Author Topic: Idioms Of Uttarakhand - उत्तराखण्डी (कुमाऊँनी एवं गढ़वाली) मुहावरे  (Read 134468 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Kumaoni -

बान बान बल्द हरान! : अर्थात देखते देखते काम बिगडना.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कहाँ जे भट भुट कहाँ जे चिड़क उठ - किसी और से कही बात का प्रभाव किसी और पर पड़ना

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Kumoani

सिधक मुख कुकुर लै चाटूँ- सीधे व्यक्ति को सभी परेशान करते है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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 निर्बुद्धि राजै काथै-काथ : मूर्खों की मूर्खता भरी बातों का कोई अंत नहीं
 जैक बुड बिगड़ वीक कुड़ बिगड़ : मुखिया की गैर जिम्मेदारी का दुष्प्रभाव

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Kumaoni

गुड आनियार में ले मीठ, उजाव में ले मीठ : इंसान के अच्छे गुण हर जगह दिखाई देते है


 माघ महीना बाकर हरायो, चैत महीना में हका हाक: घटना घटने के बहुत देर बाद react करना...!!!

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Jogasingh Kaira
 
पशु पक्षियोंक नाम वाल कुछ लोकोक्तिया।
1जब बाछि बाग लिगे तब हू हालण सिख।
2 बान बानें बल्द हराय।
3 आपण धैइम कुकूर लै सार।
4 स्यापेल खाय, बिछीक मन्त्र ।
5 सयाण छ कै धेलिमें बिठाय साँसे लिगोय बाग़
6 ना ठेकी ताव, ना बाछी गाव ।
7 म्यार पौईयाक सिंग तिख ।
8 भैसोक मो भैसे पर लाग
9 अति बिराऊँ में मुस नि मरन।
10 जु कां जु कां जु बाल्दा कानिम ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jogasingh Kaira
 
11 तेरि पैलाग म्यर भिसा सिंगम ।
12 दुद्याव गोरुक लाते सही ।
13 कब बाब मराल कब बैल बटांल ।
14 सबै घ्वाड चढ़ीं मु पाख पाख चढूं ।
15 मैतक कुकुर लै प्यार ।
16 सासूल ब्वारि थैं कय ब्वारिल कुकुर थैं
कुकुरैल पुछोड़ हिलोय दी।
17 मुसैकी ऐरे गाव गाव बिराऊक है रिन खेल।
18 काव खाँण मन हई तितुर बताय।
19 पूष बाग़ लिगोइ माघ हका हाँक।
20 खालि छै ब्वारी बल्द्क पुछोड़ कन्या
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jogasingh Kaira
 
30 खतयाड़ी साग गंगोलिक बाग़
31 घ्वेड कें चांच प्यार ।
32 बार साल में हाथी ब्याय ओबिड़ हय।
33 बकाराक चार टांग गौंक आठ पधान।
34 हाथिक खाप प्योलिक फूल
35 भल भाल मरि ग्या कुकुरी च्याल पधान।
36 स्यापाका और जोगिंक लै कै घर हुनी।
37 माँछ देखि भितेर हाथ ,स्याप देखि भ्यार
हाथ।
38 आई पाई बागो खाई ।
39 रिसी कावांक भाग
40 दै पहरू बिराऊ।
41 नीमडीयों गौ कों घिनौड़ो पधान।
42 काव जै सिकार मारना ,बाँज को पाऊंन।
43 बल्द भ्यो घुरिय घर नी आय बागेल खायो
घर नी आय ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jogasingh Kaira
 
20 खालि छै ब्वारी बल्द्क पुछोड़ कन्या
21 गाय ना बछी नीन ऐं अच्छी ।
22 के पित्ती के पित्तियक झोव।
23 कुकुरा नि औं त्यर गया काबै बुकाले
म्यर नया ।
24 सारे बाकर खै बे पुछाड़म ट्यां ।
25 आपण च्याल मुनकिटोवे भाल।
26 चोरों बुति जै मोर मरना भाबरे रित हैजान।
27 नौल गोरुक नौ पु घाक ।
28 हो बल्द तो उठ, उठ अमुसी रात।
29 बिराऊक सपन में मुसै मुस ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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1. ख्वारक बाट सुराव खोलण : अति कठिन काम करना
2. हल न मूसल ब्या करण हूँ चल : साधन हीन का बड़ा काम करने की मूर्खता
3. हिसालु खे बेर किल्मोड़ हगण : (सफ़ेद झूठ) झूठे ब्यवहार का प्रदर्शन
4. बान बान बल्द हरान! : अर्थात देखते देखते काम बिगडना.
5. कहाँ जे भट भुट कहाँ जे चिड़क उठ - किसी और से कही बात का प्रभाव किसी और पर पड़ना
6. सिधक मुख कुकुर लै चाटूँ- सीधे व्यक्ति को सभी परेशान करते है
7. निर्बुद्धि राजै काथै-काथ : मूर्खों की मूर्खता भरी बातों का कोई अंत नहीं
8. जैक बुड बिगड़ वीक कुड़ बिगड़ : मुखिया की गैर जिम्मेदारी का दुष्प्रभाव
9. गुड आनियार में ले मीठ, उजाव में ले मीठ : इंसान के अच्छे गुण हर जगह दिखाई देते है
10. माघ महीना बाकर हरायो, चैत महीना में हका हाक: घटना घटने के बहुत देर बाद react करना...!!!
(श्री उमेश उप्रेती जी से साभार)

 

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