Author Topic: Currupt System in Uttarakhand - ये कैसा भ्रष्टाचार है उत्तराखण्ड में?  (Read 47180 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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देहरादून। पावर प्रोजेक्ट के ठेके को लेकर उत्तराखंड सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है। विवाद इतना बढ़ गया है कि निशंक सरकार ने राज्य के एक बड़े अधिकरी के खिलाफ न सिर्फ तीन-तीन मुकदमे दर्ज कराए बल्कि उन्हें नौकरी से भी हटा दिया। नैनिताल कोर्ट ने इन मुकदमों को लेकर सरकार को न सिर्फ कटघरे में खड़ा किया बल्कि ये तक कह दिया कि सरकार ने साजिश के तहत ये मुकदमा दर्ज कराया है।

उत्तराचंल जल विद्युत निगम के पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद को हर वक्त अपनी गिरफ्तारी का डर सताता रहता है। हालांकि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने योगेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन इनकी परेशानियां कम नहीं हुई हैं। योगेंद्र प्रसाद का आरोप है कि राज्य में बनने वाले छोटे पावर प्रोजेक्ट के ठेके में कई अनियमितताएं बरती गई थीं इसलिए उन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए। फाइल पर हस्ताक्षर करने से मना करने का खामियाजा ही उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

 
दरअसल उत्तराखंड सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर 56 स्मॉल स्केल पावर प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को सीधे ठेका दे दिया। इसके लिए उत्तरांचल जल विधुत निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से अनुमति ली जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जब पीआईएल के जरिये ये मामला कोर्ट में पहुंचा तो सरकार के हाथ पांव फूल गए। और प्रदेश के जल विद्युत निगम के तत्कालीन अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद से दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। इससे भड़ककर सरकार ने योगेंद्र प्रसाद को ही निशाने पर ले लिया और प्रीवेंसन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत तीन-तीन मुकदमे दर्ज करा दिए। एक मामले में तो विजिलेंस विभाग ने चार्जशीट भी फाइल कर दी है।
 
  अफसर ने ईमानदारी दिखाई, सरकार ने बिजली गिराई
 
 
अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए योगेंद्र प्रसाद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सारे दस्तावेजों को देखते हुए न सिर्फ योग्रेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर रोक लगाई बल्कि सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि योगेंद्र प्रसाद के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की गई वो सरकार और प्रसाद के बीच पैदा हुई कड़वाहट और दुश्मनी की वजह से हुई। योगेंद्र प्रसाद को परेशान करने के लिए मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

इस मामले में सरकार से संपर्क साधने पर प्रतिक्रिया देने के लिए कोई भी सामने नहीं आया लेकिन हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया से साफ है कि योगेंद्र प्रसाद अपनी ईमानदारी का खामियाजा भुगत रहे हैं।

दरअसल योजना के तहत 5 से 25 मेगावॉट की छोटी छोटी परियोजनाएं शुरू की जानी थीं। इस योजना के मुताबिक इसका ठेका निजी कंपनियों को दिया जाना था। यही नहीं कंपनियां खुद परियोजना का चुनाव करेंगी और उसके लिए आवेदन करेंगी। इस योजना के तहत 16 जनवरी 2010 को 56 प्रोजेक्ट को उत्तराखंड सरकार ने हरी झंडी दे दी।

लेकिन घोटाले का आरोप लगाते हुए एक संस्था ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। नियमों के मुताबिक एक कंपनी या कम्युनिटी को तीन से ज्यादा प्रोजेक्ट नहीं दिए जा सकते हैं। लेकिन सरकार ने एक ही शख्स से जुड़ी कई कंपनियों को प्रोजेक्ट दे दिए। एक ही परिवार में पति और पत्नी को 6 प्रोजेक्ट दे दिए गए। अनिल महाजन और ललित महाजन को 25 - 25 मेगावट के तीन-तीन प्रोजेक्ट दे दिए गए और वो भी दिल्ली के एक ही पते पर। यही नहीं सरकार ने ऐसी सात कंपनियों को 13 प्रोजेक्ट्स दे दिए जिसका निदेशक अमित कुमार मोदी नामक शख्स है। जब कोर्ट के सामने ये सारे दस्तावेज प्रस्तुत किये गए तो सुनवाई से ठीक एक दिन पहले उत्तराखंड सरकार ने सभी 56 ठेके रद्द कर दिए।
 
http://khabar.ibnlive.in.com/news/47643/3/21?from=hp

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Chandrashekhar Joshi <csjoshi_editor@yahoo.in>

