Uttarakhand Updates > Anti Corruption Board Of Uttarakhand - उत्तराखण्ड में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की मुहिम

Appeal for Justice from the Villagers of Gularbhoj Udham Singh Nagar

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हुक्का बू:
पहली बात तो यह है कि सरकारों को यह समझना चाहिये कि वह शासन करने या राज-काज चलाने के लिये नहीं, बल्कि लोकतंत्रात्मक तरीके से जनता की सेवा के लिये चुनी गई है, जनता के ही द्वारा और जनता के ही हाथ में वह चाभी भी है, जिसने आपको सत्ता पर बिठाया है और वही चाभी से वह आपको सत्ताच्युत भी कर सकती है।

१- गूलरभोज में ८० के दशक में लोगों को जमीने बांटी गई, प्रधानमंत्री जी के आदेशों पर, बांटी किसने स्थानीय प्रशासन ने, उन्होंने बिना वन विभाग से जमीन मुक्त कराये बिना कैसे कब्जा दे दिया?

२- अगर सीधे प्रधानमंत्री के आदेशॊं के क्रम में यह कार्यवाही हुई थी, तो क्या प्रशासन का जिम्मा यह नहीं था कि वह इस भूमि को नियमित कराने का प्रयास करे। यह उसका दायित्व और कर्तव्य था, जिस्का अनुपालन उसने नहीं किया। इसमें लापरवाही और गलती स्थानीय प्रशासन की है।

३- मा० उच्च न्यायालय ने इस पक्ष पर विचार यदि नहीं किया गया हो तो पीड़ित पक्ष की ओर से मा० उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिये या इस फैसले के खिलाफ मा० उच्चतम न्यायालय में जाना चाहिये।

४- राज्य सरकार का ही रोल अब बहुत महत्वपूर्ण है कि कानूनी तौर पर जमीन के कब्जेदार न होने से बेघर होते राज्य के निवासियों के लिये वह क्या कदम उठायेगी। सरकार को चाहिये कि इन कब्जेदारों ( जो कि इस राज्य के निवासी हैं) की पैरोकारी वह न्यायालय में करे और अपने प्रशासन की गलती स्वीकारते हुये अपनी गलती को सुधारते हुये, इन सभी के कब्जे वाली भूमि को नियमित करने की पहल करे।

५- आज ही अखबार में पढ़ा कि इस भूमि पर ३० साल से रह रहे एक बुजुर्ग अपना घर उजड़ता नहीं देख पाये और हृदयाघात से उनकी म्रुत्यु हो गई। आखिर यह कैसी जूं है, जो इस सरकार के कान पर नहीं रेंग रही।

सरकार जनता के मां की तरह होती है..........कहावत है कि जब तक बच्चा रोता नहीं मां भी दूध नहीं पिलाती। लेकिन यहां तो बच्चा कब से रोया पड़ा है और अब तो लोग उसे मारने पीटने और धमकाने भी लगे हैं, लेकिन मां है कि लिपिस्टिक-लाली लगाये, फोटो खिंचवाये पड़ी है और अखबारों में मुस्कुराती फोटो छपवा अच्छी मां होने का ढोंग किये पड़ी है।

हेम पन्त:
गूलरभोज में जनता का दुखदर्द कम करने के लिये कोई भी ईमानदार पहल नहीं कर रहा है. नेतालोग अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले दिनों एक और महिला के ’हार्ट अटैक’ से मौत का मामला सामने आया है.

Akhil:

--- Quote from: msbisht on May 18, 2010, 09:54:04 AM ---  ये कैसा न्याय

मा0 राहूल गांधी जी हम उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिह नगर जिले के छोटे से गाँव  गूलरभोज के  निवासी हैं जो लगभग 60 वर्षो पूर्व मा0  इन्द्रिरा  गांधी द्वारा बसाया  गया  था  यहाँ  पर 80 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती हैं।तथा यहाँ आय का प्रमुख साधन मजदूरी है। यहाँ पर दो  पाटियों  में विवाद हुआ तथा विवाद के कारण यह भूमि वन  विभाग की निकली हैं।
 
