One-day Marriage के चलन ने पहाङों में दुर्घटनाओं में काफी इजाफा किया है. एकदिनी शादियां शुरुआत के दिनों में नजदीक के ही इलाकों (40-50 किमी के दायरे) में ही होती थी लेकिन अब लम्बी दूरी में भी ऐसी शादियां होने लगी हैं. देखने में आ रहा है कि लोग 120-150 किमी की दूरी में भी एकदिनी शादियां करवा रहे हैं. ऐसी शादियों में सुबह 7-8 बजे बारात निकल कर रात 10-11 बारात वापस दूल्हे के घर पहुंचती है. पहाङ के दुर्गम रास्तों पर लगभग 10 घन्टे तो गाङी में बैठे-बैठे ही बिताने पङते हैं. ऐसी बारातों में शामिल गाङियों की दुर्घटना की कई खबरें पिछले साल सुनने को मिली थी.
हालांकि कुछ लोग बाहर से जाकर जिला मुख्यालयों या शहरों में स्थित बारातघरों को बुक करके एकदिवसीय शादियां करने लगे हैं, ये तरीका थोङा अधिक खर्चीला हो सकता है लेकिन सुरक्षित और सुविधाजनक है.