Uttarakhand > Utttarakhand Language & Literature - उत्तराखण्ड की भाषायें एवं साहित्य

Words Related to Nature of Human and Skills etc -उत्तराखंडी भाषा के कुछ ये शब्द

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Dosto,

जैसे की आपको ज्ञात है उत्तराखंड की प्रमुख बोलिया गढ़वाली एव कुमाउनी है! अगर देखा जाय तो इन बोलियों में बहुत ज्यादे अंतर नहीं  है, लगभग ८० से ९० % शब्द मिलते जुलते है! यहाँ पर हम उत्तराखंडी की बोलियों के कई शब्द जो इंसान के स्वाभाव, उसके कारीगरी, रहन सहन आदि जुड़े है उन शब्दों को यहाँ पर उचित व्याख्या करके लिखंगे!

आज कल के बदलते दौर पर बहुत से शब्द जो कि बोल चाल में नहीं है हम कोशिश करंगे उन शब्दों के बारे में यहाँ पर जिक्र करंगे! आशा है आप लोग भी यहाँ पर अपने और से इस जानकारी को आगे बढाने में मदद करंगे!

एम् एस मेहता

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

झरफर
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यह शब्द आमतौर से उत्तराखंडी कि कुमाउनी बोली में प्रयोग किया जाता है! बहुत से लोग इस हास्य के रूप में इस्तेमाल करते है! आजकल के बदलते समय में यह शब्द कुछ आउट डेटेड हो चुका है !

इस शब्द का मतलब होता है!
 
   -   नया ताजा
  -    खाना पीना (किसी पार्टी या दवात से सम्भंदित)
 
जैसे कि :

अरे मोहन की है रेई झरफर!

यानी मोहन क्या नया ताजा चल रहा है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:



औछी रो
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यानी किसी ख़ुशी में बहुत मस्त होना और अति प्रसन्न होना! प्रसन्नता में चूर होकर किसी के बात नहीं सुनना!

जैसे :  अरे यो किले  औछी रो ?

यानी - अरे इसे देखो यह क्यों इतना प्रसन्न हो रहा है ?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


सिपाल
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यह शब्द भी अभी काफी पुराना हो चुका है जिसे लोग अब आम बोल चाल में इस्तेमाल कम करते है!

इसका मतलब होता है! किसी काम का कोई विशेष जानकार और कारीगर! जैसे सिपाल कहते है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:



अड़कस्सी है रो
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बिलकुल ही अलग शब्द आम बोलचाल! शायद आपने कभी आपने बूड़े आमा बूबे से सुना होगा! यह शब्द!

जिसका मतलब - किसी चीज के लिए अति बेताब होना !

जैसे कि बच्चे - मीठी चीज खाने के लिए

और शराबी -   बोतल देख कर जी ललचाये!

अरे रुक जा थोड़ी देर किले अड़कस्सी है रे!

यानी किसी को कहना - थोड़ी रुक जा किस लिए इतना बेताब है !

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