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Uttarakhand Calamity Relief Drive By "Mera Pahad Team"

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हेम पन्त:
अल्मोड़ा के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण का पहला चरण समाप्त कर चुका है. इस अभियान में सबसे सन्तोषप्रद बात यह रही कि हम ऐसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में सफल रहे जिन्हें इसकी सख्त जरूरत थी. इन क्षेत्रों का दौरा करने पर कई अनुभव हुए और कुछ ऐसे लोगों से मिलने का मौका मिला जिन्हें सच्चा समाजसेवी कहा जाना चाहिये.

अल्मोड़ा जिले के लगभग 40 किमी की परिधि में 18 सितम्बर की मूसलाधार बारिश में भारी नुकसान हुआ था. भारी भूस्खलन के कारण दर्जनों मकान ध्वस्त हुए और लगभग 30 लोग इनके नीचे दब गये. सरकार की सहायता कुछ ऐसी  जगहों तक ज्यादा केन्द्रित रही जहां लोगों की मौतें हुई.. लेकिन अगले दिन लगभग 12 बजे के आस-पास फिर बारिश से बहुत से मकान टूटे, दिन में दुर्घटना होने के कारण जानें कम गयी लेकिन मकानों और मवेशियों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया. इस दौरे में हमें कई असिए लोग मिले जिनके पास न अब घर है न मवेशी, और उन्हें अभी भी सरकार की मदद का इन्तजार है.   

सरकारी मुआवजे के आंकड़ें भी आश्चर्यचकित कर देने वाले हैं. जिस आदमी का पूरा मकान ध्वस्त हो गया है उसे 50,000 रुपये की सहायता मिलेगी और जिसके घर को आंशिक हानि हुई है उसे 1,500 रुपये मिलेंगे. ये मुआवजा एक तरह से आपदा प्रभावितों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाली बात है क्योंकि सरकार को भी पता है पूरा मकान 50,000 रुपये में बना पाना किसी तरह सम्भव नहीं है.


हेम पन्त:
इस राहत अभियान में हमें अल्मोड़ा के अध्यापक कल्याण अधिकारी जी का भरपूर सहयोग मिला. कल्याण दा 18 तारीख के बाद से ही अल्मोड़ा के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य संचालित कर रहे हैं. उन्होंने विभिन्न गांवों में जाकर पहले से ही ऐसे 21 परिवार चिन्हित किये थे जिनके मकान ध्वस्त हो गये थे. मानव जीवन का नुकसान न होने के कारण ऐसे लोग सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं हैं. लगभग 2 हफ्ते गुजरने के बाद भी इन लोगों के लिये कोई ठोस व्यवस्था प्रशासन की तरफ से नहीं हो पायी थी. कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनके घर टूटने से तो बच गये लेकिन क्षतिग्रस्त होने के कारण रहने के लायक नहीं रहे. कल्याण दा ने इन परिवारों को हमारी राहत सामग्री पहुंचाने का प्रबन्ध किया.

हमने तात्कालिक सहायता के तौर पर प्रत्येक परिवार को निम सामग्री उपलब्ध कराने का निर्णय लिया.
१.   आटा – 25 किग्रा.
२.   चावल – 25 किग्रा.
३.   दाल – 2 किग्रा.
४.   खाद्य तेल – 2 किग्रा.
५.   मसाले – नमक, मिर्च, धनिया, हल्दी
६.   साबुन – 1 नहाने और कपड़े धोने का
७.   लेखन सामग्री – कापी, पेन-पेन्सिल, रबर, शार्पनर
८.   गरम कपड़े – कम्बल, स्वेटर, लेडीज और बच्चों के कपड़े

सबसे पहले सरसो गांव के तीन दलित परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया गया. इसके बाद अल्मोड़ा से लगभग 40 किमी दूर ज्यूड़-कफून गांव के 6 अनुसूचित जाति के परिवारों को राहत सामग्री बांटी गयी. तत्पश्चात दल के सदस्यों ने फलसीमा, भेटुली आदि जगहों पर जाकर उपरोक्त राहत सामग्री जरूरतमन्द परिवारों तक पहुंचायी.

हेम पन्त:
दल ने अपनी गतिविधियों को सिर्फ राहत सामग्री बांटने तक सीमित नहीं रखा. ग्रामीणों को यह समझाने का प्रयास भी किया गया कि यह राहत सामग्री उनके काम कुछ समय तक ही आ पायेगी. अन्तत: उन्हें स्वयं ही अपने पैरों पर खड़ा होना है, इसके लिये सरकार की विभिन्न आपदा राहत योजनाओं द्वारा अपने अधिकारों को लेने के लिये उन्हें नरेगा और राज्य सरकार को केन्द्र से मिली आर्थिक सहायता के बारे में जागरूक किया गया. अल्मोड़ा के हमारे साथियों ने ग्रामीणों को प्रशासन से मुआवजा लेने में आनी वाली दिक्कतों में सहयोग करने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही बच्चों को पुन: स्कूल भेजने की गुजारिश की गई. कल्याण दा स्थानीय स्कूलों के अध्यापकों से सम्पर्क में हैं और वो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाना शुरु कर दें.

हेम पन्त:
इन लोगों के  सहयोग के कारण यह अभियान सफल हो पाया. श्री कल्याण मनकोटी (सामाजिक कार्यकर्ता), श्रीमती शोभा जोशी (नगरपालिका अध्यक्षा - अल्मोड़ा), श्री पीसी तिवारी (उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी),  श्री रघु तिवारी (अमन संस्था), श्री हर्षवर्धन पाण्डे और “जनपक्ष आजकल” पत्रिका

हेम पन्त:
सरसो गांव के आपदा प्रभावित जिन्हें राहत सामग्री दी गई..

सरसो गांव      
S. no.   Name   Age
1   श्री रमेश लाल   54
2   श्रीमती जानकी देवी   49
3   कु. कुसुम           28
4   दीपक कुमार           26
5   योगेश कुमार           24
मकान ध्वस्त, पड़ोस में विस्थापित      
सम्पर्क, मोबाइल - +91-8954272009      
==================      
सरसो गांव      
S. no.   Name   Age
1   श्री प्रेम लाल           45
2   श्रीमती देवकी देवी   38
3   रवि कुमार           20
4   कु. शोभा          18
मकान ध्वस्त, पड़ोस में विस्थापित      
===================      
सरसो गांव      
S. no.   Name   Age
1   श्रीमती गोदावरी देवी   49
2   कु. अनीता           25
3   अनिल कुमार           24
मकान ध्वस्त, पड़ोस में विस्थापित      

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