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Debate-पहाड़ के गाँव को उत्पादक बनाने का सवाल चुनौतियाँ तथा रास्ते पर लोकविमर्श

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Uttarakhandi-Highlander/मी उत्तराखंडी छियो:

Nice to know that Dhaad is organizing a debate agriculture issue. This is indeed need of the our in Uttarakhand.

This area has never been paid any attention by Govt.

Like Himanchal they have a good resource of revenues through production of fruits cereals etc.

We must adopt similar parttern of agriculture in Uttarakhand since we are sharing similar kind of geographical condition.

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा:

This is really very imporatant area needs immediate attention.


If we can preserve water, then it is possible.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


Devbhoomi,Uttarakhand:

--- Quote from: एम.एस. मेहता /M S Mehta on December 10, 2010, 05:18:53 AM ---
मेरे हिसाब से यह एक बहुत ही महतवपूर्ण विषय है जिसे पर जल्दी से जल्दी कार्य करने के जरुरत है!  लेकिन इसमें चुनौती भी बहुत है!

सबसे पहले पहाड़ में पानी को बचाए रखना एक चुनौती है! आये दिन अखबारों में खबर रहती है लोग पीने के लिए जूझ रहे है, सिचाई के लिए पानी उपलब्ध करना कितना मुस्किल होगा और सरकार इसमें इस तरह से कार्य करती है देखने वाली बात होगी !

मै देखता हूँ पहाड़ में रहन सहन, खान पानी और दैनिक जीवन में काफी बदलाव आया है जैसे

१) आज घर घर में लोगो के पास मोबाइल फोन से सूचना का साधन है
२) adhiktak gaavo में bijali है
3) लोगो के पास TV और Dish TV जैसे suvidha है
4) कई जाहो पर इन्टरनेट भी है

लेकिन हमारे खेती करने का तरीका वही है जो बर्षो से चला आ रहा है और नयी पीड़ी इस प्रकार के खेती नहीं करनी चाहती!

पहाडो के उन गावो में खेती का Patten बदलना चाहिए ताकि धान या गेहू के उत्पादन नहीं होता, क्यों के ये क्षेत्र तराई मे नहीं है और लोग फिर इन जगह पर तराई की जैसे फसल उगाने चाहते है!

१)  फलो का उत्पादन
२)  दाल का उपाधन
३)  जड़ी बूटियों का उत्पादन
४)  रेशम आदि उत्पादन को badawaa diya jaana चाहिए

आज जरुरत है हमारे वैज्ञानिक इसमें अध्यन करे ताकि पहाड़ में इससे रोजगार के साधन भी इसके जरिये उपलब्ध हो सके !

 

--- End quote ---



Mehta ji Ajkal Ganv main ye sabhi Sadhan hai lekin In sabhiSadhano ko Chlaane  ke liye Niymit Roop se Bijali Hoi Chahiye,Ajkal Ganvon main Itne bhi samay Bijali Nahin Hoti ki Log Apna Mobile PHone ki Battri Charj karen

