Author Topic: Delicious Recepies Of Uttarakhand - उत्तराखंड के पकवान  (Read 179210 times)

Bhishma Kukreti

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त्तराखंड का पारम्परिक आयुर्वेदिक  साबुत तोर की तुराणी  पकाने की पाकविधि

  उत्तराखंडक पारम्परिक आयुर्वेदिक साबुत तोरै तुराणी पकाणो पाक विधि

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उत्तराखंड के   आयुर्वेदीय  पारपम्परिक भोजन व्यंजन विधि /पाक विधि/ पाक कला  श्रृंखला  भाग - १२
Recipe of Ayurvedic Traditional Food of Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part- 12
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संकलन - भीष्म कुकरेती
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उत्तराखंड म तोर दालोंम भौत ही महत्वपूर्ण दाळ  च I मैदानों म  तोर  बड़ो आकारौ हूंद अर अरहर /हरड़ की दाळ तुअर  दळिक  बणद।  जबकि पहाड़ी तोर /तुअर आकार म  छुट हूंद अर अरहर/हरड़ से अधिक   तुराणी, बुखण, भरीं रुटि, भर्यां स्वाळ (कचोडी ) आदि म प्रयोग हूंद I दिखे जावो त पहाड़ों म पहाड़ी तुअर /तोर से भौत कम इ अरहर/.हरड़  बणदो छौ अर अब स्यु पूरो बंद ह्वे गे I
 साबुत तुअर /तोर से साग अधिक पकाए जान्द जैक नाम च तुराणी  I
पकाणो समान –
साबुत तोर  (मात्रा आवश्यकतानुसार )
जख्या – छौंका बान
हींग – छौंका लगान्द
हौर ल्यासण पत्ता – छौंका बान
प्याजक पत्ता  (ल्यासणो विकल्प ) – छौंका बान
टमाटर – खटास लाणो बान
गार्निशिंग कुण धनिया पत्ता अर आजकाल तुलसी पत्ता
पैलाक मुख्य मसाला जु सिल्वटम पिसे जान्द था (ल्यासणक जखेली, धनिया, हळदी, सोंठ या  आदो, लाल मर्च, लण  I काळी मर्च  अर लौंग सुविधानुसार (विशेषत: फौड़म प्रयोग )
अब मसालोंम भारी परिवर्तन आई गे अर वैभव व क्षेत्र अनुसार बदलणा रौंदन  I
 विधि –
 साबुत तुअर /तोर तैं सात आठ घंटों कुण पाणीम बिगायी दयावो I
 भिजीं तोर तै  तीसे अधा घंटा या पैंतालीस   मिनट या देर  तक उस्यावो I तब तक उस्याण जब तक तोरि  दाण खूब कोमल नि ह्वे जावन I
    अब उसयां तुअर /तोर से द्वी तरां तुराणी पकाए जान्द –
    पैल तो साबुत उसयां तोर तै छौंको अर मैण मसालों मिलाओ, टमाटर मिलाओ  अर कुछ दाणों तै मींड/  मसल दयावो I या भौत देर तलक पकावो I अधिकतर फौड़म या विधि चलदी  I
 तुराणी पकाणो दुसर विधि –
 कुछ तोर तै पीसिक मस्यट बणाइ दयावो  I
 तब कढाई तैं चुलम धारो व गरम कढाई उन्द कडू तेल गरम कारो I
जख्या डालो  अर फिर ल्यासण या प्याजक पत्ता भूटो I  भूरा हूण तक भूटो
  अब मस्यट अर दाणों तै कड़ाइ म डालो व भूटो अर दगडम मसाला, कट्या टमाटर  व लूण बि डालो अर थोड़ा से भूटो आर आवश्यकतानुसार पाणी  (कथुग दड़ बड़ो   चयेणु च ) डालो अर थड़कण दयावो I
  अच्काल पकणो उपरान्त  गरम मसाला डाले जान्द  I पैल बि पिसीं काळी मिर्च अर लौंग  अन्तम  इ  डाले जान्द छौ Iअब तो तेजपत्ता बि छौंकद दे प्रयोग हूंद .
 सबसे अंतम धनिया पत्ता अर तुलसी पत्ता डालो I
परोसो अर आनन्द से खलावो व खावो I
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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2021
उत्तरखंड की   आयुर्वैदिक पारम्परिक भोजन  पका कला , Recipe for Ayurvedic  Traditional Cuisine of   Uttarakhand  , गढ़वाल की आयुर्वेदिक   पारम्परिक पाक कला, कुमाऊं की  आयुर्वेदीय पारम्परिक भोजन  पाक कला निरंतर उत्तराखंड में पारम्परिक तुराणी / साबुत तुअर साग पकाने की विधि ; गढ़वाल में पारम्परिक तुराणी / साबुत तुअर साग पकाने की विधि ; कुमाऊं में पारम्परिक तुराणी / साबुत तुअर साग पकाने की विधि ; देहरादून में पारम्परिक तुराणी / साबुत तुअर साग पकाने की विधि ; हरिद्वार में पारम्परिक तुराणी / साबुत तुअर साग पकाने की विधि


