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Aviation Service - क्या उत्तराखंड के पहाडी क्षेत्रो मे हवाई सेवा शुरू होनी चाहिए

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हेम पन्त:
Ye lo aapki ichchha yahin poori kar dete hain.........

Ye Pithoragarh ki Naini-Saini Hawai Patti hai....13-14 saal pehle hamaare saame hi iska Dhoom-dhaam se inauguration hua tha....uske baad aaj tak koi commercial flight wahaan nahi utari...
Logo ko issse bahut ummeed thi...aur kai sunhare sapne bhi dikhaaye gaye the

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Hem Ji,

First of all (1 karma - point) to you for giving such exlusive information. I heard from someone that Mulayam Singh Yadav CM of UP at that time, had inaugurated this Hawai Pati.

Sad to see even UK's Govt has never shown any interest to start this service.



--- Quote from: हेम पन्त on November 20, 2007, 03:03:24 PM ---Ye lo aapki ichchha yahin poori kar dete hain.........

Ye Pithoragarh ki Naini-Saini Hawai Patti hai....13-14 saal pehle hamaare saame hi iska Dhoom-dhaam se inauguration hua tha....uske baad aaj tak koi commercial flight wahaan nahi utari...
Logo ko issse bahut ummeed thi...aur kai sunhare sapne bhi dikhaaye gaye the



--- End quote ---

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


What is UK's Govt stand on this . See some related information first.

नैनी-सैनी हवाई पट्टी, पिथौरागढ़

लोकेशन पिथौरागढ़-धारचूला मोटर मार्ग पर
पिथौरागढ़ मुख्य शहर से
4 कि0मी0 पूरब की ओर
लैटीट्यूड 29‘40‘‘N
लौंगीट्यूड 80‘13‘‘ E
रनवे ओरिएन्टेशन 14/32
रनवे डाइमैन्शन 1330 मीटर लम्बाई , 20 मीटर चौड़ाई
बेसिंक स्ट्रिप डाइमैन्शन 1430 मीटर लम्बाई,  43 मीटर चौड़ाई
टर्निंग पैड साइज 45 मीटर x 11.5 मीटर (दोनों छोर पर)
एप्रन डाइमैन्शन 50 मीटर लम्बाई 30 मीटर चौड़ाई
टैक्सीवे डाइमैन्शन 50 मीटर लम्बाई 15 मीटर चौड़ाई
एलसीएन/पीसीएन (रनवे/टैक्सीवे/एप्रन) 18
समुद्र तल से ऊँचाई  1463 मीटर (4800 फीट) 
एयरपोर्ट केटेगरी 2 A एफआर

Some more details.

 
इस हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1996 में किया गया है
 वापस..
 
