Author Topic: Delicious Recepies Of Uttarakhand - उत्तराखंड के पकवान  (Read 177925 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
हेम दाजू नमस्कार मैं एके इस तथ्य से भी सहमत हूँ,आप इस सूजी के हलवे वाले पोस्ट को डिलीट कर सकते हैं ,अगर आपको भी लगता है की वो उत्तराखंडी ब्यंजन नहीं तो आप  इस हटा सकते हैं!

जय उत्तराखंड




मैं राजेश जी की बात से सहमत हूँ. राजेश जी आपके सुझाव के अनुसार उपयुक्त कार्यवाही कर दी गई है

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
सिंगल


Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Garhwali Cuisines, Garhwali Recipies, Garhwali Vyanjan, गढ़वाली व्यंजन , Kumaoni Cusines,Kumaoni Dishes
कुछ भुज्जी  जो अब गढ़वाल मा नि बणदन या भौत ही कम बणदन
                      भीष्म कुकरेती
गढ़वाल कुमाओं हिमाचल प्रदेश  मा अकाळ जरुर पड़दो छौ पण भुखमरी नि होंदी छे किलैकी बौण (जंगळ ) 
होण से खाणक मिली जान्दो छौ . कुछ भुजी इन छे जू भुखमरी को टैम पर जादा खाए जान्द छे
जन कि: 
ग्वीराळ का फूलों का टूसा (Buds without petals) , तिमला का पतों का टूसा
यूँ टूसों तैं काटिक हरी भुजी जन बणये जान्द . कभी कभी टूसों तैं मुग्राड़ी (मकई को  आटा  ) दगड़ मिलैक झोळ  बि बणये जान्द छौ     
Copyright Bhishma Kukreti, Mumbai, bckukreti@gmail.com, India 2010
                   शहरूं    मा मूल़ी को सुख्सा
                        भीष्म कुकरेती
  आम गढ़वाली जो गौं मा रयां छन तैं पट च मूल़ा  को सुख्सा कन बणये जान्द अर सुख्सा को स्वाद कनु होंद
सुख्सा को अर्थ होंद Dehydrated Vegetables . अब शहरूं मा मूल़ा त मिलदु नी च त मूली को सुख्सा बणये जै सक्यांद
बाजार बिटेन जिन्नी बड़ी मूल़ी  ल्ह़ाण चयांद
मूल़ी तैं ध्वे धाई क सूखे द्याव . फिर मूली तैं तिर्छां अर म्वाटो काटी द्याव जन भुज्जी  का बान कटदन  . कटीं मूल़ी फर ज़रा सि हल्दी अर लूण
लगे द्याव . फिर चों मा अर घाम मा चार पाँच दिनूँ तलक सुखाणद   जाओ जब तक सुखी नि जाओ जब मूल़ी को पाणी सुखी जाओ त समजी जाओ सुख्सा तैयार ह्व़े गे  द्वी चार मैना तक सुख्सा ठीक ही रौंद
सुख्सा की भुज्जी बणाणो बान सुख्सा तैं एकाद घंटा  पाणी मा भिजाओ फिर जन चायणो च तन भुज्जी बणाओ
सिल्वट मा थींची क सुख्सा की तरीदार भुजी बि बणी सकद
सूखी भुजी बणाणाई   त सूखी भुजी  बणावो . पिण्डाल़ो  ( अरबी  ) का दगड  बि सुखी या थिन्चौणी  / भुजी बणदी
मैणु मसाला कथगा डाळण यू आप पर निर्भर च . हाँ भ्न्गुल  का बीज ह्वाओ त मजा कुछ हौरी होंद
Copyright bckukreti@gmail.com, Bhishma Kukreti India
                              खट्या   
                      भीष्म कुकरेती
खट्या क शाब्दिक अर्थ होंद भौती खट्टू . खट्या बणाणो रिवाज अब गढ़वाल मा कम ही च पण पैल हरेक परिवार जड्डू ठण्ड  मा खट्या जरूर बणादा छया
खट्या बणाण  सरल ही च हाँ  टैम भौत लगद 
जरोरी  सामान:
छांछ,  मैणु  मसाला (धणिया  , मर्च , काल़ी मर्च, भंगुल, जीरो, लूण, हरो धणिया  अर तेल ) मसालों तैं पैल सिल्वट मा  खूब पिसे जान्द  जीरो या जख्या तैं तेल मा छौकी क फिर छांछ तैं तेल मा छौंके जान्द अर मसाला मिलये जान्द . फिर भौत देर तलक छांछ तैं थड़काए  जान्द तब तलक जब तलक छांछ को  पाणी सुखी नी जाओ याने ठोस हूण  तक छाँछ थड़काए जान्द
बस ख़ट्या तैयार च . खट्या चार पाँच मैना तक चल्दो अर चटनी की तरां  इस्तेमाल हूंद 
Copyright bckukreti@gmail.com, Bhishma Kukreti
Garhwali Vyanjan, Garhwali Cuisines, Garhwali Culinary
               लुण्या कि भुज्जी 
                 भीष्म कुकरेती
  लुण्या माने लूणदार . लुन्या एक इन खौ ड़  (घास फूस ) हुन्द जू मुग्र्यद की मीन्द्युन मा मुगरी ख़त्म होण याने अक्टूबर का समौ  या वै समौ  पर  कुल का किनारों हुन्द 
यू  पौधा छवट मुट  होंद अर एक पात  नरम होंदन   . ड़न्थल   भी नर्म होंद एक बलिस्ट तक लंबो ही होलू यू पौधा
पैल तकरीबन सभी यांको साग खाई लींद छाया पान मतवारी आण से धीरे धीरे ये पौधा कि सब्जी खाण बंद सि ह्व़े गे
एक पत्तों अर ड़ न्थल मा लूण भौत होंद एलई एते लुण्या बोले जांद . लु ण्या उनी कटे जान्द जन हरी सब्जीअर भुजी बणाणो तरीका बि उन्नी होंद जन हरी सब्जी को होंद बस लु ण्या कि भुज्जे मा लूण नि डाले जांद
 