Bhishma Kukreti

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उत्तराखंडी  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  - आलू  की सूखी सब्जी

उत्तराखंडौ  पारम्परिक आयुर्वेदिक पिंडाळु -अल्लू क सुखी सब्जी

  Recipe of  Ayurvedic Traditional  Vegetable  of  Taro  Root  and  Potato  in  Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part 

 पहाड़ी भोजन  अर्थात  आयुर्वेदिक   भोजन   !
उत्तराखंड के   आयुर्वेदीय  पारपम्परिक भोजन व्यंजन विधि /पाक विधि/पकवान /  पाक कला  श्रृंखला  भाग - १३
Recipe of Ayurvedic Traditional Food of Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part- 13
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संकलन - भीष्म कुकरेती
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  इन बुले जांद  बल   पहाड़ों म  पिंडाळु क सब्जी उपयोग कम से कम २५०० पैली ह्वे  गे  छौ अर  अल्लू  आण  से पैल  पिंडाळ ु अति महत्वपूर्ण भुज्जी छे। 
  उत्तराखंडौ  पारम्परिक आयुर्वेदिक पिंडाळु -अल्लू क सुखी सब्जी  पकाणो  पाक विधि (recipe ) -
  सामान -
पिंडालु - मात्रा आवश्यकता नुसार
अल्लू -  मात्रा आवश्यकतानुसार
मसाला -
हरी मर्च कटीं
लाल मर्च चूरो  भौत कम मात्रा
धनिया चूरो
हल्दी चुरो
ल्यासण आदो - पिस्युं  या  बारीक  कट्युं   या पेस्ट
लूण - स्वादानुसार
टमाटर -  बारीक  कट्युं  - १
अमचूर - चयेणु  च तो
जख्या छौंका कुण
पाक विधि -
अल्लू अर पिंडळ  तै साबुत उस्या  द्यावो।
 फिर जब ठंड ह्वे  जावन तो छल द्यावो
अब छिल्यां अल्लू - पिंडळ  तै मध्य आकार म काटी द्यावो।
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अब चुलम गरम  करणो  कड़ै  धर  द्यावो कड़ु  तेल गरम  कारो।
गरम  तेल म जख्या , कट्यां  आदो , ल्यासण , टमाटर का छौंका लगावो।
 अब कट्युं   पिंडाळु  अर अल्लू  छौंको  दगड़म अन्य मसाला बि  छौंको।
हरी मिर्च , लूण  बि  डाळ  द्यावो।
पांच सात मिनट बाद अमचूर डाळो  अर   कढ़ाई  चल से भैर उतार द्यावो।
खावो खलावो
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 अल्लू अरबी की तरीदार सब्जी  (पिंडाळु -अल्लू क पंद्यर  साग )  -
 जु  पिंडाळु -अल्लू क पंद्यर  साग पकाण  हो तो आवश्यकतानुसार पाणी  अर मसाला , लूण  हौर डाळो  अर  थड़कावो। 
अब थड़कणो  परान्त  साग चुलमगन  उतार द्यावो
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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2021
उत्तरखंड की   आयुर्वैदिक पारम्परिक भोजन  पका कला , Recipe for Ayurvedic  Traditional Cuisine of   Uttarakhand  , गढ़वाल की आयुर्वेदिक   पारम्परिक पाक कला, कुमाऊं की  आयुर्वेदीय पारम्परिक भोजन  पाक कला निरंतर ;  उत्तराखंडी  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  की सूखी सब्जी ; गढ़वाल की  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  की सूखी सब्जी ; कुमाऊं की  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  की सूखी सब्जी ; हरिद्वार की  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  की सूखी सब्जी ; देहरादून की  पारम्परिक आयुर्वेदिक अरबी /घुइयां  की सूखी सब्जी ;


