Author Topic: मध्य हिमालयी कुमाउनी,गढ़वाळी एवं नेपाली भाषाओं व्याकरण का तुलानाम्त्क अध्ययन  (Read 16598 times)

Bhishma Kukreti

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Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages

                            मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -40



Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-40


                                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                 Edited by Bhishm Kukreti
 
 
                                         गढ़वाली में काल विधान
 
         अबोध बंधु बहुगुणा अनुसार गढ़वाली में काल विधान इस प्रकार है                         

                                             भूतकाल

भूतकाल --------------------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग

------------------------एकवचन  -------------बहुवचन ---------------------एकवचन ----------बहुवचन

सामान्य भूत ------गै, गए, गयूं-------------गैने, गयां ----------------गै, गए, गयूं------------गैने , गयां

आह्न्न्भूत ---------जयूं  च ----------------जयां छन ------------------जयीं च-----------------जयीं छन
 
पूर्णभूत -----------गै छौ /छयो --------------गै छ्या-----------------गै छयी/छै ---------------गै छयी

अपूर्ण भूत --------जाणु छौ/छयो ------------जाणा छा /छ्या -----जाणि छै/छई-------------जनि छै (छयी)

संदिग्ध भूत ----गै ह्व्लो ------------------गै ह्वला-------------------गै ह्वली---------------गै ह्वली 

हेतुहेतुभूत -----जयूं  होंदो ----------------  जयां होंदा ----------------जईं होंदी --------------जईं होंदी   



                     वर्तमान काल

वर्तमान काल -------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचन

सामान्य - ---------- जांदू , जांद ------------जांदवां/जान्दन -------------जांदू , जांद-----जांदवां/जान्दन

संदिग्ध ------------जाणु ह्वेला/हूंलो---------जाणा ह्वला/हूंला------------जाणी ह्वली ----जाणी ह्वली

अपूर्ण --------------जाणू च /छ -----------जाणा छन/छंवां-----------------जाणी च -----------  जाणी छन



                               भविष्य काल

भविष्यकाल ------------------पुल्लिंग ---------------------------------------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचनसामान्य--------------जौंला/जालो ---------जौंला /जाला ---------------जौंलो /जालि------जौंलो /जालि

संभाव ------ --------जौं/जावो ------------जंवां/जावन ------------------जौं /जावो ----------जंवां/जावन

अबोध बंधु बहुगुणा ने भविष्यकाल सम्बन्ध विधि के  उदाहरण इस प्रकार दिए हैं

१- भोळ हमर ड्यार ऐन

२-आप बैठन

३-ड़्यार चल जा

४-अब तुम तैं ड़्यार जाण चयेंद /चैन्द         



 
 
सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 


Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

 . @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

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            मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -41


Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-41


                                                  सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                            Edited by Bhishm Kukreti

                     गढ़वाली में वाच्य विधान

अबोध बंधु बहुगुणा व रजनी कुकरेती ने वाच्य विधान की विवेचना की है. रजनी कुकरेती की विवेचना विस्तृत है . अत: बहुगुणा का वाच्य विधान की विवेचना यहाँ   देना तर्क संगत होगा

                          वाच्य

कर्तृ वाच्य ---------------------------------------कर्म वाच्य

१- तिन पोथि बांचे ---------------------------१- त्वेसे पोथि बंचेगे

२-भुला हिटणु ह्वलो ------------------------२- भुला से हिटेणु    ह्वलो

कर्तृ वाच्य--------------------------------------भाव वाच्य

१- -मिन नि बैठण ----------------------------१- में /मी से नि बैठेणो/बैठ्याणु 

२- ब्योली शरमाया करदन --------------------२- ब्योल्यों से शरमाया जांद

३- मी नि कौर सकुद /सकदो -------------------३- मी /मी से नि करे सकेंदो



सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

 

Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

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                       मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -42

Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of  Himalayan Languages-Part-42

                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 
                 Edited by Bhishm Kukreti
 

 

