घुरुवा को पिसू,घुरुवा को तेल सबनी द्वी-द्वी ,
घुरुवा को देडघुरू ले लात हाणी ,घिंघारू घेड़
सब कुछ कोई करे और अंत में उसी की पूछ ना हो
अर्थ: ये गावों में प्रचलित एक किस्सा है घुरुवा (आदमी का नाम) जिसका की आटा और तेल दोनों था,पुरिया तलने पर सब को २-२ मिली और उसे सिर्फ देड(१ और १/२)और उसे लात मार कर घिंघारू के घेड़ (झाड) में फैक दिया ...... ये तब प्रयोग होती है जब