Bhishma Kukreti

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लौकी के आयुर्वेदिक गढवाली  पराठे पकाने की resipe
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डा हेमा उनियाल

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कैसे हैं आप??
परसों हमारी आदरणीया भाभी जी ने लौकी का परांठा बनाने की रेसपी fb पर शेयर की, तो रहा नहीं गया... और आज हमने भी पहली बार हाथ आजमा लिया....
कसम से स्वादिष्ट, लाजबाब परांठे बन पड़े...
आपको आदरणीया भाभी जी के द्वारा बताई गईं रेसिपी ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर रहा हूँ. नरेश उनियाल .   
"नमस्कार दोस्तो..आपने आलू,गोभी अन्य के पराठे तो खूब खाये होंगे किन्तु लौकी के पराठे के बारे में कम ही सुना होगा और खाये भी शायद कम ही होंगे। लौकी के पराठे भी बहुत लज़ीज़ और पौष्टिक होते हैं यह बात मुझे भी बहुत देर से पता चली और मैंने इसका प्रयोग कर डाला।इसमें एक चीज़ जो मैंने अपनी पसंद से मिलाई है वह भुने चने का आटा यानि सत्तू भी है,जिसका मैं रोटी,पराठे,पूरी आदि बनाने में भी प्रयोग करती रहती हूं ,और जो मेरे घर में सदा विद्यमान (घर में ही बना) रहता है।
आजकल लौकी ख़ूब मिल रही है आप भी इसके पराठों के रूप में आनंद ले सकते हैं ।जो बहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट भी हैं।
आज मैंने लौकी के ही पराठे बनाये हैं सोचा आपको भी इसे बनाने की विधि बताऊँ ।जिससे आप भी नाश्ते में एक पौष्टिक आहार लें सकें और स्वस्थ रहें।
विधि: चार कटोरी आटे में एक छोटी लौकी (छीलकर,धोकर )कद्दूकस कर लीजिए।इसमें एक कटोरी भुने चने का आटा (सत्तू) मिला दीजिए।(यदि नहीं है तो कोई बात नहीं,पर इससे स्वाद और पौष्टिकता और बढ़ जाएगी )।अब आप इस मिश्रण में आधा चम्मच भुना जीरा,अजवाइन,थोड़ा हींग,अदरक कद्दूकस किया,आधा चम्मच हल्दी,लाल मिर्च पावडर,नमक स्वादानुसार तथा ऊपर से दो चम्मच घी डालकर सभी को अच्छे से मिलाकर गूंथ लीजिए।लौकी पानी छोड़ती है इसलिये पानी से गूँथने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।यदि पड़े तो थोड़ा सा डाला जा सकता है।अब इसे आधा घंटा ढककर छोड़ दीजिए।इसके बाद जिस प्रकार अन्य पराठे बनते हैं उसी प्रकार इन्हें भी ऊपर से हल्का घी लगाते हुए बना लीजिए।
जो लोग लोकडॉउन में देरी से उठ रहे हैं।जिनका अभी नाश्ता नहीं हुआ है और घर में लौकी भी उपलब्ध है तो आप भी इसके पराठे बना डालिये।
अपने प्रियजनों और स्वयं का अच्छे भोजन के माध्यम से ख्याल रखने में भी जीवन का ख़ूब आनन्द है।किसी ने क्या खूब कहा है...."किसी के भी दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है"
 शुभदिन।
फोटो clicked by... me..
रेसिपी साभार : आदरणीया डॉ. Hema Uniyal जी के द्वारा.


