बड़कोट में राहत कार्य करने के बाद हमारी टीम कोटि और चौंरियाधार गांव में गई, यहां पर हमारी टीम ने बारिश का जो कहर देखा, उससे सब सहम गया। मैने पहली बार यह साक्षात्कार किया कि प्रकृति इतनी भी क्रूर हो सकती है। चौंरियाधार गांव में एक परिवार पर आपदा इस प्रकार बरसी कि उनके तन के कपड़े ही बच पाये और सारा सामान मलबे में दब गया।
इस गां में शूरबीर सिंह, बलबीर सिंह, हुकम सिंह और दिनेश सिंह के चार मकान एक बाखली के रुप में थे। उन्होंने बताया कि अचानक जमीन हिलती महसूस हुई तो वे लोग बाहर आ गये, अचानक ऊपर से पानी का मोटा स्रोत आया और अपने साथ लाये मलबे से इनके आशियाने को मलबे का ढ़ेर बनाकर चला गया। इन पर आपदा की दोहरी मार पड़ी, पहले तो भू-धंसाव हुआ और दूसरी ओर इनके मकाने से ५० मी० ऊपर कोई छोटा बादल फट पड़ा। आज स्थिति यह है कि यह परिवार गांव में ही किसी अन्य के साथ रह रहे हैं। इनका अनाज, जेवर, कपड़े आदि जो भी मकान के अन्दर था, वह सारा का सारा मलबे में दब गया।
इन पीड़ित परिवारों की दशा देखकर हमारी टीम के सदस्यों की आंखें तक गीली हो गई, हमने अपनी सामर्थ्यानुसार निम्न राहत सामग्री वितरित की-
१- श्री शूरबीर सिंह- रु० 5000 तथा दो किलो दाल, स्वेटर तथा बच्चों के कपड़े
२- श्री बलबीर सिंह- रु० 5000 तथा दो किलो दाल, स्वेटर एवं बच्चों के कपड़े
३- श्री हुकम सिंह- रु० 5000 तथा दो किलो दाल, स्वेटर एवं बच्चों के कपड़े
४- श्री दिनेश सिंह- रु० 5000 तथा दो किलो दाल, स्वेटर एवं बच्चों के कपड़े
इसके अतिरिक्त इसी गांव के श्री सुधान सिंह का मकान भी आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हुआ था, उन्हें भी हमारी टीम ने रु० 2000 की सहायता प्रदान की।
कोटि गांव में श्रीमती प्रेमा देवी पत्नी स्व० बहादुर लोहार का मकान भी पूर्ण क्षतिग्रस्त हो गया था, उन्हें भी हमने रु० 5000 की सहायता प्रदान की।