा इ राजनीतिक लेख आज रेलीवेंट नि छन ।
पर बुल्दन बल मंगत्या त मंगण छुड़ण चाणु च पर दानी बुलणा छन कि मंगत्या नि राला तो हमकुण दानी कु ब्वालल ?  कॉंग्रेस , बजरंग दल , टीएमसी, लालू आदि का इन हाल छन कि मि तैं राजनीति पर लिखण इ  पड़द।
        अब एक पार्टी च कॉंग्रेस ज्वा अफु तैं 130 साल पुरण पार्टी बुल्दी।  या पार्टी रणनीति रणनीति का मामला मा दिवालिया ह्वे गे।
              यूंन पैल गुजरात मा 2002 का बाद नरेंद्र मोदी तैं इथगा गाळी देन कि कॉंग्रेस कु नाम गुजरात मा पड़ि गे - हिंदु विरोधी पार्टी
           सन 2013 मा जब भाजपान नरेंद्र मोदी तैं प्रधानमंत्री कंडिडेट घोषित कार तो सबि सेक्युलर पार्टी बुलण मिसे गेन कि अब अल्पसंख्यकों याने मुसलमानुं खैर नी च।  हौरुं उथगा नुकसान नि ह्वे पर कॉंग्रेस पर राष्ट्रीय स्तर पर एक तगमा लग बल कॉंग्रेस माने - हिंदु विरोधी पार्टी !
फिर जब कॉंग्रेस तकरीबन सफाचट ह्वे गे तो कॉंग्रेस का थिंक टैंक  दिमागी तौर पर  दिवालिया हि ह्वे गे।
              भाजपा सरकार बण्या द्वी मैना नि ह्वे छा अर कॉंग्रेस किराण मिसे गे कि मंहगाई बढ़ गे , अल्लू -प्याज मैंगा ह्वे गेन , सिगरेट-दारु बि मैंगा ह्वे गेन।  लोकसभा -राज्य सभा मा मंहगाई पर हो हल्ला मचाणो कोशिस ह्वे।  पर अंत मा कॉंग्रेस तैं बैक फुट पर जाण पोड़ , कॉंग्रेस की ही बेज्जती ह्वे , कॉंग्रेस ही मुख दिखाण लैक नि राइ बल या मंहगाई तो दस सालौ यूपीए की  ही देन च।
         फिर कॉंग्रेस का हाइ कमांड याने राहुल गांधी का सलाहकारुं तैं याद आइ  बल अरे नरेंद्र मोदी स्विट्जरलैंड से ब्लैक मनी बौड़ैक  लाण त बिसरी ग्याइ। अर इना उना हो हल्ला करे गे बल भाजपा तैं पटखनी दिए जाय।  पण इखम बि मार नरेंद्र मोदीन नि खाइ अर कखि ना कखि कॉंग्रेस पर ही झसांग , खचांग , ढसांग लग गे कि ये भै कॉंग्रेस इथगा सालुं से ब्लैक मनी मामला मा बौं हौड़ किलै पड़ीं छे।  कॉंग्रेसक हाल इन ह्वे जन घ्वाड़ा चढ़णो खरीद पर  बुकण पोड़।
