दोस्तों,
आज हम अपना अतीत देखते है तो आधुनिकता के इस दौर में कई चीजे खोते जा रहे है और बहुत सारे सकारात्मक चीजे भी हमारे चीजे भी हमारे जीवन में दिखने ko मिल रहे है ! आज अचानक मुझे मुझे बचपन के कुछ पहलू यादे आये! पहाडो में ग्रामीण जीवन में किस प्रकार पालतू जानवरों का भी हमारे जीवन में विशेष सहयोग रहा है, मेरा मन अटक गया इन पालतू जानवरों के नामो पर !
पुराने समय में हम हमारे पालतू जानवरों के इस प्रकार के नाम हुवा करते थे ! इस टोपिक में हम पुराने समय में किस प्रकार के पालतू जानवरों के नाम हुवा करते थे, यह जानवरी यहाँ पर दंगे !
जैसे - बिल्ली का - पुषुली बिराऊ
एम् एस मेहता