Uttarakhand Updates > Anti Corruption Board Of Uttarakhand - उत्तराखण्ड में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की मुहिम

Corrupt Methods/Tricks Being Followed - भ्रष्टाचार करने के भ्रष्ट तरीके

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Uttarakhand Admin:

"Corrupt politicians, corrupt judges, corrupt police officers, corrupt bureaucrats, corrupt contractors, etc. are looting our country for last 60 years. They are nothing but thiefs and criminals. Due to their plunder of public funds millions of people, including children, have died. By crude estimation, these corrupt officials constitute at least 90% of all the officers. According to standard of any civilized country they deserve rigorous life imprisonment." -CorruptionInIndia.org

Here in this Board you can describe corrupt methods generally and specifically employed by various departments of Uttarakhand Govt and Quasi Govt Institutions . So that we have Watchdogs who shall keep a watch and whistle blowers who shall inform the forum on specific instances. Like for Example in Maharashtra it has been seen that School Administration making it mandatory to buy books from a particular vendor, Where the Vendor charges MRP Prices while elsewhere a discount can be got. Likewise there are umpteen tricks of trade patented by Govt depts, which need to be exposed.
 
यहाँ पर आप बता सकते है सरकारी या गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ाने, पैसा ऐंठने के लिये क्या क्या तरीके उपयोग में लाये जाते हैं। जैसे सरकारी अस्पतालों में कहा जाता है कि किसी दुकान विशेष से ही द्वायें खरीदें और लिखी गयी दवायें भी उसी दुकान विशेष में मिलती हैं। इसी तरह के विभिन्न तरीकों की जानकारी आप यहाँ दे सकते हैं।

हेम पन्त:
एक जागरुक नागरिक को यह पता होना चाहिये कि सरकार में बैठे लोग या अन्य लोग किन-किन तरीकों से भ्रष्टा्चार फैला रहे हैं. ऐसे अनैतिक तरीकों को आम नागरिक समझ ले तभी वह इनके खिलाफ आवाज उठा सकता है.

आजकल निजी स्कूल भी इसी तरह के गोरखधंधों में लिप्त हैं. भारी फीस वसूलने के साथ ही स्कूल प्रबंधन ड्रेस, कापी-किताब तथा स्टेशनरी आदि किसी एक दुकान या एजेंसी से लेने को बाध्य करते हैं जिससे उन्हें मुनाफे में कमीशन मिलता है. शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा यह घोटाला अत्यन्त निन्दनीय है.

हेम पन्त:
श्रोत - दैनिक हिन्दुस्तान

श्रीनगर, गढवाल- नगर पालिका के अनेक क्षेत्रों में भारी पेयजल किल्लत से जल संस्थान के कर्मचारी खूब चांदी काट रहे हैं। आलम यह है कि पालिका के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपने घरों में पानी की आपूर्ति सुचारु रखने के लिए फिटर से लेकर जेई, एई तक को खुश करने के जुगाड़ में जुटे हुए हैं। जिन घरों में शादी या अन्य कार्य होने हैं, वे तो इन कर्मियों को मोटी रकम भी दे रहे हैं।

जल संस्थान के कर्मचारी पानी का वितरण अपने हिसाब से कर रहे हैं, जिससे उन्हें खूब कमाई हो रही है। पानी की सुचारु एवं पर्याप्त आपूर्ति के लिए लोग कर्मचारियों को मोटी रकम देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। पालिका क्षेत्र के लोगों ने बताया कि जल संस्थान के कर्मचारियों को खुश रखने से पानी की आपूर्ति सुचारु रहती है वरना हमेशा जल संकट बना रहता है। जल संस्थान के कर्मियों का ही खेल है कि आसपास एवं समान ऊचाई वाले घरों में से एक में पानी की पूरी आपूर्ति है जबकि दूसरे घरों में पानी नहीं है।

