Author Topic: Uttarakhand Govt Appeal - Help for Victim of Natural Calamities- अपील  (Read 14746 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बेघरों के लिए एक सप्ताह में बनें टिनशेड: सीएम


अल्मोड़ा: दैवीय आपदा क्षतिग्रस्त मोटर मार्गो को 15 दिन के भीतर युद्ध स्तर पर खोलने की कार्रवाई की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश भर के जिलाधिकारियों को दिए।

अल्मोड़ा के जिलाधिकारी सुव‌र्द्धन को वीडियो कांफ्रेंसिंग में खैरना-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के लिए युद्ध स्तर पर मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग से कड़ाई से काम लेने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी से कहा कि लोक निर्माण विभाग के कार्यो की समीक्षा कर राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर टीम भावना से काम कराएं। आपदा के कारण जो परिवार बेघर हो गए हैं, उनके लिए टिनशेड बनाने के कार्य सभी औपचारिकताएं एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित करें। दैवीय आपदा में मृतक परिवारों को आश्रितों को मिलने वाली धनराशि, अहेतुक सहायता, गृह अनुदान का विवरण भी एक सप्ताह के अंदर निस्तारित कर दें। ग्राम स्तर पर एक टीम पटवारी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व विकासखण्ड का ग्राम स्तर का कर्मचारी उसमें सम्मिलित हो, गठित करें। ताकि ग्राम के अंतिम छोर तक निवास करने वाले व्यक्ति, जो दैवीय आपदा से प्रभावित हुआ है उसको भी रिपोर्ट में शामिल किया जा सके। उस संकलित सूचना को त्वरित गति से शासन को भेजने की बात कही। यदि कोई परिवार वंचित रहा तो इसकी जिम्मेदार संबंधित अधिकारी पर होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दैवीय आपदा के कारण जो पेयजल, सड़क, शिक्षा व विद्युत को जो नुकसान हुआ है उन्हें प्राथमिकता दी गई है। इस पर खास ध्यान दिया जाए। दैवीय आपदा के दौरान जिन अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य लोगों ने अच्छा काम किया है उन्हें सूचीबद्ध कर आगामी 26 जनवरी को पुरस्कृत किया जाएगा। जिलाधिकारी सुव‌र्द्धन ने जिले की आपदा राहत व अब तक किए गए कार्यो की जानकारी विस्तार से दी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6804915.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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See this news about the victims. We all must help them collectively. :
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घर छोड़ चुके एक दर्जन परिवारों को नहीं मिला मुआवजा

जागरण कार्यालय, मुनस्यारी: क्वीरीजीमिया के आपदा प्रभावित परिवारों के लिए एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध कराई गई 120 चादरों का वितरण उप जिलाधिकारी जेएस राठौर ने बुधवार को किया। इस मौके पर मुआवजे से वंचित परिवारों ने मुआवजा दिये जाने की पुरजोर मांग उठाई।

क्वीरीजीमिया के 36 परिवारों में पूरी तरह ध्वस्त भवनों के मालिकों को ही 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया है। ध्वस्त होने की कगार पर या दरार पड़े भवनों को छोड़ने वाले भवन स्वामियों को अभी तक मुआवजे के नाम पर एक भी पैसा नहीं दिया गया है। ऐसे परिवारों की संख्या एक दर्जन है। ये परिवार सुरक्षित स्थानों पर या दूसरों के मकानों में शरण लिये हुए हैं। ठंड के कारण इन परिवारों के सदस्यों की तकलीफें भी बढ़ती जा रही हैं। बलाती फार्म से नीचे पाथलथौड़ा में भी अभी तक दर्जनों परिवार टेंटों में शरण लिये हुए हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन से इन परिवारों को मुआवजा शीघ्र दिये जाने की मांग की।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6831976.html

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उजड़े बसेरे को सवेरे का इंतजार
Oct 21, 08:56 pm
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पुष्कर सिंह रावत, उत्तरकाशी