Garhwali Vyanjan, Garhwali Cuisines, Garhwali Food
      एक विशेष गढ़वाली नक्वळ/कल्यौउ /नास्ता 
                        भीष्म कुकरेती
नाश्ता /नक्वळ/कलेऊ हरेक  मनिख तैं चएंद .  पूराणो गढ़वाल मा नाश्ता विशेष  तरां को हुन्द छौउ.
ठन्डयूँ  /जडडों    मा  या गर्म्युं मा एक खाश किश्मौ नाश्ता भौत प्रचलित छौ . खीरा (कद्दू)  अर सत्तू को नाश्ता  .
मुन्ग्र्युं/मकई  तै भुनीक पीसिक सत्तू बणये जान्द छौ . फिर रात खीरा (कद्दू )  तै काटिक उसए  (उबलना ) जान्द छौ
सुबेर तक जब खीरा ठण्डु व्हे जाओ त खीरा का टुकड़ों मा सत्तू डाले जान्द छौ अर फिर सत्तू अर खीरा को उसयुं गीदो नाश्ता मा खाए जान्द छौ . यो नाश्ता बड़ो मजेदार सवादी होंद . चूंकी उसयूं  खीरा को गीदो मिट्ठू होंद त सवाद बड़ो मजेदार ह्व़े जान्द 
अब कुज्याण यांको रिवाज छौ कि णा किलैकी सत्तू को त रिवाज ही ख़त्म ह्व़े ग्याई 
Copyright@ Bhshma Kukreti, Mumbai, India, 2010
 सवाद क बान  या भूख मिटाणs कु साधन  टाnटी (Taantee) 
                      भीष्म कुकरेती                   
    टाn टी  माल़ू क फुळड़ू (Big Pod )  कु बोल्दन. गोर मा भूख लगीं होऊ या जब सवाद कु ज्यू बुल्याओ त टाnटी   का म्याला (बीज)  भी कम सवादी नि होंदन ! टाnटी तैं साबुत ही आग मा भडये जांद अर  जब इन चितई लयो को म्याला भी भीतर पकी गे ह्वावन तो भड्याण बंद करे जांद
फिर टाnटी को कडक छाल- खोळ  तैं अलग कौरिक म्याला भैर गाड़े जान्दन अर जादातर गरमा गर्म खाए जान्दन
Copyright@ Bhishma kukreti, mumbai, India, 2010
                      काचो तिमला का फल कि भुज्जी
                              भीष्म कुकरेती
      जादातर लोग बैग इनि सम्जदन बल तिमल बस फल का रूप मा ही काम आंदो  . पण कच्चू  तिमला  दाणु भुजी बि  बणदी .
छवटा  तिम्लूं तैं फडकूं  मा कटे जान्द अर द्वी तीन घंटा  छाँछ मा भिगाणों  धरे जांद जां से तिमल़ा कु चोप ख़त्म ह्व़े जाओ
फिर  छाँछ मा भिज्यां  तिमलो तैं पाणी मा खूब साफ़ करे जान्द जां से  खटाण खत्म ह्व़े जाओ
फिर जन अल्लू  कि  सूखी भुज्जी बणदी  उन्नी तिमल  कि भुज्जी बि बणये जांद
 
Garhwali Vyanjan, garhwali recipies, Garhwali Food
                   मुर्या   कु लूण अर कखड़ी  को मजेदार, सवाद
                               भीष्म कुकरेती
पहाडी कखड़ी कु सवाद कखड़ी कि उम्र अर लूण को मिजाज (क्या माल मसालों च अर कै तरं से पिस्युं च ) फर निर्भर करद
अब जन कि ज़रा लूण मुर्या कु दगड़ पीसो त कखड़ी को सवाद पुरो कुछ हौरी ह्व़े जान्द . मुर्या बि काखड़ी का बगत बरसात मा ही होंद  उन्नी ह्व़े जांद , बरीक सट्टी जन पत्तों को पौधा होंद
अब जन कि   अपण मुर्या कु लूण का दगड कखड़ी खाई अर फिर गो मा घूमणो ग्यायी त सब्युन पूछण, औ आज मुर्या कु लूण मा कखड़ी   खाई?  हैं? 
Copyright@ Bhishma kukreti , Mumbai, India, 2010
 
Kumaoni Recipes , Garhwali Vyanjan, Garhwali Recipes, Kumaoni Cuisines Garhwali Food
              बनि बनिक (विभिन्न  प्रकार )  पकोड़ियाँ
                   भीष्म कुकरेती
गढ़वाल कुमाओं मा बनि बनिक पकोड़ी बणदन 
१- उर्दूं का भूड़ा या कुरुन्ठी
२- गैथुं   पकोड़ी
३- अल्लू प्याज, का दाणु  पकोड़ी
४-पलिंगु , मर्सू, पिंडालू (अरबी )  खीरा क लाबुं / पत्तों कि बेस ण कि सहायता से पकोड़ी
५- मर्चुं पक्व्ड त भै सब्ब्युन ही खाई होला
६ - भंगलो लाबुं पक्व्ड  त .. ए मेरी ब्व़े!!! नशा अर रिंग उठणो बान कत्ती लोग भांग  का पक्वड़  बि खांदन ( उड़द , गहथ या बेसन  क मस्यटु  का दगड़ मिलैक पक्वड़    बणये जांदन)   
आहा कुछ पकोड़ी त इन सवादी होंदन कि आप बि बोलिल्या कि पैल किले नी खै होलू !!!
७- खीरा या कद्दू त अप जणद   इ होला , खीरा क फुलून क पकोड़ी ऊड़द  या बेसन कु मस्यटु द ग द ब ना ओ अर स्वाद रसयाण ल्याओ
८- बुराश माने लाल रंग को फूल पण फुलू  टूसों ( Buds without Petals) की ज़रा पकोड़ी (बेसन या उड़द को मस्यट  ) खाओ त  साई फिर पकाण वाळक गुलाम बौणी ही जैल्या
९- उन पैल क जमानो मा ग्वी राळ का फुलूं टुसुं या सकीनs  टुसुं क बि पकोड़ी बणदी छे
१०-- उन माछों  पक्वड़ बि कथगा सवादी होंदन यांतें बथाणे जरुरात च क्या ??? बस सतपुल़ी जावो  अर माछों पक्व्ड क सवाद ल्याओ
Kumaoni Vyanjan, Garhwali Vyanjan , Kumaoni Cuisines, Garhwali Cuisines, Garhwali Recipies, Kumaoni Bhojan Garhwali Food
                 सिमळ क घ्वागों  भुज्जी
                      भीष्म कुकरेती
 सिम ळ एक बड़ो डाळ होंद . सिम ळ का फूल अप णो आप मा अनोखा होंद . तौळ अंडा जन हरो या ज़रा हरो काल़ो घूंडी
होंद अर अळग बखरौं कंदूड़  लाल चचकार  नर्म गूदेदार फूल (Fleshy Petals) होंदं जै तैं घ्वागा बुल्दन .
जब सिमळ क  घ्वागा टूस जन होंद अर लाल फूल नि निकल्यां हुन्दन त इन घ्वागा की भुज्जी बि बणदी छे  ल्सवाद जैक खायुं च वो ही मजा जाणी सकद
तुषर कु टूसों क बि भुज्जी  बणद .
 
Garhwali Vyanjan , Garhwali Cuisines, Garhwali Recipies, Garhwali Food
                             सूंटिया 
                                   भीष्म कुकरेती
जौंक सूंटिया चटयूँ  होऊ सूंटिया को नाम सूणी क ही ऊंको गिच्च बटिन   ल़ाळ नि चुंली ट म्यार नाम बदली दें
सूंटिया  बणाणो कुणि इमली तैं पाणी मा भिगैक इमली क  गाडी   लुगदी बणये जांद गुड़ मिलये जांद फिर बरीक पण लंबो कटयू  अदरक का दगड चौके जान्द, लूण मसालों, गर्म मसालों  अर मर्च मिलैक  अर कुछ पाणी मिलैक खूब थडकए  जांद अर बस एक प्रकार की चटणी तैयार . पैल ब्या कजुं मा बगैर सूंटिया क जीमण क बारा मा सोचे बि नि जये सक्यांद छोऊ
Garhwali Vyanjan , Garhwali Cuisines, Garhwali Recipies, Garhwali Food
                  मर्सू / मार्सो कु उपयोग
                      भीष्म कुकरेती
      मर्सू या मार्सा कुणि  रामदाना या चौली बि बुल्दन .
मार्स गढ़वाल मा एक उपयोगी अनाज छयो. मार्सो को व्यंजन भोजन का रूप मा इन उपयोग छन ::
१- मार्सो की हरी भुज्ज़ी  : बर्स्सत मा यांकी भूज्ज़ी हरेक घरम  बणदी
२- मार्सो पत्तों की पकोड़ी बि बणदिन 
३- मर्सू का बीजु तैं भुजो अर खील बणाओ गुड़ मा बड़ो मजा आन्द बुखण/काजा  का रूप मा आप कखी बि बुकाओ
४- मर्सू तैं भुजो अर वांको आटो क सत्तू भौत काम की चीज  होंद
५-मर्सू तैं तेल/घी मा भूनो अर गुड़ का पाणी दगड मिलाओं फिर थड़काओ  त  सूजी तैयार . दूध डाल़ो त खीर तैयार
६- भूज्याँ मार्सो को आटो से मिट्ठी रोटी या रोट बि बणदि
७- बगैर भूज्याँ क आटो से रुट्टी बणाओ अर सवाद से खाओ 
 
