Author Topic: Save Himalayas Compaign -हिमालय बचाओ और हिमालय बसाओ  (Read 20748 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,


"हिमालय बचाओ और हिमालय बसाओ"

उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के सस्थापक श्री ऋषि बल्लभ   सुन्द्रियाल जी के 35 पुण्य तिथि Par गोष्टी और   करियर काउंसलिंग कैंप, कार्यक्रम निम् प्रकार से है- -
 
                 दिनांक १ जुलाई २०१० ,

१ - श्री ऋषि बल्लभ   सुन्द्रियाल जी के पोस्टर का लोकार्पण,  प्रातः  १०:०० बजे
२ - हिमालय   बचाओ हिमालय बचाओ पर गोष्टी, प्रातः ११:०० बजे से
३ - जन संपर्क सायं   ४:०० बजे से
                    दिनांक २ जुलाई 2010
४ - राजकीय इंटर कॉलेज और   डिग्री कॉलेज चौबत्ताखाल में करियर काउंसलिंग प्रातः १०:00 बजे से
                     स्थान - चौबत्ताखाल पौड़ी गडवाल
                                जिला पौड़ी,   उत्तराखंड
   
  कार्यक्रम में भाग लेने वाली मेरा पहाड़ की टीम इस   प्रकार है -
१ श्री चारू तिवारी   - 09717368053
  २ श्री प्रेम सुन्द्रियाल - 09213212852
३ श्री प्रताप शाही
४ श्री   दाता राम चमोली
५ श्री दिनेश गैरा
६- श्री हेम पन्त     -   09720454001
७ श्री सतेन्द्र रावत
८ दयाल पाण्डेय     - 09212692291

  जो   सदाशय इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं कृपया संपर्क करै,                           
 
आयोजक -
क्रेअटीव उत्तराखंड - म्योर   पहाड़ (www.merapahadforum.com)
श्री ऋषि बल्लभ विचार मंच
जनपक्ष आजकल
म्योर उत्तराखंड   

www.creativeuttarakhand.com
    www.merapahad.com.  www.hisalu.com  www.apnauttarakhand.com   
--

पंकज सिंह महर

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हमारी टीम ने यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया है और टीम अभी दिल्ली के लिये प्रस्थान कर चुकी है। म्यर पहाड़ के संयोजक श्री दयाल पाण्डे ने अवगत कराया कि कल यानि १ जुलाई को जनपद पौड़ी के चौबट्टाखाल में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के जनक स्व० श्री ऋषि बल्लभ सुन्दरियाल जी के पोस्टर का विमोचन किया गया और सभा में उनका सभी ने स्व० सुन्दरियाल जी को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया।

इसके बाद "हिमालय बचाओ, हिमालय बसाओ" विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता श्री पुष्कर जोशी जी ने की, इस गोष्ठी को श्री चारु तिवारी, श्री पी०सी० तिवारी, श्री प्रताप शाही, श्री प्रेम सुन्दरियाल एवं श्री सोहन सिंह रावत ने मुख्य रुप से सम्बोधित किया।

आज दिनांक २ जुलाई को हमारी टीम ने जनता इण्टर कालेज, चौबट्टाखाल में कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम किया, जिसमें १५० से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया।

बाकी अपडेट से श्री दयाल पाण्डे जी कल अवगत करायेंगे।

हेम पन्त

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मेरी भी अभी चारु तिवारी जी और दयाल पाण्डे जी से फोन पर बात हुई है, कुछ आफिस की अड़चनों के कारण मेरा जाना सम्भव नहीं हुआ.  चौबट्टाखाल में स्व० श्री ऋषि बल्लभ सुन्दरियाल जी के पोस्टर का विमोचन और "हिमालय बचाओ, हिमालय बसाओ" विषय पर एक विचार गोष्ठी में अच्छी वार्ता हुई. आज (2 जुलाई) को रा.इं.का. चौबट्टाखाल में दिनेश गैरा जी द्वारा कैरियर काउंसलिंग का महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किया गया.

पूरी टीम को सफल कार्यक्रम के लिये बधाई... कल दयाल जी कुछ फोटो और विवरण यहाँ उपलब्ध करायेंगे.

Meena Rawat

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are wah badhai ho mera pahad members ko

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अभी मेरी दयाल जी से बात हुयी थी कार्यक्रम अच्छी तरह संपन्न हुवा! टीम मेरापहाड़ कल दिल्ली पहुचेगी और प्रोग्राम के बारे में डिटेल जानकारी दंगे! कुछ फोटो के साथ!

