Author Topic: मध्य हिमालयी कुमाउनी,गढ़वाळी एवं नेपाली भाषाओं व्याकरण का तुलानाम्त्क अध्ययन  (Read 16600 times)

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-60
 

                                          कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -60

                               

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             

                                                          Edited by Bhishm Kukreti



                                              हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -5
         

३४-हिंदी - मैन पत्र लिखूंगा

कुमाउंनी -मैन चिट्ठी लेखुंल

गढ़वाली- मि चिट्ठी लिखुल/मि पाती लिखुल 

35- हिंदी - लडकियाँ खाना खाएंगी
कुमाउंनी- चेलीन खाणू खालिन

गढ़वाली- लौड़ी/नौनी खाणा  खालि

36- हिंदी - लड़की खाना बनाएगी 
कुमाउंनी- चेली खाण बड़ालि

गढ़वाली- नौनि /लौडि  रुस्वै/खाणा  बणालि

37-हिंदी - वस्तु कहाँ मिलेगी ?
कुमाउंनी - उ चीज काँ मिललि

गढ़वाली- वा चीज कख मीललि

 38-हिंदी - वे क्या कार रहे होंगे ?
 कुमाउंनी- उ  के करणौ हुनाल ?

गढ़वाली- उ/ वू/वो क्या करणा ह्वाला /होला

39-हिंदी - वह गाना गा रही होगी
कुमाउंनी- ऊ गाणै  हुनेलि


गढ़वाली- वा गाणि ह्वेलि

40-हिंदी - वह पढ़ रहा होगा
कुमाउंनी- ऊ पड़णौ हुनौल

गढ़वाली- ऊ पड़णो ह्वाल/होलु 

41-हिंदी - मै चल रहा होउंगा 
कुमाउंनी- मैं हिटणौ हुनेलूँ 

गढ़वाली- मि हिटणु  होलु

42-हिंदी - कलम मेज पर होगी
कुमाउंनी- कलम मेज में हुनेलि

गढ़वाली- कलम मेज मा ह्वेलि

43-हिंदी - तुम्हे अवश्य पढ़ना था 
कुमाउंनी- तुमुल जरुर पड़ण छि

गढ़वाली- तुमन जरुर पड़ण छौ /तीन जरुर पड़ण छौ

44-हिंदी - मुझे वहां जाणा था
कुमाउंनी- मकैं  वां जाण छि

गढ़वाली- मीन  ऊख जाण छौं

45-हिंदी - उसे फल खाना था
कुमाउंनी- वील फल खाण छि

गढ़वाली- वैन /वींन फल खाण छौ

 

सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-61
                                         कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -61



                                                              Edited by Bhishm Kukreti


                                              हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -6

४६- हिंदी- उन्हें काम करना था

कुमाउंनी -उनन कैं  काम करण छि

गढ़वाली -   वूंन  काम करण छौ     


४७-हिंदी- राम को घर जाना था

कुमाउंनी -राम कैं  घर जाण छि

गढ़वाली -  रामन ड़्यार /घर जाण छौ


४८-हिंदी- घर पर भाई है

कुमाउंनी - घर में भै छु

गढ़वाली - ड़्यारम भै च /छ  //घरम भै च


४९-हिंदी- मेज पर पुस्तकें हैं

कुमाउंनी -मेज में किताब छन

गढ़वाली -मेज मा किताब छन


५०-हिंदी- कक्षा में लड़के हैं

कुमाउंनी -दर्ज में छयाल छन

गढ़वाली - दर्जा मा नौन छन


५१-हिंदी- रसोई में मा है

कुमाउंनी -रस्या में इज छु

गढ़वाली -रूस्वड़ मा ब्व़े च


५२-हिंदी- कुंएं पर लडकियाँ हैं

कुमाउंनी -नौल्तिर चेली छन

गढ़वाली -नौलिम नौनी /लौडि छन


५३-हिंदी- मेरे पास अच्छी कलम थी

कुमाउंनी -मेर पा भलि कलम छि

गढ़वाली -मीम भलि/बड़या  कलम छे


५४-हिंदी- वह चतुर लडका था

कुमाउंनी -ऊ हुश्यार लौड़ छि

गढ़वाली -ऊ हुस्यार लौड़ /नौनु छौ/थौ


५५-हिंदी- लडकी कि एक बहिन थी

कुमाउंनी -चेलिकि एक बैणि छि 

गढ़वाली -लौडिक /नौनिक  क एक बैणि छे.