    उत्तराखंड में 40 प्रतिशत भ्रष्‍टाचार – तीरथ सिंह रावत भाजपा नेता

    पौड़ी । भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि उत्‍तराखण्‍ड में 40 प्रतिशत भ्रष्‍टाचार हो चुका है,

    भाजपा नेता व राज्य आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश भ्रष्टाचार के मामले में उत्तर प्रदेश से आगे निकल गया है। इससे निपटने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ में आना होगा। पौड़ी पहुंचे तीरथ सिंह रावत ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पृथक राज्य के गठन की मूल अवधारणा जैसी की तैसी रह गई है। उत्तर प्रदेश के अधीन रहते हुए कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार का बोलबाला था, तब पृथक राज्य बनाकर ईमानदारी का सपना देखा गया था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। रावत ने साफ शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश में आज कमीशनखोरी की दर 20 प्रतिशत तक है जबकि उत्तराखंड में यह दर 20 प्रतिशत से शुरू होकर 40 प्रतिशत तक हो गई है। इसके अलावा भ्रष्टाचार भी चरम पर है। ऐसे में राज्य का विकास बाधित हो रहा है। यदि प्रदेश को भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकालना है तो सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आगे आना होगा। तीरथ ने भ्रष्टाचार के मामले पर केंद्र पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम, आदर्श सोसायटी व कामनवेल्थ जैसे बड़े घोटालों को अंजाम देने में केंद्र सरकार के मंत्री व्यस्त है जबकि देश में लगातार बढ़ रही महंगाई की किसी को चिन्ता नहीं है। उन्होंने महंगाई को बीते वर्ष की दैवीय आपदा से भी अधिक नुकसानदेह बताया। उक्रांद के मुद्दे पर बोलते हुए रावत ने कहा कि पार्टी के साथ कुछ शर्तो के आधार पर गठबंधन किया गया था जो कि पूरी की जा चुकी हैं। प्रदेश में भाजपा के जबरदस्त जनाधार का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि अब किसी दल के साथ गठबंधन की आवश्यकता नहीं है। भाजपा अपने बलबूते ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आगामी विधानसभा चुनाव में फतह हासिल करने के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

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सब्जी, लकड़ी न लाने पर शिक्षिका ने छात्रों को पीटा
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 विकासखण्ड लमगड़ा के प्राथमिक पाठशाला पीपली में छात्रों की पिटाई से नाराज अभिभावकों ने विद्यालय में तालाबंदी कर दी। शिक्षिका को तत्काल हटाने की मांग को लेकर क्षेत्रीय शिक्षाधिकारी दुर्गा प्रसाद व खण्ड शिक्षाधिकारी एचबी चंद को सूचित किया। विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका ने कक्षा 4 व 5 के 15 बच्चों को प्रार्थना में इसलिए डंडों से पिटाई कर दी कि बच्चे न तो अपने घर से सब्जी लाए और न ही जंगल से लकड़ी बीनकर ला सके।

 शिक्षिका ने छात्रों की हुकुमअदूली से खिन्न होकर प्रार्थना सभा में ही बच्चों को जमकर पीटा। इस बात की शिकायत विद्यालय से घर पहुंचकर बच्चों ने अपने अभिभावकों से की। अभिभावकों ने ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य को इस घटना की सूचना दी। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका आए दिन बच्चों से सब्जी व लकड़ी बीनकर लाने को कहती है। बच्चे रोज इस बात को मानते हैं। एक दिन न लाने पर बच्चों की बुरी तरह पिटाई कर दी गई। जिससे आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर तत्काल हंगामा खड़ा कर दिया।

खण्ड शिक्षाधिकारी व क्षेत्रीय शिक्षाधिकारी के आश्वासन के बाद अभिभावक शांत हुए। बहरहाल कार्यरत शिक्षिका को पीपली से हटा दिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए राजकीय इंटर कालेज पीपली के अध्यापक एचएन राय को विद्यालय संचालित करने को कहा गया है।

