कुछ नाम जो फोरम में तो हैं लेकिन पुराने और बहु प्रचलित हैं :- हेम, ललित. इसके अलावा जो नाम उल्लेखित नहीं हुए :- हेमा, गोविन्दी,जीवन्ती, गंगा दत्त,जमुना दत्त,नवीन,रूपा.घंटी,पुष्पा,प्रेमा,मुन्नी,गीता,विनोदआदि . पहाड़ में प्रायः ब्राहमणों के नाम में मध्य नाम चंद्र या दत्त और ठाकुरों के नाम में सिंह लगता है,किंतु एक वास्तविक नाम ईश्वर चंद्र सिंह भी है.
हेम जी,
मैंने एक और चीज को देखा है कि वैसे आजकल हरिजन लोग अपने नाम के आगे राम लगाते हैं, लेकिन पहले ब्राह्मण लोग भी इसे लगाते थे, हमारे एक अध्यापक थे श्री टीका राम कापड़ी।
ब्राह्मणों में 'राम' मध्य नाम के रूप में प्रयुक्त होता रहा है.जैसे हरी राम त्रिपाठी.
कुछ नाम ऐसे हैं जो सभी जातियों एवं महिलाओं के लिए भी प्रयुक्त होते हैं.-
मोहन चंद्र मोहन सिंह मोहन लाल मोहन राम मोहिनी देवी
गोविन्द बल्लभ गोविन्द सिंह गोविन्द लाल गोविन्द राम गोविन्दी देवी
आनंद बल्लभ आनंद सिंह आनंद लाल आनंद राम आनंदी देवी
जीवन चंद्र जीवन सिंह जीवन लाल जीवन राम जीवंती देवी
आदि