 
प्रस्तावित कार्य 
 
 
 इस हवाई पट्टी को अभी क्रियाशील नहीं किया जा सका है। राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड की हवाई पट्टियों को क्रियाशील करने के ध्येय से तथा नियमित वायु सेवाऐं प्रारम्भ करने के लिये एयर आपरेटर्स के साथ बैठकें की गई  अभी कम यातायात को दृष्टिगत् करते हुए हवाई कम्पनियॉ अपनी सेवाऐं प्रारम्भ करने हेतु उत्सुक प्रतीत नहीं होती हैं। उन्हें इस क्षेत्र के लिये प्रेरित करने हेतु पूर्वोत्तर राज्यों की ही भॉति सब्सिडी का प्रस्ताव भारत सरकार को किया गया था, परन्तु कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हो सका 
 चूँकि हवाई पट्टियों का निर्माण राज्य के पर्यटन स्थलों के भ्रमण हेतु पर्यटकों की सुगमता को देखते हुए किया गया है अतः समन्वित प्रयास यह किया जा रहा है कि राज्य के स्वामित्व वाली हवाई पट्टियों में समस्त आधारभूत सुविधाओं का विकास कर उन्हें पर्यटन व्यवसाय के लिये पर्यटन विभाग को हस्तान्तरित किया जायेगा। इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं 
 दिनॉक 29-9-2004 को हवाई पट्टी का स्थल निरीक्षण भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों से करवाया गया।  निरीक्षण आख्या प्राप्त हो चुकी है   
 एटीआर-72 टाइप एयरक्राफ़्ट के संचालन को देखते हुए हवाई पट्टी की वर्तमान लम्बाई चौड़ाई को कम पाया गया है। प्रस्ताव किया गया है कि यदि 50 सीटर एटीआर-72 टाइप विमानों का परिचालन वी0एफ0आर कण्डीशन में यहॉ से किया जाना है तो कुल 56 हैक्टेयर (140 एकड) अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी ,जिससे एयरस्ट्रिप का डाइमैन्शन 2000 मीटर लम्बाई में और 200 मीटर चौड़ाई में किया जाना होगा
 वर्तमान तारबाड़ को चारों ओर से शिफट किया जाना है 
 प्रवेश द्वार सुरक्षा के प्रबन्ध किये जाने हैं 
 सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया जाना है 
 शहर से टर्मिनल काम्पलैक्स तक के लिये लिंक रोड बनाया जाना है 
 रनवे की पूरब की ओर समानान्तर जा रही बिजली की तारों को शिफट किया जाना है 
 वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग एवं कार पार्क एरिया का सुधार किया जाना है अथवा नये कन्ट्रोल टावर के साथ नये टर्मिनल
बिल्डिंग का निर्माण किया जाना है 
 ग्नि सुरक्षा एव सुरक्षा प्रबन्ध हेतु नये फायर स्टेशन का निर्माण किया जाना है 
 नई संचार सुविधाऐं एवं तकनीकी सुविधाऐं विकसित की जानी हैं 
 मौसम की जानकारी हेतु मौसम केन्द्र की स्थापना की जानी है
 रनवे/टैक्सीवे और एप्रन की किसी विशेषज्ञ की राय से सही सतह लेपन करते हुए सफ़ेद रंग से मार्किंग की जानी है 
 हवाई पट्टी के लिये विद्युत आपूर्ति हेतु 11 के0वी0ए0 विद्युत लाइन की व्यवस्था की जानी है 
 हवाई पट्टी के विस्तारीकरण हेतु जिलाधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा ग्राम सैनी,ओड़माथा एवं सुजई की कुल 227 नाली भूमि प्रभावित होनी बताई गई है। इस भूमि को अध्याप्त करने पर अनुमानित 252.77 लाख का व्यय प्रतिकर के रुप में ऑकलित किया गया है। इस अतिरिक्त भूमि के अर्जन से उक्त हवाई पट्टी पूर्व दिशा में 190 मीटर तथा पश्चिम दिशा में 110 मीटर लम्बी हो जायेगी तथा 10-10 मीटर दोनों दिशाओं में चौड़ी भी हो जायेगी। इस पर निर्णय लिया जाना है कि अभी चूँकि वर्तमान पट्टी के लिये ही व्यवसायिक अथवा नियमित विमान सेवाऐं प्रारम्भ नहीं हो पाई है,ऎसे में विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित किया जाये अथवा नहीं 
 
to view this information in details kindly vist :-

http://www.uttara.in/hindi/civil_aviation/runways/naini_saini.html#b1

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

State Govt Policy on the subject..

 
नीति   
 
 उत्तरा > नागरिक उड्डयन > नीति 
 
राज्य गठन से पूर्व एकीकृत राज्य में नागरिक उडडयन विभाग की पर्वतीय क्षेत्र में अलग से कोई इकाई कार्यरत नही थी । 
 जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे एवम पन्तनगर हवाई अड्डे का संचालन भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा तथा
नैनीसैनी/चिन्यालीसौड/ गोचर हवाई पट्टियाँ राज्य सरकार द्वारा निर्मित की गयी है
 राज्य के पर्यटन आवागमन को देखते हुये जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की योजना हेतु भारत सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हुये वांछित भूमि अधिग्रहीत कर इसके उच्चीकरण का प्रस्ताव है   
 आगामी 23 दिसम्बर, 2004 से एयर डेकन के सहयोग से नियमित वायुसेवा संचालित किये जाने का प्रस्ताव है 
 राज्य की हवाई पट्टियों को हवाई यातायात हेतु क्रियाशील किये जाने का प्रस्ताव है 
 प्रत्येक जनपद में एक-एक हैलीपैड निर्मित किये जाने की योजना है 
 पन्तनगर हवाई अडडे के उच्चीकरण का प्रस्ताव है 
 बी0एच0ई0एल0 स्थित हवाई परिसर को क्रय किये जाने का प्रस्ताव है 
 हवाई सेवायें प्रारम्भ करने हेतु इण्डियन ऑयल के सहयोग से ए0टी0एफ0 की व्यवस्था जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे पर किये जाने का प्रस्ताव है   
  राज्य के विशिष्ट व्यक्तियों की सुविधाहेतु एक नये विमान के क्रय का प्रस्ताव है 
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


Just Have look. on this news also

The civil aviation department is chiefly concerned with promotion of air travel within the state. Since the tourism industry is an important dimension for the development of the state, the development of airports/air strips in the state is important. With this in view, construction/development/advancement of airports/air strips is being carried out by the department.  Details..
 
   
 Aviation Facilities in Uttarakhand
 
 Jolly Grant Airport
 Pant Nagar Airport
 Air Strips - Naini Saini ,Gochar & Chinyali Saund
 BHEL Airoplane Campus
 
   
     Government Initiatives for Aviation Development
 
 Aviation Policy
 
 Methodological Improvement
 Human Resources Development
 Hangar & Helipad in AugustMuni
   
 
 http://www.uttara.in/civil_aviation/intro.html
 
 

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