Author Topic: Uttarakhand Govt Appeal - Help for Victim of Natural Calamities- अपील  (Read 14676 times)

Pushp

  • Newbie
  • *
  • Posts: 16
  • Karma: +2/-0
Kudos to all those who are going out to help and to all who are keeping us informed. Will surely try to do as much possible.  .
Thanks for the pictures too. Clearly describes the situation :(

Jagmohan Azad

  • Newbie
  • *
  • Posts: 20
  • Karma: +2/-0
इस दैवीय आपदा से हम उत्तराखंड को बहुत जल्द उभार देगें- 'निशंक'
ये राजनिति करने का समय नहीं,मिलकर चलने का समय है- 'निशंक'
   
पिछले दिनों उत्तराखंड में आयी बारिश की तबाही ने उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया है। यही नहीं राज्य मेंबारिशऔरबादलफटनेकीअलग-अलगघटनाओंमेंइससालकरीब150 लोगमारेजाचुकेहैं।पिछलेकुछ दिनों मेंही60 सेज्यादालोगोंकीमौतहो चुकी है। राजधानी देहरादूनमेंबारिशनेपिछले44 सालोंकेरिकॉर्डकोतोड़दिया। बादल जिस तरह से इस देव भूमि पर कहर बनकर बरसे,उन्होंने पहाड़ के आसुओं को रोके नहीं रूकने दिया। यहां कोई मार्ग-खेत-खलिहान और मकान ऐसा नहीं बचा जिसने इस बार आई इस प्राकृतिक आपदा की त्रासदी को ना झेला हो। बिजली,पानी,संचार,संपर्क,खाद्यान्न,दवाओं का अभाव इस बाढ़ की चपेट में आए। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में लोग मुख्यालय से कट गए तो चारों ओर तबाही का मंजर ही मंजर नज़र आया।
उत्तराखंड में आयी इस प्राकृतिक विपदा से घिरे लोग कई बार टापू पर खडे होकर मदद की गुहार लगाते रहे। ऐसे कुदरती दुर्दिन में राज्य सरकार जहां पूरी संजीदगी के साथ इस आपदा का मुकाबला करती दिखायी दी। वहीं कांग्रेस का हात आम आदमी के साथ नारा देने वाली कांग्रेस ऐसे भीषणतम् समय में भी राजनिति करती हुई दिखायी दी। जहां उत्तराखंड के युवा और कर्मठ मुख्यमंत्री खुद जान जोखिम में डालकर दूर-दराज आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर,विषम परिस्थियों में भी राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करने में लगे है।
  उत्तराखंड को केंद्र से मिली थोड़ी सी राहत को कांग्रेस के केंद्रीयमंत्रीहरीशरावत इस आपदा से ग्रस्त लोगों के घाव भरने की जगह,उनको मदद पहुंचाने जगह,पत्रकारों की बड़ी मंडली को अपने साथ घुमा-घुमाकर इस दैवीय आपदा को तराजू में तौल रहे है। यही नहीं उत्तराखंड में विपक्ष के नेता भी रावत के शुर में शुर मिलाकर कह रहे हैं कि केंद्र ने राज्य को इस आपदा से निपटने के लिए भारीधनउपलब्ध कराया है। जबकि सच्चायी सब के सामने है। आज उत्तराखंड को जिस तरह से इस प्राकृतिक आपदा से घेरा है। उसे विश्व के मानचित्र पर साफ-साफ देखा जा सकता है। लेकिन विपक्ष को इस सब की जगह खुद के लिए राजनैतिक रोटियां सैकने का ज्यादा उचित समय लग रहा है। लेकिन इसके बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री इन तमाम नेताओं से निवेदन कर रहे हैं कि कृपया,ये राजनिति करने का समय नहीं,मिलकर चलने का समय है।
वर्षों बाद उत्तराखंड में आयी इस दैवीय आपदा ने पहाड़ों को जिस तरह से नुकसान पहुंचाया है। इसे देखते हुए डॉ.निशंक ने केंद्र से 21 हजार करोड़ रूपये की सहायता और राज्य को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने का अनुरोध भी किया है। साथ ही राहत कार्यों में सहयोग हेतु सैन्य बलों को भेजने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी राज्य के हालातों से अवगत कराया है। भारी वर्षा,बाढ़ एवं भू-स्खलन के कारण राज्य में उत्पन्न हुई विकट स्थिति से नई दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी,लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने राज्य के हालात को मजबूती से प्रधानमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री डॉ.निशंक के इन प्रयासों के परिणाम भी निश्चित तौर पर सामने आएं और केंद्र द्वारा तत्काल प्रभाव से 100 एन.डी.आर.एफ. के जवान उत्तराखंड के लिए रवाना किए गए और भूस्खलन एवं आपदा में मृत लोगों के परिजनों के लिए एक-एक लाख रूपये तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये की सहायता प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकृत की गयी। जबकि राज्य सरकार द्वारा भी मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये मुआवजे के रूप में स्वीकृत किए गए। इस बारे में हमने जब अल्मोडा,उत्तरकाशी और यमुनोत्री-गंगोत्री राजमार्ग में फंसे लोगों से बात की तो,इन लोगों का कहना था कि,'उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री खुद अपनी जान की परवा किए बगैर,विषम परिस्थियों में भी हमारे गांव आएं,हमसे मिले और हमें दि जाने वाली तमाम सुविधाओं के बारे में जानकारी भी ली,साथ ही उन्होंने सभी उचअधिकारियों को निर्देश दिए की जल्द से जल्द राहत सामग्री उन लोगों तक पहुंचनी चाहिए। जिन लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है'
