विचार-गोष्ठी, पुस्तक लोकार्पण तथा
कुमाउनी-गढ़वाली कवि सम्मलेन
व्यक्ति, समाज और राष्ट्र-हित में, रूढ़िवाद-अन्धविश्वास के विरोध में, शहीदों की याद,
निज भाषा स्नेह और महिला सम्मान में कलम को रस-रंग देने वाले साहित्यकार
पूरन चन्द्र कांडपाल के साहित्य सृजन परिप्रेक्ष्य में १६ अक्टूबर २०११ को गढ़वाल
भवन नई दिल्ली में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई. विचार गोष्ठी में साहित्यकार
डा.हरिसुमन बिष्ट, डा. आशा जोशी, ज्योतिर्मई पंत, हेमा उनियाल, डा. बी डी बेलवाल ,
पत्रकार चारू तिवारी, डा. मनोज उप्रेती, आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया, प्रवक्ता प्रयाग
दत्त जोशी , कर्नल (डा.) डी पी डिमरी, लेखक पवन मैठानी सहित कई प्रबुद्ध जनों ने
'रचनाकार के सरोकार' विषय पर अपने विचार व्यक्त किये. अल्मोड़ा से लोकसभा
सांसद प्रदीप टम्टा, निगम पार्षद हरीश अवस्थी तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस सचिव
हरिपाल रावत सहित सभी बुधिजिवीयों ने पूरन चन्द्र कांडपाल के कुमाउनी काव्य
संग्रह 'मुक्स्यार' का लोकार्पण किया. इस अवसर पर समाजसेवी श्री गोपाल दत्त पंत
प्रेम सुन्द्रियाल, पी सी नैनवाल, आकाश जोशी, हरीश हितैषी , रनजीत सिंह मेहरा, देव
सिंह बिष्ट, मोहन बिष्ट सहित कई पत्रकार, बुद्धिजीवी तथा सामाजिक कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.
साहित्यिक समारोह के दूसरे सत्र में कुमाउनी-गढ़वाली कवि सम्मलेन में दिनेश ध्यानी ,
दयाल पांडे, चंद्रमणि चन्दन, नेत्रपाल सिंह असवाल सहित दो दर्जन कवियों ने काव्य पाठ किया.
आयोजन में १५१ बार रक्तदान करने वाले दादा सुरेश एच कामदार को सम्मानित
किया गया. आयोजन में पूरन चन्द्र कांडपाल की उन्नीस साहित्यिक रचनाओं का
प्रदर्शन भी किया गया.
16.10.2011