         धर्मांतर पर कॉंग्रेस अर छुटभया पार्टयूँन राजयसभा नि चलण दे।  कॉंग्रेस खुस छे बल भाजपा फंस गे।  पर ह्वे उल्टु।  छुटभयों   क त कुछ नि ह्वे किन्तु कॉंग्रेस द्वी छ्वाड़न बदनाम ह्वे गे।  एक त कॉंग्रेस पर द्वी चार हिंदु विरोधी हौर तगमा लगिन अर एक अभियोग हैंक बि लग बल कॉंग्रेस नि चांदि कि नरेंद्र मोदीक राज मा विकास ह्वावु , रोजगार मिल अर फॉरेन इन्वेस्टमेंट इण्डिया मा आव।   पैटन  टैंक ले छौ  कि भाजपा कु किला उड़ाए जाए पर यु निर्भागी पैटन टैंक कॉंग्रेसक किला /कोट /फोर्ट तैं इ उजाड़िक अग्वाड़ी बढ़  गे। कॉंग्रेस ना इ सोरग जोग , ना इ नरक जोग अर ना हि झारखंड जोग राइ।
          अर 31 दिसंबर 14 रात नेवी वळुन पाकिस्तानी समोद्रो बिटेन अयीं एक नाव पकड़ण चाइ तो नाव मा आग लग गे।  3 जनवरी 15 तक कुछ पता नि चौल कि या नाव मा आतंकवादी छया या स्मगलर छया।  इंडियन एक्सप्रेस की खबरूं आधार पर कॉंग्रेसन भाजपा पर अभियोग लगाण लग गे कि स्मगलरक नाव तैं आतंकबादी नाव किलै बुल्याणु च।  कम्युनिकेसन की उस्तादण, मास्टर्याणि   भाजपान उल्टां कॉंग्रेस तैं इ फांसी पर लटकै दे बल कॉंग्रेस पाकिस्तानै सहायता करणि च, सेना कु मनोबल गिराणि च ।  कॉंग्रेसन जु कटघरा भाजपा कुण तयार कौर वै कटघरा पुटुक अफिक फंसी गे। कॉंग्रेस ज्वा झौळ भाजपा तैं जळाणो   ल्है छे वीं झौळन कॉंग्रेसक झुपड़ा इ जळै दे।
   असल मा कॉंग्रेस भूली ग्याइ कि कॉंग्रेसक समस्या हल अबि भाजपा नी च अपितु कॉंग्रेस का भीतर ही समस्या   समाधान च पर कॉंग्रेस समस्या समाधान भैर खुजणी च।  कॉंग्रेस की समस्या या च कि वा 180 डिग्री मा बदलीं परिस्थिति का अनुसार अफु तैं नी  बदलणि  च अर कम्युनिकेसन स्टाइल , ढौळ , रूप नी बदलणि च।  कॉंग्रेस का वास्ता पारम्परिक ढंग से भाजपा पर तीर नि चलाण चयेंद बल्कण मा गैरपारम्परिक हथियारूं आविष्कार करण चयेंद।

