Mera Pahad > MeraPahad/Apna Uttarakhand: An introduction - मेरा पहाड़/अपना उत्तराखण्ड : एक परिचय

Save Trees & Plant Trees Initiative by Merapahad-पेड़ बचाओ पेड लगाओ

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पंकज सिंह महर:

--- Quote from: सुधीर चतुर्वेदी on June 02, 2010, 11:43:34 AM ---पंकज जी  एक request है आप से   जरा उन पेड़ और पोधो की भी जानकारी दे दीजिये जो  आक्सीजन का उत्सर्जन कर सकें और नमी को बचा सकें जिससे हम उस जानकारी को लोगो को बता सके 

--- End quote ---

सुधीर जी,
आपने बहुत अच्छा प्रश्न पूछा है, मैं आधिकारिक ज्ञाता तो नहीं हूं, लेकिन व्यवहार में पहाड़ों में हमें घाटियों में टुणी, खड़िक, मेल, नाशपाती, माल्टा, नारंगी, नींबू, तिमुल, पीपल, बड़, रीठा, सेमल, बेड़ू, आडू, भीमल आदि के पेड़ लगाने चाहिये और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बांज, बुरांश, काफल, उतीस, पय्यां, फर, देवदार आदि लगाना चाहिए।
 
पेड़ ही नहीं हमें झाड़ियां भी लगानी चाहिये, क्योंकि झाड़ियां काफी स्थान घेरती हैं और उस स्थान पर नमी को बनाये रखती हैं। इसमें किल्मोड़ा, हिसालू, घिंघारु, भदमाल्यू आदि की झाड़ी लगाई जा सकती है। इसी प्रकार से गिठी, गिलोय आदि की बेल भी अच्छी मानी जाती है। खेतों की बाड़ में रामबांस जैसी झाड़ियों की बजाय हिसालू, किल्मोड़ा, घिंघारु आदि लगाया जाना चाहिये। इसके कई लाभ होंगे, एक तो बाड़ बन जायेगी, दूसरा नमी बची रहेगी, तीसरा चिडि़या और जानवरों के खाने का इंतजाम हो जायेगा, ऐसे पूरी जैव-विविधता बनी रहेगी।
 
इसके अलावा गाड़-गधेरों के किनारे बांस और रिंगाल, निगालू जरुर बोना चाहिये, ये झाडि़यां जितना पानी संचय करती हैं, उतना शायद कोई ऐसी झाड़ी न कर पाये, क्योंकि यह प्रजाति बरसात में पानी का संचयन करती हैं और गर्मियों में उसका उत्सर्जन।

पंकज सिंह महर:
१- पेड़ हमारे अपने हैं, उन्हीं से हमारे सपने हैं।

२- आयेगा नौले-धारे में फिर से पानी, जब आयेगी जंगल पर फिर से जवानी।

३- जंगल बचेंगे, हम बचेंगे।

dayal pandey/ दयाल पाण्डे:
सुधीर जी जितने चौड़े पत्ते उतना ही ज्यादा oxigen का उत्सर्जन बांकी महार जी ने तो बिस्तर पूर्वक लिख ही दिया है
"आज समय की यह पुकार, बच्चा एक और पेड़ हजार, "

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
 
       
As i quoted earlier, the average cutting trees was :
 

1) 4-5 trees for whole year cooking
2) 4-5 Trees for giving support to saplings
3) 6-7 trees for making hay pile (lote)
 
Additionally, if there is any family function like marraige, pooja path etc, again 5-6 trees are required to cut for cooking food.
 
So average reaches - 17 trees per family.
 
If there are 10 marraiges in the village then 60 or 70 more threes will be cut.
This is the situation at present.
 

There is need to think seriously on this rate of cutting trees.

पंकज सिंह महर:

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