Bhishma Kukreti:
मोबाइल इतिहास रोचक तथ्य -

किशन सिंह

कथा कानियूं का अनुसार एक जमनू छाई जब कपोतर कर बाज रैबार
पौछांदा छाया बल, तब जमनू आई राजा मराजों का सिपै घ्वाडों म बैठिक जांदा छाया रैबार पौंछाणा । साधारण जनता त लठि टेकि जादीं छायि नाता रिश्तदरी म द्वी द्वी- तिन तिन दिना का बासौं मा तब जैकि राजी खुशी खोज-खबर मिलदी छै अपड़ पर्यो। जब गाड़ी बाणी चलण बैठ गिन अर चिट्ठी पत्री कू जमनू आग्या तब राजी खुशी खोज-खबर चिट्ठी-पत्री म आण जाण बैठ ग्या , फेर आ टेलिफून कू जमनू, जौं भग्यनू म पैंसी पल्ली रैंद छैं खास कै शहरूं म उंल अपणा घौरू म टेलीफ़ोन लगादिन। पाडू़ म त कखि कखि बजरू म यसटीडी हुंदि छाई । तब ऐ यू नै जमनू मुबैलु कू आज हर कैक पास मुबैल (मोबाइल) फ़ोन च, मोबाइल फ़ोन आज क समै कि सबसे बड़ी जरूरत बण्गया, हम बिना मोबाइल क त अब भितर भटे भैर जाणा कि सोच भी नी सकदा। मोबाइल अब बातचीत खुणी न बल्कि हर प्रकार कू सुख दीणू च । चला आज जणदा छौं मोबाइल फोन के बारां म कैन अर कब बणै :  पैलू मोबाइल फ़ोन Motorola कम्पनी कू 1973 म John F. Mitchell अर Martin Cooper न बणै छाई जै कू वजन 2 किलू छाई। Motorola कु DynaTAC 8000x Model व्यावसायिक रूप से 1983 म उपयोग ह्वाई।  1979 म पैलू Automated Cellular Network जापान म शुरू ह्वाई। यो First-Generation (1G) System छाई , ये फून की मदद से एक दौ म कई लोग आपस में कॉल कर सकदा छाई।  पैलू सिम कार्ड 1991 म Munich Smart Card Maker Giesecke & Devrient ल Finnish Wireless Network Operator खुण बणै छाई।  1991 म 2G तकनीक Finland म Radiolinja न शुरू काई, अर वैका पूरा 10 साल बाद 2001 आय 3G जो जापान कि कंपनी NTT DoCoMo ल शुरू का।  1983 भटि 2014 तलक लगभग 700 करोड़ मोबाइल फ़ोनू का उपयोग ह्वाई।  2014 की सबसे ज्यादा फ़ोन बणाण वली कंपनी Samsung, Nokia, Apple और LG छाई। 2014 म दुन्या क 25% मोबाइल फोन अकेला सैमसंग ल बणै, अर 13% मोबेल Nokia ल बणै छाई  चालीस साल पैली तीन अप्रैल 1973 म मोटोरोला का इंजीनियर मार्टिन कूपर न अपणी प्रतिद्वंदी कंपनी क एक कर्मचारी दगड़ मोबाइल फ़ोन पर बातचीत की शुरुआत कैरि।.  याकं करीब 10 साल बाद मोटोरोला ल पैलू मोबाइल हैंडसेट बाजार म उतार, ये कि क़ीमत क़रीब दो लाख रुप्या छाई।  आज दुनिया म ये का क़रीब साढ़े छह अरब उपभोक्ता छिन।  मोटोरोला का पैला हैंडसेट कू नाम छाई, डायना टीएसी. ये कि बैट्री थै एक दां रिचार्ज कैरि कि क़रीब 35 मिनट तक बातचीत करे सकदी छाई।  डायना टीएसी थैं बाज़ार म ल्याण से पैलि वैकू वजन क़रीब 794 ग्राम तक कम करें ग्या पर फिर भी वो इतग गरू छाई कि वै कि चोट ल कैकि जान बी जा सकती छाई।  हास्य कलाकार एरिन वाइज न 1985 म सेंट कैथरीन बंदरगाह भटे वोडाफ़ोन क दफ्तर फोन केरि कि ब्रिटेन म मोबाइल फ़ोन कू इस्तमाल की शुरुआत काई।  