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-62
 

                                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -62
 




                                                         Edited by Bhishm Kukreti

 

                                    हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -7
 
 

५६- हिंदी -उनके पास की मकान थे

कुमाउंनी - उनार पा भौत घर छिं

गढवाली -  ऊंम भौत  कूड़ छया 


५७-हिंदी - राम के पास काल एक पुस्तक होगी

कुमाउंनी - रामाक पा भोव एक किताब होलि

गढवाली -   रामम भोळ एक किताब ह्वेलि   


५८-हिंदी -मेरे पास कल कई कागज होंगे

कुमाउंनी - म्यार  पा भोव भौत कागज ह्वाल

गढवाली -    मीम भो ळ भौत कागज़ ह्वाल


५९- हिंदी - वह बहुत बुरा लडका है

कुमाउंनी - ऊ भौत नक लौड़  छु 

गढवाली - ऊ भौत नखुर लौड़/नौनु  च 
 

६०-हिंदी -लडका आया. लडकी आई

कुमाउंनी - च्योल आ. चेलि ऐ

गढवाली - लौड़ ऐ  . लौड़ी ऐ   


६१-हिंदी -लडके आये . लडकियाँ आईं

कुमाउंनी - च्याल आईं. चेलीं ऐईं   

गढवाली - लौड़ ऐन. लौड़ी ऐन 


६२- हिंदी -पुस्तक लिखी .पुस्तकें लिखीं 

कुमाउंनी - किताब लेखी . किताब लेखीं

गढवाली - किताब ल्याख . किताब लेखिन 


६३-हिंदी -तुमने खाना खाया

कुमाउंनी - तुमल खाण खा

गढवाली - तुमन खाणा खै


६४-हिंदी -उसको एक फल दो

कुमाउंनी - उकैं एक फल दिओ

गढवाली - वै तैं एक फल द्याओ/दे


६५- हिंदी -मुझे जाने दो. उसे आने दो

कुमाउंनी - मकैं जाण दिओ . उकैं  आण दिओ

गढवाली - मि तैं जाण द्याओ/दे . वै तैं आण द्याओ /दे 


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
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   Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-63
 

                                            कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -63

 



                                                                     Edited by Bhishm Kukreti



                                                            हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -8



६६-हिंदी-वह कलम से लिखता है

कुमाउंनी -उ कलमैल लेखुं 

गढवाली -  उ कलमन लिखुद
६७-हिंदी- राम मोहन के साथ आया

कुमाउंनी -राम मोहन दगै आ

गढवाली -  राम मोहनौ  दगड ऐ


६८-हिंदी-यह पत्र मोहन का है

कुमाउंनी -यो चिट्ठी मोहनै  कि छु

गढवाली -  या चिट्ठी मोहनै च


६९-हिंदी-मेरा लिए पानी लाओ 

कुमाउंनी -मैहुंणि पाणि ल्याऔ

गढवाली -  मेकुण पाणि ल़ा


७० - हिंदी-खाने के लिए खाना दो

कुमाउंनी -खाण हुं खाण दिओ

गढवाली -  खाणौ कुण खाणा दे


७१-हिंदी-पुस्तक का चित्र कहाँ है

कुमाउंनी -किताबैकि तस्बीर काँ छु

गढवाली -  किताबै तस्बीर कख च?


७२-हिंदी-हिमालय से गंगा निकलती है

कुमाउंनी -हिमालय बै गंग निकलें 

गढवाली -  हिमाला बिटेन गंगा निकल्दि   (हिमाला बिटेन गंगा आंदि) 


७३-हिंदी-राम से स्याही लाओ

कुमाउंनी -राम थैं है श्ये  ल्याऔ

गढवाली -  राम बिटेन स्ये /स्यै/स्याई ला   


७४-हिंदी-छट पर कबूतर है

कुमाउंनी -पाख में कबूतर छु

गढवाली -  (कुडौ ) मुंडळ मा कबूतर च /छ


७५-हिंदी-बक्से में कपड़े हैं

कुमाउंनी -सिंदूक में लुकुड़ छन

गढवाली - सन्दूकम/सिंदूकम कपड़ा छन   

             


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

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                                                    कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -65

 



                                                                         Edited by Bhishm Kukreti



                                                                     हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -10               


८३- हिंदी - वहां सात व्यक्ति हैं

कुमाउंनी - वां सात मैश छन

गढ़वाली -उख सात आदिम/मनिख छन


८४-हिंदी -आठ दुकाने बन्द थीं

कुमाउंनी - आठ दूकान बन्द छीं

गढ़वाली -आट दूकान बन्द छे


८५-हिंदी -नौ पुस्तकें खरीदीं

कुमाउंनी -नौ किताब मोल ल्हीं

गढ़वाली -नौ किताब मोल लेन

८६-हिंदी -दस दिन बाकी हैं

कुमाउंनी -दस दिन बांकि छन

गढ़वाली --दस दिन बाकि छन


८७-हिंदी -तुम्हारा नाम क्या है ?

