इन पर्यायवाची शब्दों को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी बोली कितनी समृद्ध है -
कुल्हाडी- रमट, बनकाट, फर्स, कुल्याङि, बन्काटि
खेत- ख्यत, कनाव, बाङ, गङ, कात, गङि आदि
भुट्टा- घ्वाघ, घोघो, काकनि, जुनाल आदि
लोटा- लोट्टि, कस्यूण, कसिनि, घंटि आदि
पत्थर- ढुंग, पाथर, घंतर, ढोव, गंगलोङ आदि
कपङे- कपाङ, लुकुङ, कातरि, थिकाव, हन्तर आदि
हंसिया- आंसि, दांतुलि, दातुल, कातुलि आदि