MeraPahad Community Of Uttarakhand Lovers
Welcome,
Guest
. Please
login
or
register
.
1 Hour
1 Day
1 Week
1 Month
Forever
Login with username, password and session length
News:
Home
Help
Search
Calendar
Login
Register
MeraPahad Community Of Uttarakhand Lovers
»
Uttarakhand
»
Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति
(Moderators:
hem
,
खीमसिंह रावत
) »
Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण
Send this topic
Print
Pages:
1
...
10
11
12
13
[
14
]
Author
Topic: Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण (Read 138736 times)
विनोद सिंह गढ़िया
Core Team
Hero Member
Posts: 1,676
Karma: +21/-0
Re: Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण
«
Reply #130 on:
October 17, 2013, 02:46:59 PM »
[justify]
कुमाऊं में विवाहित महिलाओं की कलाइयों में सजने वाली सोने की पौंची का आकर्षण आज भी कम नहीं हुआ है। कुछ बरस पहले कई महिलाएं पौंची की जगह हाथों में कंगन पहनने लगी थीं लेकिन पौंची तब भी फैशन से बाहर नहीं हुई।
इसका क्रेज पहाड़ तक ही सीमित नहीं है, उत्तराखंड के मैदानी इलाकों और अन्य प्रदेशों के लोग भी इसे बनवाने अल्मोड़ा और अन्य स्थानों में पहुंचते हैं। यह आमतौर पर दो से पांच तोले वजन की बनती हैं लेकिन धनवान महिलाएं इससे भारी वजन की भी पौंची पहनती हैं।
बाजार में पौंची का पैटर्न आम तौर पर एक जैसा होता है। अधिक वजन की पौंची के दाने बड़े आकार और कम वजन की पौंची में पिरोए गए दाने छोटे आकार के होते हैं। दानों में उकेरा गया डिजाइन अलग-अलग होता है।
Logged
विनोद सिंह गढ़िया
Core Team
Hero Member
Posts: 1,676
Karma: +21/-0
Re: Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण
«
Reply #131 on:
October 18, 2013, 01:11:45 PM »
[justify]
आधुनिकता के दौर में पर्वतीय क्षेत्र में परंपरागत गहने प्रचलन से धीरे-धीरे बाहर होने लगे हैं। कुमाऊंनी/गढ़वाली महिलाओं के गले की शान रहा सोने का गलोबंद फैशन से बाहर हो गया है। इसका स्थान सोने के मंगलसूत्र और नए डिजाइन के हार ने ले लिया है।
सोने का गलोबंद कुमाऊंनी/गढ़वाली महिलाओं की शान रहा है। गलोबंद को सनील अथवा कपड़े की पट्टी में सिलकर उपयोग में लाया जाता है। विवाहिता महिलाएं गलोबंद के अलावा चरेऊ और चांदी के मंगलसूत्र पहनती थीं लेकिन पिछले दो दशक से गलोबंद का प्रचलन नाममात्र का रह गया है। नई पीढ़ी की महिलाएं गले में गलोबंद के स्थान पर अब आधुनिक डिजाइन के सोने के मंगलसूत्र और हार पहनने लगी हैं।
Logged
विनोद सिंह गढ़िया
Core Team
Hero Member
Posts: 1,676
Karma: +21/-0
Re: Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण
«
Reply #132 on:
October 19, 2013, 01:25:39 PM »
[justify]
मित्रो, पहाड़ में सोने की वजनदार नथों की परंपरा अब लगभग खत्म हो चुकी है। अब छोटे आकार की नथों का प्रचलन है। इनका वजन अधिकतम डेढ़ तोले तक होता है। नथ आज भी उत्सवों में पहने जाना वाला सबसे प्रमुख आभूषण है।
नाक में पहनी जाने वाली नथ महिलाओं के चेहरे का सबसे आकर्षक आभूषण माना जाता है। पहाड़ में तकरीबन 20 साल पहले तक सोने की वजनदार नथ पहनी जाती थी। इसका वजन तीन तोला से लेकर पांच तोला तक और गोलाई 35 से 40 सेमी तक होती थी। प्रत्येक नथ पर सोने का ही एक गोल सितारानुमा चंदक चिपका होता था। जिसमें नग भी होता था। इसे नथ का सौंदर्य बढ़ाने के लिए लगाया जाता था। वजनी होने के कारण महिलाओं की नाक तक फट जाती थी। पिछले दो दशकों से नथ के इस पुराने स्वरूप में काफी बदलाव आ गया है। अब नथों की गोलाई कम होकर 15 सेमी से लेकर 25 सेमी तक रह गई है। इसी के मुताबिक वजन भी घट गया है। गढ़वाली और मोर प्रणाली की नथों का अधिकतम वजन डेढ़ तोले तक होता है। इसमें एक के बजाए तीन चार तक चंदक लगे होते हैं। इसके साथ ही आधुनिक नथ को लटकन से भी सजाया जाता है। नथों के निर्माण के लिए पहले सोने की पतली छड़ बनाई जाती है। इसके बाद सांचे में ढालकर बनाए गए चंदक,लटकन आदि लगाए जाते हैं।
(फोटो : विनोद गढ़िया)
(लेख : अमर उजाला बागेश्वर )
Logged
Send this topic
Print
Pages:
1
...
10
11
12
13
[
14
]
MeraPahad Community Of Uttarakhand Lovers
»
Uttarakhand
»
Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति
(Moderators:
hem
,
खीमसिंह रावत
) »
Ornaments Worn In Uttarakhand - उत्तराखंड में पहने जाने वाले आभूषण
Sitemap
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22