Author Topic: Vaayurath Festival: कुमाऊँ का एक मात्र आसारी वायुरथ महोत्सव: सुई बिशंग, लोहाघाट  (Read 28918 times)

सुधीर चतुर्वेदी

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कुमावु का एक मात्र आसारी वायुरथ महोत्सव - सुई बिशंग (लोहाघाट - चम्पावत)

आस्था का प्रतिक कुमाओं का आसारी वायुरथ महोत्सव एक प्राचीन परम्परा को लेकर चला आ रहा है . यह पॉँच दिनी महोत्सव रक्षाबंधन के समय पर लगता है . वायुरथ का इस्थान चम्पावत जिला मुख्यालय से १३ क्किमी दूर लोहाघाट से ५ किमी दूर सुई बिशंग गाव माय लगता है. जिस मे पहले दिन कलश यात्रा होती है (कुमोनी परिधान मे, और उसी दिन पयोला उठता है जिस मे माँ भगवती के हथियार होते है उसके बाद चार दिनों तक प्रोग्राम होते है रात्रि को जागरण और देव्तरी होती है . अंतिम दिन माँ भगवती का डोला उठता है जो पूरे २० किमी का भार्मन करता है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Very good information Sudhir Ji.

There is no doubt that Uttarakhand is abode of God & Godess in step to step there is temple which has a great mythological story.

Request. if you can share some more information about this festivels..

सुधीर चतुर्वेदी

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इस मेले मे प्रथम दिन प्योला (जिस मे माँ भगवती के अस्त्र सस्त्र होते है ) उठता है और उसी दिन माँ भगवती का डोला (बिना किशी तैयारी के) मंदिर परागन का भार्मन करता है. उसी दिन कलश यात्रा (कुमोनी परिधान मे ) उसी रात्री से सांस्कृतिक प्रोग्राम और देव डंगरों द्वारा देप्तारी होती है. दुशरे दिन से दोपहर मे परतियोगिता का आयोजन किया जाता है (खेल,मेहंदी ,कला ,पशु पर्दर्शनी आदि). मेले के अंतिम दिन माँ भगवती के  डोले को आची तरह से सजाया जाता है और पूरे सुई बिशंग गाव का भार्मन करता है. भार्मन करने से पहले माँ भगवती का वायुरथ मंदिर के चक्कर लगता है उसके बाद देव डंगरों द्वारा देप्तारी होती है. और अंत मे माँ भगवती का वायुरथ चलता है अपने २० किमी के भार्मन (माँ भगवती के जयकारे के साथ ).

सुधीर चतुर्वेदी

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                         Dainik jagran News
मां भगवती की शोभा यात्रा के साथ आज से शुरू होगा वायुरथ महोत्सव (Jul/31/09 News from Dainik Jagran)

लोहाघाट(चम्पावत)। सुई-बिशुंग वायु रथ महोत्सव का शनिवार (आज) से प्योला (शोभा यात्रा)उठने के साथ आगाज हो जायेगा। इससे पूर्व सुई, बिशुंग के विभिन्न गांवों से महिलाओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली जायेगी जो ऐतिहासिक भगवती मंदिर होते हुए आदित्य महादेव मंदिर पहुंचेंगी। आयोजकों ने शुक्रवार को महोत्सव के सभी कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया।

महोत्सव के पहले दिन अपराह्न 2 बजे से कलश यात्रा शुरू होगी। 3 बजे मां भगवती वैष्णवी मंदिर से मां की गुप्त प्योली गुप्त भंडार से चार द्योली के चारों विनायकों व चारों बेतालों के माध्यम से विभिन्न आयुधों के साथ निकाली जायेगी। प्योली को आदित्य महादेव मंदिर व प्रांगण में घुमाया जायेगा। बाद में आदित्य महादेव मंदिर में विशेष यज्ञ होम व पूजा अर्चना शुरू हो जायेगी। इसी बीच पांच दिनी महोत्सव का आगाज भी हो जायेगा। मां भगवती व आदित्य महादेव मंदिर में देर रात तक भजन कीर्तन व सुन्दर कांड पाठ का आयोजन होगा। 2 अगस्त की प्रात: से विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं व देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

सुधीर चतुर्वेदी

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                   Dainik jagran News (3/08/09)

कला दर्पण के फनकारों ने दिखाया जलवा (Aug3/09 News From Dainik Jagran)


लोहाघाट (चम्पावत)। सुई-विशुंग अषाड़ी वायु रथ महोत्सव के दूसरे दिन हुई सांस्कृतिक संध्या में कुमांऊ लोक सांस्कृतिक कला दर्पण लोहाघाट के कलाकारों ने मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने के लिए विवश कर दिया।

देर रात तक कार्यक्रम चलते रहे, दर्शकों की मांग पर कार्यक्रम को 1 घण्टा आगे बढ़ाना पड़ा। स्थानीय कलाकारों ने भी जमकर वाहवाही लूटी। इससे पूर्व मुख्य अतिथि एसडीएम टीएस मर्तोलिया ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया। कला दर्पण के सचिव जीवन राय, प्रकाश राय, महेश राय के नेतृत्व में टीम की उभरती गायिका बेबी प्रियंका ने अपने कुमांऊनी गीतों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। प्रियंका राजन के जागर व तेज सिंह बिष्ट की अदाकारी ने दर्शकों को झूमने के लिए विवश कर दिया। भूपेन्द्र देव ताऊ, वीरेन्द्र मेहता, राकेश, वीरू, राम सिंह फत्र्याल, सुरेश राजन, नन्हें तबला वादक पवनदीप राजन, खुशाल मेहता, रश्मि, सपना, मीनाक्षी, लक्ष्मी, सरिता आदि कलाकारों ने भी अपने दिलकश कार्यक्रमों से जमकर तालियां बटोरी।

्र्रस्थानीय हास्य कलाकार ललित खर्कवाल, उदयीमान गायक दीपक पुजारी ने भी अपनी मोहक प्रस्तुतियों से सांस्कृतिक संध्या में चार चांद लगा दिये।

कार्यक्रम के अतिथि उपजिलाधिकारी श्री मर्तोलिया ने महोत्सव के आयोजकों को शाबासी देते हुए कहा कि संस्कृति संवर्धन व आपसी एकता को मजबूत करने वाले कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन हर संभव मदद करेगा। कार्यक्रमों को देखने के लिए सुई-विशुंग क्षेत्र के अलावा लोहाघाट से भी भारी संख्या में दर्शक पहुंचे हुए थे।

पंकज सिंह महर

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धन्यवाद चतुर्वेदी जी, एक स्थानीय लोक त्यौहार को फोरम से परिचित कराने के लिये।
एक अनुरोध है कि इस महोत्सव की पौराणिक जानकारी भी आप उपलब्ध करायें कि यह महोत्सव कब से मनाया जाता है, इसके पीछे क्या लोक कथा है, क्या महत्व है।
प्रतीक्षारत।

हेम पन्त

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बहुत सुन्दर जानकारी... मैंने भी इस प्रथा के बारे में सुना है..  सुधीर भाई कृपया इस विशिष्ट प्रथा के बारे में अपने गाँव के बुजुर्ग लोगो से जानकारी लेकर हमें भी अवगत करायें..



सुधीर चतुर्वेदी

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Hem Bhai as soon as I will Update full detail for this Festival


बहुत सुन्दर जानकारी... मैंने भी इस प्रथा के बारे में सुना है..  सुधीर भाई कृपया इस विशिष्ट प्रथा के बारे में अपने गाँव के बुजुर्ग लोगो से जानकारी लेकर हमें भी अवगत करायें..

 

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