जखोल (उत्तरकाशी ) के भवनों में काष्ठ कला
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Traditional House wood Carving Art in , Barkot Uttarkashi
गढ़वाल, कुमाऊँ , के भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , कोटि बनाल ) में पारम्पपरिक गढवाली शैली की काष्ठ कला, अलकंरण, अंकन उत्कीर्णन - 607
संकलन - भीष्म कुकरेती
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जखोल से दो तीन भवनों की सूची मिली है। भवन प्राचीन शैली अर्थात आदि शैली के है। इस तरह के आधारभूत काष्ठ भवन नेलांग , बागोरी , नीती माणा , मलारी गाँवों में मिले हैं व जौनसार के कई गाँवों में ऐसे ही भवनों की सूचना मिली हैं।
भवनों की छत (स्लेटी पटाल से निर्मित ) छोड़ शेष भवन काष्ठ के पटिलों (तख्ते ) व काष्ठ स्तम्भों से निर्मित हैं। इस तरह के भवनों को शहरों में खोका नाम दिया जाता है। भवन के आधार तल खाली हैं (संभवतया शीत ऋतू में हिमपात होता है व जल भराव से बचा जाता है ) व भवन खम्भों /स्तंभों पर टिके हैं।
भवन की दीवारें काष्ठ पटिलों (तख्तों ) से निर्मित हैं। सभी पटिले (तख्ते ), खम्भे , कड़ियाँ ज्यामितीय कटान से निर्मित हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि जखोल (उत्तरकाशी ) के भवनों में ज्यामितीय कटान की काष्ठ कला दृष्टिगोचर हो रही है।
सूचना व फोटो आभार : सैन सिंह राणा
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत हेतु . भौगोलिक , मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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