Uttarakhand > Utttarakhand Language & Literature - उत्तराखण्ड की भाषायें एवं साहित्य

दुदबोलि : एक वार्षिक पत्रिका

<< < (3/3)

Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
Dhanyavaad Hem bhai yeh kavita humare saath sahre karne ke liye.

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी:
hemu bhaute baute bhal bhai.. sachi mai maje aigo.. aur yo jo  jo pankaj jyu kuni waik kuch dhyan dhariya dhai kuch unar contact no meel saku to badi hwal
--- Quote from: H.Pant on June 20, 2008, 10:30:45 AM ---मैने उपरोक्त पंक्तियों का हिन्दी में अनुवाद करने की कोशिश की है...

अरी ओ मोटर!
तेरे सर पर बिजली गिरे
घर से लखनऊ तो
नजदीक पहुंचा दिया, लेकिन
लखनऊ से घर
तूने कितनी दूर पहुंचा दिया
-----------------------------------
कहो सुवा (तोता) - क्या हाल हैं?
कैसा लग लग रहा है पिंजरे में?
क्या हाल बताऊँ भाई
अपने जैसे ही समझ लो!

----------------------------------

डबल - बैड.......! 
मेरे लिये तो
इसका मतलब
अब भी  ‘डबल’ (पैसा) ही है
-----------------------------------
सचिन......!      
तूने तो कमाल कर दिया
यहां तो ‘हाफ सेंचुरी’ में ही
हालत खराब हो गयी
-------------------

पहाड़ में
जिन्दगी है
शहरों में
जिन्दगी 'पहाड़ ' है

--- End quote ---

हेम पन्त:
मेरे पास मठ्पाल जी जो फोन नम्बर था वो आजकल काम नहीं करता है. मैं नया नम्बर पता करके जल्द ही आप सब को सूचित करूंगा..

हेम पन्त:
अन्धविश्वास ने पहाङ के शिक्षित और अशिक्षित लोगों को अब भी बुरी तरफ जकङ कर रखा है. इसी विषय पर "दुदबोलि-2006" से कुमांउंनी कवि उदय किरौला जी की एक कविता-

पुराण सब खतम हैगो, गौं बाखई उज्याव हैगोI
कम्प्यूटर गौं-गौं पुजिगो, विज्ञानौ जमान ऐगोII

भूता रूणीं जगां आब, मकान बणि गयींI
तिथांणा* ढूंग माटैल, मकान सब सजि गयींII

भूता चक्कर में आज गौं मैंस खतम हैगो,
घर कुङि बेचि बेर, हिरदा पित्तर बगै ऐगोII

अस्पताल नामैके छन देपाता पर्च खतम हैगींI
सैणीं भूत पुजना लिजि डाक्टर सैब घर ऐगींII

बीमार कैं अस्पताल दिखाओ मन पक्को करि भै पूजोI
नान कूंणी भूत पुजणियोI भूता बजाय मैंस पूजोII 

*तिथांण - श्मशान घाट

Navigation

[0] Message Index

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version