Author Topic: VOCABULARY OF KUMAONI-GARHWALI WORDS-कुमाऊंनी-गढ़वाली शब्द भण्डार  (Read 118811 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Garhwali -

hey girl- हां रै लाटी /खण्ड्योणी
whats up- क्या च होणु
done - ह्वे गे
not done - नि ह्वे
Let him go - जान दया मैते
i dont know- मैते नि पता
hurry - जल्दी / सरबट

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Garhwali Words

Smooth - चिफलू
Lady - कज्याण
man - आदमि
Father- बुबा
mother - ब्वे
Resolved - ह्वेगे
Sleeping- स्योणु छौं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Garhwali Words

run away - दनकी जा
stay here - यखी रै
now - अभि
not now- अभि ना
never- कभि ना
Wife - ब्वारी
Boy- छवारा
Girl- छोरि

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Come here- इनै आ
Go There- फुण्ड जा
Same to same- जन्यो तन्नी
Sunlight - घाम
very- भौत
less - ज़रा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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basket- कंडू / छिपरु
gate- दरवजू
Head -मुंड
Face -मुक
cheek -गल्वाडि
Finger - अंगला
rat- मुसु
Confused- लाटु,

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढवाली कोचिंग क्लास Part-1
जंगल को यहां डाण्डा कहते हैं ।
बर्तनों को भाण्डा कहते हैं।
छोटे बच्चों को नौना कहते हैं
बुजुर्गों को दाना कहते हैं।।
साथ को दगडा कहते हैं ।
लड़ने को झगडा कहते हैं।
मोटे को तगडा कहते हैं ।
भू-स्खलन को रगडा कहते हैं।।
छोटे भाई को यहा भुला कहते हैं ।
किचन को यहा चुला कहते है।
ब्रिज को यहा पुल कहते है ।
नहर को यहा कूल कहते है।।
पत्नी को यहा जनानि कहते है ।
बहू को दुलैणि कहते है।
ब्याई भैंस को लैणि कहते हैं ।
दूध दही को दुभैण कहते हैं।।
आदमी को यहा मैस कहते हैं ।
बफैलो को यहा भैस कहते है।
जीजा को यहा भिना कहते हैं।
अटौल को यहा किना कहते है।
सख्त को यहा जिना कहते है ।
गोबर को यहा पिना कहते हैं।।
चावल को यहा भात कहते हैं ।
सादी को बरात कहते हैं।
चौडे वर्तन को परात कहते हैं ।
पित्र तर्पण को शराद कहते है।।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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"गढवाली कोचिंग क्लास Part -2"
नमक को हम लोण कहते हैं ।
जंगल को हम बोंण कहते हैं।
पहाड को हम ढोंड कहते हैं ।
खेत को हम पुंगडा कहते हैं ।
और सीधे रास्ते को सैंण कहते हैं ।
सिर दर्द को हम मुंडारू कहते हैं ।
गिरने को हम फरकेगी कहते हैं ।
चालाक को हम चकड़ेत बोलते हैं ।
और सीधे को लाटा बोलते हैं ।
तेज लडकों को हम चंट बोलते हैं ।
मोटे को ढंट बोलते हैं ।
पैजामे को हम सुलार कहते हैं ।
और दरांती पे धार लगाने वाले को लवार कहते हैं ।
जै उत्तराखंड

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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शरीर के अंग और उनके वाक्य प्रयोग -

१- बरमान - ( मस्तिष्क )- रनकारा त्योर बरमान फोड़ि द्यूल फिर करलै ओच्छ्याट .
२-कपाव ( माथा ) - कपाव में एक आंगु पिठ्या लगै लिओ ..

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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३-गिज या थोव (होंठ ) - त्यार मी गिज थेचि द्यूल अण्ट सन्ट बुलाले .. या त्यार थोव भड्यै द्यूल ..

४- पाखुड़ - ( बांह ) - जसै ब्या करौ तो स्यैणीक पाखुड़ पकड़ बेर दिल्ली लिजानै रौ ..

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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५- कुहुन - ( हाथ का घुटना ) - गोरु कैं दूध लगूण लाग्यू तो गोरुलि कुहुन में लात मार दे .. हाथ हलकाईणै नै लागि रय बज्यूण .
६- बुरमुठ्ठी आंगूं - अंगूठा ) - जरा यो कागज में बुरमुठ्ठी च्यापि दिओ .. दसकत करण नि उन अगर तो .

 

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