                                         Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words  - 1 



                                          कृषि सम्बन्धित कुमाउंनी  एवम गढ़वाली शब्द- १


हिंदी -----------------------------कुमाउंनी ------------------गढ़वाली

साझा बटोइ  पर--------------------अधेलो -------------------------अधेळ

अकुशल  --------------------------आशिपालु-------------------अयाणु   

लोहार की कार्यशाला------------------आँफर ----------------------  अणसाळ 

हंसिया ---------------------------------आंशि ------------------------दाथी

नमी ------------------------------------आद--------------------------आलि/आलु

मेंड---------------------------------------इचोलो /इचीव--------------मींड

हल का हत्था----------------------------उगौ-------------------------हत्ता/ हतेंडु

लम्बाई में खेत के किनारे --------------ऊंगपूंग --------------------चूंच

जड़ से उखाड़ना -------------------------उपाड़नो/उपाड़ण---------उपाड़ण/उपाड़णो/उपाडन

 भुनी हुई गेंहू की बालें ------------------उमा------------------------ऊमी /ऊम

एकत्रित करना --------------------एक बट्यनो/एक बट्युण-------इकबटोळण/बट्वळण 

लगातार --------------------------एक मल्या-----------------------इखारि

ऊखल -----------------------------ओखल --------------------------उर्ख्यळु/ उर्ख्यळ/उर्ख्याळि   

एक शाक जिसके बीज ---------- ओगल-----------------------------ओगळ

का आटा बनाया जाता है

खेतों में सीमासुच्क पत्थर ------------ओड़ो------------------------वाड/वाडु

चावल के टूटे/कटे छोटे कण/गेंहू ------------कनका ------------------कणखिल/कणखा   

खेती करना ---------------------------कमूनो-------------------------कमाण

छोटा खेत -----------------------------काति /कात्तो----------------क़तर

श्रमिक -------------------------------कामदार --------------------खेत्वाळु

खूंटा ------------------------------किलो-----------------------------कील

मुर्गी -------------------------------कुकड़ो---------------------------कुकड़ो/कुखड़

गुड़ाई में काम आने वाला औजार ---कुट्टी ------------------------ कुटळ /कूटी   

गूल, नहर----------------------------कुलो -------------------------कूल

सिंचाई करना ------------------------कुल्यूनो--------------------कुल्याण

कांटेदार झाड़ियाँ जिन्हें --------------केड़ो------------------------आड़ /आडु 

काट कर जला दिया जाता है

सवाया जैसा अनाज -------------------कौंनो ---------------------कौणि   

     

       

   

   

 

 

सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

 

Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
 
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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -43



Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-43

                सम्पादन : भीष्म कुकरेती

            Edited by Bhishm Kukreti

 
                      Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 2 

हिंदी ---------------------------कुमाउंनी ----------------------------गढ़वाली
खोदना -------------------------खणनो/खड़ण -----------------------खणन 

आँगन/ खलिहान -----------------------खलो/खच --------------------------चौक/खल्याण

ढेर ---------------------------------------खात--------------------------------ढेरि 

फसल ------------------------------------खेति---------------------------------खेति /खेति-पाति

कान्जिघर  ---------------------------------खोड़---------------------------------- खोड़ (पशुओं को बाँधने का बाड़ा ) 

अनाज रखने का पात्र विशेष --------------गड़ेलि---------------------------------दबल ( बांस का बड़ा पात्र)  , पितक (मालू का पात्र)

--------------------------------------------------------------------------------------खुई  (बीज रखने का रिंगाल से बना पात्र)

घास /चारे का बोझ--------------------------गढालो ------------------------------गडोळा /गडोळि (छोटा गट्ठर ), बिठक (बड़ा गट्ठर )

गेंहू ---------------------------------------ग्यूं-----------------------------------------ग्यूं

गेंहू के खेत -------------------------------ग्युंवड़ -----------------------------------ग्युंवड़

अनाज के दाने -----------------------------गुदा -------------------------------------(समयानुसार बदल जाते हैं - अनाज /दाण/बीज

गोड़ना---------------------------------------गोड़नो-----------------------------------गुडण     

एक बार की समाविष्टि ------------------घांत ----------------------------------------घत

चने ---------------------------------------चान्नौ/चाण ------------------------------चणा , चाणा   

भूसा --------------------------------------चिलौ -------------------गढ़वाली में बीज निकालने के बाद का गेंहूजौ की डंठल को चिलौ और 

