Author Topic: Articles By Shri D.N. Barola - श्री डी एन बड़ोला जी के लेख  (Read 150932 times)

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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लोकोक्तियाँ (Proverbs)


जतुक छ्वट   छु, उतुक ख्व्वट.

अर्थात

जितना छोटा है उतना ही खोटा है.

जैक लट्ठ वीके भैंस  
अर्थात
ताकतवर की  ही चलती है.

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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लोकोक्तियाँ(Proverbs)


बार बरसम बाघ ब्यैरौ,

अर्थात  

लम्बे इंतज़ार के बाद फल मिलना

        ******

लग्नै बखत ह्गन

अर्थात

कार्य के बीच रुकावट

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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लोकोक्ति (Proverbs)

नेऊ  थै सल्ला नै, ख्व्वर भीजै बैठि

अर्थात

बिना सलाह के कार्य करना
     **********

अती जूँ चिले नै

  अर्थात

अधिक परेशानियाँ आने पर उदासीनता आना

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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लोकोक्तियाँ (Proverbs)

तौ म्यार आंखन पिणानौ

अर्थात

आंखों मै खटकना
  
    *******

बिराउक जस पोथ सारन रओ

आर्थात

बार-बार जगह बदलना

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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खिचड़ी (Khichdi)

एक आदमी अपनी ससुराल गया. ससुराल मैं उसकी खातिर तवाजा हुई उसकी सास ने उसे घी से तरबरान स्पेशल खिचड़ी   खिलाई. उसकी सास ने उसे बताया कि खिचड़ी के होते हैं चार यार - दही, मूली, घी, अचार. खिचड़ी खाकर वह तृप्त हुआ. उसने सोचा कि घर जाकर अपनी घरवाली से खिचड़ी बनाने को कहेगा. लौटते समय उसने सास से पकवान का नाम पूछा. उसने बताया कि इसका नाम खिचड़ी है.  वह खिचड़ी खिचड़ी याद करने लगा. पता नहीं कब वह खिचड़ी के बजाय खाचिडी खाचिडी कहने लगा. रास्ते मैं उसे एक किसान की पत्नी मिली. वह चिडिया हँका रही थी. उसने उस आदमी से कहा की वह खाचिडी न कहे. इसके बजाय वह उड़चिड़ी कहे. वह  उड़चिड़ी  उड़चिड़ी कहने लगा. आगे चलकर उसे शिकारी मिला. उसने  उड़चिड़ी कहने पर एतराज जताया   और   कहा की वह बैठ    चिड़ी कहे उसने बैठ    चिड़ी कहना  शुरू  कर दिया . घर  जा कर उसने अपनी पत्नी से कहा की वह उसके लिए बैठ चिड़ी नाम का पकवान बनाए . उसकी घरवाली ने कहा कि ऐसा पकवान तो होता  ही नहीं है. लेकिन आदमी ने कहा की वह ससुराल मैं यह पकवान खा कर आया . हूँ आदमी बोला  कि वह नहीं जानता    तुम यह पकवान बनाओ   औरत  के मना    करने पर उसने उसकी पिटाई  करनी  शुरू कर दी . जब औरत  की   काफी  पिटाई हो गई तो पडोसन  ने उनके घर आकर  मियाँ  बीबी   मैं सुलह  करवाने  की सोची . वह वहां  गयी और झगडे  का कारण   पूछा   आदमी ने पकवान बनाने   की बात कही.   पड़ोसन    ने  कहा कि भाई क्या इतनी सी बात के कारण तुमने इस औरत की इतनी पिटाई  कर दी कि इसकी  हालत  तो खिचड़ी जैसी हो गई है. इतने सुन आदमी बोला मैं खिचड़ी ही तो बनाने को कह रहा हूँ. फिर क्या था पत्नी ने खिचड़ी बना  दी और दोनों   ने ख़ुशी ख़ुशी खिचड़ी खाई (D.N.Barola)

D.N.Barola / डी एन बड़ोला

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लोभी बामन, चतुरा नारी.
कुल्हाड़ी क दाम, स्यूड़ मैं तारी

Lobhi Baman, Chatura Naari, Kulhadi k daam syud main tari)

एक  गाँव मैं एक ब्राह्मण देवता रहते थे. स्वभाव से वह कुछ लोभी थे. एक बार एक जजमानी ने उन्हे पूजा के लिए बुलवाया. उन्हें पता चला की जजमान तो कहीं बाहर गए हैं. अतः जजमानी से अच्छी दक्षिणा का जुगाड़ तो बन ही जायेगा. परन्तु जजमानी भी बहुत चतुर थी. पंडित जी ने पूजा संपन्न की. जब दक्षिणा की बारी आई तो  पंडित जी ने कहा उन्हें ऐसी दक्षिणा चाहिए  जो लोहे की हो और उसमें एक छेद भी हो.  पंडित जी की नज़र वहां पर रखी हुई कुल्हाड़ी पर  थी, क्योंकि उनके पास कुल्हाड़ी नहीं थी.



