क्या मी खुश छों
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कभी कभी यखुली बैठी की सोच्दु छों.....
.की क्या मेरु गों छुडणु कू फैसला ठीक रे होलू
यख शहर माँ त मैमा सभी धाणी छ भे टीवी वीडियो मोबेल लैपटॉप कार और सभी सुविदा अर् यक्हे जीवन यापन माँ मी बहुत खुश भी छों..
.रोज दफ्तर जांदू वख अलग अलग जगहों से आयां लोगु थे मिलदु बात करदू और महीनो लास्ट माँ एक अच्छी खासी रकम भी कमे ल्यांदु ...
.बच्चा भि अच्छा इस्कूलों माँ पढ़ना छीन सब कुछ ठीक चानू छ ,,एक अच्छी जिंदगी कू और क्या चियाणा ........सभी धाणी च मैमा छींच ....
पर एक सवाल हमेशा मेरा मन माँ आन्दु की इथ्गा सब होणु बाद भी क्या खुश छों......कुछ ना कुछ त में कमी महसूस करणु छों .....
क्या मैसे वा मनख्यात जू में गों छोड़ी की औं वा यख छींच
गदन्यो कू सरसराट अर् कलकल बगदू पाणी की भोंण भी क्या में बिसरी ग्यों
यक्हे एयर कांडीस्नारो क हवा हमारी डांडा बाटी रोंसुला देवदारु कू ठंडी हवा से बढ़िया छीन
? सुबेर बिन्सिरी माँ पौन चाखुलों की चेह्चाट त में यक्हे गाडी मोटरों का घ्याल माँ बिसरी ग्यों
? बीजदा ही सुबेर समणी हिंवाली चान्ठी थें दिख्यांद वख अर् यख त बड़ा बड़ा कारखाना अर् होटल दिख्याणा .... बांजा देवदार कुलये रिंगाल थें भूली की यक्हे बगीचों माँ लगया बनावटी डालों माँ सिमटे गयो,,,यक्हे कू मतलबी समाज त अपनाई मैन वा भली मनख्यात त बिसरी ग्यों.... पुराण लोग दीदी भूली सबी रिश्तों थें छोड़ी की मी यक्हे बज्रया लोगु सणी अप्डी खैरी किले छों बताणु??
क्या में सच माँ खुश छों .....
डांडी कांठी बिसरी की यख शहर माँ बस्युं छों
धारा मंगरों कू पाणी छोड़ी यख नाल्यों माँ सन्यु छों
छोड़ी की जू घर मैं यख आयूँ छों....क्या में खुश छों .......
रंत रेबार सभी छुटिनी यख कमाण माँ हरच्यूं ग्यों
माठु माठु हिटणु छुटी ,,मोटरों माँ कच्ले ग्यों
तोड़ी की जू नातू में यख ये ग्यों ....क्या मी खुश छों .......
वा भली मनख्यात वू मायालु समाज खोज्णु रों
वा ग्वाइ वू था लेणु वो हिटणु समल्नु रों
छोड़ी की जू बाटू कख बिरडी ग्यों .......क्या में खुश छों
नाज पुंगडी साग सगोडी चोक तिबारी कनमा जों
खुट अल्ज्यान यख मेरा छूटे की घोर कन माँ जों
ओढ़ी की आयूँ द्वार मोर, बंद खोल्युं माँ कन के जों......क्या मी खुश छों .......
क्या मी खुश छों .........
......दीपक नौटियाल,,,,,,,,,,,,