                                      जुंडळ (जवार) क उपयोग
                                                 भीष्म कुकरेती
 जुंडळ  एक बरसाती अनाज च जू मुंगर्युं  दगड बोये जांद , जुंडळ क उपयोग:
१- जुंडळ क आटा से बनि बनि किस्म की रुटी/रोट  बणदन जूंड़ळ क आटा से हलवा बि बणदो
२- जुंडळ तैं भुजिक खील बणदन अर बुखण/खाजा क रूप मा उपयोग होंद
३- कत्ती दें पैल्क लोग जुंडळ क खीर  बि बणादं   छाया 
४-जुंडळ की खिचडी बणाणो रिवाज बि छयो पण अब खिचडी बणाणो ख़त्म ह्व़े गे
५-- जुंडळ क उमी बि होंद. उमी माने थ्वाडा कच हरो  पण उन पक्युं बलड़  तैं आग मा भड्याओ . जुंडळ  को बलड़  तैं आग मा भदे क बीजुन तैं अलग करे जांद अर फिर उमी गुड़, अखोड़ क दगड बुको त सवाद कु मजा ही कुछ हुरी होंद
६- क्वी क्वी तोर, मुंगरी क दगड जुंडळ तै मिलैक उस्याँ बुख ण क रूप मा बि उपयोग करदन पण कम ही
Copyright@ bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010
 Kumauni Khana, Garhwali Vyanjan , Kumaoni Bhojan, Kumuni Vyanjan , Kumauni Cuisines , Garhwali Cuisines, Garhwali Recipes, Garhwali Food , Kumaoni Food
                          झुल़ी (कढी )  , झंग्वर , कौणी   , भात को सवाद
                                        भीष्म कुकरेती
        झूली अर झंग्वर खाण कुमय्यों अर  गढ़वाल्यूं क एक आम खाणक छ. देस परदेश मा बि कुमाउनी अर गढ़वाली लोक झुल़ी   भात खाण नि बिसरेन
झुल़ी बणाण   सरल च . चुल माँ छाँछ तैं मेथी क बीजूं दगड तेल घी मा छोंको , मन्ग्र्युं या झंग्वर या कौणी को आलण अर लूण, हल्दी, मैणु  मसालों दगड पकाओ अर कढी तैयार
झंगवर , कौणी तैं उन्नी पकाए जांद जन भात बणये जांद
सराद, तिरैं  , बरखी मा त झुल़ी बणाण आवश्यक भोजन च
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai , India, 2010
 
   Kumauni Garhwali Vyanjan; Garhwali  Kumauni Cuisines; Kumaoni Garhwali Recipes; Kumauni Garhwali Food
                              गीन्ठी एक पौष्टिक व्यंजन
                                      भीष्म कुकरेती
 गीन्ठी एक जमीनाऊ तौळ  हूण (गीन्ठी एक पेड़ भी हुन्द पण ऊ अलग गीन्ठी होंद ) वल़ू कंद को नाम छ अर भैर एकु बेल हुन्द अर पत्ता बेल तैडू जन ही होंद . यू जन्ग्लूं मा हुन्द अर बरसात का बाद ही बेल तैं पकड़ी क गीन्ठी क दाण खुदाई से खुदे जान्दन
गीन्ठी क दाण गोळ अर भूरिण रंग क होंदन . गीन्ठी  क दाणु तैं उसए / उबाल़े जान्द अर फिर भैराक छुक्यल गाडीक काटिक खूब धुएं जांद अर तब खाए जान्द .  लूण मर्च का दगड बि खाए जांद अर बगैर लूण मर्च क सलाद जन बि खाए जान्द. कुछ लोग आलू जन भुज्जी  बि बणाइ लेंदन. चूँकि  गीन्ठी भौत ही कड़ो हुन्द त सबी गीन्ठी तै पसंद नि करदन पण पौष्टिक सलाद मा गीन्ठी अब्बल कंद च
Copyright@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India 3rd May 2010
 
Kumauni Vyanjan, Garhwali Vyanjan; Garhwali Cuisines,  Kumauni Cuisines; Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes; Kumauni Food, Garhwali Food , Garhwali Khana , Kumaoni Khan Pan
                     छ्युंती क दाणो ( चिलगोजा ) उपयोग 
                          भीष्म कुकरेती
छ्युंती माने कुलें (चीड ) देवदारु (देवदार) क फल. छ्युंती  क भीतर दाण  होंदन जै तैं छ्युंती  क बीज / दाण  बुल्दन .
छ्युंती क बीज गोर मा भूक मिटाणऔ साधन बि ह्व़े सकद त छ्युन्त्युं बीजूं तैं भुजिक बुखण (सुखा भूज्याँ खाजा ) क दगड बि मिलाये जान्दन. छ्युंती क बीज स्वाद मा चल्मल (तेल को प्रभाव वल़ू  स्वाद ) होंद त बुखाण मा सवादी /टेस्टी होंदन. कबि कबि क्वी छ्युंती क बीजूं तैं चौन्लूं खीर मा या झंगवर भत्ती (झंगोरे की खीर) मा बि डाल़ी दिन्दन .
Kumauni Vyanjan, Garhwali Vyanjan; Garhwali Cuisines,  Kumauni Cuisines; Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes; Kumauni Food, Garhwali Food , Garhwali Khana , Kumaoni Khan Pan
                                     खीरा (कद्दू) अर काखड़ी क म्यालौं (बीज )  उपयोग
                                                             भीष्म कुकरेती
      म्याला माने फल क भीतर बीज . खीरा (कद्दू) अर कखडी क म्यालों कु उपयोग भोजन मा बि होंद . खीरा अर कखड़ी  क म्यालौं क छुक्यल (भूसा, भैर कु कडक भाग, outer thck and stiff layer , ) तै गाडिक /उतारिक भित्रौ गूदेदार  भाग तैं  काची बि खये जांद अर म्यालों तैं भुजिक छुक्यल  गाड़ीक गुदा तै खाए जान्द . कखडी म्यालों तैं खीर, झंगवरभति   , हलवा, सूजी मा सवाद बढाणो   बान बि डाले जांद
 
 
Kumauni Vyanjan, Garhwali Vyanjan; Garhwali Cuisines,  Kumauni Cuisines; Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes; Kumauni Food, Garhwali Food , Garhwali Khana , Kumaoni Khan Pan
 
