Author Topic: Hindrance In Progress - उत्तराखंड के विकास मे क्या अवरोध है?: क्या पहाड़ मस्त?  (Read 13260 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

Let us discuss what are the hidrances in Uttarakhand development. Almost 7 years have been completed since Uttarakhand state formed.

Is "Surya Ast Pahad Mast"  सूर्य अस्त पहाड़ मस्त  also one of the reasons of Uttarakhand backwardness.

Please share your views on the subject.

M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

In my opinion, following are the reasons of backwardness of Utarakhand and these factors have been hidrance in way of Uttarahand development :-

  1)     Education System
  2)     Lack of proper utilization of natural Resources.

 3)      Tourism has not been promoted at the deisred level.

 4)      Corruption...

 5)      Surya Ast Pahad Mast.. Most of our people can be seen heavy drunk after sun set on the street. A person who has got name and fame, also indudge in such practices soon. We have examples of several Uttarakhandi Singers who once got a fame and immediately indulged in this bag bahit.

 6)    Migrated & well prospereous Uttarakhandi have not contributed towards its development.

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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HOPE YOU WOULD ALSO HAVE SOME POINTS ON THIS SUBJECT. PLEASE SHARE.


Dosto,

In my opinion, following are the reasons of backwardness of Utarakhand and these factors have been hidrance in way of Uttarahand development :-

  1)     Education System
  2)     Lack of proper utilization of natural Resources.

 3)      Tourism has not been promoted at the deisred level.

 4)      Corruption...

 5)      Surya Ast Pahad Mast.. Most of our people can be seen heavy drunk after sun set on the street. A person who has got name and fame, also indudge in such practices soon. We have examples of several Uttarakhandi Singers who once got a fame and immediately indulged in this bag bahit.

 6)    Migrated & well prospereous Uttarakhandi have not contributed towards its development.

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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एक बात बहुत आम देखी गयी है उत्तराखंड मे जो भी लोग कोई बड़ी उपलब्धि पता है चाहे वह गायक हो और कुछ और उसे सीधे शराब की लत पड़ जाती है. जिससे उसका career ज्यादा नही चलता .

पंकज सिंह महर

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मेहता जी,
"सूर्य अस्त, पहाड़ मस्त" भी विकास में बहुत बड़ा अवरोध है, अब चलें इसके मूल में; शराब की लत लोगों को पडती है फौज से, वहां पर उनके पास काफी काम होता है और शाम को थकान मिटाने के लिये शराब दी जाती है. जब वह घर पेंशन ले कर आते है तो फौज के व्यस्त शेडयूल की अपेक्षा काम होता ही नही है और वह शराब पीकर ही अपने को व्यस्त रखने का प्रयास रखता है.
        दूसरा पक्ष; पहाड़ों में आम प्रचलन हो गया है कि सुबह से ही पीना, लोगों के पास काम की कमी है और पैसे की अधिकता..! शराब पीने का जो culture पहाड़ में शुरु हुआ वह हमारी संस्कृति को पतन की ओर ले जा रहा है. मैने देखा कि सुबह ६ बजे भी हमारा पहाड़ी पीने को तैयार हैं, गांवों में लोग शराब के अलावा कोई और चीज पर बोलते ही नही है. शराब को एक प्रकार का culture बनाकर रख दिया गया है, बैंक से लोन लेना है, तो शराब पिलाओ, स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाना है, पटवारी को शराब, फोन सही कराना है, लाइनमैन कि पिलाओ.......! हर चीज के लिये शराब और हर चीज में शराब.... अब तो हम लोग सूर्य उगने का भी इंतजार नहीं करते....! sad-sad, shame-shame

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Mahar Da,

There is no doubt at all. This is one of the  main reasons of impediment on the way of our culture.

We people are badly defamed on this.