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से हैं कि उन्होंने 18 सितंबर 10 को प्रदेश में दैवीय आपदा से हुए भारी नुकसान को देखते हुए तत्काल जिलाधिकारियों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश जारी किए। 19 सितंबर 10 को मुख्यमंत्री सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों से इस आपदा पर एक अहम बैठक कर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की और उन्हें निर्देश दिया कि वे बचाव एवं रहात कार्यों में तेजी लाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आपदा राहत के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को आवश्यकता पड़ने पर हैलीकाप्टर के माध्यम से बचाव व राहत कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री खुद इस अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं,और पल-पल की जानकारी ले रहे है।
और तेज हुआ दैवीय आपदा से निपटने का 'मिशन राहत'
     सोमवार को मौसम थोड़ा साफ होते ही उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा से निपटने के लिए मिशन राहत और तेज हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरिया निशंक ने हैलीकाप्टर औप पैदल चलकर आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण किया और अफसरों को राहत कार्य में तत्परता बरतने के निर्देश भी दिए। उन्होंने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित बचाना और उन्हें फौरी राहत मुहैया कराना है। इस बारे में जब हमने आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र से सूचना प्राप्त की तो,हमें प्राप्त सूचना के आधार पर, मुख्यमंत्री की अगवाही में उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे पर्यटकों की खोज का कार्य राज्य सरकार द्वारा भारतीय थल सेना के दो चीता हैलीकॉप्टरों के मदद से जारी है। गंगोत्री-कालिन्दीखाल मार्ग पर फंसे पर्यटक दल की खोज के लिए 25 सिंतबर 10 से भारतीय थल सेना के चीता हैलीकॉप्टरों को लगाया गया है। जिनके द्वारा उस क्षेत्र का लगातार सर्वेक्षण किया जा रहा है। जहां यह पर्यटक हो सकते हैं,लेकिन पिछले दिनों ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी के चलते इन क्षेत्रों में इन पर्यटकों के होने के कोई चिन्ह नहीं पाये गए है। दूसरी तरफ पिथौरागढ़ जनपद के गुंजी में फंसे लोगों को हैलीकाप्टर की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। गुंजी में फंसे मीडिया के पांच लोगों को धारचुला तथा तीन घायलो को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया है। जहां पर इन का उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही मरतोली में फंसे एक महाराज को मुंस्यारी लाया गया है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड के कई दूसरे आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया गया है। अल्मोड़ा जनपद में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के 5593 लोगों को ठहराने के लिए 204 राहत कैंप स्थापित किए गए है। इसके अंतर्गत तहसील अल्मोड़ा में 57,रानीखेत में 60,द्वाराहाट में 03,जैंती में 60,सोमेश्वर में 02,भनौली में 17 एवं सल्ट में 05 राहत कैंप स्थापित किए गये है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। सभी राहत शिविरों में आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचा दी गया है और संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी के माध्यम से उसका वितरण भी सुनिश्चित् कर दिया गया है। जनपद में रसोई गैस की आपूर्ति का प्राथमिकता के आधार पर कराए जाने के साथ ही पेट्रोल,डीजल का स्टॉक प्रर्याप्त मात्रा में रख दिया गया हैं,ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आपदा के कारण जो भी मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं,उन्हें ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। इसी के साथ उत्तराखंड को जोड़ने वाले मार्ग एवं सभी अवरुद्ध हुए मार्गों को खोलने के लिए भी युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री भी पूरे प्रदेश की स्थिति को जानने के लिए खुद दौरा भी कर रहे है। जिससे प्रदेश की जनता काफी राहत महसूस कर रही है कि उनकी समस्याओं को जानने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं पैदल चलकर उनके पास आ रहे है। निश्चित तौर पर डॉ.