6/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Bhishma Kukreti

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                                   अरे मै तो क्रिकेट कमेंटेटर बन्न गय्या !

                                            खिलंदेर ::: भीष्म कुकरेती

सि ब्याळि म्यार लोकल केबल वाळ म्यार ड्यार आयि अर बुलण मिसे - बल कुकरेती जी ! अब सि क्रिकेट वर्ल्ड कप आण इ वाळ च आप हमर क्रिकेट कमेंटेटर बण जावा।
मि -मि अर क्रिकेट कमेंटेटर ?
केबल वाळ-टीवी सीरियलुं जन तीन दैं मुंड हलैक किलै खौंळयाणा छंवां ?
मि -ह्यां मीन त कबि नि स्वाच कि मि क्रिकेट कमेंट्री करुल।
केबल वाळ-त क्या ह्वे ? सुचणो त पनगड़िया जीन बि नि सोचि छौ कि एक दिन नीति आयोग बणल।
मि -ओहो म्यार मतबल च बल क्रिकेट कमेंट्री वास्ता क्रिकेटौ ज्ञान त हूण चयेंद।
केबल वाळ- भौत सा टीवी ऐंकर मंगल ग्रह यान पर इन बुल्दन जन बुल्यां यूंक जनम इ इसरो क लैब मा ह्वे वाल तो यांक मतलब यु नी च कि अज्ञानी एक्स्ट्रा कमेंट्स नि कार साक।  द्याख नी तुमन राहुल गांधी , दिग्विजय सिंह , सिंधिया जन लोग गरीबी की त्रासदी पर कन बुल्दन जन बुल्यां यूंन  बचपन मा दस दस दिन तक पाणि नि पै हो।
मि -पर मि तैं करण क्या च ?
केबल वाळ- तुम तैं एक्स्ट्रा कमेंट्री मा सेन्सेसन पैदा करण , दर्शकुं मन मा आवेग , क्या ह्वाल अर द यार यी क्या बिजोग पड़ गे जन भावना पैदा करण।
मि -सेन्सेसन ?
केबल वाळ-हाँ जन कि चार तारीख बिटेन टीवी वाळ सेन्सेसन पैदा करणा छा कि युवराज इंडियन टीम मा आलु कि ना , आलु कि ना या ये बगत बि युवराज की पछिण्डि त नि ह्वे जालि।
मि -पर युवराज की मनोव्यथा अर शरीर की दशा क्या च जाणै बगैर युवराज टीम मा होलु कि ना कु घ्याळ लगाण क्रिकेट खेल का दगड़ बेइनसाफ़ी  च।
केबल वाळ-द्याखो एक्स्ट्रा कमेंट्री मा खेल का साथ इन्साफ़ी नि करे जांद बल्कि सेन्सेसन पैदा करे जांद , टीआरपी बढ़ये जांद , अलंकारुं ऐसी तैसी करे जांद।
मि -अलंकारुं ऐसी तैसी ?
केबल वाळ-हाँ जन कि ब्याळि युवराज तैं टीम मा नि लिए गे त भौत सा एक्स्ट्रा कमेंटेटरुं बुलं छौ - धोनी ने बदला लिया , युवराज के  बंटाधार का गुनाहगार धोनी , युवराज का जानी दुश्मन  फ्लेचर आदि आदि !
