Author Topic: Journalist and famous Photographer Naveen Joshi's Articles- नवीन जोशी जी के लेख  (Read 73837 times)

नवीन जोशी

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चुनाव समीक्षा-नैनीताल सीट: कांग्रेस के सामने 21 वर्ष का वनवास तोड़ने की चुनौती

मंडल मुख्यालय की महत्वपूर्ण सीट पर भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर के आसार


नवीन जोशी, नैनीताल। कुमाऊं की नैनीताल सुरक्षित सीट पर भाजपा के हेम आर्य और कांग्रेस की सरिता आर्य के बीच सीधी टक्कर के आसार हैं जबकि बसपा त्रिकोण बनाने की कोशिश में है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी की इस सीट पर कांग्रेस को 21 वर्ष के वनवास को तोड़ने की तथा भाजपा के समक्ष अपनी मौजूदा सीट को प्रत्याशी बदलने के बाद भी बरकरार रखने की चुनौती है। मंडल मुख्यालय होने के नाते नैनीताल सीट पर देश-प्रदेश की नजर रहती है, इस लिहाज से यह सीट प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में शुमार है। देश-दुनिया के सैलानी यहां तनाव-समस्याओं का बोझ उतारने के लिए आते हैं, तो खासकर सीजन में नगरवासियों को सैलानियों की अधिक संख्या का दंश झेलना पड़ता है। सैलानियों के वाहनों के बीच नगरवासियों के पैदल निकलने तक को जगह नहीं मिलती और उनके हिस्से की पेयजल आपूर्ति भी सैलानियों के लिए होटलों को कर दी जाती है। पर्यटन से अधिक लाभ कमाने वाले होटलों पर किसी का नियंतण्रनहीं है, उनकी दरें तक तय नहीं जबकि नाव, रिक्शे, घोड़े व टैक्सी वालों की दरें तय कर शिंकजा कसा हुआ है। निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में ‘दीपक तले अंधेरा’ जैसी स्थिति है, उनकी बिजली, गैस जैसी सुविधाएं शहर हड़प जाता है तो बिना शुद्ध पानी के लिए सूखे प्राकृतिक जल स्रेतों पर ही निर्भरता रहती है। इधर हालिया परिसीमन में नैनीताल सीट अनुसूचित कोटे में चली गई है, साथ ही परिसीमन से यहां का भूगोल बदल गया है। एक हिस्सा कटकर कालाढूंगी में चला गया है जबकि खत्म हुई मुक्तेर का बेतालघाट-कोश्यां कुटौली का हिस्सा इस सीट में जुड़ गया है। कालाढूंगी से भाजपा ने पिछले विस चुनावों में भाजपा के खड़क सिंह बोहरा की तथा बेतालघाट ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य को विस पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इधर नगर क्षेत्र में उक्रांद के पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल बीते दो चुनावों में बढ़त हासिल करते रहे। अब जबकि जंतवाल मैदान में नहीं हैं, ऐसे में उक्रांद के वोटरों के समक्ष भाजपा व कांग्रेस में से एक को चुनने का असमंजस है। नैनीताल सीट में 50,297 पुरुष व 44,063 महिला मतदाता हैं जिनमें क्षेत्रीय आधार पर नैनीताल नगर क्षेत्र में करीब 29,052, भवाली में करीब साढ़े 15 हजार, बेतालघाट क्षेत्र में 14 हजार, गरमपानी क्षेत्र में 21 हजार, खुर्पाताल में तीन हजार तथा कोटाबाग के पर्वतीय क्षेत्रों में करीब आठ हजार मतदाता निवास करते हैं, इनमें सर्वाधिक 37 हजार के करीब क्षत्रिय, 28 हजार ब्राrाण, 18 हजार अनुसूचित जाति, 11 हजार मुस्लिम तथा करीब एक हजार सिख व अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाता हैं। 1986 में चुनाव जीते किशन सिंह तड़ागी इस सीट से आखिरी कांग्रेसी विधायक रहे। 91 की रामलहर से लगातार तीन चुनाव भाजपा के बंशीधर भगत यहां से चुनाव जीते। 2002 में उक्रांद प्रत्याशी डा. नारायण सिंह जंतवाल ने भाजपा से यह सीट झटक ली। गत 2007 के विस चुनावों में भाजपा के खड़क सिंह बोहरा ने पुन: यह सीट हासिल कर भाजपा का एक बार पुन: नैनीताल से परचम फहराया। एंटी इनकम्बेंसी की बात करें तो नैनीताल विस के पुराने हिस्से में क्षेत्रीय भाजपा विधायक बोहरा को लेकर तथा मुक्तेर के हिस्से में वहां के सिटिंग विधायक कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य के खिलाफ मतदाताओं में एक हद तक नाराजगी दिखती है। पर्यटन नगरी होने के कारण नगर क्षेत्र में जहां आम लोग खासकर सीजन के दिनों में पर्यटकों के भारी संख्या में आने के कारण परेशानी महसूस करते हैं, व नगर की सड़कों- चौराहों के चौड़ीकरण, पार्किग स्थलों के विकास, नगर में साफ-सफाई, जिला अस्पताल में बेहतर सुविधाएं व डॉक्टरों की तैनाती जैसी प्रमुख आवश्यकता मानते हैं, और पर्यटन व्यवसायी नगर को बेहतर ‘कनेक्टिविटी’, मनोरंजन के लिए सिनेमा हॉल न होने जैसी समस्याएं गिनाते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि उन्हें भी ग्रामीण पर्यटन के जरिये पर्यटन नगरी के करीब होने का लाभ मिले। मुख्यालय आने- जाने को यातायात की सस्ती सुविधाएं सुलभ कराई जाएं। गांव व शहर के बीच की चौड़ी खाई को पाटने की भी ग्रामीण आवश्यकता जताते हैं। बहरहाल, नगर में चुनाव प्रत्याशी की छवि को लेकर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये कायरे और भविष्य में उससे कार्य कराये जा सकने की संभावनाओं पर निर्भर हो चला है। बसपा के संजय कुमार भी मुकाबले को तीसरा कोण देने की कोशिश में हैं, जबकि उक्रांद-पी से विनोद कुमार, सपा से देवानंद व निर्दलीय पद्मा देवी भी मैदान में हैं।