Devbhoomi,Uttarakhand:
बाबा रामदेव की भ्रष्टाचार विरोधी भ्रष्ट योग राजनीती
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आजकल बाबा रामदेव जनित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की खूब चर्चा सुनने और दिखने को मिल रही है. बाबा रामदेव देश से भ्रष्टाचार मिटाने और विदेशों में जमा काले धन को वापिस लाने के लिए जगह जगह अपने अनुयायियों के साथ रेलियाँ निकाल रहे है. मुझे ये देखकर थोडा सा आश्चर्य होता है कि क्या ये वही राम देव बाबा जी हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले देश की राजनीती में अपना एक वक्तब्य देकर तूफ़ान मचा दिया था कि किसी मंत्री ने उनसे रिश्वत की मांग की थी लेकिन आज तक बाबा जी ने उस ब्यक्ति का नाम जनता को नहीं बताया. जब रामदेव बाबा जी एक भ्रष्ट मंत्री का नाम जनता के सामने उजागर नहीं कर सकते है, जिसके कि वो खुद प्रत्यक्ष दर्शी थे तो क्या वो भारत से भ्रष्टाचार ख़ाक मिटा सकते है. असल में मुद्दा भ्रष्टाचार या विदेशों में छिपे काले धन का नहीं है, मुदा बाबा जी को सुर्ख़ियों में रहने का है. बाबा जी को सुर्ख़ियों में रहने की एक आदत से बन गयी है. भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की सहायता से वो केवल अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे है और कुछ नहीं. अगर बाबा जी इतने ही समाज हितैषी है तो जरूर उनको उस भ्रष्टाचारी नेता का नाम जनता के सामने लाना चाहिए था जिसने उनसे रिश्वत की मांग की थी लेकिन सचाई ये नहीं है सचाई पब्लिक का ध्यान अपनी और बटोरने का है. बाबा का ये दोहरा चरित्र कम से कम मेरे गले तो नहीं उतर रहा है. आज बाबा रामदेव का मकसद केवल अपना एक छत्र साम्राज्य करना चाहते है और इसको पाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते है. इतिहास गवाह है कि हम लोगों ने हमेशा से धर्म गुरुरों को हमेशा से मान सम्मान दिया है, उनको अपने आँखों पर बिठाया है, चाहे वो किसी भी धर्म से सम्बन्ध रखते हो लेकिन इसके साथ साथ एक कटु सत्य ये भी देखने को मिला है कि उन्ही धर्म गुरुओं , साधू संत लोगों को हमारा (जनता) का हमेशा अपने मतलब के लिए गलत फायदा उठाया है और उसी पंक्ति में बाबा रामदेव भी आगे बढ़ रहे है.

 

हमेशा समता की बात करने वाले बाबा रामदेव के पंतजली योगपीठ और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की सदस्यता फॉर्म का अवलोकन करें तो यह देखने को मिलता है कि स्वयं बाबा रामदेव ने अपने अनुयायियों को पूँजी के हिसाब से वर्गों में बांटा है. सबसे ज्यादा धन देने वाले को पतंजलि योग पीठ की तरफ से सबसे ज्यादा सुख सुविधाएँ प्रदान की जाती है, उस से थोडा कम देने वाले को उस से कम सुविधाएँ ...और ये क्रम बढता जाता है और हम जैसे गरीब तबके के लोगों के लिए बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में वो स्थान नहीं है जो एक बड़े पूंजीपति के लिए है. मैं बाबा रामदेव जी से पूछना चाहता हूँ कि ये आपका कैसा समता का सन्देश है, ये आपका कोनसा सन्देश है जिसकी आप हमेशा से रटना लगाए रहते है कि मेरे देश के सभी निवासी बराबर है और मेरे लिए न कोई बड़ा है और न कोई छोटा. भेद तो खुद आपके पतंजलि योगपीठ में   दिखाई देता है.

 

हमेशा से लोगों को अरोग्यवान की शिक्षा देने वाले योगगुरु देश विदेशों में तो खूब अपने योग शिविर लगा रहे है, लेकिन आज हमारे देश में ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ आज भी कोई अस्पताल नहीं है, मूलभूत सुख सुविधाएँ नहीं है, जिनके पास न ही इलाज के लिए पैसे है और न ही इलाज करवाने के लिए अस्पताल. जिनको कि वास्तव में योग की शिक्षा की बहुत आवश्यकता है, बाबा रामदेव के पास उन लोगों के भी समय नहीं है, क्योंकि वह पर बाबा रामदेव जी का लाइव कैमरा नहीं पहुच सकता है और वो लोग बाबा रामदेव जी को इतना पैसा नहीं दे सकते है कि बाबा रामदेव उस क्षेत्र में अपना शिविर लगा सकें.