निशंक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से व्यक्तिगत तौर से मिलकर उन्हें ढांढस बंधा रहे कि इस दुःख की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। जिससे लोगों में आशा जगी,साथ ही जिला प्रशासन भी हरकत में और प्रभावितों को तत्काल सहायता पहुंचाने में ओर तेजी लायी जा रही है। डॉ.निशंक ने शासन स्तर पर भी मुख्य सचिव को आपदा कार्यो की निगरानी के लिए कमान सौंपी है। मुख्य सचिव प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों से भली-भांती परिचित है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश पर देर शाम तक शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की और राहत एवं बचाव की समीक्षा की
इस दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मुख्यमंत्री जा रहे है। पिछले दिनों प्रभावित क्षेत्रों में बीमार लोगों को हैलीकॉप्टर से देहरादून लाने की व्यवस्था और उत्तरकाशी जनपद के नैटवार से 22 वर्षीय आशाराम,पुरोला से 65 वर्षीय लालचंद तथा पुरोला के ही ग्राम कण्डियाल से गंभीर रूप से बीमार 4 वर्षीय बच्चे धर्मेंद्र को हेलीकॉप्टर से देहरादून पहुंचाना मुख्यमंत्री का एक सराहनीय प्रयास रहा है। जहां दून अस्पताल में इन सभी का ईलाज चल रहा है। डॉ.निशंक प्रत्येक जनपद और गांव-गांव जाकर खुद देख रहे है कि इस दैवीय आपदा में घायल हुए लोगों और पशुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही हैं कि नहीं। इस बारे में जब हमने निशंक जी से जानना चाह की अभी उत्तराखंड के हालत कैसे है तो उन्होंने बताया कि, धीरे-धीरे जीवन खुद को संवारने की कोशिश कर रहा है। हम केवल उसे एक राह से जोड़ रहे है। क्योंकि उत्तराखंड पर इतनी भयभीत कर देने वाली दैवीय आपदा पहली बार आयी हैं,लेकिन हम अपना सब कुछ झोंक कर इस आपदा से निपटने का प्रयास कर रहे है। हमें उम्मीद हैं कि हम इस स्वर्ग में फिर से फूल खिला देगें। जहां तक इस आपदा में घायलों की बात हैं तो उनके उपचार में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी और उनका पूरा ध्यान रखा जायेगा। मैं आपको अवगत करना चाहूंगा की बड़कोट में राहत सामग्री लेकर गए हैलीकॉप्टर से 13 लोगों को देहरादून लाया गया हैं,जिनमें सात फ्रांसीसी पर्यटक है। इसके साथ ही कई अन्य लोगों में एक गर्भवती महिला और एक बीमार बच्चे को यहां लाया गया है। पुरोला से सात लोगो को और चिन्यालीसौढ़ से 22 लोगों को हैलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। इसी के साथ चिन्यालीसौढ़ में चार अतिरिक्त नौकाएं भी लगा दी गयी और प्रारम्भिक चरण में लगभग सौ से ज्यादा लोगों सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है। कुमाऊं में बहुत से स्थानों पर सड़क मार्ग खुल जाने से कई ट्रकों से राहत सामग्री अल्मोडा़,बागेश्वर और पिथौरागढ़ के निकटतम स्थानों तक पहुंचायी दी गयी है। तीन ट्रक गैस सिलेण्डर भी कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों के लिए भेज दिए गए है। जहां तक मानसरोवर यात्रा की बात हैं तो इसके 16वें समूह के 31 पुरूष एवं छः महिला समेत कुल 37 यात्रियों को गुंजी से धारचूला पहुंचाया गया। गुंजी में फंसे कैलाश मानसरोवर यात्रा के 37 यात्रियों को वायु सेना के एमआई-17 हैलीकॉप्टर से तीन चक्रों में सुरक्षित धारचूला तक लाया गया हैं और फिर टनकपुर पहुंचाया गया। जब हमने मुख्यमंत्री से इस आपदा के समय कांग्रेस के बयानों के बारे में जानना चाहा तो,डॉ.निशंक ने साफ किया की यह वक्त इस विपादा से निपटने का हैं,हमें इस पर ध्यान देना है। ये राजनिति करने का समय नहीं हैं बल्कि मिलकर चलने का प्रदेश की जनता के दुःखों को दूर करने का उन्हें राहत पहुंचाने का समय है'
निश्चित तौर पर यह मिलकर काम करने का समय है। मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक जिस प्रकार से दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं स्थलीय निरीक्षण कर रहे है। वह अपने आप में सराहनीय है। मुख्यमंत्री के एक दिन में कई जनपदों का दौर करना और राहत कार्यों का निरीक्षण करने से आम लोगों में सरकार के प्रति और अधिक विश्वास बढ़ा है। साथ ही मुख्यमंत्री की कार्यशैली की सभी सभी सराहना कर रहे है,और उनकी इस कर्मठता और अपने राज्य के प्रति,राज्य की जनता के प्रति खुद के संर्पण को देखते हुए अब कई सामाजिक और स्वयंसेवी संगठन में अपनी ओर से हर संभव मदद के लिए आगे आ रहे है।
- जगमोहन 'आज़ाद'       
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

