दाजू.
खडुणी यह एक प्यार की गाली है मतलब है खाड डालनी वाली (जिसे मरने के बाद में गड्डे में डालना है) लेकिन कोई भी इस प्रकार के गलियों का बुरा नहीं मानता है पहाडो में! नैन नाथ रावल ने कई गीतों में जिक्र किया है !
जैसे गोविंदी घास काटछे पुल बधाछे कम
खडुणी, .. तेरी मैत क जोगी आ रेछो चिमटा छम छमा