                   ढुंगळ सवाद अर सहकारिता , सामाजिक सरोकार को प्रतीक
                                                        भीष्म कुकरेती
                    ढुंगळ को शाब्दिक अर्थ होंद जो रुट्टी /रोट/रोटी ढुंग (पत्थर ) मा धौरिक बणये जान्द . ढुंगळ डेड द्वी इंच म्वाटो अर डेड द्वी इंच को दाएमीटर की गोळ रोट खुणि  बुल्दन
 ढुंगळ, गढ़वाळ, कुमाऊं, नेपाल की एक सांस्कृतिक सामाजिक (सन्जैत )  सरोकार संबधी व्यंजन/खाणक च . ढुंगळ कबि बि डयार्म  (घर )  नि बणदो . ढुंगळ या त ग्वाठ्म, रास्ता मा , या सामाजिक सवाद ल़ीणो बान  ई बणये जांद . सरा गाँव वला गाँव से भैर कै चौरस पुंगड़ (जख बथौं  नि   आन्द )  मा एक साथ ढुण्गळ बणान्दन अब  जू सब्बी  गाँव वल़ा कट्ठा ह्वेक ढुंगळ बणाणो  रिवाज  पहाड़ीगाऊँ मा  ख़त्म होणु च त यांको साफ़ अर्थ च अब सहकारिता मा कमी आणी  च .
                     ढुंगळ बणाणो बान गुसा (गोबर क तवा जैसा ) , चपड पतलो पर मजबूत पत्थर चयांद .
पैल गूसों तैं एक जगह पर कट्ठा कौरिक अलाव जळये जांद आटा की लोई बणऐक,  मोटी गुन्द्की तैं तिमल क लाबों पुटुक धरी क द्वी पत्थरूं क बीच धरे जांद अर फिर पत्थरूं  तैं अलाव  मा धौरिक तब तक पकये  जांद जब तक भित्रो ऑटो पकी नी जाओ . पकणो बाद ढुंगलोँ बिटेन  जल्यूं लाब , रंग्डू , म्वासु अलग करे जान्द .
                   ढुंगळ जादातर उड़द  की दाळ मा ही खाए जांद . ढुंगळ ग्युं आटु या    कोदो अर ग्युं  क रल़ो मिसों कु ऑटो से  बणद
प्रथा :
गाँव मा पैल यू निर्णय लिए जांद बल  आज ढुंगळ  बणाण  . फिर दिन मा बचा लोग गुपळ/उप्पल /गुस्सो जमा करदन अर जख्म ढुंगळ बणाण   उखम अलग जगा मा ढेरी बणेक धरी देन्दन . दाळ अर मसाला मिल्वाक (सभी क योगदान )  मा हरेक परिवार  से लिए जांद . श्याम दें सब अपणो अपणो  आटो की गुन्द्की  ( Dough) ड़यार बिटेन लयान्दन. गुप्लूं क ढेर्युं  मा आग लगये जान्द अर अलाव तैयार करे  जान्द . दगड मा एक चुलू तैयार कौरिक उखम उड़द की सन्जैत दाळ  बणये जान्द . अर ढुंगळ - दाळ  बणणो उपरान्त सौब एक ही जगा मा बैठिक खांदन 
आप तैं आश्चर्य होलू की ये सन्जैत भोज मा हरिजन  अर बिट्ठ (सवरण  ) दगड़ी होंदन , हाँ दाळ सवर्ण बणान्दन अर हरिजन अपण ढुंगळ अलग सि ढेर्युं मा बणादन   .
 
 
Copyright@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India 4th May 2010
 
