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9 November - उत्तराखंड स्थापना दिवस: आएये उत्तराखंड के विकास का भी आकलन करे

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
फिर बी त ऐ आस छे
फिर बी त ऐ आस छे
ये जियु किले तू उदास छे
आणि जाणी वाळी सांस ये
ये तर अब बी अप्ड़ पास छे
आज नि हुळू भौळ त हुळू
अजी हां ये बात त छे
पहाड़ मा बिकास को नोऊ छे
ऊ बी नऊ दर्जा द्वि दफा फेल छे
खिल्दा फूल हैंस ही जाला
कंडो थे तिळ किलै इल्जाम दे
माळु ग्वीराळ कु ऊ हैरू घासु
भौरीक अब बी मेरा पास छे
डंडियों मां बांसुरी कि धौण छे
मेरा नेता लुक्यां कै कै कुण छे
गदन्यों कु सुस्यांट आणू ह्वालु
बल अब ये बगता कु पास छे
रूणु-हैंसणु को जोग ये
बिधाता ने लेखि कै का पास ये
हमरु पाड़ा अब कया बुनु
सिंकोलि सैजा खेजा भात ये
फिर बी त ऐ आस छे
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Rajeshwar Uniyal with Dinesh Dhyani

उत्‍तराखण्‍ड राज्‍य बनने के सोलह साल पूरे होने के उपलक्ष में.. शुभकामनाओं के साथ............ . प्रस्‍तुत है एक कविता............- उत्‍तराखण्‍ड के सोलह सावन.................... डा. राजेश्‍वर उनियाल .......मुंबई -9869116784
सोलह सावन बीत गए, पर यौवन अभी कहाँ खिला,
कलियाँ सूखी बिखर गई , फूलों ने कहाँ ऋँगार किया ।
भौंरे तो मदमस्‍त घूम रहे, बगिया की कहाँ उनको चिंता,
अधर तो सूखे रह गए, किसने फिर रसपान किया ।।
माली बस बदलते रहे यहां, सोलह वर्षों में आठ हुए,
पर भाग्य ना कोई बदल सका, बाट जोहते सभी रहे ।
गैर नहीं सब हैं अपने, कोसूं किसको समझ ना सका,
दिखाते रहे सभी सपने, पर साकार कोई कर ना सका ।
अब चुप नहीं मैं बैठूंगा, खुद बहार बनकर आऊंगा,
अपनी बगिया को चमका, मैं पुष्प भी खुद बिखराऊँगा ।
यौवन तो मेरा व्यर्थ गया, इसका मुझको मलाल नहीं,
भाग्य विधाता बन अपनी, सुहाग की सेज सजाऊँगा ।।
लूटते रहे तुम बगिया को, पर अब मैं ना लुटने दूंगा,
बन प्रहरी इन पर्वतों का, मैं सबको सबक सिखाऊँगा ।
शांत बैठा था अब तक मैं, नदी तट पर बैरागी सा,
खोलकर अब सब बंधनों को, मैं प्रलय बन ढा जाऊँगा ।।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Development is not visible as expected during these 16 yrs after formation of State.

Raje Singh Karakoti:

--- Quote from: एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720 on November 09, 2016, 10:35:12 AM ---
Development is not visible as expected during these 16 yrs after formation of State.


--- End quote ---

Very rightly said Mehta Da

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