Uttarakhand Updates > Anti Corruption Board Of Uttarakhand - उत्तराखण्ड में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की मुहिम
Corrupt Methods/Tricks Being Followed - भ्रष्टाचार करने के भ्रष्ट तरीके
Devbhoomi,Uttarakhand:
भ्रष्टाचार से निपटने में महिलाओं की भूमिका अहम
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक दिवसीय छात्रा प्रशिक्षण वर्ग में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि भ्रष्टाचार और भ्रूणहत्या जैसी समस्याओं से निपटने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा।
प्रशिक्षण की मुख्य अतिथि मीना बिष्ट ने महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने कहा स्त्री शक्ति के कमजोर पड़ने से समाज का पतन तय है। प्रत्येक छात्रा को पढ़ाई के साथ ही अपने भविष्य की चिंता करने की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता प्रदेश छात्रा प्रमुख रीना रावत ने संगठनात्मक गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगठन समाज में रचनात्मक को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना संगठन की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, अशिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याओं से निपटने के लिए महिलाओं को आगे आने की जरूरत है। छात्रा प्रमुख तारा ने सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए छात्राओं से मजबूत बनने का आह्वान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.विभा मल ने की।
प्रशिक्षण में छात्रा प्रमुख शिवानी बिष्ट, सह जिला छात्रा प्रमुख योगिता बिष्ट, पूजा बिष्ट, पूनम साही, तनूजा रावत, श्रुति मनराल आदि ने विचार रखे। संचालन शिवानी बिष्ट और करूणा मनराल ने किया।
Source Jagran
Devbhoomi,Uttarakhand:
भ्रष्टाचार के खिलाफ अभाविप ने जगाई अलख
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश कार्यकारणी की दो दिवसीय बैठक के पहले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। कहा गया कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ विद्यार्थी परिषद ने जो अखल जगाई, वह निरंतर बनी रहेगी।
श्री विद्याधाम आश्रम गुप्तकाशी में बैठक का शुभारंभ क्षेत्रीय संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रारंभिक सत्र में विद्यार्थी परिषद की वार्षिक स्मारिका स्मृति मंजूसा का विमोचन किया गया। सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद हमेशा छात्रों के हितों के लिए संघर्षरत रहा है, लेकिन गत वर्ष देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चले आंदोलन में परिषद ने विशेष भूमिका निभाई तथा हर व्यक्ति के बीच तक आंदोलन को पहुंचाया।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष उम्मेद सिंह नेगी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ परिषद का संघर्ष हमेशा जारी रहेगा। तथा हर युवा को इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा। प्रदेश मंत्री बृजेश बनकोटी ने बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस बैठक में परिषद की पिछले कार्यो पर चर्चा के साथ ही आने वाले वर्ष के लिए रुप रेखा तय की जाएगी। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को भी दिशा निर्देशित किया जाएगा। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष मनमोहन भाकुनी, प्रदेश संपर्क प्रमुख राकेश डोभाल, प्रदेश सहमंत्री आशीष बहुगुणा, बसंत जोशी, संजीव चौधरी, देवेन्द्र राणा, अरूण चमोली सहित प्रदेश भर के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8972665.html
Devbhoomi,Uttarakhand:
भष्ट्राचार के खिलाफ युवाओं में पैदा की जाएगी जागृति
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भारत स्वाभिमान मंच ने स्थानीय समस्याओं को लेकर सजग रहने तथा भष्ट्राचार के खिलाफ युवाओं में जागृति पैदा करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का फैसला किया है।
टीआरसी में पतंजलि योग समिति के जिला महामंत्री राजेंद्र गहतोड़ी की अध्यक्षता और राकेश बोहरा के संचालन में विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें जनपद और नगर क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गयी। तथा युवाओं को इन मुददों के लिए जागरुक करने के साथ ही उन्हें मंच से जोड़ने का आह्वान किया गया। इस मौके पर वक्ताओं का कहना था भ्रष्टाचार और जनसमस्याओं को लेकर पहल करनी होगी, जिससे जहां क्षेत्र का विकास सही तरीके से हो सके। वहीं योजनाओं का क्रियान्वयन भी ठीक हो। निर्णय लिया गया कि इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसी मसले पर आगामी 11 मार्च को जिला स्तरीय बैठक करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में नवीन चंद्र सुतेड़ी, राहुल वर्मा, चंद्र प्रकाश पुनेठा, विजय गड़कोटी, हेमंत जोशी, बसंत पुनेठा, हरीश कलखुड़िया, दिनेश शर्मा, अंकित राय, प्रकाश नाथ समेत तमाम युवा मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8979103.html
kundan singh kulyal:
मिट्टी का तेल
हमारे पहाड़ों मैं लगभग सभी गोंवों मैं बिजली पहुच गई हैं लगभग गाँव वालों को जीतनी जरुरत होती है लगभग उतनी बिजली आ भी जाती हैं बिजली जब आ गई है तो लैम्प कौन जलाये शाम का खाना पकाने के लिया लकड़ी जलाते समय थोडा स्तेमाल होता हैं नहीं तो ओ भी छिलके से ही जलाते हैं
सरकार से मिलने वाला मिट्टी का तेल आज लगभाग ५०% लोग भी नहीं लेते हैं अगर लेते भी हैं तो एक महीने ले लिया फिर ३ या ४ महीने के बाद जिस गाँव मैं २० बैरल मिट्टी का तेल का पास है उस गाँव मैं हर महीने ५ से ७ बैरल ही तेल लेते हैं सरकारी गल्ले के दुकानदार और हस्ताक्षर कर देते हैं की हमने पूरा तेल ले लिया हैं थोडा बहुत पैसा मिल जाता हैं एक बैरल मैं १०० रुपये भी मिल गए तो कम हैं क्या क्यों की हमारे पहाड़ों मैं बलेक मैं कोई नहीं खरीदता जब सबसिटी मै मिलने वाला तेल कोई नहीं खरीदता हैं तो बलेक मै कौन खरीदेगा कुछ चक्की चलने वाले भले ही खरीदते होंगे हर गाँव से कम से कम १० बैरल तेल कहाँ जाता हैं ये सोचने का बिषय हैं रही बात मैदानी क्षेत्रों की जहाँ मिट्टी के तेल की बहुत मांग हैं यहाँ तक की राजस्थान और उत्तरप्रदेश मै ३० से ३५ रुपये लीटर और गुजरात महाराष्ट मैं तो ४० रुपये से भी ज्यादा मैं मिलता हैं वो भी बहुत मुस्किल से ......
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