Bhishma Kukreti

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विशेष गढवाली जलेबी का आनन्द ल्यावो
 S. P. joshi से साभार

Bhishma Kukreti

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  उत्तराखंड का एक आयुर्वेदिक प्रात: कालीन जलपान - अंकुरित सलाद व गेंहू का हलवा


      फोटो आभार  - उषा बिजल्वण

Bhishma Kukreti

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      दिल्ली  निवासी विशेश्वर सिल्स्वाल    ( ग्राम कड़ती  (द्वारीखाल , पौड़ी ) के  कथाकार , कवि ) द्वारा प्रेषित -

आयुर्वेदिक   मूंग दाल, सब्जी -पनीर चीला।

साथ में:-

ईमली गुड़ चटनी -मीठी
धनिया,पोदिना व नींबू चटनी -खट्टी

Bhishma Kukreti

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      उत्तराखंडौ   पारम्परिक   आयुर्वेदिक  गैथों /गहथुं  भरीं  रुटी /परोठा पकाणै  पाक विधि
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 उत्तराखंडी पारम्परिक  आयुर्वेदिक  कुलथी के परोठे पकाने की पाक विधि
  Recipe of Ayurvedic Traditional Stuffed  Parotha  of  Horse Grams   
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 पहाड़ी भोजन  अर्थात  आयुर्वेदिक   भोजन   !

उत्तराखंड के   आयुर्वेदीय  पारपम्परिक भोजन व्यंजन विधि /पाक विधि/ पाक कला  श्रृंखला  भाग -
Recipe of Ayurvedic Traditional Food of Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part-
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रुसाळ  -  श्रीमती शोभा देवरानी कुकरेती (जसपुर , द्वारीखाल , पौड़ी )
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पकाणौ  सामान-
गैंथ :----मात्रा  आवश्यकतानुसार
हैर मर्च कटीं
हर धणिया बारीक कट्यूं ,
एक छोटू सि   प्याज बारीक कट्यूं ,
पिस्युं ल्यासण
थोड़ा स लाल मर्च ,
लूण स्वादानुसार ,
घी
 
विधि :--- गैंथ तै रात भर ( करीब 5-6 घंटा ) पाणी मा भिगैकन रखण. सुबैर गैंथ तै उमाळि  मिक्सर या सिलबटा मा पीस दीण। 
 . लूण , हर मर्च , हर धणिया , प्याज , लाल मिर्च मिलैकन मसल तैयार कर दीण।   .
दूसर भांड मा आट मा थोड़ा सा लूण डाळि   ओल दीण . अब आटा क ग्वाळा  बणैक ग्वाळा  क भीतर रुट्यों क बान बणायो मस्यट  (मसल)  भर दीण. अब यूं ग्वाळों  भरुंयु रुट्टी बणाण। 
अब चुल्लूम  रूटी तै पकाण अर रूटी क दुई तरफां घी लगै दीण. गरमा गरम गैंथ क रूटी खाण क बान तयार छ  , आप अपड़ो स्वादानुसार चाय / दही / चटणी क साथ खै सकदां। 
(यु बिलकुल पारम्परिक विधि च तो मसल कम से कम प्रयोग ह्वेन ) .
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Copyright @  Shobha  Mahesh  Kukreti , 2021
उत्तरखंड की   आयुर्वैदिक पारम्परिक भोजन  पका कला , Recipe for Ayurvedic  Traditional Cuisine of   Uttarakhand  , गढ़वाल की आयुर्वेदिक   पारम्परिक पाक कला, कुमाऊं की  आयुर्वेदीय पारम्परिक भोजन  पाक कला निरंतर ; गढ़वाल  का  पारम्परिक   आयुर्वेदिक  कुलथी के परोठे पकाने की पाक विधि;  कुमाऊं   का  पारम्परिक   आयुर्वेदिक  कुलथी के परोठे पकाने की पाक विधि।; हरिद्वार का  का  पारम्परिक   आयुर्वेदिक  कुलथी के परोठे पकाने की पाक विधि