------------------------------------------------------------------------------------------भूसे को बूस/बूसू

दोपहर ------------------------------------छकाल ------------------------------------   दुफरा

बीज डालना -------------------------------छड़नो/छड़ण -------------------------------बूण 

हल जोतना -------------------------------------जोतनो/जोतण-------------------------जुतण

जौ की फसल वाला  खेत -----------------------जंवाडि (ड़ पढ़ें )------------------------जौवड़ /जवड़

कांटेदार झाडी -----------------------------झिकोड़ो (एक अर्थ झगड़ा भी)---------गढ़वाली में झिंकड़ झाड़ीदार पेड के भाग को कहते हैं 

---------------------------------------------------------------------------------------अधिकतर चचिंडा /ककड़ी /तोरी के बेलों को चढाने हेतु झिंकड़ इस्तेमाल होते हैं

कांटेदार पौधे जो खेत में उगते हैं ---------झिपा-------------------------------------कांडु  बुट्या

   

         



सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

 

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                       मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -44



Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-44
 
 

                                               सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 

                                Edited by Bhishm Kukreti
                 
 

 

                         कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 5
 
                      Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 3 

 

  हिंदी ----------------------------कुमाउंनी ----------------------- गढ़वाली

टांका वाली  मरम्मत -------------टांको ------------------------टांको

तोड़ना/अनाज की बालें तोड़ना ----टिपनो/टिपण--------------गढ़वाली में 'टिपण' माने  नीचे से छोटी छोटी चीज /दाने आदि   उठाना 

 ---------------------------------------------------------------- तोड़ने को  तुड़ण कहते हैं   
 
अनाज में अखाद्य पदार्थ -----------टुणो---------------------बीं (जैसे चावल/झंगोरा में से बीं बिवंन)

ककड़ी आदि लताओं

के सहारे वाली लकड़ी की शाखा -------ठाञगोरो  --------------- ठाञगरो/झिंकड़   
 
उपल/ओले ---------------------------डाल--------??--------- गढ़वाली में उपलों  को गुपळ और ओलों को ढाञड  कहते हैं

पत्थर ------------------------------ढुंगड़ा/ढुंग------------------- ढुंग/ढुंगु

तिनका ------------------------------तिनोड़ो-------------------तिन्दरा /तिन्दरु 
 
चौड़ाई में खेत के किनारे ------------तीर-नीश----------------ढीस/ ढीस्वाळ/-तिरवाळ/ मुळथौण

प्यास ---------------------------------तीश ---------------------तीस

शीघ्र  ----------------------------------तुरौड़ी---------------चौड़ 
 
हंसिया --------------------------दान्तुल/दान्तुव-----------दथुड़ी/दाथुडि/ दथुड़/दाथी

 छेद ------------------------------दुलो ---------------------दुंळ   

बादल -----------------------------द्यौ ---------------------बदळ /बद्दळ
 
पानी की धारा--------------------धारो ----------------------धार

 /गढवाली में स्रोत्र से पानी गिरने वाले माध्यम /पन्देरा को धरड़ /धार कहते हैं 

गेंहू आदि के   बाल बिहीन डंठल

जो चारे का  काम आता है------------नलौ/नलु ------------ नळौ   
 
लगभग एक सेर की मात्रा नाप  ------नालि-----------------नाळि/नाळी 

निराई करना ---------------------------नेल्नो---------------नेळण/न्यळण       

                   

 सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 


Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

 . @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

 

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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -45


Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-45

                                                       सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                       Edited by Bhishm Kukreti

 



                          कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 6

                          Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 4
 



हिंदी ------------------------कुमाउंनी ------------------------गढ़वाली

खाद -------------------------परशो /पोश --------------------मोंsळ

पुआल -----------------------पराल /पराव -----------------पराळ

उसतरफ ---------------------पच्याला ---------------------उनै

धान कूटने के पर निकला

पशुओं  का चारा  ----------------पिठो--------------------बूसू (भूसा )

अनाज रखने का पात्र---------------पुतकी ---------------

जो मालू के पत्तों  से बनता है -------पुतकी------------------पितकी/पितक

 जो बांस /भेंवळ/मिटटी  से बनता है --??  -------------------पथ्वड़/पथोड़ी

गट्ठर ------------------------------   पुलों --------------------पूळ

लौटना -----------------------------फरकण /फर्कनो-------- फरकण  (गढ़वाली में उलटने से तात्पर्य

------------------------------------------------------------------व चलने में लौटने के लिए 'बौड़ण'

हल में लगने वाला लोहे का फल ----फालो ----------------??