कुमाउंनी -तुमोर नाम कि छु ?

गढ़वाली --तुमर नौ क्या च ?


८८-हिंदी - वह कहां रहता है ?

कुमाउंनी -उ काँ रूं ?

गढ़वाली --उ कख रौंद?


८९-हिंदी -वे  घर गये

कुमाउंनी -ऊं घर गईं

गढ़वाली --ऊ घर /ड़्यार गेन


९०-हिंदी -तुम जाते हो /मैं जाता हूं /वह जाती है

कुमाउंनी -तुम जान्छा /मैं जां /उ जैञ

गढ़वाली -- तुम जाणा छंवां अथवा तू जाणि छे /मि जाणु छौं /वा जाणि च





सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

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कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -66

 


                             Edited by Bhishm Kukreti




                                हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में  भेद
 

कुमाउंनी व गढ़वाली के पृथक अस्तित्व पर डा.भवानी दत्त उप्रेती के स्पष्ट विचार

डा भवानी दत्त उप्रेती कुमाउनी भाषा के भाषा विज्ञान के प्रकांड विद्वान् माने जाते हैं. ऊंका गढ़वाली-कुमाउंनी भाषाओँ के वैशिष्ठ्य पर

विचार इस पारकर हैं -

उपयुक्त विवेचन के उपरान्त उल्लेख्य है कि कुमाउंनी का स्वतंत्र अस्तित्व है

कुमाउंनी गढ़वाली से भिन्न है .

पर्याप्त अंश में शब्दावली समान होने पर भी कुमाउंनी व गढ़वाली में महत्वपूर्ण उच्चारणगत भेद है उतना ही जितना

बंगाली और पंजाबी में है

अट: इन्हें केवल क्षेत्र के आधार पर मात्र सुविधा को ध्यान में रखते हुए मध्य  पहाड़ी न कह कर प्र्तिथक पृथक कुमाउंनी और गढ़वाली कहना

युक्ति संगत है .

दूसरी ओर कुमाउंनी को हिंदी की एक बोली कहने कि अपेक्षा 'विभाषा' कहना ही उचित होगा

हिंदी और कुमाउंनी का सम्बन्ध इससे ही समझा जा सकता है कि हिंदी और राजस्थानी में  परस्पर जितना सादृश्य है

उससे बहुत ही कम साद्रिश्य हिंदी और कुमाउंनी में है और हिंदी व राजस्थानी में जितना परस्पर पार्थक्य है उससे कहीं

अधिक पार्थक्य हिंदी और कुमाउंनी में है

यह बात -उच्चारण, व्याकरणीय रूप, शब्दावली , वक्य्प्रकार, आदि अनेक भाषा तत्वों के तुलनात्मक अन्वेषण से स्पष्ट है

(डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद, पृष्ठ २१९) 

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-66
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -71
Edited by Bhishm Kukreti
नेपाली में सर्वनाम विभक्ति में कारक योजना उदाहरण
म (I ) का प्रयोग
कारक -------------------कारक प्रयोग

                                                       

कारक ----------नेपाली कारक सूचक --------प्रयोग ----------हिंदी कारक सूचक/उदाहरण

१- कर्ता ----------------ले ----------------म , मैले ---------------ने/ मैंने

२- कर्म-----------------लाइ --------  ------मलाई -----------------को/मेरे को

३- करण -------------ले ------------------मैले --------------------से, द्वारा/ मेरे से ; मेरे द्वारा

 ४- सम्प्रदान ------लाई , रो लागि ------मलाई , मेरो लागि ---के लिए / ,मेरे लिए

५- अपादान -------देखि , वाट ------------मदेखि , मवाट ------- से /मेरे से 

६- सम्बन्ध --------रो , रा , री --------मेरो, मेरा , मेरी ---का, के, की/रा, री , रे /मेरा , मेरी

७- अधिकरण ------मा ----------------ममा ---------------------में, पर    / मेरे अंदर / मेरे में /मेरे पर

 

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