अल्मोड़ा में साढे़ चार सौ करोड़ की क्षति
======================

 जिले में 1841 किमी सड़क टूटी

- बढ़ सकता है नुकसान का आंकड़ा: डीएम

जागरण कार्यालय, अल्मोड़ा : जिलाधिकारी सुव‌र्द्धन ने जिले में दैवीय आपदा से हुई विभागीय व निजी सम्पत्तियों का ब्यौरा देते हुए बताया कि जिले भर करीब साढ़े चार सौ करोड़ की क्षति हुई है। इसका आकलन तैयार कर शासन को भेज दिया गया है।

हानि का ब्योरा देते हुए बताया कि निर्धारित त्वरित मानकों के तहत क्षति का आकलन 25088.45 लाख व योजनाओं के स्थाई निर्माण के अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के लिए 18711.39 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। जनपद में 948.34 किमी व ग्रामीण क्षेत्रों में 892.95 किमी सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। इसी क्रम में नगरपालिका क्षेत्र में 8.11 किमी सड़क की क्षति हुई है। जिले में कुल 74 पुल, 591 कलमठ, 219 स्कूल, 09 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 98 पैदल मार्ग अभी तक चिन्हित किये गए हैं, जिनका परिव्यय शासन को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त जिले में 1232 कच्चे व पक्के मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनके लिए 2343.50 लाख का आकलन शासन को भेजा गया है। स्थाई निर्माण के अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के लिए 18711.39 लाख का आकलन भेजा गया है। जिसमें आयुर्वेद की 3 योजनाओं के लिए 4.30 लाख मेडिकल की 12 योजनाओं के लिए 61 लाख, जल संस्थान की 7 योजनाओं के लिए 45 लाख एग्रीकल्चर के लिए 951 योजनाओं के लिए 170 लाख, खेलकूद के लिए 35 लाख, सिंचाई विभाग की 5 किमी नहर निर्माण के लिए 641.96 लाख, पेयजल निगम की 109 योजनाओं के लिए 235 लाख, प्रधानमंत्री सड़क योजना के 25 सड़कों के लिए 787.09 लाख, ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा की 2 योजनाओं के लिए 10 लाख, नगरपालिका की 15 योजनाओं के लिए 387 लाख, वन विभाग के 300 लाख, शिक्षा विभाग के 253.50, लघु सिंचाई के लिए 363.50 लाख, पशुपालन के लिए 9.40 लोक निर्माण विभाग के 1523.64 सड़क निर्माण के लिए 14088.35 लाख, ग्राम्य विकास की 516 योजनाओं के लिए 365.47 लाख, राष्ट्रीय राजमार्ग की 10.830 किमी सड़क निर्माण के लिए 423.40 लाख, पुलिस की 11 योजनाओं के लिए 65.07 लाख, उद्यान की 8 योजनाओं के लिए 30 लाख, पंचायती राज की 390 योजनाओं के लिए 442.55 लाख का आकलन तैयार कर शासन को भेजा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा की यह राशि बढ़ सकती है, क्योंकि शासन के निर्देशों के अनुसार 26 सितम्बर को रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजी जानी थी।

(Source Dainik Jagran)

Jagmohan Azad

  • Newbie
  • *
  • Posts: 20
  • Karma: +2/-0
उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को राहत देने खुद गांव.गांव जार हे है. मुख्यमंत्री
पीड़ितों की मदद के भरसक प्रयास करें हर अधिकारी. निशंक