---------------------------------------------------------------निसुड़ पर लगने वाला लोहे को 'बंदळ' कहते हैं   

फैलाना (खाद  आदि) ---------------फिजनो/फिजण --------फुळण

खोलना -------------------------फूनों --------------------------खुलण

फड़वा  --------------------------फौड़ो --------------------------फाळु   

सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Frammar book by Dr Bhavani Datt Upreti



Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -46


Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-46

 

                        सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                               Edited by Bhishm Kukreti

 
                        कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 7
                     Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 5

 



मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -45



Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-45

 

                                                      सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                          Edited by Bhishm Kukreti

 

हिंदी ----------------------------------कुमाउंनी ----------------------गढ़वाली

सूप से अनाज और कूड़ा/भूसा

हवा द्वारा अलग करना---------------बतूनो /बतूण ---------------बथौं  लगाण

हवा -------------------------------------बयालो -----------------------हवा /बथौं

बरसना ---------------------------------बर्शनो /बरशण---------------बरसण

टेढा -------------------------------------- बांगो ------------------------बांगो / ट्याड़ो-बांगो 

रस्सी बटना -----------------------------बाटनो/बाटण --------------------बटण/ और कहीं कहीं बोटण

घर के आसपास के खेत ----------------बाड़/ शौंड़ो ------------------------सग्वाडु /सग्वड़ 

------------------------------------------दोनों बशाओं में बाड़   फेंस को कहते हैं
 
हिस्सा ---------------------------------बाण /बाँट ---------------------------बांठ

अनाज की बाल ------------------------बाल्लो/बालोड़ ---------------------बलड़

चावल मे बिन कुटे धान ---------------बियां /बीं----------------------------बीं

बीज ------------------------------------बियो ---------------------------------बीज
 
धूप में सुखाने रखा गया अनाज -------बिशकुनो/बिशकूण -----------------बिसकुण 

औजार का हत्था -------------------------- बींण/बीन--------------------------बींडु/बींड 

निस्तेज धार वाला -------------------------बुच्ची ------------------------------खुञडु

ढोना-----------------------------------------बोकनो/बोकण ------------------बुकण/बोकण 

पौधा ----------------------------------------बोट

अनाज के खेत में उगी घास  --------------बौनौ ------------------------------खौड़/ खsड़   

   

 

सन्दर्भ -
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti                                                 

 

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  मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -47

  Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-47

 

                                                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                                Edited by Bhishm Kukreti

 



                              कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 8

                            Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 6


हिंदी --------------------------------कुमाउंनी -----------------------गढ़वाली

अनाज को पौधों से अलग

करने के बाद  बचा वशेष

जिसमे कुछ अन्न भी बचा रहता है --भूडा ------------------------??

मूषा  -----------------------------------मूश ---------------------------मूस

अनाज को पुआल से अलग करना ----माणनॉ-----------------  मांडण

नाली के नाप का ----------------------मानो /माणो ----------------माणु

उड़द ------------------------------------मांश ------------------------उड़द

मुट्ठी की नाप -------------------------मुट्ठी -------------------------मुट्ठी

शुरुवात -------------------------------मैशो-------------------------मिसाण/पवाण लगाण

मोल (बैलो के  मुहं पर लगाये जाने वाला ) -मोल/म्वाल  ------------------म्वाळ   

वर्षा में सिर पर ओढ़ने वाला

मालू/बांस से बना उपकरण ---------मौंनो ----------------------------मुणक/मुणकि 

सुखा मौसम --------------------------रूड़ -----------------------------रुडि

रोपाई --------------------------------रोपै -----------------------------रूपणि /रोपै

बरसाती नाला -----------------------रौड़ो-----------------------------रौड़  (रौड़ का दूसरा अर्थ भूतकाल में  फिसलना भी है )