 तालाबंदी में अभिभावक संघ के अध्यक्ष भुवन करायत, क्षेत्र पंचायत सदस्य माया बर्गली, ग्राम प्रधान मोहनी नेगी, पान सिंह करायत, धन सिंह, दीवान सिंह नेगी, पान सिंह नेगी, सुभाष नेगी, पूरन नेगी, राजेंद्र नयाल, सरिता देवी, चंपा देवी, गंगा देवी सहित अनेक अभिभावक मौजूद थे।


source dainik jagran

aisi kaunsi shikshika hai jiske paas kaane pine kae liye sabji nahin hai or chhatron se khane pine ka smaan magaanti or n laayen to pitaai karti hai iske darshan karne chahiye or use poore jivan bhar ka khaane pine kaa bandovast karna chahiye

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अगर दूध में पानी मिला तो खैर नहीं     
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श्रीनगर गढ़वाल, : दूध विक्रेताओं की ओर से दूध में पानी मिलाकर बेचने के मामले श्रीनगर क्षेत्र में बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जन परेशान है। लोगों की मांग पर डीएम ने कहा कि श्रीनगर में दूध में पानी मिलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाए जाएंगे।

श्री बदरीनाथ मठ तिवाड़ी मोहल्ला समिति के सचिव पीसी पैन्यूली ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की। इस अपर जिलाधिकारी संजय कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि दूध में पानी मिलाने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाएं।

 सीएमओ ने इस संबंध में मुख्य खाद्य निरीक्षक पौड़ी गढ़वाल को आदेशित करते हुए कहा कि श्रीनगर में ऐसे दूध विक्रेताओं के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाएं।

 अलकनंदा नदी तट और तिवाड़ी मोहल्ला के समीप नगरपालिका की ओर से नगर क्षेत्र का जो कूड़ा करकट डाला जाता है, उसे भी रोकने को अपर जिलाधिकारी ने नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया है।

 डीएम को दिए ज्ञापन पर एसडीएम श्रीनगर ने भी जांच कर कहा है कि इस कूड़े से तिवाड़ी मोहल्ले के निवासियों को प्रदूषित वातावरण का सामना करना पड़ता है। इस क्षेत्र में कूड़ा करकट डालने पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा निर्देश दिया। श्रीनगर क्षेत्र में रसोई गैस आपूर्ति को नियमित बनाए रखने के लिए जिलापूर्ति अधिकारी को अपर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7401468.html

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कांस्टेबल भर्ती की भी सीबीसीआइडी जांच


देहरादून, जागरण संवाददाता: रैंकर्स परीक्षा के बाद अब कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी सीबीसीआईडी जांच बैठा दी गई है। यहां एक दरोगा पर अपने पुत्र को शारीरिक दक्षता परीक्षा में अच्छे अंक दिलाए जाने के आरोप लगे हैं। प्रारंभिक जांच के बाद अब पुलिस महानिदेशक ने सीबीसीआइडी को इस मामले की जांच सौंप दी है। जिससे की मामले की सत्यता का पता लग सके। आरोपी दरोगा को पुलिस लाइन से हटाकर आइआरबी में तैनात कर दिया गया है।

हाल ही में हुई कांस्टेबल भर्ती के दौरान पौड़ी में एक दरोगा पर अपने पुत्र को अधिक अंक दिलाए जाने के आरोप लगा। यह दरोगा पुलिस लाइन पौड़ी में तैनात था। मामला मुख्यालय तक पहुंचा। डीजीपी ने एसपी पौड़ी को प्राथमिक जांच करने को कहा। इस पर जब अभ्यर्थी को दोबारा शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया गया तो उसने परीक्षा में आने की जगह अपना मेडिकल भेज दिया। मामला संदिग्ध पाए जाने पर एसपी पौड़ी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय सौंप दी। इस पर डीजीपी ने इस मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी है। आरोपी दरोगा को पुलिस लाइन से हटाकर आइआरबी में तैनात कर दिया है। डीजीपी ज्योति स्वरूप पांडे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7448297.html

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उत्तराखंड में बाबाओं का भ्रष्टाचार