पिछले दिनों उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा ने उत्तराखंड में जिस तरह से तांडव मचाया था।उसने निश्चितौर पर उत्तराखंड की विकास यात्र को कई साल पिछेधकेल दिया।लेकिन जब इस राज्य की विकास की डोर युवा नेतृत्व के हाथों में हो तो यकीन कोई भी विपदा पहाड़ के जन.मानस को बिखरने की हिम्मतन हीं दिखा सकतीहै ।यही तो डॉ ण्निशंक ने प्रदेश में इस दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों के साथ खड़े होकर उन के दुःखों को समझ कर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाकर दिखा दियाहै।इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ.रमेश
पोखरियाल‘निशंक’ ने मंगलवार को चंपावत जिले के खसरा प्रभावित क्षेत्र पाटी के सुनडुंगरा गांव का दौरा कियायहांवेइस गांव में मृत 9 बच्चों के परिजनों से मिले तथा उन्हें सांत्वना दी और मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50-50 हजार रुपये तथा सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में उपचार हेतु भर्ती दो बच्चों के परिजनों को 10-10 हजार रूपये की धनराशि के चैक भेंट किए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि सुनडुगरा गावं में हुई इस घटना की जांच कर तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराये। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि क्षेत्र में विकास कार्यों को और गति प्रदान की जाय, जिसका अनुश्रवण वे स्वयं तथा मुख्य विकास अधिकारी करें। उन्होंने कहा कि वे पुनः क्षेत्र का भ्रमण करंेगे और विकास कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इसक्षेत्रमेंजूनियर हाई स्कूल सुनडुंगरा में आयोजित कार्यक्रम में प्रभावित परिवारों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों से उन्हें बहुत लगाव है। कपकोट सुमगढ़ की त्रासदी की बात करते हुये उन्होंने कहा कि लोगों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य बनाये रखना चाहिए तथा सरकार द्वारा जो भी सहायता हो सकती है, उसके लिए त्वरित गति से कार्य किया जायेगा। जनपद में डॉक्टरों की कमी पर उनका कहना था कि जनपद की चिकित्सा व्यवस्था की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी का दायित्व है तथा किसी भी प्रकार की आपदा या संक्रामक रोग बीमारी के लिए डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अन्यत्र स्थानों से डॉक्टरों को बुलाया जाना चाहिए, ताकि प्रभावितों को यथाशीघ्र चिकित्सा सुविधा दी जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से कहा कि जिलाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय टीम बनाकर आपदा के राहत कार्यों में मिलजुल कर कार्य कर प्रभावितों को तुरन्त सहायता दिलवाये जाने का प्रयास किया जा रहा हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में न्याय पंचायत स्तर तक अटल आदर्श गांव बनाये गये हैं। इन गांवों में निर्धारित 16 बिन्दुओं के आधार पर सभी आवश्यक सुविधाऐं प्रदान कर इनका कायाकल्प करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गांव के अन्तिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाना प्रशासन का कार्य है तथा उसमें सभी प्रकार की समस्याओं के निराकरण हेतु धन की व्यवस्था करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि जनपद में आपदाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए टीम वर्क के रूप में हम सबको कार्य करना होगा। आपदा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 1250 सड़के ,हजारों गांव, खेत-खलिहान तो तबाह हुए ही है साथ ही 170 लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ा है। इसलिए संकट की इस घड़ी में हम सब लोगों को एकजुट होकर प्रभावितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
इसीकेसाथपार्टी ब्लॉक सभागार में आम जनता से रूबरू होते मुख्यमंत्री निशंक ने लोगोंको आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में सभी आपदा प्रभावितों को राहत राशि उपलब्ध कराई जायेगी।
इसीकेसाथमुख्यमंत्रीनिशंकनेऊधमसिंह नगर जनपद की सितारगंज तहसील के ग्राम बिचुवा, टुकडी, शक्तिफार्म एवं आस पास के क्षेत्रों में बाढ़ एवं जल भराव से हुये नुकसान का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने जिलाधिकारी डॉ. बी.वी. आर सी पुरुषोत्तम को युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाने के साथ ही बाढ़ से होने वाली बीमारियों के प्रति पूरी सतर्कता बरतनें के निर्देश दिये। डॉ. निशंक ने भ्रमण के दौरान नानकमत्ता पहुंचने पर गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब में मत्था टेका। गुरूद्वारे में डेरा कार सेवा के बाबा तरसेन सिंह ने उनको सरोपा भेंट किया। उन्होंने हैलीपेड पर कहा कि पहली बार पूरे प्रदेश में एक साथ दैवीय आपदा आयी है, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हुई तथा भारी मात्रा में परिसम्पत्तियों के नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत देने एवं सरकारी परिसम्पत्तियों को सेवा योग्य बनाने की चुनौती सामने हैं उन्होंने कहा कि सरकार संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुये युद्ध स्तर पर राहत कार्य चला रही है। अवरूद्ध मार्गो को खोलने तथा पेयजल व्यवस्था को सुचारू करने के लिये तेजी से कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों की हर सम्भव मदद की जायेगी।
दैवीयआपदासेघिरेउत्तराखंडमेंसड़कयातायातऔरराहतकैम्पों  केसंबंधमेंमुख्यमंत्रीनिशंककेनेबतायाकिराज्य में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत कैम्प स्थापित किये गये हैं। उनमेंऔरबाढ़सेप्रभावितक्षेत्रोंमेंराहत सामग्री पहुॅचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। सभी राहत शिविरों में आवश्यक खाद्य सामग्री पहुॅचा दी गयी है और सम्बन्धित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी के माध्यम से उसका वितरण भी किया जा रहा है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रसोई गैस की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर कराई जा रही है। आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आपदा के कारण जो भी मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है उन्हें ठीक करने के साथ ही क्षतिग्रस्त पेयजल लाईनों को ठीक कराने का नाम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं एवं दवाईयों को दूरस्थ क्षेत्रों में प्रभावितों तक पहुॅचाया जा रहा है।
सड़कमार्गकीअगरबातकरेंतोऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खोल दिया गया है साथहीऋषिकेश-केदारनाथ मोटर मार्ग भी खोल दिया गया है। अल्मोड़ा में शहर फाटक, रानीखेत, कौसानी मोटर मार्ग आवागमन के लिए खोल दिए गए हैं। इसीकेसाथ ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुक्खी टॉप में आये मलवे को हटाने का कार्य जारी है। मार्ग हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राणाचट्टी एवं जानकीचट्टी के मध्य आये मलवे को हटाने का कार्य जारी है। इसकेबावजूदअभीभीजोमार्गइसआपदाकीचपेटमेंआनेसेटूटचुकेथेउन सभी अवरूद्ध मार्गो को खोलने के लिये युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।
मुख्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पष्ट किया हैं कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों तेजी से कार्य किया जाए ।लापर वाह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्र वाई की जाए। प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत के चेक वितरित किए जाए।साथ ही सरकार राहत राशि में जो बढ़ोत्तरी की है ए उसी के अनुसार धनराशि के चेक दिए जाए।मुख्यमंत्री निशंक की इस कार्यकुशलता को देखते हुए प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री को धन्यवाद देर ही है।क्यों कि इस दैवीय आपदा के समय में जब मुख्यमंत्री निशंक खुद प्रदेशके गांव.गांव जाकर लोगों की समस्या ओंको सुन रहे है। और उनका निवार्ण भीकर रहे है। मुख्यमंत्री ने अपने हर अधिकारी को निर्देश दिया हैं कि किसी भी किमत पर इस विपदा में फंसे लोगों को मदद मिलनी चाहिए।
. जगमोहन

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

I am happy to inform you that one of our Regular Member Mr Bhatt Ji basically from Jageshwar Almora and he is in Gurgoan, has donated in CM Relief Fund today.

