समोसा ऐ बात क सबूत च कि ग्लोबलाइजेशन क्वी नै चीज नी च
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सरोज शर्मा ( भोजन इतिहास शोधार्थी )
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समोसा खाण क बाद ई समझ मा आंद कि कै भि चीज कि पैछाण देश सीमा से तै नि हूंदि,
ज्यादातर लोग मनदिन कि समोसा एक भारतीय नमकीन पकवान च लेकिन ऐ से जुड़यू इतिहास कुछ और ही ब्वलद, दरअसल समोसा ईरान क प्राचीन साम्राज्य से आई, समोसा फारसी शब्द संबुशक शब्द से निकल,
समोसा कु जिक्र सबसे पैल 11 वीं सदी म अबुल फजल बेहाकी कि लेखणि मा मिलद, ऊन गजनवी साम्राज्य क शाही दरबार मा पेश किए जांण वलि नमकीन चीज कु जै म कीमा और सूखयां मेवा भवरयां हूंदा छाई,
ऐ थैं खस्ता हूण तक पकये जांद छाई,लेकिन लगातार भारत मा आंण वल प्रवासियो न ऐक रंगरूप बदल दयाई
समोसा भारत मा मध्य एशिया कि पहाड़ियो गुजरिक आई जैकु अब अफगानिस्तान बोलदिन ,
यूं प्रवासियुल भारत मा भौत कुछ बदल साथ हि समोसा क स्वरूप मा भि बदलाव आई,
भारतीय खाण का विशेषज्ञ पुष्पेश पंत का हिसाब से यू किसान लोगो क पकवान बण ग्या, पैल भि ई तलकी ही बणये जांद छाई ,लेकिन ऐ क भितर सूखा मेवा कि स्थान मा भेड़ बकरा क मीट न ले ल्या,समोसा ल हिनदुकुश पर्वत से ह्वै क भारतीय उपमहाद्वीप क सफर तै कार,
भारत म अपणि जरूरत क हिसाब से समोसा पूरी तरह बदलिक अपण हिसाब से बणै दयाई, भारत मा अल्लु मर्च भोरिक स्वादिष्ट समोसा बणयें जंदिन, समोसा मा लगातार बदलाव हूंणू च,कखी भि जाव समोसा अलग ही रूप मा मिललू, एक ही बजार मा अलग अलग दुकानु मा ऐ क स्वाद अलग मिललू।