उजड़े बसेरों को सवेरे का इंतजार है। अब इसी उम्मीद में दिन कट रहे हैं कि ये काली रात कब खत्म होगी। भगवान ने छत छीनी और अपने भी रहम नहीं दिखा रहे हैं। मानसून गुजरने के बाद मन भारी है। उघड़े जख्मों पर मरहम लगाने की सरकारी कवायद ऐसी है मानो जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा हो। डुण्डा ब्लाक के गुनाल गांव के विनोद कुमार को ही ले लीजिए आशियाना मटियामेट होने के बाद से वह परिवार समेत जंगलात की चौकी में दिन बिता रहा है। तात्कालिक सहायता के रूप में मिले दो हजार रुपये कब के खत्म हो गए। अब छह बच्चों के भरे पूरे परिवार का पालन पोषण कैसे करे, उसे सुझायी नहीं दे रहा। भविष्य मुंह बाये खड़ा है। पटवारी जी नाम नोट कर चुके हैं, लेकिन मदद कब तक मिलेगी पता नहीं। अकेला विनोद ही नहीं, जिले के 700 बेघर यूं ही दिन काट रहे हैं।

आसमान से बरसे कहर के निशान उत्तरकाशी जिले में जहां-तहां बिखरे हैं। बेशक रास्तों की मरम्मत कर उन्हें यातायात के लिए खोल दिया गया हो, पर जिंदगी की गाड़ी अभी भी पटरी से उतरी हुई है। इमदाद की बाट जोह रहे परिवार 'सरकारी सुस्ती ' से आहत हैं। मदद पाने के लिए औपचारिकता पूरी करने में खासा समय जाया हो रहा है। पीड़ितों के मन को एक ही सवाल साल रहा है कि जिंदगी कब तक व्यवस्थित हो पाएगी। पुनर्वास के लिए एड़ियां रगड़ते-रगड़ते हफ्तों बीत चुके हैं। बावजूद इसके हाथ रीते ही हैं।

गुनाल गांव के हर्षमणी, भटवाड़ी के भूषण लाल, हबीब बट समेत आपदा से प्रभावित हजारों लोगों की यही दास्तां है। सरकार की ओर से बेघर हुए लोगों को घर बनाने के लिये पचास हजार रुपए की धनराशि अभी कुछ ही जगह पर मिल सकी है। अस्थायी व्यवस्था पर नजर डालें तो जंगलात चौकियां, पटवारी चौकियां व खाली पड़े अन्य सरकारी भवन प्रभावितों की शरणगाह बने हुए हैं।

कुल आपदा प्रभावित- 194494

बेघर परिवार - 700

जर्जर घर- 790

मृतक- 22

घायल- 21

पशु हानि- 112

डेढ़ करोड़ की राहत राशि बंटी

प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिये अब तक विभिन्न क्षेत्रों में कुल डेढ़ करोड़ की राहत राशि बांटी गई है। जबकि जिला प्रशासन द्वारा निजी संपत्तियों के नुकसान का कुल आंकलन 77 करोड़ रुपए से अधिक किया गया है। पटवारियों की रिपोर्ट के आधार पर किये जा रहे आंकलन में अनेक गांवों से शिकायतें भी सामने आ रही हैं।

'अभी राहत कार्य चल रहे हैं। सरकार की ओर से क्षतिग्रस्त भवनों के लिये राहत राशि कुछ बढ़ाई है। जहां तक पुनर्वास का सवाल है तो इसकी प्रक्रिया लंबी हो सकती है। शासन से इस संबंध में निर्देश मिलने पर ही स्थल चिह्नीकरण, अधिग्रहण या भूमि क्रय जैसे कार्य किये जा सकते हैं'

- डा.हेमलता ढौंडियाल, जिलाधिकारी, उत्तरकाशी।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6835650.html