ओ 2 क नाम से मशहूर सेलनेट न 1985 म अपणी सेवा शुरू कैरि खै वोडाफोन कू एकाधिकार तो़ड़ द्याई। . वोडाफ़ोन थैं दस लाख ग्राहक बणाण म नौ साल लगिन. वखी सेलनेट न सिर्फ डेढ़ साल मै दस लाख ग्राहक जोड़ दीनी।  फ्रांसीसी व्यवसायी फ़िलिप ख़ान न 11 जून 1997 म अपणी नवजात बेटी सोफ़ी की फोटू खैचीं कि कैमरा वला मोबाइल फ़ोन की शुरुआत कै छै।  भारत समेत कै दूसरा देशू ल पिछला कुछ सालु म गाड़ी चलादं बगत मोबाइल फ़ोन फर बात करणौं कु प्रतिबंधित लगायुं च।  एरिजोना का एक प्रतिष्ठान न सितंबर 2007 म कुकरू खुण मोबाइल फ़ोन बाज़ार म उतार. क़रीब 25 हज़ार रुप्या कू यो फ़ोन जीपीएस सैटेलाइट सुविधा से लैस छाई.  साल 1993 म आयोजित वायरलेस वर्ल्ड कांफ्रेंस म आईबीएम सिमान नाम कू पैलू स्मार्टफ़ोन पेश करे ग्या. ये फर शुरुआती दौर की टचस्क्रीन लगी छैं. यो ईमेल, इलेक्ट्रिक पेजर, कैलेंडर, कैलकुलेटर और ऐड्रेस बुक क रूप में काम करदु छाई।  टैक्सट मैसेज खुण 160 अक्षरू की सीमा फ्रीडेलहम हेलीब्रांड नाम क एक जर्मन इजीनियर न शुरू काई. यांकू ख्याल उं थै अपण टाइपराइटर फर काम करदि दौ आई,  पोस्टकार्ड की लंबै अर बिजनेस टेलीग्राम का अध्ययन ल उंकी ईं धारणा की पुष्टि काय. मोबाइल इंडस्ट्री न यांथै 1986 म मानक बणै द्याई. यांकू प्रभाव आज हम ट्विटर फर भी देख सकदां।  साल 2012 म एक अरब 70 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बिकिं सबसे जादा बिकण वलों म सैमसंग, नोकिया और ऐप्पल का हैंडसेट शामिल छाया,  ब्रिटेन म पैल एसएमएस नील पापवर्थ नाम का इंजीनियर ल तीन दिसंबर 1992 खुण ऑरबिटल 901 हैंडसेट ल अपण दगड्या रिचर्ड जॉर्विस खुण भ्याजु छाई. उन् लेखु छाई,‘मैरी क्रिसमस'.  ब्रिटेन म 2011 म मोबाइल फोन उपभोक्ताओं न डेढ़ सौ अरब एसएमएस भेज्या छाया। एसएमएस भेजण वालों म 12 से 15 साल का बच्चों की संख्या भिंडी छाई. ऊन हर हफ्ता लगभग 193 एसएमएस भ्यजीन।  दुनिया भर म कखी बी अर कै भी समै लोग एक दूसरा थैं संपर्क करणा का वास्ता मोबाइल फोन कू इस्तमाल करदिन.कै टैम फर लोग बहुत वजनी हैंडसेट का इस्तमाल करदा छाई, पर आज ये मोबाइल हैंडसेट भौत ही पथला, छ्वटा अर सुविधाजनक ह्वै गिन।  आधुनिक मोबाइल फ़ोन इंफ्रारेड, ब्लूटूथ अर अन्य वायरलेस सुविधाओं से लैस छिन।  मोबाइल फ़ोन कू तमाम खूबियूं क बाद भी यांकि कुछ कमजोरि भी छिन, जन गाड़ी चलांद दा इस्तमाल ख़तरनाक च, कै दौ यां कू इस्तमाल परेशान करण खुण बी करे जांद । वखी कुछ इस्क्वल्या यांकु इस्तमाल नकल करण खुण बी कन बैठगिन यांले कई स्कूलू ल कक्षों म मोबाइल फ़ोन लिजाण फर प्रतिबंध लगै दिन।  अचगाल का मोबाइल फ़ोन फर नेट बैंकिंग, वेब सर्फिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग अर वीडियो गेम जन सुविधाओं कू आनंद लिये जै सकेंद ।  शोध म पता चाला कि स्मार्टफ़ोन कू उपयोग करण वल लोग रोज औसतन 12 मिनट फ़ोन कॉल्स पर खर्च करदिन।

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