पशुओं द्वारा फसल चरना----------वलान/शर -----------------------------उज्याड़ खाण   

संभलना-----------------------------शपड़तो----------------------------- संबाळण 

एक जगह से दूसरी

जगह ल़े जाना----------------------शारनो/शारण--------------------------सरण /सारण 

तिनका -------------------------------शिन्को/शिणुक----------------------सिणुक /सिणिकि 

छीमी --------------------------- -------शिमि -----------------------------छीमि

कीचड़ वाली जगह --------------------शिमार  -------------------------सिमलु/सिमार/ सीमंद

भुने धान से निकले चावल--------------शिरौला -----------------------चूड़ा

सींग -------------------------------------शींग --------------------------सिंग

सूप  ---------------------------------------सुप्पो -----------------------सुप्प /सुप्पो

छाया----------------------------------------शेल /श्योव -----------------छैल /छैलू

बेंत से मारना -----------------------------शोट्ट्यूनों /शोट्युण  ----------सूटक्याण /चुटण   

काई---------------------------------------श्यांलो--------------------------सिंवळ 

हांकना ------------------------------------ हकूनो/हकूण -----------------हकाण 

वर्फ---------------------------------------ह्यूं --------------------------ह्यूं

हलवाहा -----------------------------------हलिया/हइया -------------हळया 

हल - ---------------------------------------हलो/हव -----------------हौळ   

सन्दर्भ -
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti



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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -48

Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-48

 

                                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                           Edited by Bhishm Kukreti

 



                कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- ९

                   घर सम्बन्धी शब्दावली



           

हिंदी --------------------------------कुमाउंनी -----------------------गढ़वाली

श्रृंखला --------------------------------शांगलो/शान्गोव

सीढियां --------------------------------खुटकुनो/खुटकण -----------सीडि

देहरी -----------------------------------देलि  -------------------------देळि   

दरवाजे का चौखटा -------------------मोल ---------------------------म्वsर /म्वार

बैठने के लिए बना

चौड़ा स्थान --------------------------चौथार ------------------------चौंतरा

दीवार -----------------------------------शै ---------------------------दिवाल/दिवलि

बल्ली -----------------------------------भरानो ---------------------बौळि 

गौशाला ---------------------------------गोठ /छन -----------------छन /शनि /शन

------------------------------------------गढ़वाली में गोठ= जब पशुओं को खेतों में रखा जाता है

गोठ के ऊपर वाली मंजिल --------------मंज्याल-----------------मंज्यूळ 

मंजिल के ऊपर की मंजिल ----------------पाड़-------------------तिपुर 

छतों के  स्लेटी पत्थर-------------------पाथर ---------------------पथर

आँगन के चारों की दीवार--------------भीड़ -----------------------भीड़

खलियान -------------------------------खलो /खव----------------खल्याण   

घर के पीछे का स्थान ------------------कर्यडि -------------------कुलण/कुलिण   

छत की प्रमुख लकड़ी ------------------घूर ------------------------पसूण

 

सन्दर्भ -
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -49

Comparative ComparativeStudy of Kumaoni Grammar,GarhwaliGrammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-49
 
                                              सम्पादन : भीष्म कुकरेती
                                 
                        Edited by Bhishm Kukreti

                                       
                      कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 10                       
                                               
                                                भोज्य पदार्थ

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

पतला भोजन जो दालों खासकर गहथों

 को भिगाकर पीसकर बनाया जाता है -- फाणो/फाण  ------------------फाणु

 भट्ट नामक  की पदार्थ से बना खाद्य ------भट्ट्या----------------------भट्वणि 

कढ़ी (बिन मसाले, नमक आदि का) --------पल्यौ----------------------पळयौ

कढ़ी (मसलादी मिलकर )-------------------झोली --------------------झुळि 

चावल पीसकर या  आटे का मिश्रण 

झोंळी/ साग बनाने हेतु प्रयुक्त ------------बिश्वार-------------------आलण 

सुखा साग या शिकार ----------------------- भुटवा------------------  भुटवा

अरबी ----------------------------------------पिणौ/पिनालू-----------पिंडळु



सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

 

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