Uttarakhand > Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति

Children Lori in Uttarahkandi Language - बच्चो की लोरिया पहाड़ी में ?

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


दोस्तों,

बचपन में देखा होगा, जब बच्चे रोते थे तो  बूबू और अम्मा उनको लोरिया गा कर सुलाती थी ! उत्तराखंड क़ी प्रसिद्ध पक्षी घुघती को लोरी गाने में भी इसका जिक्र किया जाता है! वैसे उत्तराखंड के अन्य लोक गीत भी घुघूती का काफी जिक्र है!

लोरी गाने में लोग स्थानीय झोडे, चाचरी आदि आ भी इतेमाल करते थे लेकिन अब यह नहीं रहा! बदलते दौर में छोटे बच्चे भी तड़क भड़क गाने सुनकर ही सो जाते है! फिर भी हमारी यहाँ पर कोशिश रहेगी क़ी अतीत के वो लम्हे एक बार फिर से यहाँ याद करे!  हम बचपन की कुछ लोरिया और झोडे यहाँ पर लिखंगे आशा है आप भी अपना सहयोग देंगे!

एम् एस मेहता

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:




एक प्रसिद्ध लोरी ... घुघुती पक्षी पर

अम्मा बच्चे को गोद में हिलाते हुए गाती है :

घुघुती बासूती
अम्मा कहाँ छू
बाडून (आगन के खेत ) में

की कारन रेई
पूड़ी पकून रेई

मीके देली न... ??



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

This is the lori from Famous Feature Film of Uttarakhand.

Megha Aa.


घुघूती बासूती,
भाववा  (बच्चा) खालो दूध भाति
निनुरी निनुरी आ निनुरी कथे हनी

घुघूती बासूती,
भाववा  (बच्चा) सी जालो

Megha aa song Ghughuti basuti

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

From : Vinod Jethuri (Dubai)

"घुघोती घुघोती घुघोती घुघोती
बल क्या खान्दी दुध भाती
घुघोती घुघोती
बस ईत्का हि याद छ बचपन मा सुनी या गीत"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
  यह भी एक लोरी है : नियानो का नियान (यानी नीद के लिए) सी जालो हमार (नाम बच्चे का) ईजा आली, दूध पिलाई बाज्यू आल, मिठाई लियाल ! नियानो का नियान (यानी नीद के लिए) सी जालो हमार (नाम बच्चे का)

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