Uttarakhand > Development Issues - उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित मुद्दे !

Can UKD Perform Better? - क्या यु0 के0 डी0 उत्तराखंड मे बेहतर विकास कर सकती है?

<< < (2/6) > >>

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Ha yah staya hai ki UKD seat nahi jeet payee. Ek dhurbhgya use prime leader have expired.


--- Quote from: khimsrawat on November 13, 2008, 01:22:30 PM ---नही
क्योंकि करनी और कथनी में अन्तर होता है / उत्तराखंड की मांग यु के डी ने की और उसी की बदौलत
राज्य बना है/ क्या कारण है कि उत्तराखंड में ही यु के डी सरकार बनाने लायक सीट भी नही जीत पाती /
यु के डी जनाधार बनाने में असफल रही है/ हमारे सामने कितने उदाहरण है/ असम गण परिसद, तेलगु देशम, क्षेत्रीय पार्टियाँ शासन में आई / दुबारा जनता ने ठुकरा दिया /

 कांग्रेस व बी जे पी के लोग भी तो pahadi ही है यु  के डी के आने से ये jarur हो सकता है कि विकास कि गति थोडी ठीक हो जाय,

--- End quote ---

पंकज सिंह महर:

--- Quote from: khimsrawat on November 13, 2008, 01:22:30 PM ---नही
क्योंकि करनी और कथनी में अन्तर होता है / उत्तराखंड की मांग यु के डी ने की और उसी की बदौलत
राज्य बना है/ क्या कारण है कि उत्तराखंड में ही यु के डी सरकार बनाने लायक सीट भी नही जीत पाती /
यु के डी जनाधार बनाने में असफल रही है/ हमारे सामने कितने उदाहरण है/ असम गण परिसद, तेलगु देशम, क्षेत्रीय पार्टियाँ शासन में आई / दुबारा जनता ने ठुकरा दिया /

 कांग्रेस व बी जे पी के लोग भी तो pahadi ही है यु  के डी के आने से ये jarur हो सकता है कि विकास कि गति थोडी ठीक हो जाय,

--- End quote ---


खीम दा,
      मुद्दा पहाड़ी होने का नहीं है, मुद्दा है राजनैतिक रुप से नीति और रीति को पहाड़ी बनाने का। मैने पहले भी कहा कि राष्ट्रीय दलों के कुछ मुद्दे ऎसे होते हैं जिनपर उनका राष्ट्रीय स्तर का एजेंडा होता है और उन पार्टियों को राज्यों में भी कार्डिनेशन करना पडता है। जैसे परिसीमन का ही मुद्दा आया, कांग्रेस और भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर नये परिसीमन का एजेंडा था, तो यहां के नेतागण मन मसोस कर चुप ही रहे, जब कि नुकसान उन्हीं का हुआ।  कई बार ऎसा भी होता है किसी मामले पर दूसरा राज्य भी मांग कर रहा हो और हमारा राज्य का उसमें कुछ घाटा हो, तो भी  अपने दल की सरकार के नाम पर समझौता हो जाता है, इसका ताजा-ताजा परिणाम अभी हमने देखा है।

उक्रांद के साथ ऎसा कुछ नहीं है, उसका एजेंडा और स्टैंड दोनों ही उत्तराखण्ड का विकास ही होगा और उत्तराखण्ड तक ही वह पार्टी सीमित है।

हेम पन्त:
पंकज दा का कहना सही है. क्षेत्रीय पार्टी होने के कारण यू.के.डी. राष्ट्रीय मुद्दों से नहीं उत्तराखण्ड के मुद्दों से प्रभावित होती है. यू.के.डी. का आलाकमान दिल्ली में नहीं, गैरसैंण या देहरादून से संचालन करेगा तो शायद कोई अग्रवाल जी जैसा आदमी उत्तराखण्ड के जनमानस की भावनाओं के विपरीत विकास कार्य बन्द नहीं करा पायेगा.

jagariya/जगरिया:
महाराज अगर आज यू०के०डी० की सरकार होती तो नैनो का मदर प्लांट गुजरात नहीं जाता, यहीं लगता, लेकिन गुजरात के चुनावों को देखते हुये वोटरों को लुभाने के लिये वहां इसकी ज्यादा जरुरत थी, सो खंडूरी जी को कहना पड़ा कि महाराज हमारे पास जमीन नहीं थी करके।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

jagraia ji.

Time will come.. when UKD will also get a chance to form Govt in UK.


--- Quote from: jagariya/जगरिया on November 20, 2008, 04:56:52 PM --- महाराज अगर आज यू०के०डी० की सरकार होती तो नैनो का मदर प्लांट गुजरात नहीं जाता, यहीं लगता, लेकिन गुजरात के चुनावों को देखते हुये वोटरों को लुभाने के लिये वहां इसकी ज्यादा जरुरत थी, सो खंडूरी जी को कहना पड़ा कि महाराज हमारे पास जमीन नहीं थी करके।

--- End quote ---

Navigation

[0] Message Index

[#] Next page

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version