साथियों इस सेमिनार में उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के अलावा जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इसमें उत्तराखंड के मौजूदा सवालों को लेकर उनसे बात की जायेगी और उस रास्ते की तलाश की जायेगी जो राज्य के नवनिर्माण को सही दिशा दे सकें।
देवभूमि जी ने जो सवाल किया है उसके उत्तर में यह कहना है कि इस कार्यक्रम में जिन मुददों पर हम बात करना चाहते हैं, उनमें यदि जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलायेंगे तो सवाल किससे करेंगे। हमने इस कार्यक्रम को भाषणबाजी से हटकर जबाव-सवाल के रूप में रखा है। दस साल के उत्तराखंड के अलावा पिछले महीनों में आपदा से जूझ रहे पहाड़ को राहत देने की सरकारी लफ्फाजी और जमीनी हकीकत भी समने आयेगी। हमारे लिये इस समय राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयी आपदा से प्रभावित लोगों को समय पर राहत देना प्रमुख है। आप सभी लोग अपने सवालों और सुझावों के साथ सादर आमंत्रित हैं। अभी तक जिन लोगों ने अपने आने की सहमति दी है, उनमें सर्वश्री हरीश रावत, केन्द्रीय राज्य मंत्री, प्रदीप टम्टा, सांसद, किशोर उपाध्याय, विधायक, काशी सिंह ऐरी, वरिष्ठ नेता, उक्रांद, डा. शमशेर सिंह बिष्ट, अध्यक्ष उत्तराखंड लोकवाहिनी, पीसी तिवारी, अध्यक्ष उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, पुष्पेश त्रिपाठी, विधायक, त्रिवेन्द्र पंवार, अध्यक्ष उत्तराखंड क्रान्ति दल प्रमुख हैं।