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                चिदंबरम की चिट्ठी से निशंक गदगद
          विकास धूलिया, देहरादून। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर   केंद्र की संप्रग सरकार खासी मेहरबान नजर आ रही है। राज्य में हालिया दैवीय   आपदा में राहत कार्यो के लिए तत्काल 500 करोड़ की मदद मुहैया कराने के बाद   अब केंद्र सरकार ने भाजपा आलाकमान को भरोसा दिलाया है कि उत्तराखंड में   आपदा राहत कार्यो के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद भविष्य में भी जारी   रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम से इस आशय का पत्र मिलने के बाद   गदगद मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह   मंत्री का शुक्रिया अदा किया है। समझा जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही   आपदा राहत मद में कुछ और धनराशि की घोषणा कर सकती है।
 उत्तराखंड में भले ही कांग्रेस और इसके सांसद व विधायक आपदा राहत   कार्यो को लेकर गाहे-बगाहे निशंक सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश   करते रहे हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान का स्टैंड तो इसके ठीक उलट ही नजर आ   रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के पत्र से तो कम से कम यही जाहिर   हो रहा है। चिदंबरम ने यह पत्र गुजरी 20 सितंबर को भाजपा प्रतिनिधिमंडल   द्वारा प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मुलाकात के दौरान दिए गए मेमोरेंडम   के संदर्भ में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को अभी नौ नवंबर को   लिखा है। पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने 24   सितंबर को नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड से तत्काल पांच सौ करोड़ की राशि   उपलब्ध कराई। यह धनराशि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड में केंद्रीय अंश के   रूप में राज्य को दी गई 105.89 करोड़ रुपये की मदद के अलावा है।
 पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि अंतरिम राहत धनराशि के रूप   में उत्तराखंड सरकार द्वारा जो 941.14 करोड़ की धनराशि मांगी गई, उसके लिए   एक केंद्रीय टीम राज्य का दौरा कर चुकी है। अब इस टीम द्वारा सौंपी गई   रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है ताकि निर्धारित प्रक्रिया के तहत नेशनल   डिजास्टर रिस्पांस फंड से उत्तराखंड को अतिरिक्त मदद दी जा सके। उन्होंने   साथ ही आश्वस्त किया है कि भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार को भविष्य में भी   पूरी मदद जारी रखेगी।
 इस संबंध में मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि वे आपदा   में मदद के लिए केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व गृह   मंत्री पी चिदंबरम के आभारी हैं। डा. निशंक ने उम्मीद जताई कि आपदा से   राज्य को हुई इक्कीस हजार करोड़ से ज्यादा की क्षति के मद्देनजर केंद्र   सरकार जल्द ही राज्य के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराएगी।
             


 http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6897759.html

        

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                आपदा प्रभावित गांवों को गोद लेगा एनएसएस                                                                 Nov 13, 11:10 pm                                               बताएं                                                       
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इस साल भीषण अतिवृष्टि व बादल फटने से राज्य के तमाम गांवों में भारी   तबाही मची थी। कई मकान ध्वस्त हुए और खेत भी तबाह हो गये। इधर एनएसएस आपदा   प्रभावित गांवों को गोद लेगा ताकि पीड़ितों को राहत दिलाई जा सके।
इधर उत्तराखंड संपर्क अधिकारी डा. आनंद सिंह उनियाल ने राज्य के सभी 650   यूनिटों के कार्यक्रम अधिकारियों को कम से कम प्रति यूनिट दो हजार रुपये   एकत्रित करने के निर्देश दिये हैं। इस तरह पूरे उत्तराखंड की यूनिटों के   जरिये 13 लाख रुपये जमा होंगे। इस धन को संबंधित प्रभावित गांव के विकास   में खर्च किया जाएगा। डा. उनियाल के मुताबिक आपदा प्रभावित गांव में मूलभूत   सुविधाओं के साथ ही सामाजिक व आर्थिक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा। सरकार   से भी धन आवंटित कराने में सहयोग किया जाएगा। इन गांवों का चयन विशेष   शिविरों के दौरान किया जाएगा। हालांकि प्रभावित ग्रामों को चिन्हित करने के   लिए सर्वे भी होगा।





http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6902440.html

             

Anil Arya / अनिल आर्य

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यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ने आपदा राहत के लिए मुख्यमंत्री रहत कोष मै ` 51 लाख रूपये की सहायता दी है. मध्यांचल प्रमुख महा प्रबंधक श्री प्रवीन कुमार बंसल व उत्तराखंड छेत्र प्रमुख उप महा प्रबंधक श्री जे पी बहुगुणा ने सचिवालय मै मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को राहत राशि का चेक दिया. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई की बैंक भविष्य मै भी प्रदेश के विकास मै मुख्य भागीदारी निभाएगा. श्री बंसल ने राज्य मैं आई प्राकृतिक अपदाओ पर गहरा दुःख प्रकट किया. उन्होंने कहा की ऐसी दुखद घढ़ी  मै यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया प्रदेश के नागरिको के साथ है.