He gave this information to me today. Good to see people are coming forward at this tough time.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Central team to assess Uttarakhand damage
« Reply #35 on: September 30, 2010, 12:34:20 PM »
Central team to assess Uttarakhand damage   
United News of India
Dehra Dun, Sept 29:
A 10-member Central team would embark upon a two-day tour of Uttarakhand from tomorrow in three groups to assess the damage caused by recent disasters that have devastated the hill state.
Chief Minister Ramesh Pokhariyal 'Nishank' had earlier sought Rs 21,000 crore from the Centre as relief package to Uttarakhand, saying that the entire hill state has been devastated by the recent series of natural calamities and had urged the Centre to send a team to assess the damage.
The hill state has been divided into three zones to felicitate comprehensive study of the damage.
Central team, led by Union Home Ministry Joint Secretary G V V Sharma, after completing the tour on October 1, would hold a meeting with state officials the next day, in which the state's estimate of the losses would be presented to them.
Mr Sharma would lead the team to assess the the damage in Uttarkashi, Tehri, Chamoli, Rudraprayag and Pauri.
The second team, comprising S K Chaudary (Health and Family Welfare) Ram Raj Meena (Rural Development) Vivek Goel (Energy) and Mukesh Sharma ( Finance) would visit the districts of Champawat, Pithoragarh, Almora and Bageshear.
Another three-members team of B K Yadav (Agriculture) Vinay Kumar (Transport) and Rajshekhar (Water) would assess the damage in the districts of Udhamsingh Nagar, Nainital, Haridwar and Dehradun.
The teams would be taken by helicopters to their respective zones soon after their arrival here.
According to official sources, all the local officials have been asked to extend full cooperation to the central officials.

 
http://www.centralchronicle.com/viewnews.asp?articleID=48507

Jagmohan Azad

  • Newbie
  • *
  • Posts: 20
  • Karma: +2/-0
 
उत्तराखंड में आयी दैवीय  आपदा पर भी राजनैतिक रोटियां सेकने  से बाज नहीं आ रही है कांग्रेस
मुख्यमंत्री ‘निशंक’ ने कहां आपदा की इस घड़ी में बयानबाजी नहीं जिम्मेदारी निभाए – कांग्रेस