नवीन जोशी

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भाजपा का अगला कार्यकाल पहाड़ को होगा समर्पित : बचदा
पीपीपी मोड में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से पहाड़ में उद्योग व किसानों को सस्ते लोन देने का वादा
जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर पार्टी को बेहद सचेत बताया

नैनीताल (एसएनबी)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं चुनाव घोषणा पत्र समिति के संयोजक बची सिंह रावत ‘बचदा’ ने कहा कि वर्तमान कार्यकाल में भाजपा ने मैदानी क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाई है जबकि अगला कार्यकाल पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के नाम रहेगा। पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने पीपीपी मोड में पहाड़ पर 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करवाने, औद्योगिक विकास करने, लघु एवं सीमांत किसानों को महज दो फीसद ब्याज पर कृषि ऋ ण देने तथा चार लाख हेक्टेयर बेनाप रक्षित वन भूमि का प्रबंधन कर विकास कायरे को गति देने एवं भूमिहीनों को भूमि देने तथा फलों के बीमा की योजना लाने जैसे कई वायदे किये हैं। सोमवार को नगर के पत्रकारों से वार्ता में बचदा ने कहा कि भाजपा उत्तराखंड की अवधारणा से जुड़े मुद्दों के प्रति खासी सचेत है। खेती, किसान और भूमि भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में प्रमुख मुद्दे हैं। वर्ग चार जैसी भूमि पर दशकों से काबिज लोगों को स्वामित्व परिवर्तन के अधिकार दिये जाएंगे। सरकार ने 1893 के अंग्रेजों के जमाने के कानून को समाप्त कर करीब चार लाख हेक्टेयर बेनाप रक्षित भूमि को मुक्त कराया है, अब अगले कार्यकाल में इसका प्रबंधन करेंगे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Thank you joshi ji.

Both BJP and congress party had made many promises during last National & Assembly Election but hardly any of them have come true.

Let us see .. But in general Congress & BJP never talks about Uttarakhand permanent capital to be made Gairsain. .. .




नवीन जोशी

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मेहता जी, सवाल यह भी तो है की गैरसैण की बात कौन कर रहा है, जो कहीं नहीं हैं....गैरसैं के लिए मतदाता किसे वोट दें...किस वाली UKD को...और यहाँ नैनीताल सहित कई जगह तो दोनों UKD का कोई प्रत्यासी-वजूद ही नहीं है.....भले बुरा लगे पर उत्तराखंड की सच्चाई भाजपा व कांग्रेस ही अदल-बदल कर रहेंगे...गैरसैण की बात प्रवासी तो कर रहे हैं पर यहाँ घर में तो जनता भी गैरसैण की बात नहीं कर रही है...

Thank you joshi ji.

Both BJP and congress party had made many promises during last National & Assembly Election but hardly any of them have come true.