मि -ह्यां पर असलियत मा क्या ह्वे यी बि त आवश्यक च कि ना ?
केबल वाळ-ओहो ! सूत्रों के अनुसार बोलि द्यावो तो सब झूठ सच माने जांद।
मि -फिर मि तैं क्या क्या करण ?
केबल वाळ-अब माने कि भोळ इंडिया कु मौच ह्वावु त आज सुबेर बिटेन प्लेयिंग इलेवन का बारा मा दर्शकुं तैं इन उळजाण कि दर्शक सुपिन दिखण लग जावन कि पंदरा का पंदरा खिलाड़ी ही भोळ   खिलणा छन।
मि -मतबल क्रिकेट कमेंटेटरों काम च दर्शकुं कल्पना का दगड खिलवाड़ ?
केबल वाळ-हाँ जु दर्शकुं कल्पना दगड़ जथगा जादा खिलवाड़ कारो स्यु उथगा महान कमेंटेटर जन कि महान अलंकार विद नवजोत  सिद्धू।
मि -अर जब टॉस हूणों बाद प्लेयिंग इलेवनकु  निर्णय ह्वे जावो तो ?
केबल वाळ-तो भारतीय कैप्टेन तैं गाळी दीण कि अलण तैं किलै नि ले , फलण की जगा पर यदि उ हूंद तो , स्यु हूंद तो आदि आदि।
मि -मतबल इन हूंद तो तन ह्वे जांद।
केबल वाळ-हाँ  खेल खतम हूण तक दर्शकुं तैं इफ़्स ऐंड बट्स मा फँसाइक रखण।  सफल कमेंट्री कु रहस्य च कि फूफू की मूछें होती तो वह चाचा ताऊ होती।
मि -अर यदि टीम हार जाव तो ?
केबल वाळ-तो चिल्लावो टीम के चौदह  गुनाहगार , चौदा  लोगुंन इंडिया की लुटिया दुबै , यूँ चौदौं तैं जिन्दा खड़्यार द्यावो आदि शब्दों से एक्स्ट्रा कमेंट्री की शुरवात कारो।
मि -पर खेल मा तो अग्यारा खिलाड़ी हूंदन फिर चौदौं तैं खड्यणो  क्या जरूरत ?
केबल वाळ-अरे टीम हारी गे तो कोच , डाइरेक्टर अर ट्वेल्थ मैन तैं बि नंगा करण जरुरी च कि ना ?
मि -अर यदि टीम जीत गे तो ?
केबल वाळ-तो सारा का सारा क्रेडिट अफु ले ल्यावो।
मि -हैं ? ख्यालल खिलाड़ी , खलड़ खिंच्याल खिलाड्यूं का अर क्रेडिट ल्यालु कमेंटेटर ?
केबल वाळ-हाँ ! इन मा एक्सपर्ट कमेंटेटर  तैं हर बार बुलण पोड़ल कि मैंने कहा था कि यदि यह प्लेयिंग इलेवन होगी तो इण्डिया जीत जायेगी।
मि -ओ ! त या बात च।
केबल वाळ-हाँ ! एक्सपर्ट कमेंट्री कु यही राज च।
मि -ठीक च।  मि एक्सपर्ट कमेंट्री का वास्ता तयार छौं।
केबल वाळ-ठीक च। तुम चार स्पॉन्सर  खुजेक लया अर जैदिन चार स्पौंसर  लेक ऐ जैल्या वैदिन बिटेन कमेंट्री का वास्ता ऐ जैन।