Bhishma Kukreti

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 आयुर्वेदिक अंकुरित सलाद और आटा सूजी का हलवा
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उषा बिजल्वाण
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रेसिपी सामग्री-
 चना दाल , मूंग दाल,खीरा,प्याज, अनार, टमाटर, हरी मिर्च, नीम्बू,चाट मसाला, काला नमक, भुना जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर ,धनिया, पुदीना चना
विधि -
 मूंग दाल को बराबर मात्रा में लेके 4,5 घंटे के लिए भिगो दें और फिर जब अचे से भीग जाएं तो पानी अलग करके दिनों दालों को मलमल ले गीले कपड़े में लपेट के रात भर के लिए किसी गरम जगह पर रख दें
  सुबह अंकुर निकल आएंगे कच्चा पसंद है तो  कच्चा प्रयोग करें  वरना एक सीटी मरवा ले अब किसी बर्तन में बिल्कुल सूखी दाल निकाल के उसमे ऊपर दी गई सारि सामग्री मिला दें हो गया प्रोटीन से भरपूर सप्रौटेड दाल सलाद तैयार I
सर्वाधिकार – उषा बिजल्वाण

Bhishma Kukreti

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उत्तराखंडौ   पारम्परिक   आयुर्वेदिक लुब्या  फुळड़  (बीन्स)  अर अल्लू   रळौ -मिसौ   भुज्जी    पकाणौ   पाक विधि
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 उत्तराखंडी पारम्परिक  आयुर्वेदिक  बीन्स व आलू की   मिश्रित सब्जी   पकाने की पाक विधि
  Recipe of Ayurvedic Traditional Recipe of  Beans and  Poteto Vegetable
 पहाड़ी भोजन  अर्थात  आयुर्वेदिक   भोजन   !
उत्तराखंड के   आयुर्वेदीय  पारपम्परिक भोजन व्यंजन विधि /पाक विधि/ पाक कला  श्रृंखला  भाग - १५
Recipe of Ayurvedic Traditional Food of Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part- 15
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संकलन - भीष्म कुकरेती
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उत्तराखंड म किडनी बीन्स (लुब्या , राजमा ) अर  अल्लू  क लगभग ब्रिटिश राज म इ  प्रवेश ह्वे।  या ह्वे सकद  लुब्या को प्रवेश अल्लू से    ५० वर्ष पैल   ह्वे   गे  हो।  द्वी भोजन जन सरा दुनिया म प्रसीध ह्वेन, तनी उत्तराखंड म बी।   लुब्या म प्रोटीन्स अर लोखर पोषक  तत्व हूण से लाभदायी दाळ  च। 
लुब्या का काचो फुळड़ों  बनि  बनि  प्रकारौ  भुज्जी बण दि उखमा  एक भुज्जी - लुब्या फुळड़ अर अल्लू रळो मिसौ' भुज्जी /सब्जी सर्वाधिक प्रसिद्ध च। 
  लुब्या  फुळड़  (बीन्स)  अर अल्लू   रळौ -मिसौ   भुज्जी    पकाणौ  विधि -
  लुब्या  फुळड़  (बीन्स)  अर अल्लू  (पोटेटो )   रळौ -मिसौ   भुज्जी    पकाणौ कुण  समान (ingredients )
लुब्या फुळड़ -  पाव  भर
अल्लू - चार या पांच छुट  या तीन मध्यम आकारौ  दाण  या स्वादौ हिसाबन
राई तेल - द्वी तीन चमच
जख्या - १/४ चमच