मेरापहाड़ नेटवर्क इन्टरनेट में अपने क्रिया kalaapo के साथ-२ ground लेवल पर भी सक्रिय है !

jagmohan singh jayara

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"हिमालय बचावा"

आज आवाज उठणि छ,
कैन करि यनु हाल वैकु,
हे चुचों! यनु त बतावा,
हिम विहीन होणु छ,
जख डाळु नि जम्दु,
हिमालय सी पैलि,
वे हरा भरा पहाड़ बचावा,
बांज, बुरांश, देवदार लगावा,
कुळैं कू मुक्क काळु करा,
जैका कारण लगदि  छ आग,
सुखदु छ छोयों कू पाणी,
अंग्रेजु के देन छ  कुळैं,
पहाड़ हमारा पराण छन,
वैकी  सही  कीमत पछाणा.

कनुकै बचलु हिमालय?
वैका न्योड़ु गाड़ी मोटर न ल्हिजावा,
तीर्थाटन की जगा पर्यटन संस्कृति,
जैका कारण होणु छ प्रदूषण,
पहाड़ की ऊँचाई तक,
ह्वै सकु बिल्कुल न फैलावा.

पहाड़ कूड़ा घर निछ,
प्रकृति का सृंगार मा खलल,
वीं सनै कतै  न सतावा,
ये प्रकार सी प्रयास करिक,
प्यारा  पहाड़ बचावा,
हिंवाळी काँठी "हिमालय बचावा".

रचनाकार: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
(सर्वाधिकार सुरक्षित, यंग उत्तराखंड, मेरा पहाड़, पहाड़ी फोरम पर प्रकाशित)
२१.८.२००७ को रचित....दिल्ली प्रवास से

हेम पन्त

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जिज्ञासु जी आपकी इस सुन्दर कविता के लिये धन्यवाद... ऋषिबल्लभ सुन्दरियाल जी ने चीन के युद्ध के बाद "हिमालय बसाओ-हिमालय बचाओ" नारा दिया था.  पलायन से पहाड़ खाली हो रहे हैं, इससे पर्यावरण और चीन के साथ लगने वाले सीमान्त इलाके की रक्षा पर भारी खतरा है. हम सुन्दरियाल जी के इस विचार को आज के परिपेक्ष्य में देखें तो परिस्थितियां और भी जटिल हो चुकी हैं.

पलायन की दर और तेज हो रही है और सामरिक महत्व के सीमान्त गांवों में अब कोई नहीं रह रहा है. इसलिये यदि हिमालय को बचाना है तो यहाँ के मूल निवासियों को पहाड़ों पर बसाना जरूरी है. हिमालय बसेगा, तभी हिमालय बचेगा वरना हिमालय के नाम पर फर्जी रिपोर्टें आती रहेंगी और जनता को बेवकूफ बनाया जाता रहेगा.

jagmohan singh jayara

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पन्त जी,
आपको मेरी कविता मन से सुन्दर लगी, कैसे आभार व्यक्त करू आपका.  बहुत सुन्दर परिकल्पना है सुन्दरियाल जी की....क्योंकि हमारा जन्म धरती पर उसके श्रींगार के लिए हुआ है.....आज हिमालय की पुकार है....मुझे बचाओ....उसके दिल से जीवनदायिनी नदियाँ निकल रही हैं जो मानव को सब कुछ दे रही हैं....मानव दे रहा है उसको प्रदूशण....मेरी एक कविता है "हिमालय के आंसू"...जिसमें मैंने हिमालय की पीड़ा को व्यक्त किया है.  मुझे प्रकृति से अथाह प्यार है....मन में एक कसक है.. पहाड़ पर कुछ पेड़ लगाकर....इस धरा से प्रस्थान करूँ.....




 
 
 
 
जिज्ञासु जी आपकी इस सुन्दर कविता के लिये धन्यवाद... ऋषिबल्लभ सुन्दरियाल जी ने चीन के युद्ध के बाद "हिमालय बसाओ-हिमालय बचाओ" नारा दिया था.  पलायन से पहाड़ खाली हो रहे हैं, इससे पर्यावरण और चीन के साथ लगने वाले सीमान्त इलाके की रक्षा पर भारी खतरा है. हम सुन्दरियाल जी के इस विचार को आज के परिपेक्ष्य में देखें तो परिस्थितियां और भी जटिल हो चुकी हैं.
हेम पन्त जी,


पलायन की दर और तेज हो रही है और सामरिक महत्व के सीमान्त गांवों में अब कोई नहीं रह रहा है. इसलिये यदि हिमालय को बचाना है तो यहाँ के मूल निवासियों को पहाड़ों पर बसाना जरूरी है. हिमालय बसेगा, तभी हिमालय बचेगा वरना हिमालय के नाम पर फर्जी रिपोर्टें आती रहेंगी और जनता को बेवकूफ बनाया जाता रहेगा.

dayal pandey/ दयाल पाण्डे

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dayal pandey/ दयाल पाण्डे

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mera pahad team dogadda main,

 

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