Grammar of Kumaoni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -40
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-40
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में काल विधान
अबोध बंधु बहुगुणा अनुसार गढ़वाली में काल विधान इस प्रकार है
भूतकाल
भूतकाल --------------------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ---------------------एकवचन ----------बहुवचन
सामान्य भूत ------गै, गए, गयूं-------------गैने, गयां ----------------गै, गए, गयूं------------गैने , गयां
आह्न्न्भूत ---------जयूं च ----------------जयां छन ------------------जयीं च-----------------जयीं छन
पूर्णभूत -----------गै छौ /छयो --------------गै छ्या-----------------गै छयी/छै ---------------गै छयी
अपूर्ण भूत --------जाणु छौ/छयो ------------जाणा छा /छ्या -----जाणि छै/छई-------------जनि छै (छयी)
संदिग्ध भूत ----गै ह्व्लो ------------------गै ह्वला-------------------गै ह्वली---------------गै ह्वली
हेतुहेतुभूत -----जयूं होंदो ---------------- जयां होंदा ----------------जईं होंदी --------------जईं होंदी
वर्तमान काल
वर्तमान काल -------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचन
सामान्य - ---------- जांदू , जांद ------------जांदवां/जान्दन -------------जांदू , जांद-----जांदवां/जान्दन
संदिग्ध ------------जाणु ह्वेला/हूंलो---------जाणा ह्वला/हूंला------------जाणी ह्वली ----जाणी ह्वली
अपूर्ण --------------जाणू च /छ -----------जाणा छन/छंवां-----------------जाणी च ----------- जाणी छन
भविष्य काल
भविष्यकाल ------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचनसामान्य--------------जौंला/जालो ---------जौंला /जाला ---------------जौंलो /जालि------जौंलो /जालि
संभाव ------ --------जौं/जावो ------------जंवां/जावन ------------------जौं /जावो ----------जंवां/जावन
अबोध बंधु बहुगुणा ने भविष्यकाल सम्बन्ध विधि के उदाहरण इस प्रकार दिए हैं
१- भोळ हमर ड्यार ऐन
२-आप बैठन
३-ड़्यार चल जा
४-अब तुम तैं ड़्यार जाण चयेंद /चैन्द
सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
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