जीरो - १/४ चमच
हींग - एक चुटकी (आपक इच्छा हो तो )
 हौरि  मर्च - २  बरीक कटीं  (बच्चा होवन  तो नि  डळ ण  या पूरी मर्च डळण )
 आदो - कद्दूकस कर्युं  १ इंच टुकड़ा
हल्दी चूरो  -पाव चमच
धणिया  चूरो -१ छुटि  चमच
लाल मर्च  चूरो - पाँव चमच
कट्युं  टमाटर - छूट एक या बड़ो आधा
लूण - स्वादानुसार
गरम मसाला चूरा  - आपक मर्जी , पहाड़ों म पैलि 
अमचूर - आपक स्वाद पर निर्भर
इनि  प्याज ल्यासण  आपक स्वाद पर निर्भर
हौर धणिया कटयूं - एक बड़ो चमच जथगा
दूध - द्वी बड़  चमच
 लुब्या -  अल्लू सुधारणो  तरीका (Food Processing )-
 लुब्याक  द्वी किनारों डंगल /डिंगल /डंठल तुड़दा  धागा भैर कर द्यावो।
 लुब्या  फुळड़ो  तै फिर छुट -छुट टुकड़ों म काटि  द्यावो।  ध्वावो अर  कुछ देर सुखावो।
 अल्लू तै  छीलो अर  बड़ा  छिल्यां  अल्लू  पांच  सात टुकड़ों म काट  द्यावो।
  इनि  हौर  धणिया  अर  हौर  मर्च बि  काट  द्यावो।
ल्यासण  प्याज डळण  हो तो काट  द्यावो।
चुल्लम  कड़ै  गरम करणो  धारो।  जब कड़ै  गरम तेल म जख्या अर  जीरो क छौंका लगावो।  अब कट्यूं  प्याज व ल्यासण  छौंको जब तक भूरा होवन (ऐच्छिक ) ।  अब हींग , हल्दी चूरा , धणिया चूरा , हरी मर्च , आदो डाळो। कड़छुलन इना -उना  पलटो।  अब कट्यूं  टमाटर , अल्लू अर लूण अर  लाल मर्चौ चूरा डाळि अर  २ मिंटा  कुण  भूटो।  अब दूध अर अद्धा  डाडु  पाणी  डाळो , ढक्क्न लगावो अर धीमी  आंचम ७ - ८ मिनटों  कुण   पकाओ। अब ढक्कन हटाओ कड़छी चलाओ , द्याखो  कि  भुज्जी पक गे  कि  ना।
उतारण  से पैल गरम मसाला चूरा अर अमचुरो चूरा  डाळो  (ऐच्छिक)  ।
  कड़ै  भ्यूं उतारणो  बाद  कट्यूं  धणिया  डाळो  अर  ढक द्यावो।
गरमा गरम  प्रोसो अर  रोटी , पराठा , रोट म खावो व खलावो। 
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Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
उत्तरखंड की   आयुर्वैदिक पारम्परिक भोजन  पका कला , Recipe for Ayurvedic  Traditional Cuisine of   Uttarakhand  , गढ़वाल की आयुर्वेदिक   पारम्परिक पाक कला, कुमाऊं की  आयुर्वेदीय पारम्परिक भोजन  पाक कला निरंतर ; उत्तराखंडी पारम्परिक  आयुर्वेदिक  बीन्स व आलू की   मिश्रित सब्जी   पकाने की पाक विधि   रेसिपी ;  गढवाली    पारम्परिक  आयुर्वेदिक  बीन्स व आलू की   मिश्रित सब्जी   पकाने की पाक विधि   रेसिपी ; कुमाउंनी  पारम्परिक  आयुर्वेदिक  बीन्स व आलू की   मिश्रित सब्जी   पकाने की पाक विधि   रेसिपी ; , हरिद्वार की  पारम्परिक  आयुर्वेदिक  बीन्स व आलू की   मिश्रित सब्जी   पकाने की पाक विधि   रेसिपी

Bhishma Kukreti

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उत्तराखंडौ   पारम्परिक आयुर्वेदिक गैथौ /गहथौ /कुल्थी /हुराली का पट्यूड़ / पटूड़ी  पकाणै  पाक विधि