उस समय मा0 इन्दिरा गांधी जी द्वारा कोई कानूनी पटृटा नही दिया  गया था  इस कारण  वर्तमान समय में गरीब जनता को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा हैं। यहाँ की जनता इतनी गरीब हैं कि एक बार घर विहीन हो जाने पर दोबारा बनाने में असमर्थ हैं।  यहाँ  पर इन्दिरा  आवास  योजना के अन्तर्गत  घर  बनाये  गये है । यहाँ  पर पुलिस  चौकी,  सरकारी अस्पताल,   जनजाति बालिका छात्रावास,  सोसाइटी,  गांधी आश्रम,  प्राथमिक  विघयालय  तथा  मान्यता प्राप्त हाईस्कूल आदि हैं। अगर अतिक्रमण  हटाया  गया  तो बच्चों का  भष्विय  खराब होगा तथा नागरिक जीवन पुनः  60 साल पिछड़ जायेगा अतिक्रमण हटाने की अन्तिम तिथि  15/06/2010 निर्धारित की गयी हैं।
                  मा0 राहुल गांधी जी गरीब जनता इस मुसीबत के समय में आपका साथ चाहती हैं। इस समय लोगों  की मदद के लिए कोई भी सामने नही आ रहा हैं।  इस लिए समस्त जनता का आपसे हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन हैं कि आप हमारी मदद कीजिए गरीब जनता को आपसे बहुत आशा हैं।
 
विनतीकर्ता
1- मोहन सिंह बिष्ट (9927685743)
2- आकाश कुमार   (9756472261)
3- राजेश बाल्मीकी  (8057764337)
    एंव गूलरभोज की समस्त जनता         दिनांक 17/05/2010
                           धन्यवाद


--- End quote ---

Akhil:

--- Quote from: msbisht on May 18, 2010, 09:54:04 AM ---  ये कैसा न्याय

मा0 राहूल गांधी जी हम उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिह नगर जिले के छोटे से गाँव  गूलरभोज के  निवासी हैं जो लगभग 60 वर्षो पूर्व मा0  इन्द्रिरा  गांधी द्वारा बसाया  गया  था  यहाँ  पर 80 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती हैं।तथा यहाँ आय का प्रमुख साधन मजदूरी है। यहाँ पर दो  पाटियों  में विवाद हुआ तथा विवाद के कारण यह भूमि वन  विभाग की निकली हैं।
 
उस समय मा0 इन्दिरा गांधी जी द्वारा कोई कानूनी पटृटा नही दिया  गया था  इस कारण  वर्तमान समय में गरीब जनता को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा हैं। यहाँ की जनता इतनी गरीब हैं कि एक बार घर विहीन हो जाने पर दोबारा बनाने में असमर्थ हैं।  यहाँ  पर इन्दिरा  आवास  योजना के अन्तर्गत  घर  बनाये  गये है । यहाँ  पर पुलिस  चौकी,  सरकारी अस्पताल,   जनजाति बालिका छात्रावास,  सोसाइटी,  गांधी आश्रम,  प्राथमिक  विघयालय  तथा  मान्यता प्राप्त हाईस्कूल आदि हैं। अगर अतिक्रमण  हटाया  गया  तो बच्चों का  भष्विय  खराब होगा तथा नागरिक जीवन पुनः  60 साल पिछड़ जायेगा अतिक्रमण हटाने की अन्तिम तिथि  15/06/2010 निर्धारित की गयी हैं।
                  मा0 राहुल गांधी जी गरीब जनता इस मुसीबत के समय में आपका साथ चाहती हैं। इस समय लोगों  की मदद के लिए कोई भी सामने नही आ रहा हैं।  इस लिए समस्त जनता का आपसे हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन हैं कि आप हमारी मदद कीजिए गरीब जनता को आपसे बहुत आशा हैं।
 
विनतीकर्ता
1- मोहन सिंह बिष्ट (9927685743)
2- आकाश कुमार   (9756472261)
3- राजेश बाल्मीकी  (8057764337)
    एंव गूलरभोज की समस्त जनता         दिनांक 17/05/2010
                           धन्यवाद


--- End quote ---

Bhopal Singh Mehta:

This is really bad..

Govt must intervene.

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