Uttarakhand Cuisnes, Uttarakhand Food, Uttarakhand Recipes, Kumauni Vyanjan, Garhwali Vyanjan; Garhwali Cuisines,  Kumauni Cuisines; Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes; Kumauni Food, Garhwali Food , Garhwali Khana , Kumaoni Khan Pan
     बसिंगू उस्याण  : मध्य हिमालय माँ   सहकारिता की बेमिसाल पछ्याणक (पहचान)
                                             भीष्म कुकरेती
                           पुराणा जमानो मा बसिंगु गढ़वाळ, कुमाऊं अर नेपाल क वास्ता बरदान छौ   . बसिंगु से साग अर आटो की पूर्ति होंदी छे . गढ़वाळ कुमौं मा भुकमरी नि होंदी छे त बसिंगु जन बौण /जंगळ मा पैदा हूँ वल़ी  वनस्पति को भौत बड़ो हाथ छयो .
   बसिंगु एक झाड़ी होंद जो जंगळ मा कखी बि होई जान्द . बसिंगु क फुलूं टूस (Buds without Sepals) सब्जी/ भुज्जे अर रुट्टी बणाणो काम आन्द  छौ . फुलूं टुसुं तैं उबाळीक /उसेक फिर रात भर पाणि क छिन्छोड़/छिन्छ्वड /धार   तौळ धरे जान्द किलैकी बसिंग कड़ो हुन्द अर कडूवाट    ख़तम करणो बान उसयाँ/ उबाल्यां  बसिंग क टुसुं तैं ठुप्री फर पाणी तौळ धरे जांद .
 भुज्जी / सब्जी
फिर जब उसयाँ/उब्लयाँ  बसिंगु क टुसुं खूब धुएं जवान त फिर वे बसिंगु की भुज्जी  उन्नी बणये जांद जन हरी भुज्जी  बणये जान्द . हाँ भंगुल अर धणिया कु छौंका जरुरी च .
उब्ल्याँ धुयाँ बसिंगु तैं सुखैक पीसिक आटो बि बणदो अर सुख्सा जन भुज्जी बि बणदी
                                                         प्रथा
   पैल सरा गाँव वल़ा निर्णय  लीन्दन की आज बसिंगु उस्याण . फिर दिन भर  सब्बी जंगळ मा अफु अफु कुणि बसिंग  क टुसू जमा करदन . ध्यान दीणे बात च की सफ़ेद फूल णि तुद्यावान किलैकी सफ़ेद फुलूं (Flowrs With petals) पुटुक /अंदर कीड़ा  होंदन . जैकी ज्थ्गा पुन्यात/शक्ती  च ऊ उथगा टूस बटोल्दु (इकठ्ठा करदो)    . फिर  रत्याँ से पैली एक जगा मा पाणी क नजीक चुलू बणेक हरेक बसिंगु उस्यान्दन . जब बसिगों टूस खूब उबल़ी  गे त थ्प्रून फर बसिंगु तै पाणी क धार तौळ रात भर कुणी धरे जांद . अर एदिन ही लोग ढुंगळ बि बणे  लीन्दन 
srvadhikaar  @ भीष्म कुकरेती, मुंबई, जून २०१०
Kumauni Cuisines , Kumauni Food, Garhwali Vyanjan, Uttrakhand ka Khan Pan
गढ़वाली व्यंजन , कुमओनी व्यंजन , गढ़वाली खां पान, कुमाउनी खाना
                    खीरा  (कद्दू ) क कुछ खास व्यंजन
                           भीष्म कुकरेती   
 पुराणो गढ़वाल कुमाओं नेपाल मा खीरा (कद्दू ) क बड़ो मातम (महत्व) छौ . बरसात उपरान्त स्ब्ज्युं मा खीरा की बड़ी मान्यता छे किलैकी ठड़यूँ   परांत भुज्ज्युन को अकाळ सि इ रौंद छौ 
    खीरा क पत्ता औण से ही खीरा की भुज्जी शुरू ह्व़े जांद  अर पक्युं  खीरा क दाण से  कतना इ  प्रकार की भुज्जी  बणद
                                  खीरा पातs  (टुखल, खिर्बुज )   भुजी
खीरा पतों से आप कथगा ही भुजी बणे   सक्दवां
१- हरी भुजी :जन मूल पलिंगु (पलक) की भुज्जी
२- रल़ो मिसों ( मिश्रित ) भुज्जी : खीरा क तुखुल या पतों तैं मूल़ा , पिंडालूँ, मर्सों पात दगड़ काटिक भुज्जी बणद   
३- मुला, पिंडालू , खीरा क कच  दाणों दगड मिलैक बि भुज्जी बणद, भिन्डी क द्वी चार  फुळड़ काटो अर पतों मिश्रित सब्जी सवादी होंद
४- कपिलू/धपड़ी : काच मुंगरी पीसिक , मुन्गर्युं ऑटो  , कौणी, झंगवर आदि को आलण (Curry making medium) की सहायता से धपड़ी , कपिलू /क्फ्लू बणद
५- काचो  गह्थुं को मस्यट (Dough made by soaked and grinded Gahth)   की सहायता  से फाणु बणये जांद
                         खीरा  क दाणु साग भुज्जी
काचो/ पक्युं खीरा दाणु  से भौत सि भुज्जी बणदन 
१- काचो कद्दू की आम सूखी भुज्जी पण मेथी को छौंक  जरुरी च ' कथि जादा पाणी मिलैक प्न्द्यरु  साग बणान्दन
२- मुला , पिंडालू क दगड़  भुज्जी बणये जांद .
इन्नी पक्युं  खीरा दाणु से बि वाई भुज्जी बणद  ज्वा काचो दाणु से बणद
३- रेलू/रायता :खीरा तैं उबाळीक भुरता बणेक  (Crushed the boiled vegetable by hand or so )  वै मा छांछ या दही मिलैक फिर पकैक रेलू बणये जांद . खीरा तैं पकैक ठंडो भुरता मा दही मिलैक  रायता बणदू 
४- खीरा क म्यालों क गुदुल तैं ठुगारिक खये जांद
Copyright Bhishm Kukretim Mumbai, June 2010
Uttarakhand Cuisines, Kumauni Recipes, Garhwali Khana Khazana, Uttarakhand ka Bhojan, Kumauni Food,
Recipes of Uttarakhand
                                   थिन्च्वणि / थिंच्वाणी (Crushed Vegetable)
                                  भीष्म कुकरेती
 थिन्च्वणि    को अर्थ होंद थींची क   . सब्जी  तैं सिलवट मा धौरिक  ल्वाड़न थिंचे जांद अर तब यांक सूखी  भुज्जी या तरीदार साग  बणये जांद
थिन्च्वणि द्वी किस्म क hund एक ट निखालिश एक ही सब्जी की थिन्च्वणि-भुज्जी या फिर रल़ो मिसोऊ कौरिक मिश्रित थिन्च्वणि .
फिर  आलण कु दगड़  या बगैर आलण (curry making medium ) कु बि थिन्च्वणि होंद . आलण बि कथ्या किसम हुन्द जन की मुन्ग्र्युं ऑटो , झंग्वर , कौणि , गहथ   को मस्यट ,  उन आलू, पिंडालू मा त आलण बणणो गुण होंद
जादातर मूला, पिंडालू , अल्लू , तैडू छीमी, कु थिन्च्वणि बणद , पण  लम्यंड (चचिंडा ), गूदड़ी  (तोरई ) , मुला क जिन्न पत्ता, सूंट,   छीमी क फुळडउ, हरो छ्वटु खीरा दाणु ,  बसिंगु  क बि थिन्च्वणि बणदू  ,
थिन्च्युं चीज  तै छौंकिक मैणु मसाला मिलैक तरीदार साग या सूखी भुज्जी बणये जांद
Copyright@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010
 
 
Uttarakhand Cuisines, Kumaoni Vyanjan, Garhwali Recipes, Kumaoni Cuisines, Himalayan Cuisines, Himaalyan Food
                                   बौड़ी (बड़ी) कु साग
                                भीष्म कुकरेती
बौड़ी (बड़ी ) को महत्व कुमौं गढ़वाल नेपाल   भौत ई जादा च , बौड़ी कुमाऊं गढ़वाल नेपाल मा एक खाश व्यंजन च
बौड़ी  बणाणो ब्युंत (तरीका) :
बौडी ऊड़द अर गहथ कु बणदो . उड़द की बौडी तै उड़दी  अर  गहथ की बौडी तै गथुड़ी बुल्दन
दाळ तै ठंडो पाणी माँ खूब भिजये जांद  फिर पिसे जांद जै तै बौड़यूँ   मस्यटु  बि बुल्दन .
मस्यट मा पिस्याँ मसालों, पिस्याँ या दल्यां लौंग, काल़ी मर्च मिलये जांद
जादातर मस्यट मा भुज्यलू काटिक ठीक तरां से मिलाये जांद, पिंडालू /पिंडालू क डंठल भी मिलये जांद
फिर माल मसालों मिल्युं मस्यट  क छोटी/ छ्वटी- छ्वटी  गोल़ी बणये जान्दन अर घाम मा चार पांच दिन तलक सुकये  जांद जब तक की बौडी सुकी नि जवान .
साग बणाण
बौड़यूँ  तै थोड़ा सि देर कुण भिजये जांद फिर तेल मा खुड़कए  (भूनना ) जांद जब तलक की बौड़ी भूरिण नि ह्व़े जावन. बौड़यूँ मसाला सवाद को हिसाब से ही डाल़े जांद.
बौड़ी तैं तरीदार सुको जन चाहो बणये  जांद .
बौड़ी आलू, पिंडालू , प्याज क पतों, प्याज, पालक , मूला पत्ता/ घिंडकूं दगड बि बणये जांद
Copyright:@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, June 2010
 
Kumauoni cuisines, Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes, Garhwali Cuisines,Nepali ,Recipes Nepali Cuisines , Nepali Ethnic food
                                 तुमड़ी को साग अर हौरी उपयोग/इस्तेमाल
                                                                भीष्म कुकरेती
तुमड़ी एक बरसाती भुज्जेई  च जो लमेंड, क्ख्डी , गुदड़ी क दगड बोये जांद , देखेण मा अर सबी चीजुं  मा लौकी क तरां ही  होंद, भुज्जी  को सवाद बि लौकी क तरां ई होंद पण  दिखेण मा तुमड़ी लम्बो घडो जन होंद अर लम्बाई मा लौकी से छ्व्ट होंद. मुड़ळ बरीक होंद
तुमड़ी की भुज्जी  लौकी क तरां ई बणये जांद  अर ब णा ण को तरीका बि उन्नी होंद जन लौकी की भुज्जी बणाण  को होंद .
तुमड़ी क अभिनव उपयोग (As  Containers) :
तुमड़ी को उपयोग बीज कम धरण अर पाणी तै गोर मा या भैर  लिजाणो क काम  आन्द . जिन्न  या पकीं तुमड़ी क फल तैं सुकई जांद अर फिर विको भीतर को गूद तैं चक्कू ण भैर गाड़े जांद अर फिर भीतर एक खोळ बनी जांद , तुमड़ी को मुंडळ फर   मुन्ग्रेट  को डाट लगये जांद
 