7/1/15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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Bhishma Kukreti

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                    धार्मिक उछद्यूं  , न्यायिक अव्यवस्था अर घपरोळयौं   की खबर  कामक खबर खाणा छन !

                                          गमगीन : भीष्म कुकरेती

 ब्याळि परसि भारत मा कुछ इन घटना , इवेंट्स व्हेन जौं पर टीवी माध्यमुं , अखबारुं अर चौंतरौं (चौपाल ) मा छ्वीं लगण छे पर दुर्भाग्य बल छ्वीं बेकारै बत्तुं पर लगिन।
कोलकत्ता मा बंगाल निवेश सम्मेलन ह्वे जखमा केंद्रीय वित्त मंत्री अर परिवहन मन्त्रीन भाग ले।  असल मा टीवी माध्यम मा बंगाल की आर्थिक कुदशा का बारा मा छ्वीं लगण चयाणी छे पर सरा दिन छ्वीं लगिन कि सुनंदा थरूर की मौत कनै हवे।
           एकाद टीवी वाळ छोड़िक कै बि टीवी वाळ तै नि पड़ीं छे कि पता लगाये जाव कि बंगाल की आर्थिक मौत का जुम्मेवार क्वा मानसिकता छे , बंगाल की बेकारी , बदहाली , बदरंगी आर्थिक कमजोरी  वास्ता  उत्तरदायी कु छया अर कौंक कुकर्मुं से एक बगत इंडियन कॉमर्शियल कैपिटल कोलकत्ता का कुहाल ह्वेन। किन्तु सबि   टीवी वळु तैं पड़ीं छे कि जांच पड़ताल करे जाव कि पाकिस्तानी पत्रकार की सुनंदा की मौत मा क्या भूमिका च ? बंगाल की खुशहाली की मौत पर सुनंदा की मौत भारी पड़ गे। टीवी चैनलुं मा बहस हूण चयेणी छे कि ममता बनर्जी का नेतृत्व मा नंदीग्राम मा खूनी करतब खिले गे छौ अर टाटा मोटर्स तैं बंगाल छोड़िक गुजरात मा फैक्ट्री लगाण पोड़।  पर सरा दिन चैनलुं मा बहस का मुद्दा छौ कि शशि थरूर का नौकरों से सुनंदा की मौत  बारा मा पुलिस क्या पूछलि।  वाह रे ! नकारत्मक मीडिया ! भारत मा अब क्या तेरी भूमिका ?
    अंतर्राष्ट्रीय बजार मा पेट्रोल का दाम रोज घटणा  छन।  भारत बि पेट्रो पॉलिटिक्स अर पेट्रो इकोनोमिक्स से प्रभावित हूण वाळ च। इन स्थिति मा भारतीय ग्रामीण आर्थिक दशा माँ त्वरित सुधार आवश्यक च।   इन स्थिति मा  ग्रामीण आर्थिक स्थिति तैं सुदृढ़ बढ़ाणो बान हरेक भारतवासी तैं व्यक्तिगत योगदान आवश्यक च।  बहस का मुद्दा हूण चयेणु छौ कि ये अवसर पर हरेक भारतीय ग्रामीण आर्थिक दशा सुधरण मा क्या क्या योगदान दे सकुद।  किन्तु एकाद चैनेल छोड़िक हरेक टीवी चैनेल बेचैन छौ अर हरेक भारतीय तैं बेचैन करणु छौ कि ओएसिस न क्या ब्वाल अर साक्षी महाराजन क्या ब्वाल।  टीवी चैनेल अब रोड छाप जासूसी -सेक्स की किताब ह्वे गेन जु  अब बस जयिं -बितीं बत्तों तैं बहस का मुद्दा बणाणा छन।
  अबि गुजरात मा प्रवासी दिवस मनाये जाणु च अर प्रवास्युं  प्रवास मा तकलीफ , प्रवास्युं सफलता अर प्रवास्युं योगदान पर चर्चा आवश्यक विषय छौ किंतु टीवी चैनेलुं मा चर्चा का विषय छौ मणिशंकर को मुस्लिम आतंकवाद पर उटपटांग बयान, अर करीना कपूर की  एक कटटर हिन्दू पत्रिका मा कवर फोटो । मुख्य समाचार मणी  शंकर का बयान अर लव जिहाद ह्वे गे अर प्रवासी भारतीयों छ्वीं कै बि टीवी चैनेल मा नि लग।   नकारात्मक मीडिया भारतौ भाग्यविधाता बण गे।
आज न्यूज मेकर याने नेता बि उटपटांग ह्वे गेन अर टीआरपी का गुलाम मीडिया बि पागल ह्वे गे। टीवी मीडिया यूजलेस मीडिया ह्वे गे।  मीडिया उटपटांग नेताओं से बि फंड ह्वे गे।
धार्मिक उछद्यूं  , न्यायिक अव्यवस्था अर घपरोळयौं   की खबर  कामक खबर खाणा छन !

9/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।


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                    स्वच्छ भारत  , स्वच्छ भारत , बुद्धिमान भारत!


Bhishma Kukreti

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 Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya

                                      मुसूँ कुण प्रेम पाती

                                     पत्र -प्रेषक :::भीष्म कुकरेती

प्रिय मूषकराज  !
आशा च कुछ पाणै आस मा स्वतः प्राप्त दुंळ बिटेन सुळ -सुळ थूँथुर भैर गाडिक सुंगणु ह्वेलु , स्पर्श या कन्दूड़ से सुणणै /जाणनै कोशिस करणु ह्वेलि।  मि तैं पता च कि त्यार आँख कमजोर हूंदन पर तेरी जीव , तेरी त्वचा , त्यार कन्दूड़ अर नाक आँखूं कमजोर दृष्टि की कमी दूर कर दींदी।  अर यूं इन्द्रियुं से तू हर समय कुछ न कुछ खुजणु रौंद।  अबि त रात च त अबि बि तू कै कंटर,  सामान या बर्तन का तौळ  बिटेन थूँथुर निकाळिक भोजन खोज , पाणि खोज , रौणै जगा खोज , कठिनाई अन्वेषण , शत्रु खोज मा लग्युं ह्वेलु या पुरण रस्तौं तैं याद करणु ह्वेलु।
हाँ मि तैं पता च कि तू होशियार छे।  असल मा त्वे पर निओफोबिया हूंद याने तू नई चीजुं पर अधिक विश्वास नि करदी मतबल तू नई चीजुं पर खतरा उठाण से बचणु रौंद। तबि त आठ दस दिन ह्वेक बि तू चूहेदानी पुटुक जल्दी से नि फंसदि।
पर यदि तू सेर छे तो मि सवासेर छौं।
मीन त्वैकुण त्वै तैं फंसाणै दवा मतबल त्वै तैं मारणै दवा रुटी  पर लगयीं च , रुटि तेरी स्मृति मा च त तीन झट से रुटी खाणो आण इ च।
अच्छा सूण दवा मिश्रित रुटी खाणो अकेला नि ऐ , अपण कज्याण बि लै , बच्चा -कच्चौं तैं बि लै अर जीमण बोलिक अपण सरा भयात तैं बुलै दे।  मीन तुम सब्युं कुण जीमणो इंतजाम कर्युं च भै।
ओहो चिंता नि कौर द्वामिश्रित रुटी खाणो बाद तू स्वर्गधाम पौंछि जैलि जख मूषिका रूप मा , चौषठ कलाओं से सम्पन अप्सराएं तेरी इन्तजार करणी छन।
हाँ यु भोजन मि त्यार उधार चुकाणो बान दीणु छौं।  कुज्याण कथगा रात ह्वे गेन धौं तीन मि तैं रात सीण नि दे ,  तीन मि तैं उल्लू बणै , तीन मि तैं निशाचर बणै , तीन मि तैं बीमार कार।  वांक सब उधार दीणु छौं।
सप्रेम , एक मूषक जनित दुखभोगी !

14/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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Bhishma Kukreti

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 Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya Dhoni, Shahrukh Khan advertising Alcohol brands

                                               धोनी ! धिक्कार है तुम्हे  , शाहरुख खान ! धिक्कार है तुम्हे !
                                                           कुछ विज्ञापन त चिरडाँद इ छन