   गोपेश्वर : कुजौं गांव के मंदिर से गुलदार की खाल के साथ वन विभाग की टीम ने एक बाबा को धर दबोचा।
केदारनाथ वन प्रभाग रेंज में जिला मुख्यालय के समीप कुजौं गांव स्थित एक मंदिर में पिछले कई वर्षो से रह रहे बाबा शरमन सिंह पुत्र हरीश सिंह निवासी बीरापुर उरई जिला जालौन उप्र को गुलदार की खाल के साथ शनिवार को उप प्रभागीय वनाधिकारी एसएन सिंह के नेतृत्व में गई वन विभाग की टीम ने सुबह लगभग आठ बजे बाबा को गुलदार की खाल के साथ गिरफ्तार किया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुजौं गांव के ही किसी व्यक्ति से बाबा ने 5 हजार रुपए में गुलदार की खाल खरीदी।

उप प्रभागीय वनाधिकारी एसएन सिंह ने बताया कि बाबा को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा में मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया गया कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है।
   
dainik jagran

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छह माह में ही 85 लाख की योजना ध्वस्त
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सालभर पूर्व निर्मित लाखों की लागत से बनी 15 किमी लंबी कालागाड़ी-गणाऊ पेयजल योजना 6 माह भी ग्रामीणों को पानी नहीं पिला सकी। अतिवृष्टि की भेंट चढ़ी इस योजना को देखने की जरूरत अभी तक जल महकमे के अधिकारियों ने नहीं समझी।

वर्ष 2009-10 में 85 लाख रुपया खर्च कर पेयजल योजना बनी। इस पेयजल योजना का उद्देश्य गणाऊ व तल्ली पीपली को पेयजल मुहैया कराना था। ग्रामीणों का आरोप है कि आधी-अधूरी योजना को विभाग ने हस्तांतरित तो कर लिया, लेकिन ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने की जरूरत नहीं समझी। विगत 17 सितंबर को अतिवृष्टि ने रही-सही कसर पूरी कर दी। जिससे कई स्थानों पर योजना के पाइप बह गए। जिसकी सूचना जल निगम के अधिकारियों को ग्रामीणों ने दी। गणाऊ के प्रधान पुष्टी बल्लभ जोशी का कहना है कि जल निगम के अधिशासी अभियंता ने विगत 12 नवंबर को मिले ग्रामीणों के शिष्टमंडल से कहा था कि दैवीय आपदा का कार्य ग्रामीण कर लें, इसका भुगतान उन्हें कर दिया जाएगा। यही नहीं इस बीच योजना के लिए दैवीय आपदा से 2 लाख के टेंडर आमंत्रित कर दिए गए। अभी तक न तो ग्रामीणों को ही भुगतान किया गया और न ही टेंडर पर कार्य हुआ। जिससे ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7588706.html

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ग्रामीणों ने लगाया गैरसैंण एनएच पर जाम
Apr 18, 07:06 pm
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गैरसैंण, जागरण कार्यालय: रिखोली-नैलजागरी-सेरा व गैरसैंण-पजियाणा मोटर मार्ग निर्माण को लेकर चल रहा धरना अब बेमियादी भूख हड़ताल में तब्दील हो गया है, अनशन प्रारंभ करने से पूर्व ग्रामीणों ने गैरसैंण एनएच मार्ग पर दो घंटे का सांकेतिक जाम भी लगाया। इससे लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पडी। अनशन में सात आन्दोलनकारी तहसील मुख्यालय पर व दो आन्दोलनकारी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली समाधि स्थल कोदियाबगडड़ दूधातोली में बैठ गये हैं।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आन्दोलन के 11वें दिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने जमन सिंह, कल्याण सिंह, मंगल सिंह, धर्मानंद, बिरेन्द्र, राजेन्द्र व सोहन सिंह को गाजे-बाजे के साथ अनशन स्थल तहसील मुख्यालय में पहुंचाया, वहीं प्रताप सिंह व छोटांण सिंह को मुख्यालय से 14 किमी दूर दूधातोली में आन्दोलन प्रारंभ करने के लिए ग्रामीण नारेबाजी के साथ पहुंचे। इससे पूर्व आन्दोलनकारियों ने लोनिवि व वन विभाग कार्यालय में तालेबंदी करते हुए एनएच रानीखेत-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के गैरसैंण मुख्य तिराहे पर दो घंटे का सांकेतिक चक्काजाम कर यातायात बाधित रखी। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। जाम स्थल पर ग्रामीणों ने सभा कर आन्दोलन को तेज करने की चेतावनी दी। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गयी तो संपूर्ण क्षेत्रवासी सपरिवार आन्दोलन में शामिल हो जायेगें।

