उत्तराखंडी भाषा में विराट कवि सम्मलेन और सम्मान समारोह
नॉएडा : उत्तराखंड के प्रसिद्ध कवि एबम गायक श्री नरेंदर सिंह नेगी और श्री हीरा सिंह राणा के अतिरिक्त उत्तराखंड के मूर्धन्य एबम बयोब्रध कबियों का नॉएडा के इंदिरागांधी इनडोर ऑडिटोरियम में सम्मलेन किया गया ! यह सम्मलेन उत्तराखंड की भाषा पर पिछले पंद्रह वर्षों से कार्यरत पाक्षिक समाचार पत्र देवभूमि की पुकार के पन्द्रहवां बर्ष में पदार्पण करने के उपलक्ष में तथा उत्तराखंड की स्थानीय भाषा की ध्वनियों की पहचान कर उनको गउ आखर नाम देने वाले सृजक डॉक्टर बिहारीलाल जलंधरी के साथ देवभूमि परिवार द्वारा आयोजित किया गया ! इस कार्य क्रम में सम्पूर्ण भारत से उत्तराखंडी भाषा के कवि आमंत्रित किये गए जिनमे श्री नरेंदर सिंह रावत, श्री हीरा सिंह राणा, श्री प्रेमलाल भट्ट, डॉक्टर दीबा भट्ट, श्रीमती नीता कुकरेती, श्री गणेश कुग्शाल गाणी, श्री जगदीश जोशी, श्रीमती बीना कंडारी, श्री बलवंत सिंह रावत कविराज, श्री गिरीश सुन्द्रियाल, श्री हेमंत बिष्ट, श्री जयपाल सिंह रावत, श्री दिनेश ध्यानी, श्री पूरनचंद कांडपाल, तथ श्री बृजमोहन वेद्वाल उपस्तिथ हुए ! यह कार्यक्रम नॉएडा अथॉरिटी सेक्टर ६ स्तिथ इंदिरागांधी इंदौर ऑडिटोरियम में दिनांक ५ जुलाई २००९ को सयम 4 बजे से आरंभ किया गया !
इस आयोजन में दिल्ली एन सी आर में रहने वाले उत्तराखंड समाज के मुख्य समाज सेवी तथा दिल्ली एन सी आर के अर्न्तगत आने वाली उन सभी संस्थौं को आमंत्रित किया गया जो उत्तराखंड समाज के सामाजिक सरोकारों, सांस्कृतिक मन्यातौं तथा अपने कार्यक्रमों के अवसर पर अपने मंच से अपनी भाषा में अधिक से अधिक संप्रेषण कर रहे हैं तथा लगातार अपनी भाषा को बढावा दे रहे हैं ! उनमे से कुछ मुख्य संस्थाओं को सम्मानित किया जाना है ! यह एक बृहद कवि सम्मलेन और सम्मान समारोह है जिसमे कवि, समाज सेवी तथा समाज के लिए कार्यरत संथाएं सम्मानित की गई ! इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री उपेंदर पोखरियाल मुख्य सलाहकार सबका प्रयास सोसाइटी नॉएडा, विशिष्ट अतिथि श्री देवेंदर शाह ज्योति दर्शनी ज्योलेर्स नई दिल्ली, श्री महेश चन्द्र संयुक्त महानिदेशक बिदेश ब्यापार तथा डॉक्टर जी सी वैष्णव प्रबंध निदेशक फोर्टीस हॉस्पिटल नॉएडा, उपस्तिथ हुए ! समारोह में सबसे पहले मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने दीप प्रज्वलित किया उसके उपरांत सरस्वती बंदना उत्तराखंड के लोक संगीत मंगल गीत आधार पर की गई ! सरवती बंदना को स्वर दिया कल्पना चौहान ने तथा संगीत राजेंदर चौहान द्वारा समर्पित किया गया ! उसके उपरांत डॉक्टर बिहारीलाल जलंधरी ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का बुके भेंट कर व फूल माला पहनाकर किया ! मुख्य अतिथि श्री उपेंदर पोखरियाल ने कबियों का स्वागत उत्तराखंड की सांस्कृतिक पद्धति को आधार मानकर माथे पर कुमकुम और चावल का टीका लगाकर किया और देवभूमि परिवार के सदस्यों ने कबियों को पुष्प माला पहनाकर यथा स्थान बिठाया ! कवि सम्मलेन संपन होने के उपरांत मुख्य अतिथि श्री पोखरियाल ने टीका लगाया विशिष अतिथि श्री देवेंदर शाह ने स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा देवभूमि के प्रधान संपादक डॉ. बिहारीलाल जलंधरी ने आदर स्वरुप टीका की रस्म पूरी करते हुए भेंट देते हुए उन्हें स सम्मान विदा किया !