                                           चबोड़्या  : भीष्म कुकरेती

                   अचकाल   हम विज्ञापन बगैर ना खै सकदा , ना पे सकदा ना ही से सकदा।   अब  हमारी संस्कृति विज्ञापन ही निर्मित करदन ना कि समाज, ना कि  नेता लोग अर ना ही इमाम या शंकराचार्य ।  हमर उठणो -बैठणो  तरीका अब विज्ञापन पर निर्भर करदन , हंसण -बुलणो सलीका विज्ञापन पर निर्भर हूंदन अर   अपण काका -काकी , बडा -बोडी या रिस्तेदारुं पर  हमेशा शक करण हम टीवी सिरियलूं से सिखदा।
             यद्यपि अशोक महान का लाट -पिल्लर  बथान्दन कि विज्ञापन तब बि हूंदा छा जब गढ़वाल मा लोग खस भाषा मा बचळयांद छा , पंडित लोग   संस्कृत पढ़ान्दा छया  पर सरकारी विज्ञापन (लाट /पिल्लर ) पाली भाषा मा हूंद छा जो आम गढ़वळियुं समज मा नि आंद छा। आज बि आदि वास्युं क्षेत्र मा अंग्रेजी मा सरकारी समाज कल्याण का होर्डिंग लग्यां रौंदन अर फिर कॉंग्रेस सरीखा पार्टी रूणी रौंद  कि हमर काम लोगुं समज मा नि आई।
  सबसे पैल त प्रदेश सरकारुं पर्यटन बिज्ञापनुं मा मुख्यमंत्रिक फोटो देखिक चिड़ लगद।  मि आज तक नि समज सौक कि ताजमहल पर्यटन  विज्ञापन मा अखिलेश , मायावती या मुलायमक थुबड़ा किलै दिखये जांद। जौंक इच्छा ताजमहल दिखणो ह्वावो  बि तो ताजमहल पर्यटन  विज्ञापन मा अखिलेश , मायावती या मुलायमक थुबड़ा  देखिक भौत सा उत्तर प्रदेश की यात्रा नि करणो सौगंध खै दींदन याने उत्तरप्रदेश की यात्रा इ स्थगित कर दींदन।
भौत सा विज्ञापनु  मा आंद कि सौ साल पुरण ब्रैंड जन कि साबण अब नया पैक मा ! ये भै जब माल मसाला वी च तो नया पैक से हम तैं क्या फैदा ?
 अजकाल इन विज्ञाञपनुं बड़ी धूम च जु बुल्दन और अब हमारा  बिस्कुट नया मिनरल के साथ।  याने ब्याळि  तक तुम हम तैं बेवकूफ इ बणाना छया।
भौत सा टीवी चैनेल  शारदा चिट फंड स्कैम का साथ साथ ममता बनर्जी तैं बि गाळी दीणा रौंदन अर दगड़ मा N Mart का विज्ञापन बि प्रसारित करणा रौंदन।   N Martकुछ नी च MLM कम्पनी च अर एक दिन  N Marन बि वी खेल खिलण जु शारदा चिट फंडन ख्याल !
 फिर जब टीवी मा हनुमान मूर्ति का फैदा दिखैक मॉडल बुलद कि बस हनुमान जी की मूर्ति ड्यार लावो अर सुख , सफलता अर समृद्धि पावो। इनि जि यी मूर्ति कामगार हूंदा त वु मॉडल जु ये विज्ञापन मा मॉडलिंग करद एक सफल फ़िल्मी कलाकार नि ह्वे जांद।  बिचारा मॉडल तैं पैल बि फिल्मों मा , टीवी सीरियलूँ  मा काम नि मिल्द छौ अर वु मॉडल आज बि दिनभर निठ्ठला बैठ्युं रौंद।
      चिरड़ त महेंद्र सिंह धोनी या शाहरुख खान पर बि आंद कि रुप्यों  लोभ मा यी शराब का विज्ञापनुं मॉडल बणन मा बि नि शर्मांदन।  ठीक च शराब निर्मातौं  जनम तो मानव जीवन तैं नारकीय बणाणो वास्ता इ हुयूं च अर तास , सोडा या म्यूजिक कैसेट का नाम पर शराबौ विज्ञापन करदन किन्तु शाहरुख खान या महेंद्र सिंह धोनी तैं त थोड़ा सि शरम हूण चयेंद कि चार पांच करोड़ रुपयों बान भारतीयवास्युं तैं शराब की लत किलै लगाणा छंवां ? शाहरुख खान ! महेंद्र सिंह धोनी ! यदि अबि बि अपण कमाई से नि अघायो तो रस्ता मा भीख इ मांग ल्यावो तुम तैं एक दिन मा इथगा भीख मिल जालि कि तुमर सात पुस्तुं तक पैसौं  कमी नि रालि।  धोनी या शाहरुख तैं समजण चयेंद कि यदि तुमर हुनरो कारण लोग तुमर अनुसरण करदन तो यांक मतबल यु त नी च कि तुम शराब ब्रैंड का विज्ञापन मा मॉडल बौणो।  धोनी ! धिक्कार च , शाहरुख खान ! धिक्कार च । चुल्लू भर पाणि मा डूब मरो।  भौत सा लोग तुम सरीखा सलेब्रिटी तैं श्राप बि दींदन कि जावो ! यांसे बढ़िया तो तुम कोढ़ी ह्वे जाँदा तो ठीक छौ अर तब या बात भारत मा फैलि जांद चूँकि शाहरुख खान अलण शराब पींद छौ अर धोनी फलण शराब पींद छौ तो यी द्वी कोढ़ी ह्वे गेन।
इनि भौत सा विज्ञापन रोज हम तैं चिरड़ाणा इ रौंदन।

17/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India

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