मेहता जी,
"सूर्य अस्त, पहाड़ मस्त" भी विकास में बहुत बड़ा अवरोध है, अब चलें इसके मूल में; शराब की लत लोगों को पडती है फौज से, वहां पर उनके पास काफी काम होता है और शाम को थकान मिटाने के लिये शराब दी जाती है. जब वह घर पेंशन ले कर आते है तो फौज के व्यस्त शेडयूल की अपेक्षा काम होता ही नही है और वह शराब पीकर ही अपने को व्यस्त रखने का प्रयास रखता है.
        दूसरा पक्ष; पहाड़ों में आम प्रचलन हो गया है कि सुबह से ही पीना, लोगों के पास काम की कमी है और पैसे की अधिकता..! शराब पीने का जो culture पहाड़ में शुरु हुआ वह हमारी संस्कृति को पतन की ओर ले जा रहा है. मैने देखा कि सुबह ६ बजे भी हमारा पहाड़ी पीने को तैयार हैं, गांवों में लोग शराब के अलावा कोई और चीज पर बोलते ही नही है. शराब को एक प्रकार का culture बनाकर रख दिया गया है, बैंक से लोन लेना है, तो शराब पिलाओ, स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाना है, पटवारी को शराब, फोन सही कराना है, लाइनमैन कि पिलाओ.......! हर चीज के लिये शराब और हर चीज में शराब.... अब तो हम लोग सूर्य उगने का भी इंतजार नहीं करते....! sad-sad, shame-shame


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शराबियों के आतंक से जनता परेशानJan 07, 02:32 am

बागेश्वर। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में शराबियों के आतंक से जनता परेशान है। सायं होते ही जगह-जगह पर शराबियों के आतंक से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल होते जा रहा है। नागरिकों ने पुलिस से शराबियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

जनपद में शराबियों के आतंक से पुलिस जनता को निजात नहीं दिला पा रही है। गरुड़, कपकोट समेत कांड व बागेश्वर नगर में सायं होते ही शराबियों का आतंक छा जाता है। नगर में गोमती पुल व सरयू पुल के समीप आदि स्थानों में शराबियों का इतना आतंक रहता है कि महिलाओं का वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। गश्ती पुलिस के सिपाही भी शराबियों द्वारा की जाने वाली गाली-गलौच व महिलाओं पर की जाने वाली फब्तियों को नजर अंदाज करते देखे जा सकते है। इसके अलावा बस स्टेशन समेत विभिन्न टैक्सी स्टेडों में कुछ वाहन चालकों द्वारा यात्रियों के साथ अभद्रता की जाने की शिकायतें मिलती है। शराबियों के आतंक से सायं होते ही लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है। नागरिकों ने पुलिस से गश्त बढ़ाए जाने व शराबियों समेत असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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We have enough natural resources but these have not been utilized.

Corruption is one of the impediment on the way of Uttarakhand development. Besides this, there are other obstacles on uttarahand development which govt must eliminate.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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YAH..... THIS NEWS PROVES THIS.



मुनस्यारी में शराबियों का आतंक, आम आदमी का जीना हुआ मुहालFeb 17, 02:00 am

पिथौरागढ़। सीमांत तहसील मुनस्यारी में इन दिनों शराबियों ने जबरदस्त आतंक मचा रखा है। शराबियों के आतंक से आम आदमी का जीना मुहाल हो रहा है। स्थानीय पुलिस से कई बार गुहार लगाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से खिन्न मुनस्यारी वासियों ने शनिवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक को इस समस्या से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने दूरभाष पर मुनस्यारी थाना प्रभारी को शराबियों पर सख्ती से अंकुश लगाये जाने के सख्त निर्देश दिये।

ग्राम प्रधान संगठन के महामंत्री हीरा सिंह चिराल की अगुवाई में मुनस्यारी वासियों ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक पूरन सिंह रावत से मुलाकात की और उन्हे बताया कि मुनस्यारी जैसे पर्यटन स्थल पर बीच बाजार में शराब की दुकान खोली गयी है। इस दुकान से शराब खरीदने वाले शराबी मुख्यालय के होटलों, ढाबों में शराब पीकर उधम मचाते है, जिससे आम नागरिक को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। खासकर महिलाओं और छात्राओं को। शराबियों के झगड़ों के कारण कई बार अप्रिय स्थिति पैदा होती रहती है। स्थानीय पुलिस सब कुछ देखने के बाद भी मौन बनी हुई है। शराबियों के आतंक के कारण बाहर से आने वाले पर्यटकों की नजरों में क्षेत्र की छवि खराब हो रही है। शिष्टमंडल ने शराबियों पर अंकुश लगाये जाने की मांग पुलिस अधीक्षक से की।

पुलिस अधीक्षक ने फोन से मुनस्यारी थाना प्रभारी को शराबियों की हरकतों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिये।

 

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