बाप ने गढ़ा 'लोकपाल', बेटा करेगा विधेयक पर गौर
नई दिल्ली, रविवार, 28 अगस्त 2011( 22:03 IST )
बड़ा अजीब संयोग है कि कई दशकों पहले जिस सांसद ने ‘लोकपाल’ शब्द गढ़ा और भारत में ‘औमबुड्समैन’ की अवधारणा पेश की, आज उसी का बेटा उस संसदीय समिति का अध्यक्ष है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ इस विधेयक पर गौर करेगी।
विधि मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी के पिता एलएम सिंघवी ने 1960 के दशक की शुरुआत में ‘लोकपाल’ शब्द गढ़ा था और इसकी नियुक्ति की मांग की थी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बार-बार ‘औमबुड्समैन’ की नियुक्ति की मांग करने वाले सिंघवी से कहा था कि 'यह किस चिडियाघर का प्राणी है, डॉ. सिंघवी, आपको इसका स्वदेशीकरण करना होगा।’ सिंघवी ने इस शब्द का हिन्दी रूपांतरण करते हुए इसे ‘लोकपाल’ नाम दिया और इसके सहयोगी को ‘लोकायुक्त’ बताया।
सिंघवी ने 1963 से 1967 तक लोकपाल विधेयक के लिए अभियान चलाया लेकिन चूंकि वे निर्दलीय सांसद थे इसलिए कोई कानून नहीं ला पाए। अब उनके बेटे और कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी की अध्यक्षता वाली समिति को अन्ना हजारे की उन तीन मांगों पर गौर करना है, जिसे संसद ने कल उसे भेजा।