 

बाबा रामदेव ने अपने साम्राज्य को बढाने के लिए आधुनिक तकनीकों का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है. बाबा रामदेव जी दावा करते है कि जो लोग उनके शिवरों में भाग नहीं ले सकते है वो उनकी वी सी डी,डी वी डी और योग की पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से अपने घरों में योग सीख सकते है और योग का लाभ ले सकते है लेकिन यदि इन वी सी डी,डी वी डी और पत्र पत्रिकाओं की कीमतों पर नजर डालते है तो एक सामान्य और गरीब तबका का वर्ग १० बार सोचेगा. यहाँ भी बाबा रामदेव की कॉरपोरेट चरित्र साफ़ दिखाई देता है. यही हाल बाबा रामदेव की आयुर्वैदिक दवाएयों का है. आज बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ हमारी रसोई तक पहुँच गयी है लेकिन केवल एक विशेष वर्ग या कहें कि संपन वर्ग के लिए. यहाँ भी एक गरीब तबका बाबा रामदेव की दिव्या योग फार्मेसी का कुछ भी लाभ प्राप्त नहीं कर सकता है.

 

मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि आज बाबा रामदेव एक कॉरपोरेट हस्ती बन गए है और जिनका मकसद केवल अपना एक छत्र साम्राज्य स्थापित करना है, चाहे इसके लिए उनको राजनीति का सहारा लेना पड़े या आमजनता को बेवकूफ बनाने का.

 

किसी कवि की २ पंक्तियाँ याद आ रही है -

 

अन्याय सहकर मौन रहना, ये बड़ा दुष्कर्म है

न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दंड देना, धर्म है.

 

और बाबा रामदेव इतने बड़े भ्रष्टाचारियों का डाटाबेस अपने में छुपाये बैठे है, इससे बड़ा और दुष्कर्म क्या हो सकता है. यदि बाबा रामदेव को अपना मान सम्मान-पद प्रतिष्टा बनाये रखनी है तो बाबा रामदेव को अपने चरित्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता लानी बहुत जरूरी है नहीं तो वो समय दूर नहीं है जब बाबा रामदेव भी उन साधु संतों की जमात में अपने को खड़े पायेंगे जिनकी कथनी कुछ और होती है और करनी कुछ और.

 

धन्याबाद

सुभाष कांडपाल

Devbhoomi,Uttarakhand:
महिला मोर्चा ने भ्रष्टाचार के विरोध में निकाली पदयात्रा
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केंद्र सरकार पर महंगाई को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जनरल महादेव सिंह मंडल ने कौलागढ़ से यमुना कालोनी तक पदयात्रा निकाली। इस दौरान आयोजित सभा में संस्कार भारती की प्रदेश अध्यक्ष सविता कपूर ने कहा कि कांग्रेस की महंगाई विरोधी नीति का जनता मुंह तोड़ जवाब देगी।

शुक्रवार को महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कौलागढ़ में एकत्र हुई और यहां से रैली की शुरू की। रैली राजेंद्रनगर, किशननगर, सैय्यद मौहल्ला होते हुए यमुना कालोनी पहुंच कर समाप्त हुई। इस दौरान कार्यकर्ता महंगाई व केंद्र विरोधी नारे लगाते रहे। पदयात्रा में महिला मोर्चा अध्यक्ष बृजलेश गुप्ता, महानगर प्रभारी स्नेहलता, मंडल अध्यक्ष बीना उनियाल, महासचिव शारदा गुप्ता, पार्षद अमिता सिंह, अर्चना पुंडीर, आशा भाटी, नीतिका तिवारी व नंदनी शर्मा आदि समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7656177.html

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