जजमानी पंडित जी की सोच को भांप गई. वह अंदर गई. इस बीच पंडित जी कुल्हाड़ी के सपने देखने लगे. परन्तु यह क्या जजमानी तो एक सुई लेकर बाहर  आ  रही थी.



 निराश पंडित जी को जजमानी ने  एक  सुई भेंट की  और पंडित    जी को  बताया की सुई लोहे की बनी  है तथा इसमें एक छेद भी है. चतुर जजमानी ने पंडित जी की दाल नहीं गलने दी. पंडित जी सुई लेकर व जजमानी को आशीर्वाद देकर धीमें कदमों से घर को चल दिए. (D.N.Barola)

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Green Rose

Pramod Chandra Joshi popularly known as Bhawwa, has grown different colours of roses. He has roses of variety of  colours, like Orange, Yellow, White and specially Green. The Green Rose is in its full bloom and is shown below.


Green Rose


Floriculturist Pramod Chandra Joshi alis Bhawwa.( By D.N.Barola)

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बुद्धिमान किसान और भालू
(Intelligent Farmer and the Bear)



Farmer
एक किसान अपने खेत  मैं बीज बो  रहा था. अचानक वहां पर भालू आया और उसने किसान से कहा कि आज मैं तुझे खा जाउंगा. किसान ने कहा कि मैं खेत मैं बीज बो रहा हूँ जब फसल पक जायेगी तो फसल के ऊपर का हिस्सा तुझे दे दूंगा. मुझे मार कर तो केवल एक दिन की ही भूख  मिटेगी, अनाज तुम पूरे साल भर खाओगे. भालू राजी हो गया. और बोला फसल का उपर का हिस्सा मेरा और नीचे का हिस्सा तेरा. किसान आलू बो रहा था. जब फसल काटने का समय आया तो भालू भी अपना हिस्सा लेने आया. पर उपर का हिस्सा तो किसी काम का न होने के कारण काफी बोर हुआ. और बोला की अगली फसल मैं मैं नीचे का   हिस्सा लूंगा. किसान राजी  हो गया. उसने गेहूं बो दिया. जब फसल तैयार  हो गई तो भालू ने अपना हिस्सा माँगा. परन्तु यह क्या नीचे के   हिस्से मैं तो केवल जड़ ही आइ. किसान गेहूं काट चुका था. भालू बहुत गुस्सा हुआ और बोला अबकी दफा फसल का नीचे का हिस्सा और उपर का हिस्सा दोनों ही मेरे  होंगे. किसान बोला ठीक है. किसान ने इस बार गन्ना बोया. जब फसल तैयार हुई तो भालू फिर आया. खेत मैं गन्ने की घास देख कर बहुत नाराज हुआ. क्योंकि किसान ने बीच का हिस्सा अर्थात गन्ना काट लिया था. भालू के   हिस्से तो सुखी घास आइ.  वह किसान पर बहुत गुस्सा हुई पर क्या करता वह जंगल की ओ़र चला गया. (D.N.Barola)


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Sir,

Thanks .. as usual a very nice and informative article by you. Hat off for you u. We also appreciate the hard work, Perseverance and creativity of Pramod Chandra Joshi.

Green Rose

Pramod Chandra Joshi popularly known as Bhawwa, has grown different colours of roses. He has roses of variety of  colours, like Orange, Yellow, White and specially Green. The Green Rose is in its full bloom and is shown below.


Green Rose


Floriculturist Pramod Chandra Joshi alis Bhawwa.( By D.N.Barola)

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चिट्ठी पाती (Chitthi Pati)


मोहिनी बाज्यू - प्राणप्यारी मोहनी की ईजा! यां  की कुशल भली छ्युं कनू, ताँ की कुशल चानू.
                        द्वि महन आजी रुकुनु , फिर घर हूँ आनू

अर्थात

मोहिनी के पिता का पत्र मोहनी की माता के नाम.
यहाँ की कुशल ठीक है, तहां की कुशल चाहिए .
दो महीने और रुकना पड़ रहा है, फिर घर आता हूँ.

मोहिनी की ईजा - स्वस्ति श्री सर्वोपमा योग्य प्राण प्रिय मोहिनी के बाज्यू!
                           यां की कुशल भली छ्यूं कनू , ताँ की कुशल चानू
                द्वि महन आजी रुक्नू फिर दूसर घर जानू

अर्थात

मोहिनी की माँ ने मोहिनी के पिता को पत्र लिखा कि यहाँ की कुशल ठीक है, तहां की कुशल चाहिए
दो  महीने     तुम्हारा इन्तजार करूंगी, उसके  बाद  दुसरे घर बार चली  जाउंगी (D.N.Barola)


 

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