वर्ष 1991 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद चमोली में गौचर, पिथौरागढ़ में नैनीसैण व उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में काश्तकारों के भारी विरोध के बावजूद हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था। गौचर-पनाई सेरा के उपजाऊ 500 नाली सिंचित भूमि में हवाई पट्टी का निर्माण किया गया, जिसका तब काश्तकारों ने विरोध भी किया। मामले की गंभीरता को देख प्रभावित परिवारों के लोगों को उनकी योग्यतानुसार नौकरी व रोजगार देने की भी बात कही गई थी। इसके बावजूद आज तक ना तो काश्तकारों की समस्या का समाधान हुआ और न युवाओं को नौकरी ही मिली।
वर्ष 2000 में 200 करोड़ खर्च कर तैयार की गयी इस हवाई पट्टी का पिछले वर्ष प्रदेश के पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने नागरिक उड्डयन सचिव के साथ निरीक्षण भी किया था। उन्होंने जनप्रतिनिधियों व काश्तकारों को आश्वास्त किया था कि हवाई सेवा चालू करने के साथ-साथ पट्टी के दोनों ओर 42 मीटर तक लगे प्रतिबंध को शीघ्र हटा दिया जाएगा।
पर्यटन मंत्री का यह आश्वासन भी हवाई साबित हुआ, यही नही गत वर्ष इस पट्टी से 10 सीटर विमान का बकायदा ट्रायल भी किया गया। करोड़ों रूपये खर्च कर बनायी गयी हवाई पट्टी से हवाई सेवा शुरू न होने पर नाराज नगर पंचायत अध्यक्ष मुकेश नेगी, पूर्व अध्यक्ष महाराज सिंह लिंगवाल, धूमी लाल, विजय प्रसाद डिमरी, आनंद सिंह का कहना है कि जब हवाई सेवा शुरू नहीं करानी थी तो कृषकों की उपजाऊ कृषि भूमि कंकरीट के जंगलों में क्यों तब्दील की गयी?