Kumauoni cuisines, Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes, Garhwali Cuisines,Nepali ,Recipes Nepali Cuisines , Nepali Ethnic food
                                 तुमड़ी को साग अर हौरी उपयोग/इस्तेमाल
                                                                भीष्म कुकरेती
तुमड़ी एक बरसाती भुज्जेई  च जो लमेंड, क्ख्डी , गुदड़ी क दगड बोये जांद , देखेण मा अर सबी चीजुं  मा लौकी क तरां ही  होंद, भुज्जी  को सवाद बि लौकी क तरां ई होंद पण  दिखेण मा तुमड़ी लम्बो घडो जन होंद अर लम्बाई मा लौकी से छ्व्ट होंद.
तुमड़ी की भुज्जी  लौकी क तरां ई बणये जांद  अर ब णा ण को तरीका बि उन्नी होंद जन लौकी की भुज्जी बणाण  को होंद .
तुमड़ी क अभिनव उपयोग (As  Containers) :
तुमड़ी को उपयोग बीज कम धरण अर पाणी तै गोर मा या भैर  लिजाणो क काम  आन्द . जिन्न  या पकीं तुमड़ी क फल तैं सुकई जांद अर फिर विको भीतर को गूद तैं चक्कू ण भैर गाड़े जांद अर फिर भीतर एक खोळ बनी जांद , तुमड़ी को मुंडळ फर   मुन्ग्रेट  को डाट लगये जांद
 
Himalyan Cuisines, Garhwali Dishes, Ethnic Kumaoni Recipes , Garhwali Food, Kumaoni food, Food in Uttarakhand , Food in Garhwal, Food in Kumaon
                             भड़यूँ  खान पान  ( Roasted Food in Camp Fire  )
                                          भीष्म कुकरेती
 कुमाओं, गढ़वाळ , नेपाल मा भौत सि चीज भडे  क खये  जांद
शिकार : क्वी बि शिकार होऊ जानवर तैं पैल भड़ये  जांद .
उमी : उमी वांखण बुल्दन जो स्यूं बलड़ अलाव मा धरिक भड़ये  जाओ (Quick Roasting ). ग्युं, जौ, क्वादु , झ्न्ग्वर, जुंडळ,  कौणी क हरो पर पक्याँ बलडों  तैं अलाव मा भ ड़ए जान्द अर फिर भड़याँ दाणु तैं चाव से बुकये  जांद . उमी मा सवाद  क बान  भूज्याँ भ्न्गुल, गुड़ , अखोड़ बि दाल़े जांद
भड़यीं मुंगरी : मुन्ग्र्युं तैं भडे क खाण त सरा भारत मा बि  एक आम प्रचलन छ
फुळडों तैं भड़याँण :  दाळ जन सूँट  , तोर, (या कबी कबी गहथ ) का फुळड़ऊँ  तैं आग मा भडेक बि बुकये  जांद
कंद अर म्याला : भौत सा कंद जन प्याज, तैडू, या म्यालाओं तै भी भड़ेक खये जांद
Copyright@Bhishm a Kukreti, Mumbai, India, 2010
 
 Garhwali Cuisines, Garhwali dishes, Garhwali Recipes, Kumaoni Dishes, Kumaoni Recipes, Himalyan Dishes, Himalayan Cuisines, Himalayan food, Himalayan Khana
 
   
Garhwali Cuisines, Garhwali dishes, Garhwali Recipes, Kumaoni Dishes, Kumaoni Recipes, Himalyan Dishes, Himalayan Cuisines, Himalayan food, Himalayan Khana , Garhwali Rasoee, Kumaoni Rasoee
                           ठुंगार (सलाद आदि )
 उन  त गढ़वाली मा सलाद कु क्वी नाम नी च पण नजीक कु शब्द ठुंगार ई च . ठुंगार कु अर्थ हुन्द जू मुख्य नि होऊ पण थ्वड़ा  सि ठुन्गारे जाओ जन खांद दें हरी मर्च कु ठुंगार .
ठुंगार अर सलाद छन :
अ---
१- मूल़ा
२- हरी मर्च , लाल मर्च
३- कखड़ी
४- शाकाहारी या मंशाहारी कछ्बोल़ी
बी--फलूं कु सलाद
१-लिम्बू
२-कागजी निम्बू
३-चकोतरा
४-पपीता
५-नरंगी , किम्पू, माल्टा
अब त भौत सी चीजुन सलाद मिली जान्दन
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumabi 2010

                         
 
Copyright@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India
 
 Himalayan food, Himalayan Cuisines, Himalayan Culture, garhwali food, Garhwali Recipes, Kumaoni Khana, Kumaoni Cuisines, Food of Uttarakhand
                                  रोटी , रोट, रुट्टी , रुटळ  , रुटल़ा  (Bread of Cerals)
                                       Bhishma kukreti
 रोटी या रुट्टी क नाम आकार- मोटे     , भोज्य पदार्थुं  क रलौ मिसौ (मिश्रण)  अर बणाण  वाळक  मूड  कु हिसाब से बदल जांद
अनाज (greminy cerals) तै पीसिक , ओलिक तवा मा सेकिक रुट्टी, रोटी/ रूटळ बणदन  फिर अध्काची या पकीं , रुट्यून   तै आगी क झौळ  (Hot coal or flame)  मा पकये जांद. रुटि ग्युं, चुन , जौ, मुन्ग्रून आटो , ब्सिगो आटो   से बणदन 
साधरणतया   रुत्युं नाम अर पकाणऐ ब्युंत (विधि ) इन छन :
१- रोट: दिव्तों नाम पर मा चढ़ाणो मोटी रुटी तै रोट बुल्दन जू घी मा सेकिक बणन्दन 
२- रुट्टी   :   ग्युं फुल्का या चुनो पतल़ी  रोटी तैं रुट्टी बुले जांद
३- रुटळ :  म्वाटो  रुट्यु  तैं रूटळ बुल्दन
४ - डोट रोटी/रूटळ  :ग्युं आटो की लोई भीतर चून (मदुये का आटा की लोई  )  या मुन्ग्र्युं (मकई) लोई भौरिक जब रुटी बणदी त वीन तैं डोट रुट्टी  बुल्दन
५ - ढबाड़ी  रुट्टी : द्वी या जादा प्रकारों आटो तै मिलैक ज्वा रुट्टी बणद वी तैं ढबाड़ी रुट्टी बुल्दन
६- ढुंगळ : ढुंगों  अर अलाव मा बणयाँ म्वाटा रूटळ तैं ढुंगळ बुल्दन
७ - इकहांड़ी रुटी  :  जब रुटि  तैं तवा मा एक हाउ द मा पकये जांद त इन रुटि तैं  इकहांड़ी रुटि बुले जांद (जन तंदूर मा या तंदूरी )
Copyright @ Bhishma Kukreti , Mumbai, India
 