   उत्तराखंडी पारम्परिक  आयुर्वेदिक  गहथ , कुल्थी , हुराली  का पट्यूड़ / पटूड़ी  , उत्तपम , चीला   पकाने की पाक विधि
  Recipe of Ayurvedic Traditional Recipe of  Pancake , Uttapam , Patyur of  Horse Gram
 पहाड़ी भोजन  अर्थात  आयुर्वेदिक   भोजन   !
उत्तराखंड के   आयुर्वेदीय  पारपम्परिक भोजन व्यंजन विधि /पाक विधि/ पाक कला  श्रृंखला  भाग - १६
Recipe of Ayurvedic Traditional Food of Garhwal, Kumaon (Uttarakhand)part- 16
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संकलन - भीष्म कुकरेती
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 गहथ /गैथ उत्तरखंडौ  एक महत्वपूर्ण भोजन अवयव च।  गहथन भौत सा भोजन  पकाये जांद जन कि  फाणु , कपिलू . गहथों  से पट्यूड़ / पटूड़ी  /चीला /उत्तपम  बी उत्तराखंड म पकाये जांद। 
गैथौ /गहथौ /कुल्थी /हुराली का पट्यूड़ / पटूड़ी  पकाणै सामान -
 गहथ  दाण
ल्यासण
आदो
 मर्च लाल
 कटीं हौर  मर्च (वैकल्पिक )
सौंफ
लूण
धनिया चूरो या धणिया पत्ता 
गैथौ /गहथौ /कुल्थी /हुराली का पट्यूड़ / पटूड़ी  पकाणै खाद्य प्रसंस्करण -
 रात भर गहथों  तै  पाणिम  भिजाइ  द्यावो।
 सुबेर या जब बि  पट्यूड़ / पटूड़ी   पकाण  हो त  भिज्यां  गहथों  तै छिलका संग या बिन छिलका का  मसालों ल्यासण , आदो,  मर्च लाल (,  कटीं हौर  मर्च (वैकल्पिक ) ) , सौंफ, लूण , धनिया चूरो या धणिया पत्ता  मसालों दगड़ पीस द्यावो अर  मस्यट त्यार कारो ।  मिक्सर म पिसद  ध्यान दीण  कि मस्यट  भौत अधिक बारीक न  हो , कुछ कुछ दरदरा  हो त  भलो।
क्वी क्वी गर्म मसाला बि डळदन। 
 गैथौ /गहथौ /कुल्थी /हुराली का पट्यूड़ / पटूड़ी  पकाणै पाक विधि -
 चुलुम  तवा/ कड़ै  धारो अर  गरम  कारो।  अब गरम तवा म या कड़ैम  तेल डाळो।  मस्यट  तैं  गरम  तेलम धरी उल्टो  डाडुन पचकाओ अर  रुटि जन बणाओ।  जथगा म्वाट बणान  हो तथगा म्वाट  कारो अर  पकाणो  रण  द्यावो।
जब  पट्यूड़ो तौळ   छवाड़  भूरो हूण  मिसे जाव त  कड़छी न पट्यूड़ / पटूड़ी  क हौड़  बदल द्याओ अर  इनि  हौड़ बदलदा  जावो।  जब पट्यू पक जावन तो उतार द्यावो।  कथगा करकरा पकाण हो वैयि  हिसाबन उथगा  देर तक  पकाओ।
बिंडी  तेल प्रयोग नि  करण। 
पट्यूड़ / पटूड़ी   चटनी अर  दै मा  खावो या फाणुम आखिरां  मिलै  द्यावो। 
फोटो आभार
सुमन कंडवाल  कुकरेती
रामरतन रतूड़ी



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उत्तरखंड की   आयुर्वैदिक पारम्परिक भोजन  पका कला , Recipe for Ayurvedic  Traditional Cuisine of   Uttarakhand  , गढ़वाल की आयुर्वेदिक   पारम्परिक पाक कला, कुमाऊं की  आयुर्वेदीय पारम्परिक भोजन  पाक कला निरंतर ;  उत्तराखंड में   आयुर्वेदिक गहथ का चीला / उत्तपम /पट्यूड़ / पटूड़ी  / pancake पकाने की विधि ;   गढ़वाल में   आयुर्वेदिक गहथ का चीला / उत्तपम /पट्यूड़ / पटूड़ी  / pancake पकाने की विधि ;   कुमाऊं में   आयुर्वेदिक गहथ का चीला / उत्तपम /पट्यूड़ / पटूड़ी  / pancake पकाने की विधि ;  हरिद्वार  में   आयुर्वेदिक गहथ का चीला / उत्तपम /पट्यूड़ / पटूड़ी  / pancake पकाने की विधि ; देहरादून  में   आयुर्वेदिक गहथ का चीला / उत्तपम /पट्यूड़ / पटूड़ी  / pancake पकाने की विधि ;


 

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