Let us see .. But in general Congress & BJP never talks about Uttarakhand permanent capital to be made Gairsain. .. .


नवीन जोशी

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कभी हम भी गुलजार थे.... पहाड़ में इस तरह बंजर हो रहे हैं घर....

Risky Pathak

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नवीन जोशी

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धन्यवाद पाठक जी और मेहता जी....आपके प्रशंशा युक्त शब्दों के लिए..

नवीन जोशी

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वैलेंटाइन डे पर इतिहास रचने की दहलीज पर नैनीताल जू
जल्द गुर्राएंगे नैनीताल जू में रॉयल बंगाल टाइगर के शावक देश में पहली बार किसी चिड़ियाघर में होगा इस तरह कारनामा

नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल स्थित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान इतिहास रचने की दहलीज पर है। यह देश में पहली बार होगा जब जंगल के प्राकृतिक वास स्थल से इतर, किसी चिड़ियाघर में बाघों का जोड़ा मानवीय हस्तक्षेप के बीच अपनी नयी संतति को जन्म देगा। इसके साथ ही नैनीताल चिड़ियाघर देश में केवल 1411 बाघ ही बचे होने की दुश्चिंताओं के बीच चल रही  ‘बाघ बचाओ मुहिम’ का अनूठे अंदाज में हिस्सा बनने जा रहा है।
जनपद के जिम काब्रेट पार्क स्थित बिजरानी क्षेत्र के 10 वर्षीय नर रॉयल बंगाल टाइगर और सांवल्दे की उसी नस्ल की मादा टाइगर के बच्चे पैदा होने हैं। नर के बारे आशंका थी चार फरवरी 2009 को काब्रेट पार्क के सर्पदुली रेंज के ढिकुली गांव में भगवती देवी नाम की महिला को उसी ने मारा था। एक पखवाड़े बाद बमुश्किल उसे घायलावस्था में पकड़कर नैनीताल चिड़ियाघर उपचार के लिए लाया गया। इसी दौरान सांवल्दे क्षेत्र में रॉयल बंगाल टाइगर नस्ल की मादा वन विभाग के अधिकारियों को घायल अवस्था में मिल गई। उसे भी उपचार के लिए यहां लाया गया। इसी बीच नैनीताल चिड़ियाघर प्रशासन के मन में उनके बीच ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ कराने का विचार आया, लेकिन यह आसान नहीं था। एक-दूसरे के करीब आने का मौका देने व सहवास की सहमति देने के मामले में वन्य प्राणी मानव से भी कहीं अधिक उग्र माने जाते हैं। बाघों की मादाएं तो इस बारे में बदनाम ही हैं कि वह ऐसी कोशिश करने वाले अनजान नरों को संघर्ष में मार ही डालती हैं। यहां ऐसा नहीं हुआ। चिड़ियाघर प्रशासन मई माह में दोनों को एक बाड़े में ही मोटी लोहे की जाली के इधर-उधर रखने में सफल हुआ। दोनों के बीच उम्मीद से कहीं पहले प्रेम के अंकुर फूटने लगे। इस तरह चिड़ियाघर प्रबंधन दोनों के बीच गत 16 नवंबर को सहवास (मेटिंग) कराने में सफल हो गया, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश भारद्वाज ने मादा रॉयल बंगाल टाइगर के गर्भवती होने की पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि देखने से वह करीब तीन माह की गर्भवती लग रही है। इस नस्ल की मादा 93 से 111 दिनों में शावकों को जन्म देती है। एक बार में सामान्यतया दो से तीन तक शावक जन्म लेते हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर के इस जोड़े के घर में नन्हे शावकों की गुर्राहट गूंजेंगी। इस लिहाह से वैलेंटाइन डे par मादा बाघ को गर्ववती हुए ९२ दिन हो गए हैं, और वह कभी भी खुशखबरी दे सकती है.  चिड़ियाघर के निदेशक डा. पराग मधुकर धकाते भी चिड़ियाघर के नाम दर्ज होने जा रही इस सफलता के प्रति खासे उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक वास स्थल से इतर बाघों की चिड़ियाघर में ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ होने का देश में यह पहला मौका होगा। नैनीताल चिड़ियाघर में जल्द पिता बनने जा रहे नर रॉयल बंगाल टाइगर के नरभक्षी होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन चिड़ियाघर के पूर्व निदेशक बीजू लाल टीआर इस आशंका को सही नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि इसके ‘केनन’ यानी शिकारी दांत इसे यहां लाने के दौरान बिल्कुल सही स्थिति में थे और इसे किसी प्रकार की चोट भी नहीं लगी थी
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