Garhwali Vyanjan, Kumaoni Vyanjan, Kumaoni Recipes, Garhwali Recipes, Himalayan Cuisines, Kumaoni Cuisines, Garhwali Cuisines, Garhwali Dishes, Kumaoni Dishes , Nepali Cuisines ,नेपाल का खाना गढ़वाली भोजन , कुमाउनी खान पान
                                                कंडाळी
                                               Bhishma Kukreti
कुमाऊं , गढ़वाल अर नेपाल मा पैल कंडाळी जडडों  (ठनडी  ) क एक मुख्य साग (खाणक ) छौ
कंडाळी बणाणो खुणि बडो तजबिजू से  कंडाळी क मथ्या क भाग याने कुंगळ डंठल अर कुंगळ पत्तों तै काटिक लाये जांद
कंडाळी फर  जू जादा बड़ा झीस ह्वावन  त झळकाँ आगि मा धरे जान्द (मतलब आग दिखये जान्द जां से झीस फुके जावन )
फिर तौल मां आलण , मैणु मसालों , लूण क दगड पकये जांद . सवाद का बान हींग को छौंका  दीण जरोरी च
आलण का वास्ता जादातर  कचा गहथ  कु मस्यटु  , झन्ग्र्याळ इस्तेमाल हूंद
कंडाळी जादातर झ्न्ग्वर को दगड खये जांद हाँ अप्प भात को दगड बि खै सक्दन
उन  पैल कंडाळी तैं पेक इ पेट भरे जांद छौ
अब जनकी कंडाळी क तासीर गरम होंद त कंडाळी  ठनडियूँ   मा ई खये जांद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai,India, 2010
 
Dishes from Garhwal, Cuisines of Garhwal -Kumaon, ,Recipes of Kumaun -Garhwal, Food in Uttarakhand , Himalayan Food , Ethnic Cuisines of Himalaya
                                             बन्स्किल की भुज्जी
                                                Bhishma Kukreti
बन्स्किल माने बांस कु टूस (Buds of Bomboo Shoot) . अब बांस की साख (Gene) बचाणो  बान सरकार न बन्स्किल उपडण बंद करी दे त बन्स्किल की भुजी नि बणदी पण पैलि बन्स्किल  की भुज्जी बणदी छे .
बन्स्किल कु टूस तैं नरम करणो बान खाली पाणी मा  या छांछ मा उसए/ उबाल़े जांद . जख चुना (Lime ) मिलदु उख चुना  क पाणी मा द्वी चार घंटा  धौरिक बन्स्किल तै नरम कर

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Garhwali Dishes, Garhwali Cuisies, Cuisines of Garhwal, Cuisines of Kumaun, Cuisines of Uttarakhand
Himalayan Cuisines
                                 भुज्यल क  महत्व
                                      Bhishma Kukreti
  भुज्यल जंगली फल च जू लौकी  /तुमड़ी क परिवार की बनस्पति च अर  लौकी तरां मोटू पण chhwatu  aakaar कु  हुन्द  . ये तैं बुए नि जांद फंगुन मा गाँव कु नजिक बरसात मा  कखी बि ह्व़े जांद
बौडी मा प्रयोग: जख तलक  म्यार ज्ञान च गढ़वाल मा भुज्य्ल कु गीदु बौडी दींद दें दाळउं  मस्यट मा मिलये जांद
भूत अर छाया पूजै मा : भुज्यल कु मुख्य प्रयोग छाया या भूत पूजै मा हूंद .
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

Himalayan Culture, Himalayan Cuisines, Cuisines of Garhwal, Ccuisines of Kumaun, Cuisines of Uttarakhand , Garhwali Dishes, Kumaoni Dishes
                              रगड्वणि / रिगड़वणि  दाळ , (उदाहरण -चैन्सू Chainsoo)
                                      भीष्म कुकरेती
रिगड्वणि कु शाब्दिक अर्थ हूंद जव क्वे चीज सुखो अनाज तैं रगड़ी क तैयार होऊ . कें बि सूकी दाळ तैं सिलवट या मिक्सी मा पिसे जाव अर वांकी दाळ
बणये जावू त वीं दाळ तै रगड्वणि या रिगड्वणि  दाळ बोले जांद
उड़द  की रगड़ी दाळ तैं चैसू बुल्दन . इन्नी तोर, गहथ, रयांस , चणा ,  सूंट का दाणु तैं रगडी क बि दाळ बणदी अर याँ से दाळ कु सवाद बि बदली जांद
पिसी  दाळ तै कढाई  मा घी/तेल मा जरा भुने जांद अर फिर मैणु-मसाला, लूण पाणी क दगड़ उबाल़े जांद अर   रगड़वणि दाळ तैयार
Copyight@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

Himalayan Dishes, Himalayan Cuisines, Garhwali Cuisines, Kumauoni Cuisines, Himalayan Recipes,
Recipes of Garhwal, Recipes of Kumaun, Garhwali rasoi ka Swad, Kumaoni Khan Pan
                                    पळयो   (Butter Milk Curry) अर झुल़ी 
                                        Bhishma Kukreti     
पळयो   छांछ अर आलण   कु मिश्रण से बणदू  , छांछ तै आलण (Medium of Curry) क दगड़ मिलैक पकये जांद .
    पळयो  मिट्ठू बि हूंद  अर  सादो बि हूंद . सादो पळयो बणण पर  वै मा लूण मर्च मिलैक खये जांद
आलण मा तौळ का   माध्यम प्रयोग मा आन्दन अर आलण क नाम से पळयो कु नाम पड़दू  :
१- झ्न्ग्वर /झन्ग्र्याळ
२-कौणी   
३- बरीक चौंळ (कणखिल)
४- कोदो क चून  ---ये पळयो तैं चुल्मनडी बुल्दन
५- मुन्ग्र्युं   आटो   
६- बजरो आटो
७-जौ क आटो
८-जुंडळ कु आटो   
९- मरसो आटो  (मर्स्वडी  )
१०- काचो मुन्ग्र्युं दाणो  तै पिसिक आळण बणाण 
दही छांछ को हिसाब से पळयो क सवाद
दही जमाण या जम्मण को प्रभाव पळयो कु सवाद पर पड़दो
१- निप्प्ट खटू   
२- ठीक ठाक
३- चलमल्लू : जै  छांछ मा नौणी (मक्खन ) जादा रै गे होऊ वो प ळ यो चल्मलू स्वाद कु होंद
४- खिटयूँ : जब पळयो तैं जादा देर तक पकये जावो त वै तैं खिटयूँ पळयो बुले जांद
पळयो छांछ क मात्रा क हिसाब से पतळउ या बकल़ू बणदो
                             झुल़ी (कढी)
 जू छांछ तै   छौंके जाओ अर उख्मा हल्दी , मैणु -मसला , लूण मिलये जाओ त ये खाणक तैं झूली बुले जांद
आलण बि तकरीबन वो ही ह्व़े सक्दन जू पळयो मा इस्तेमाल हुन्दन
झुल़ी गुड़ मिलाओ त मिट्ठी बि हुंद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India,2010