इस कार्यक्रम में दिल्ली एन सी आर की जो संस्थाए सम्मानित करने के लिए चुनी गई उनमे अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा लखनऊ सम्पूर्ण भारत, नॉएडा से स्मरण हम भूल न जाएं उनको संस्था, उत्तराखंड आध्यात्मित सांस्कृतिक संस्था, उत्तराखंड क्लब, पर्वतीय सांस्कृतिक मंच, क्रियेटिव उत्तराखंड, दिल्ली से उत्तराँचल परिवार, उत्तरायनी, गढ़वाल हितैशिनी सभा, उत्तराखंड मानव कल्याण समिति नारोजी नगर, उत्तराखंड सांस्कृतिक मंच संगम विहार, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संगठनों में उत्तराखंड राज्य लोक मंच, उत्तराखंड जनमोर्चा, उत्तराखंड महासभा, बुरांश उत्साह संस्था सरिता विहार, कुमाओं भ्रात्र मंडल पालम, पोडी गढ़वाल़ ग्रुप, उत्तराखंड एकता मंच बदरपुर, खातली विकाश समिति किदवई नगर, गंगोत्री सामाजिक संस्था, टिहरी उत्तरकाशी विकाश संगठन, गाजिअबाद से हरियाली खुशहाली संस्था, हरियाणा से उत्तराँचल महासभा, गढ़वाल सभा गुडगाँव हैं ! देवभूमि की पुकार के इस कार्यक्रम में दिल्ली एन सी आर की जिन संस्थाओं को उनके पदाधिकारियों के माध्यम से सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया उनमे श्री मनमोहन दुद्पुदी, पंडित महिमा नन्द द्विवेदी, श्री शम्भू प्रसाद पोखरियाल, श्री राधेश्याम खाली, कर्नल पी दी डिमरी, कर्नल वी एस विष्ट, श्री मनमोहन बुदाकोती, श्री सतेंदर प्रयासी, श्री राजेंदर चौहान, श्री जगदीश नेगी, श्री उदीय धोंदियाल, श्री हरिपाल रावत, श्री मनोरथ निराला, श्री चंदर दत्त जोशी, श्री विजय सिंह रावत, श्रीमती सरोज नेगी, श्री शुर्बीर सिंह गुसाईं, श्री नंदन सिंह बोहरा, श्री शुभाष पोखरियाल, श्री एम् एस मेहता, श्री लक्ष्मण सिंह रोथान, श्री बची सिंह रावत, श्रीमती कमला रावत, श्री गंभीर सिंह नेगी आदि थे ! इन पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए ! इसके साथ साथ उत्तराखंड के कुछ मुख्य समाज सेवकों को इस विराट आयोजन में सम्मानित किया गया ! जिनमे श्री अनिल चंदर जोशी, श्री दलबीर सिंह रावत, श्री आर आर एस बगरी, श्री अनिल गुसाईं, श्री योगेन्द्र माम्गाइन, श्री पीताम्बर पन्त, श्री भूपाल सिंह भंडारी, श्री नरेंदर कला, श्री ए एस मेहरा, श्री एम् एल ध्यानी, श्री विनोद नौटियाल, श्री के एन भट्ट, श्री बी दी रत्युरी, श्री कैलाश नौटियाल, श्री सुरेंदर सिंह रावत, श्रीमती कमला जालंधरी, श्रीमती निर्मल नौटियाल, श्रीमती आनंदी नौटियाल तथा श्री अनिल उनियाल, आदि थे !
इस कर्यक्रम में दूनागिरी माता ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बधाई ! श्री शम्भू प्रशाद पोखरियाल और श्री अनिल चन्द्र जोशी माता को मंच तक लाये तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री उपेंदर पोखरियाल की धर्मपत्नी श्रीमती जय पोखरियाल ने दूनागिरी माता को माला पहनाकर स्वागत किया ! कवि सम्मलेन में उपस्तिथ कबियौं ने उत्तराखंड समाज की वर्तमान वास्तविक स्तिथि का उल्लेख किया वही कबिता के साथ साथ श्री हीरा सिंह राणा व नरेंदर सिंह नेगी को उपस्तिथ जनसमूह ने कबिता को गे रूप में प्रस्तुत करने को कहा ! श्री राणा जब अपना कबिता पाठ कर अपनी जगह बैठ चुके थे तो दर्शकों ने उनको अपनी जगह से उठने के लिए मजबूर कर दिया ! डॉ. दीबा भट्ट ने पहाड़ की नारी की स्तिथि की ब्याख्या कर सबी दर्शकों को भाव बिभोर कर दिया ! जगदीश जोशी ने "म्योर मोहनी घर एइग्यो" पढ़ी तो पूरा बातावरण संत हो गया ! पूरण चाँद कांडपाल ने "राजधानि गैरसैन निगे" की खूब सराहना हुई ! कार्यक्रम जहाँ रात्रि आठ बजे संपन होना था वही कार्यक्रम रात्रि दश बजे समाप्त हुआ ! यह देखा गया की उत्तराखंडी भाषा कवि सम्मलेन में गढ़वाल व कुमाओं से अधिसंख्यक लोग थे ! दिल्ली से दूर नॉएडा में होने वाले इस कार्यक्रम को देखने के लिए दूर दराज से दर्शक पहुंचे थे ! जैसे पालम, सागरपुर, नजफगढ़, संतनगर बुरारी, रोहिणी, नंदनगरी, साहिबाबाद, गाजियाबाद, हरियाणा, उत्तम नगर, संगम विहार, बदरपुर, आर के पुरम, सरोजनी नगर, नारोजी नगर, पंचकुइया रोड, इन्दिरापुरम, द्वारका, डेल्ही कांत, खोर, दिलसाद गर्दन, विनोद नगर, लक्ष्मी नगर, होस्क्हस, महरौली, आदि स्थानों से पहुंचे थे ! इस कार्यक्रम में यह देखने में आया की उत्तराखंडी समाज में अपनी भाषा और संकृति के प्रति काफी रुझान है !
कार्यक्रम के मंच सञ्चालन में देब्भूमि के प्रधान सम्पदक और गउ आखरों के सृजक डॉक्टर बिहारीलाल जलंधरी श्री ब्रज मोहन वेद्वाल व श्री कैलाश नौटियाल तथा कवि सम्मलेन का सञ्चालन गढ़वाल से श्री दिनेश ध्यानी और कुमाओं से श्री हेमंत विष्ट ने किया !