उत्तराखंड मैं लोक गीतों का जब भी जिक्र होगा गिर्दा के बिना वह अधूरा ही रहेगा ! गिरीश तिवारी 'गिर्दा' ने अपनी कविताओं को जनता के स्वर दिए है ! पहाड़ के तमाम जनांदोलन मैं शामिल होकर उन्होंने जन चेतना जगाने का काम किया है ! सत्तर के दशक के वन बचाओ आन्दोलन से लेकर उत्तराखंड आन्दोलन मैं उनकी भूमिका अग्रणीय रही है! ख़राब स्वास्थ्य के बावजूद अभी भी वह तमाम जनसरोकारों से जुड़े हुए हैं ! श्याम देउपा की उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश read on following link :http://www.creativeuttarakhand.com/cu/culture/girda-ivw.html