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Himalayan Cuisines, Cusines of Kumaun, Garhwali Cusines, Himalayan Recipes, Recipes of Nainital,
Food in Badrinath Region, Dishes in Gangotri Region, Ethnic Food of Uttarakhand
                               खील
                         भीष्म कुकरेती
खील माने अनाज का दाणा तै भूजिक/भूनिक  फूलाण अर सफ़ेद फूल जन दिख्यावन
पैल कुमाऊं , गढ़वाल, नेपाल मा अनाज तै हिसर (मिटटी का बना कढाई जैसा बर्तन) मा धौरिक आग क झोंळ ( आंच ०
मा भुजे जांद .
जब अनाज तै पकाण (Edible and Digestable) तक भुजे जावन    त वै भुज्युं अनाज तै बुखण या खाजा बोले जांद
पण जब अनाज तै जादा भुजे जाव की दाण फूल बणी जावन त वै अनाज तै खील बोले जांद
खील तौळ का अनाज से बणदन
१- सट्टी (धान )
२- मुंगरी (मकई)
३- जुंडळ (ज्वार )
४-मर्सू
खील मा गुड़ , भुज्युं भ्न्गुल, अखोड़ मिलैक बुकये जांद अर बगैर क्वी चीज मिलैक बि बुकये जांद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Himalayan Food, Himalayan Dishes, Kumaoni Cuisines, Garhwali Cuisines, Garhwali Recipes, Kumaoni Recipes, Food of Gangotri Region,
Food of Badrinath Region, Ethnic Food of Nainital Region
                       मयड़ू कु  उपयोग
                       भीष्म कुकरेती
मयड़ू/मयड़  तब बणदो जब नौणी (मक्खन  ) तै खूब थड़कैक /उबालिक़ घी/घ्यू बणये जांद अर घी तैं छाणिक
जू भूरिण पित्पितु /अद्धा  ठोस -आधा गिल्गिलू चीज बची जांद वीं चीज तै मयड़ू /मयड़ बुले जांद .
मयड़ू ज़रा सि खटु हूंद अर वै फर छ्न्छ्याण  आन्दी ,
मयड़ू तैं कत्ती उन्नी खै लीन्दन , रुट्टी मा घुसिक  बि खान्दन , अर मयड़ू तैं दाळ , पळयो  , भुज्जी  मा बि डाल़े जांद . मयड़ू स्वाद बढ़ान्दू .
Copyright@ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Himalayan Cuisines, Cuisines of Uttarakhand, Dishes from Garhwal and Kumaun, Recipes of Garhwal and Kumaun
                                सौलै  शिकार (सौलू, साही ) ( Mutton Curry of Porcupine)
                                 Bhishma Kukreti
सौलु (साही ) एक मुसू क परिवार कु एक जानवर च . २५-३० इंच लम्बो अर लम्बी पूंछ वल़ू जानवर पर चार पाँच इंच  लंबो काण्ड (Spikes)
हुन्दन . सौलू भौत धीरे हिटदू  . सौलू मुसदुंळ (Burrow) पुटुक  रौंद अर रात्यूं कुणि ही भैर आन्द . सौलू ग्युं जौ आदि की फसल खांद इले सौलू तै भगाणे  कत्या ही ब्युंत/ तरीका करे जान्दन .
सौलू की शिकार बि खये जांद . सौलू तैं मारण क वास्ता मुसदुंळ  भितर अग्यो  करे जांद जां से धुंवा भितर जावू अर सौलू भैर ऐई जावू. जन्नी सौलू भैर आन्दु वै तै लट्ठलुं  पीतिक  मारे जांद . ध्यान धरे जांद कि सौलू क काण्ड  शरीर पर नि आवन .
मरयूं सौलू क काण्ड गाडिक फिर सौल तैं भड़ये जांद अर फिर लुतकी , अंदड़ पिंदड़ गाडिक (यीं प्रोसेस तैं सुधारण बुले जांद ) फिर शिकार तैं छौंकिक, मैणु मसला दगड उसेक  उन्नी बणये जांद जन बखरै   शिकार/शुरवा  बणये जांद . हाँ ! सौलू क शिकार कुंगल़ी (Very Tender) , होंद त जादा नि पकये जांद
जौंक सौलै शिकार खयीं च ऊ बुल्दन बल याँ से सवादी शिकार हून्दी ई नी च
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010


Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
Re: Delicious Recepies Of Uttarakhand - Ye hai Dilli ka Uttarakhand
« Reply #127 on: June 14, 2010, 01:18:14 PM »


ये है दिल्ली का "उत्तराखंड"


http://www.naidunia.com/Details.aspx?id=154647&boxid=27272108

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Cuisines of Uttarakhand, Garhwali Cuisines, Kumaoni Cuisines, Dishes from Uttarakhand
Ethnic Food of  Uttarakhand
                               दूध कु कुछ खाश उपयोग
                                   भीष्म कुकरेती
दूध  पीण , खीर-लब्सी  बणाण कु अलावा दूध कु कुछ हौरी बि उपयोग छन
१- दूध मा रुट्टी  भिजैक खाण
२- पराल़ी (मलाई ) तैं रुट्टी मा खाण
३- भात, झ्न्ग्वर मिट्ठू दूध मा खाण
                                भुज्जी मा दूध कु उपयोग
दूध तैं सवाद बढ़ाणो (चल्मुलो करण) बान भुज्ज्युन मा डाळए  जांद . यी भुज्जे इन  छन
१ - मूल़ा
२- खीरा
३- गुदड़ी  (तोरई)
४- लमेंड (चचिंडा  )
५- तुमड़ी
६ - प्याज की भुज्जी
७ -  हरो खीरा/प्याज   की भुज्जी 
जादातर जब भुज्जी पकी जाव त पैथराँ    भुज्जी मा दूध डाल़े जांद अर एक उमाल आण तक भुज्जी तैं गर्म करे जांद 
दूध डालण से भुज्जी क रंग अर सवाद मा फर्क पोड़ी जांद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Cuisines of Uttarakhand, Uttarakhand Cuisines, Dishes of Uttarakhand , Recipes of Uttarakhand
Garhwali Cusines Kumaoni Cuisines, Dishes of Kumaon , Dishes of Garhwal, Himalayn Ethnic Food
गढ़वाल कुमाओं क खाणक संबंधी रिवाज -१ :
                                     बंधाण
                               Bhishm Kukreti 
गढ़वाळ कुमाऊं नेपाल मा एक बडो अद्भुत रिवाज हुन्द जै भोजन संबधी  रिवाज मा बामण ऩा बलकण   मा जजमान (राजपूत) पुजारी होंद
ये रिवाज कु नाम च बंधाण , बंधाण  तब हुन्द जब केकु भैंस बिये जाउ. भैस जब बियान्दी च त द्वी तीन दिन क दूध नि पिए जांद पण
दूध गर्म कौरिक प्युंस ( Paneer जन ) बणान्दन  . जब दूध पतल़ो ह्व़े जांद त सौब दूध तैं दही बणाणो कुणि  परोठी मा जमाए जांद .
फिर सात एक दिन मा एक दिन पूजै हुन्द जै रिवाज खुणि बंधाण बुल्दन . बंधाण से पैली क्वी बि  प्युंस छोड़िक भैंस कु दूध नि पे सकदु
ये दिन खीर,  पळयो , झुल्ली ही बणये जांद अर इष्ट मित्रों तैं बुलैक छ्व्टी   सी जीमण करे जांद /भोज दिए जांद . हाँ खीर बामण ही बणान्द
ये रिवाज की खासियत या च की बन्धाण की पूजा जजमान कर्दन
खाणक खाण से  पैल एक पत्थर मा खिन्न का तिनको की छुटी छुटी खामी क सहायता से या पूजा होंद
पूजा परांत ही खाणक खये जांद अर बंधाण कु बाद ही भैस कु दूध को उपयोग करे जांद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010
 

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22