Author Topic: Bhitauli Tradition - भिटौली: उत्तराखण्ड की एक विशिष्ट परंपरा  (Read 52823 times)

हेम पन्त

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भिटौली का महीना शुरू हो चुका है... पहाड़ के लोगों द्वारा मनाये जाने वाली यह एक अनूठी परम्परा है... जिसमे भाई अपनी विवाहित बहिन को चैत के महीने में सौगात देते हैं.. इस विशिष्ट परम्परा को समर्पित है यह टोपिक...


हलिया

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ये तो भेरी गुड टापिक ठैरा महाराज।  आपने सुरू किया बहुत अच्छा किया।  धन्यबाद है आपको।  सभी सदस्य लोग इसमें अपने-२ बिचार और कुछ मजेदार अनुभव आपस में बाटेंगे तो मजा ही आयेगा।


भिटौली का महीना शुरू हो चुका है... पहाड़ के लोगों द्वारा मनाये जाने वाला एक अनूठी परम्परा है... जिसमे भाई अपनी विवाहित बहिन को चैत के महीने में सौगात देते हैं.. इस विशिष्ट परम्परा को समर्पित है यह टोपिक...

हेम पन्त

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भिटौली से संबंधित एक कहानी प्रचलित है... जो इस प्रकार है....

सचदेव नाम का लड़का था जिसकी बहिन का विवाह पाताल लोक में नाग के साथ हुआ था. तब सचदेव बहुत छोटा था. शादी के कई साल बीतने पर भी उसकी बहिन मायके नही आ पायी तो सचदेव उससे मिलने पाताल लोक चला गया.लेकिन नाग ने उन दोनों के रिश्ते को शक की निगाह से देखा क्योंकि नाग सचदेव से कभी मिला नही था. यह लज्जा जनक बातें सुन कर सचदेव ने आत्महत्या कर ली. नाग को जब असलियत का पता चला तो उसने भी आत्महत्या कर ली.सचदेव की बहिन ने सोचा अब मेरी जिंदगी व्यर्थ है. उसने भी अपनी इहलीला समाप्त कर दी. इन दोनों भाई-बहनो के त्याग और बलिदान को याद करते हुए ये त्यौहार आज भी प्रचलन में है.

हेम पन्त

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भाई-बहन के प्यार को समर्पित यह त्यौहार (रिवाज) सिर्फ उत्तराखण्ड के लोगों के द्वारा मनाया जाता है. विवाहित बहनों को चैत का महिना आते ही अपने मायके से आने वाले 'भिटौली' की सौगात का इंतजार रहने लगता है.

हलिया

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वाह पंत जी वाह, इस बेहतरीन जानकारी के लिये धन्यबाद और +१ भी।

भिटौली से संबंधित एक कहानी प्रचलित है... जो इस प्रकार है....

सचदेव नाम का लड़का था जिसकी बहिन का विवाह पाताल लोक में नाग के साथ हुआ था. तब सचदेव बहुत छोटा था. शादी के कई साल बीतने पर भी उसकी बहिन मायके नही आ पायी तो सचदेव उससे मिलने पाताल लोक चला गया.लेकिन नाग ने उन दोनों के रिश्ते को शक की निगाह से देखा क्योंकि नाग सचदेव से कभी मिला नही था. यह लज्जा जनक बातें सुन कर सचदेव ने आत्महत्या कर ली. नाग को जब असलियत का पता चला तो उसने भी आत्महत्या कर ली.सचदेव की बहिन ने सोचा अब मेरी जिंदगी व्यर्थ है. उसने भी अपनी इहलीला समाप्त कर दी. इन दोनों भाई-बहनो के त्याग और बलिदान को याद करते हुए ये त्यौहार आज भी प्रचलन में है.

Risky Pathak

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Meri taraf se Bhi +1 Karma Hem Daa..... Is Kahaani Ke Liye....

हेम पन्त

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Dhanyawaad!!
Is topic par aap sabhi logo ke vichar apekshit hain...

वाह पंत जी वाह, इस बेहतरीन जानकारी के लिये धन्यबाद और +१ भी।

भिटौली से संबंधित एक कहानी प्रचलित है... जो इस प्रकार है....

सचदेव नाम का लड़का था जिसकी बहिन का विवाह पाताल लोक में नाग के साथ हुआ था. तब सचदेव बहुत छोटा था. शादी के कई साल बीतने पर भी उसकी बहिन मायके नही आ पायी तो सचदेव उससे मिलने पाताल लोक चला गया.लेकिन नाग ने उन दोनों के रिश्ते को शक की निगाह से देखा क्योंकि नाग सचदेव से कभी मिला नही था. यह लज्जा जनक बातें सुन कर सचदेव ने आत्महत्या कर ली. नाग को जब असलियत का पता चला तो उसने भी आत्महत्या कर ली.सचदेव की बहिन ने सोचा अब मेरी जिंदगी व्यर्थ है. उसने भी अपनी इहलीला समाप्त कर दी. इन दोनों भाई-बहनो के त्याग और बलिदान को याद करते हुए ये त्यौहार आज भी प्रचलन में है.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Barso se chali aa rahee hai yah prampra.

This the month when parent visit to their dauthers, see  her condition and also give her some gifts.

Nice to see, people have maintained this tradition even today.




भिटौली का महीना शुरू हो चुका है... पहाड़ के लोगों द्वारा मनाये जाने वाली यह एक अनूठी परम्परा है... जिसमे भाई अपनी विवाहित बहिन को चैत के महीने में सौगात देते हैं.. इस विशिष्ट परम्परा को समर्पित है यह टोपिक...

Risky Pathak

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भिटौली उत्तराखंड की एक बहुत  पुरानी  परम्परा है|  बहिन के विवाह के बाद हर भाई अपनी बहिन को चैत्र के महीने मे भिटौली भेजता है| पूर्व मे भिटौली के रूप मे खजूर(आटे + दूध + घी + चीनी  का मिश्रण), गुड-पापेडी  देता था| समय के साथ साथ भिटौली के रूप मे मिठाई ने स्थान ग्रहण  ने  किया| आजकल भिटौली के रूप मे धन(रूपये) तथा अन्य सामान दिया जाता है|  

Risky Pathak

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कहा जाता है पहली भिटौली डोली के समय ही दी जाती है| दूसरी भिटौली बैसाख के माह मे दी जाती है(क्योंकि विवाह के पहले वर्ष  के  चैत्र को काला महीना माना जाता है)| उसके बाद जन्म पर्यंत भाई अपनी बहिन को हर वर्ष चैत्र के महीने मे भिटौली देता है| 

 

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