उत्तराखंड में कुदरत  के कहर ने सब कुछ तबाह कर दिया है। राज्य  में मची इस तबाही के बाद हुए नुकसान का लेखा-जोखा राज्य सरकार ने तैयार कर लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक खुद उस हर आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौर कर रहे है जहां लोग इस प्राकृतिक आपदा के सबसे ज्यादा शिकार हुए है। डॉ.निशंक खुद तो हर जिल में में इस प्राकृतिक आपदा से हुई हानि का जायजा लेने हर दिन जा ही रहे है,साथ ही अधिकारियों को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में समुचित इंतजाम किए जाने के निर्देश भी दे रहे है। ताकि राहत कार्यों में तेजी लायी जा सके।
डॉ.निशंक  पूरे उत्तराखंड  में गांव-गांव जाकर प्रभावित लोगों से भी बातचीत कर रहे है। और उनकी समस्याओं को सुन उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे है। निश्चित तौर पर इस बार उत्तराखंड में कुदरत का खौफ लोगों के जेहन में समा गया है। बादल,बारिश,बाढ़ और भूस्खलन हर रूप में प्रकृति ने हाहाकार मचाया है। इस खौफ में किसी ने अपना पूरा परिवार खो दिया,किसी ने मां-पिता और किसी ने छोटे-छोटे बच्चे,पहाड़ पर कोई ऐसा नहीं बचा जिसने इस कहर का जुल्म नहीं सहा हो। जन-जीव-जन्तु हर कोई इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ।
ऐसे समय में जब प्रदेश को एक भंयकर  कालखंड खुद की आगोश में ले चुका हो। और प्रदेश का मुखिया घर-घर जाकर प्रभावित लोगों की मदद कर उन्हें इस भंयकर सदमें से बाहर निकालने में लगा हो,उन्हें हर स्तर पर मदद करने के लिए अपने स्तर से हर प्रयास कर रहा हो। ऐसे में जब आपदा के नाम पर राज्य सरकार को पांच सौ करोड़ रूपये आपदा राहत के रूप में देने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस,इस आपदा के शिकार हुए लोगों के दुःख पर राजनैतिक रोटियां सेकने में लग जाएं तो निश्चित तौर पर इन पार्टियों के लिए इससे बड़े शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती है।
उत्तराखंड की स्थिति आज किसी से छुपी नहीं है।  यहां के गांव-खेत-खलिहान-सड़के  और जीवन स्तर रो-रो कर कह रहा हैं कि मुझे संभालों कोई तो मुझे संवारों मेरे बचपन को बचाओं उसे तुम्हारे साथ एक लंबी यात्रा करनी है। ऐसी स्थिति मैं भी कांग्रेस को खुद की राहत बहुत बड़ी लग रही है। जिसके चलते वह यह भी भुल गयी हैं कि आज उत्तराखंड की जनता को इन पैसों से ज्यादा उनके साथ खड़े होने वालों की,उन्हें सहारा देने वालों की और उनके आंसू कुछ हद तक पोछने वालों की जरूरत है। लेकिन कांग्रेस के नेतागणों को इस सब से भला क्या करना। उन्हें तो उत्तराखंड के लोगों के उज़डे घरों और अपनों से बिछुड़ चुके लोगों की चिताओं की आंच में रोटी सेकने के शिवाया आज कुछ सुज़ ही नहीं रहा है। यदि ऐसा नहीं होता तो,शायद कांग्रेस के केंद्रीय स्तर और राज्य स्तर के बड़े नेता इस समय पांच सौ करोड़ रूपये पर राजनिति करने की बजाया राज्य सरकार के साथ खड़े होकर प्रभावित लोगों की मदद करने आगे बढ़ रहे होते।
उत्तराखंड की विकास यात्रा पहीया आज पूरी दुनिया के सामने  है। इसकी रफ्तार आज कितनी है।  यह भी दुनिया देख  रही है। शायद केंद्र को भी यह साफ दिखायी दे रहा होगा।  उत्तराखंड में  बारिश से पैदा हुए हालात  दी वजह से खाद्यान  का भारी संकट पैदा हो गया था।  लेकिन डॉ.निशंक  के नेतृत्व में सरकार ने पर्वतीय इलाकों में वायुसेना और हैलीकॉप्टर के जरिए जिला मुख्यालयों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। राशन-ईंधन देहरादून से पर्वतीय क्षेत्र तक लगातार पहुंचायी जा रही है। इसी के साथ दवाईयां-दूध और रोजमरा की आवश्यक सामग्री भी प्रदेश सरकार के माध्मय से हर दिन उन क्षेत्रों में पहूंचायी जा रही है। जिनमें अभी भी इस आपदा से प्रभावित लोग फंसे है। राज्य के मुख्यमंत्री खुद अपने स्तर से हर प्रभावित क्षेत्र को देख रहे है। क्या ऐसे समय में विपक्षी पार्टी कांग्रसे का राज्य की जनता के प्रति कोई फर्ज नहीं बनता था कि वह पांच सौ करोड़ की राजैतिक रोटियां सैकनी की बजाया राज्य सरकार के साथ खड़े होकर राज्य की जनता की मदद करें। लेकिन उसके पास इसके लिए शायद सयम नहीं है। उसके पास तो मीडिया का ज़मवाड़ा कर इस बात का बखान करने का समय है कि हमने राज्य को इस आपदा के समय में केंद्र से पांच सौ रूपये का राहत पैकेज दिलाया। इस लिए जनता को उनकी तरफ देखना चाहिए। लेकिन कांग्रेस पार्टी के इन नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रदेश की जनता इतनी भी मूर्ख नहीं हैं कि वह सिर्फ पांच सौ करोड़ो के बहकावें में आ जाएगी। आज उत्तराखंड का आम जनमानस यह अच्छी तरह समझ चुका हैं कि उसका हसली हितैषी कौन है,इसी आपदा के समय में उसके साथ कौन खड़ा है। कौन उनकी सुख-सुविधाओं का ध्यान रख रहा है। मैं खुद इस आपदा के समय में प्रदेश के कई जिलों का दौरा किया। यह जाकर रिर्पाटिंग की घर-घर जाकर लोगों की हालात का जायजा लिया। मुझे भी एक भी गांव या घर में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जिसने केंद्र सरकार के एक भी नुमायीदें के बारे में बात करनी चाही हो। लोगों का यहां तक कहना हैं कि जो कांग्रेस अपना हाथ आम आदमी के साथ होने की बात करती है,वह हाथ आज आम आदमी के गिरेबान तक पहुंच गया हैं,जो आम आदमी को सिर्फ और सिर्फ आंसू देना जानता है।
यहीं  नहीं प्रदेश की आम जनता में यह सुगबुहाट आज हर जगह सुनायी देने लगी है कि राज्य की निशंक सरकार के कार्यकल्पों पर जिस तरह से राज्य की विपक्षी पार्टी और केंद्र सरकार कटाक्ष कर रही है। इसका जबाब राज्य की जनता निश्चित तौर पर 2012 में देगी और कांग्रेस को समझ आ जाएगा की उसकी ज़मीनी हकीकत आख़िर क्या थी।
- जगमोहन ‘आज़ाद’

Jagmohan Azad

  • Newbie
  • *
  • Posts: 20
  • Karma: +2/-0
              उत्तराखंड में आयी आपदा पर दिए अपने ही बयान से घिर गई उत्तराखंड कांग्रेस
 
