Uttarakhand Updates > Articles By Esteemed Guests of Uttarakhand - विशेष आमंत्रित अतिथियों के लेख
Articles By Dinesh Dhyani(Poet & Writer) - कवि एव लेखक श्री दिनेश ध्यानी के लेख
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dinesh Dhyani
February 21 at 5:49pm
अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस की सब्यों तैं हार्दिक बधाई.
अपणी बोली, अपनी भाषा
लिखा पढ़ा, अग्नै बढ़ा।
बोली को विकास करा
गढ़वाली -कुमाँऊनी अर जौनसारी तैं
संविधान की ८ वीं
अनुसूची म सम्मान दिलावा।
आवां सभी मिल जुलिकी
भाषा को मान बढ़ावा।
दिनेश ध्यानी। २१/२/१६।
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dinesh Dhyani
March 23 at 10:32am
बुरू नि मन्यां होळि चा।
भै बंदौ आप त जणदा हि छन हमरा स्वनामधन्य कुर्सी प्रेमी नेतौं का कारण अचकाल उत्तराखण्ड प्रदेश की चर्चा देश का हर हिस्सा म होण लग्यां छन। यि हमरा नेता कतना समाज सेवी अर जनता कि कतना सुध ल्हिंदन स्यु त दिखेण लग्यों, पन्द्र सालौ राज ह्वै गे पण अज्यों तक मूलभूत सुविधाओं का खातिर बि जन्ता परेशान च। अर सि छन कि सिफ अर सिर्फ अपणि कुर्सी खातिर लडणां छन। त ल्याव होरि का बाना से एक चुटकी हम बि ल्हे दिंदा।
हरीश रावत न विजय बौगुणा थैं फोन मिलै।
बल पंडज्यू पैलाग।
विजय बौगुणान बोलि, खुश राव, चिरंजीवी ह्वावा।
हरीश रावत न बोलि, पंडज्यू खुश कनम रैंण?
विजय बौगुणान बोलि, किलै क्य ह्वै?
हरीश रावत न बोलि, पंडज्यू तुम त यन्नु बनां छां जनु तुमथैं कुछ पता नि हो, हैं, अच्छी भलि सरकार चलणीं छै अर तुमन यन्नु घ्वच्चा मारि कि क्य बुन्न? कुर्सी बि अधर म च लटकीं अर न खयेणौं, न पियेणौं, न हैंसेणौं न रूवेणौं हौरि त हौरि निंद त औंणी पण न सियेणौं। जबरि झपकि औंणी तबरि तुम्हरि मुखडि दिखै जौंणी अर मी लगणौं ना हो जो एकाध हौरि विधायक बि तुम नि लपिकि द्या।
विजय बौगुणान बोलि, रौत जी अब लागि रम, रमी? हैं जबरि मि बि छौ तैं कुर्सी परैं तुमन कौन से मिथैं काम कन दे? आपदा का बाद मि जन्नि बि छौं काम कनौं छौ पण तुमन त मिथैं लमडैकि ही सांस सै। धवसन कैं बुबा जी का नौं परैं मिथैं मुख्यमंत्री बणणौं मौका मीलि छौ पण तुमन त दिल्ली से ल्हेकि ड्यारादूण तक क्य-क्य नि कै? मिन व रमकताळ मी जण्दु कनक्वै सै? तुमन सुण्यौं त होलु न रौत जी, जनु बुतिला वन्नि कटिला।
हरीश रावत थैं वो दिन याद एै गेन, जबरि वों थैं मुख्यमंत्री बणौणा खातिर वों का चेला-चपाटा दिल्ली से ल्हेकि ड्यारादूण तक कोपभवन म बैठ्यां छया, क्वी रूण लग्यौं छौ अर क्वी भीड परैं अपणु बरमण्ड फ्वडण लग्यौं छौ। आखिर म विजय बौगुणा थैं हटैकि हरीश रावत थैं कुर्सी थ्यरपैगे छै, वो अपणां लोखौं का दगडि तजबिज से, जोड जतन से ठिक व्यवस्था म जुट्यां दाया पण धन नै किस्मत, कनु सज अयौं छौ, खली की कुश्ती म कतना खेल बणिगे छौ, घ्वाडा की टंगडि टुटि सोचि छौ कि राजनीति की नैय्या पार लगि जालि, हैंका साल चुनौं म सांत्वना वोट मीलि जाला पण यो त अपणी हि कुर्सी खुणे अपशगुन ह्वैगे।
स्वचदा-स्वचदा फोन झणि कब कटि गे।
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dinesh Dhyani
March 21 at 3:24pm
घर-गौं
बरसौं पैली घौर छोडी द्यसु बस्यां
अज्यों तलक बी उपरि धरति म नि रच्यां।
रोटी-रोजगार की खातिर छां अयां
क्वी बि बौडिकि मुल्क जाण नि लग्यां।
आस्था-बीस्था कै कमै यख देसु म
धीत हमरि अजि बि अपणा मुल्क चा।
देवि-द्यबता , पितृ अपणां पुज्दा छां
रीति-रिवाज तीज त्यौहार मनदा छां।
याद औणी कूडी, पुंगडी छनुडी की
खुद लगीं मीं अपणां पांडा, वोबरा की।
मन पराण अपणां पाड म छन बस्यां
बाळि सगोडी आंख्यों छन रिटणां।
भलु सुभौ भला मनखि छन मेरा पाड़ का
कनी भली छै हवा पाणी पाड की।
याद औणी कफ्फू हिलांस, घुघती की
अपण्य पर्यौ अर बाळपन का दगड्यौं की।
दिनेश ध्यानी। 21, मार्च, 2016
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dinesh Dhyani
March 4 at 10:40am
ह्यूंद अक्वे
बरखा नि ह्वै,
रूड़ी छक्वे
पाणी नि पै।
खेती म नाज
जामु नी च
मळसु जम्यू
पुंगड्यू बीच।
ह्युंद - ह्युवाळ
साग न पात
अन्ना दाणी
काण न मास।
दिनेश ध्यानी ४/३/१६
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dinesh Dhyani
March 22 at 12:57pm ·
हाय कुर्सी
सब एक छन
यकसनि छन
कुर्सी का बान
बेचैन छन।
जोड़ - तोड़
बिकणु -बिकाणु
खरीदणु - लेणु
जैज चा
कुर्सी का बान।
सत्ता तौं कु
पैली धेय
छल -प्रपंच
कुछ भि ह्वा ।
सर्वाधिकार
चयेंणी कुर्सी
जनता नमान
भाड़ म जावा। दिनेश ध्यानी। २२. मार्च, २०१६
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