जाम लगाने वालों में हीरा सिंह फनियाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी, गंगा सिंह, पुष्कर सिंह, जानकी रावत, अवतार सिंह, गणेश गिरी, अवतार सिंह पुंडीर, होशियार सिंह, दीवानी देवी सहिहत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7599883.html

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  सीएम के जाते ही उखड़ गया मार्ग का डामर       Apr 20, 09:25 pm    बताएं           गरुड़ (बागेश्वर): प्रदेश के मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को गरुड़ का दौरा किया तो शनिवार को लोक निर्माण विभाग ने रातों रात मुख्य मार्ग में डामरीकरण कर दिया क्षेत्र की जनता ने राहत की सांस ली व कहा कि चलो इस बहाने डामर तो हुआ परंतु यह डामरीकरण तीन दिन में ही उखड़ गया। जिससे कई दोपहिया वाहन चोटिल हो गए। परेशान व्यापारियों ने उखड़े डामर का ढेर जमा कर दिया।
   रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गरुड़ में जनता दरबार लगाया। लोनिवि ने शनिवार को उन स्थानों में डामरीकरण किया जहां से मुख्यमंत्री की फ्लीट को गुजरना था। क्षेत्रीय जनता ने समझा कि जिस मार्ग में डामरीकरण की मांग जनता वर्षो से करती आ रही थी परंतु डामर नहीं हो रहा था उस पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते डामर हुआ तो वाहन चालकों को राहत मिलेगी। परंतु मुख्यमंत्री के फ्लीट के जाते ही डामरीकरण उखड़ने लगा। बुधवार की सुबह गरुड़ बाजार, गोलू मार्केट के समीप का डामर उखड़ कर रोढ़ी में तब्दील हो गया व इसमें कई बाइक सवार रपट गए। जिससे परेशान आस-पास के व्यापारियों ने डामर में झाड़ू लगाकर उसके ढेर जमा कर दिए। लोनिवि द्वारा किए इस कार्य से यह पता चलता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जहां जनता दरबार में अधिकारियों को जनता के हितों का ध्यान रखकर गुणवत्ता के साथ कार्य करने के आदेश दे गए वहीं अधिकारियों ने उसका कितना पालन किया। क्षेत्रीय व्यापारियों ने जिलाधिकारी समेत विधायक, मंत्री से इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7611729.html

   

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उत्तराखंड के दलाल ,दलाली के शक में तीन लोग गिरफ्तार
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भर्ती रैली के दौरान दलाली करने के इरादे से आए तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन लोगों को गत गुरुवार को एक होटल से हिरासत में लिया गया था। कोतवाल के अनुसार इन्होंने कुछ युवाओं को दौड़ में सफल होने पर बात करने का झांसा दिया था। पुलिस ने दलाली करने के इरादे आए तीन लोगों चकरपुर खटीमा निवासी त्रिलोक सिंह, तहसील रोड डीडीहाट निवासी अनिल उपाध्याय व महेन्द्र सिंह को गत दिवस पकड़ा था, जो गत 17 अप्रैल से यहां एक होटल में ठहरे थे। कोतवाल रामीराम ने बताया कि त्रिलोक सिंह सेना से ऑनरेरी कैप्टन से रिटायर हुआ है जबकि महेन्द्र सिंह एसएसबी से रिटायर है। उन्होंने बताया कि त्रिलोक सिंह खटीमा में प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। प्लाट लेने के सिलसिले में गत माह महेन्द्र सिंह व अनिल उपाध्याय की त्रिलोक सिंह से जान पहिचान हुई। महेन्द्र ने त्रिलोक से कुछ युवकों को सेना में भर्ती कराने की बात कही और यह लोग यहां पहुंच गए। कोतवाल ने बताया संबंधित युवकों ने पैसे के लेनदेन होने की बात से इंकार किया है। सिर्फ उनसे पहले दौड़ में सफल होने की बात कही गई थी, लेकिन वह युवक दौड़ से बाहर हो गए। पुलिस ने संज्ञेय अपराध को रोकने के उद्देश्य से इन तीनों को धारा-151, 107 व 116 सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार किया।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7621578.html

 

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