                            केंद्र ने दिए संभलकर बयान देने के निर्देश 
                  -------------------------------------------------------------------
 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल 'निशंक' इन दिनों पूरे उत्तराखंड में गांव-गांव जाकर उत्तराखंड में आयी बाढ़ से प्रभावित लोगों से भी बातचीत कर रहे है,और उनकी समस्याओं को सुन उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे है। निश्चित तौर पर इस बार उत्तराखंड में कुदरत का खौफ लोगों के जेहन में समा गया है। बादल,बारिश,बाढ़ और भूस्खलन हर रूप में प्रकृति ने हाहाकार मचाया है। इस खौफ में किसी ने अपना पूरा परिवार खो दिया,किसी ने मां-पिता और किसी ने छोटे-छोटे बच्चे,पहाड़ पर कोई ऐसा नहीं बचा जिसने इस कहर का जुल्म नहीं सहा हो। जन-जीव-जन्तु हर कोई इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ। ऐसे समय में जब प्रदेश को एक भंयकर कालखंड खुद की आगोश में ले चुका हो। और प्रदेश का मुखिया घर-घर जाकर प्रभावित लोगों की मदद कर उन्हें इस भंयकर सदमें से बाहर निकालने में लगा हो,उन्हें हर स्तर पर मदद करने के लिए अपने स्तर से हर प्रयास कर रहा हो। ऐसे में जब आपदा के नाम पर राज्य सरकार को पांच सौ करोड़ रूपये आपदा राहत के रूप में देने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस,इस आपदा के शिकार हुए लोगों के दुःख पर राजनैतिक रोटियां सेकने में लग जाएं तो निश्चित तौर पर इन पार्टियों के लिए इससे बड़े शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती है।      उत्तराखंड कांग्रेस और केंद्र द्वारा उत्तराखंड में बाढ़ की स्थिति का जायज लेने गए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने केंद्र से उत्तराखंड को दिए गए। आपदा पैकज पर पिछले दिनों जिस तरह से बयाना बाजी की गयी उससे उत्तराखंड के जन-मानस ख़ास तौर पर इस आपदा से प्रभावित लोगों में इस बात को लेकर रोश हैं कि जब पूरा प्रदेश आज बाढ़ की आगोस में फंसा हैं,और प्रदेश के मुख्य मुख्यमंत्री अपने पूरे प्रशासनिक अमले के साथ  दिन-रात एक कर गांव-गांव जकार बाढ़ पीड़ितो को हर संभव मदद करने को तत् पर हो। निश्चित तौर पर ऐसे मौके पर कांग्रेस के इस बयान को राजनैतिक रोटियां सेकने वाला बयान कहा जा रहा है। हम आपको बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं ने देहरादून-हरिद्वार में केंद्र से दिए गए,पांच सौ करोड़ रूपये पैकेज के बारे में बयान दिए थे कि केंद्र सरकरा ही उत्तराखंड कांग्रेस ने ही केंद्र से यह आपदा पैकज देने का दबाव बनाया था। तब जाकर उत्तराखंड को पैकेज मिला।  इस बयान के बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की थी कि यह समय राजनिति करने का नहीं बल्कि प्रदेश की जनता को इस आपदा से बाहर निकालने का वक्त है। इस समय हम सब को मिलकर काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस बयान का उत्तराखंड की जनता ने स्वागत    किया था। साथ ही जनता ने यह भी स्वीकार किया है कि प्रदेश सरकार द्वार उन्हें इस आपदा की घड़ी में हर संभव मदद पहूंचायी जा रही है।  उन्हें जरूरत की हर सामग्री समय से मिल रही है। इसे दिखते हुए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री निशंक की कर्मठता और उनके गांव-गांव जाकर प्रभावित लोगों को राहत राशि बाटने साथ ही,अपने अधिकारी को प्रभावितों की मदद करने के निर्देश देने जैसे कामों से केंद्र को अवगत करया साथ ही यह भी जानकारी केंद्र को दी कि इस विपदा के समय में केंद्र और राज्य के कुछ कांग्रेसी नेता बयान बाजी कर रहे है। इससे प्रदेश की जनता में रोषव्यापत है। जिसके चलते केंद्र ने उत्तराखंड कांग्रेस और केंद्र के नेताओं को सख्त निर्देश जारी कर दिए है कि वह कई भी किसी भी  तरह की बयान बाजी से बचे,नहीं तो इसका परिणाण भुगतने के लिए तैयार रहे। इस बारे में जब हमने दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता से बात करने चाही तो,उनका कहना था कि निश्चित तौर पर यह सयम राजनिति करने का नहीं है। हमने अपने राज्य स्तर कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर दिए है। हमें लगता हैं,यह पार्टी के हित में होगा।  - जगमोहन 'आज़ाद' 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

This is the video of Uttarkashi.

A Landslide

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Uttarakhand CM to meet PM, PC seeking relief package
« Reply #39 on: October 06, 2010, 03:11:49 PM »
Uttarakhand CM to meet PM, PC seeking relief package
 
Dehra Dun, Oct 5 (PTI) Uttarakhand Chief Minister Ramesh Pokhariyal Nishank will meet Prime Minister Manmohan Singh and Union Home Minister P Chidambaram tomorrow seeking relaxation of norms of central relief fund for hilly areas and a relief package of Rs 21,200 crore to rebuild the state. Nishank would seek relaxation in norms under central relief fund for natural calamity-affected people keeping in view the tough geographical conditions of the state, an official release said here. During the meetings, Nishank would also thank the Prime Minister for sanctioning an amount of Rs 500 crore for the people affected by the natural disasters like landslides, cloudbursts and floods following incessant rains last month.The torrential rains killed nearly 200 people and caused devastation in the state.PTI DPT 10051907
 
http://ibnlive.in.com/generalnewsfeed/news/uttarakhand-cm-to-meet-pm-pc-seeking-relief-package/380336.html

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22