Anil Arya / अनिल आर्य

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आपदा राहत के 3.22 लाख उड़ाए पोखरी/गोपेश्वर। पटवारी चौकी रडुवा-मसोली से भूस्खलन प्रभावितों को बंटने वाली लाखों की आपदा राशि चोरी हो गई है। इस मामले में पटवारी ने थाना पोखरी में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने इस मामले में क्षेत्रीय पटवारी की भूमिका को लापरवाह मानते हुए जांच शुरू कर दी है। पोखरी प्रखंड के अंतर्गत पटवारी वृत रडुवा और मसोली क्षेत्र में अतिवृष्टि और भूस्खलन से हुए क्षति की भरपाई के लिए प्रभावितों को बांटी जाने वाली तीन लाख 22 हजार 960 रुपये की आपदा राशि चोरी होने की नामजद रिपोर्ट क्षेत्रीय पटवारी अमीर बक्स ने थाना पोखरी को दी। रिपोर्ट में कहा गया कि आठ नवंबर को ग्रामीणों को बांटने के लिए तहसील से चार लाख छह हजार नौ सौ साठ रुपये उनको दिए गए। उनके द्वारा 23 नवंबर तक 84 हजार रुपये काश्तकारों को बांटे गए। बाकी के तीन लाख 22 हजार 960 रुपये की धनराशि उनके कमरे में बैग में रखी थी। उनका आरोप है कि यह जौरासी गांव निवासी देवेंद्र सिंह और सलना गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने निकाली है।  तहसीलदार बीरबल सिंह मंडागी ने बताया कि उक्त पटवारी का स्थानांतरण पूर्व में रडुवा से बमोथ किया गया था। उनकी जगह पर पटवारी खीम सिंह पुंडीर को भेजा गया, लेकिन पटवारी अमीर बक्स ने आगंतुक पटवारी को न तो चार्ज दिया गया और ना ही आपदा की बची धनराशि दी।    Source - epaper.amarujala.

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Pokhriyal Govt misappropriating Central funds, says Rawat
Dehradun: Leader of Opposition and Congress Legislative Party in Uttarakhand Harak Singh Rawat on Friday accused the Ramesh Pokhriyal “Nishank” Government of misappropriating different Central funds, including a sum of Rs 500 crore given as interim relief for disaster-affected areas and fund for Annual Plan meant for infrastructural and other development projects.
Addressing a press conference here on Friday, Rawat said disaster –affected victims were yet to receive any financial assistance for rebuilding their house, etc. This was because of misuse of interim relief funds by the state government. Besides, over 60 % of the total fund for Annual Plan for the current year had not been spent so far.
Source – THE TIMES OF INDIA

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Imposing of allegations on each other between Ruling and opposition is common tradition. However, it is obvious that there many affected people who have not got Govt aid what was promised.

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राहत कोष के लिए ड्राफ्ट सौंपा
देहरादून। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव सुभाष कुमार से मुलाकात कर मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के लिए पांच लाख रुपये की धनराशि का ड्राफ्ट सौंपा। इस मौके पर बैंक के सहायक महाप्रबंधक उत्तराखंड क्षेत्र अनिक कुमार गुप्ता ने बताया कि बैंक का अप्रैल में देहरादून में क्षेत्रीय कार्यालय खुलने जा रहा है। इसके अलावा तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर में 71वीं शाखा शुरू की जा रही है। इस मौके पर बैंक के बिजनेस डेवलपमेंट हेड डीएस तोमर भी मौजूद थे।
http://epaper.amarujala.com//svww_index.php

 

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